कà¥à¤¯à¤¾ देश अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ लेस à¤à¥€ होगा?
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Rajeev ChoudharyDate
14-Dec-2016Category
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आग जलाने के लिठमाचिस या लाईटर नहीं था. आज हमारे पास यातायात के साधन है हम बस रेल में सफर करते है जब ï
हाल ही में पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ जी के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• अति महतà¥à¤µà¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¥€ सà¥à¤à¤¾à¤µ जनता को दिया जा रहा है “कैशलेस टà¥à¤°à¤¾à¤‚जेकà¥à¤¶à¤¨” इसमें आप रà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤‚ की बजाय लोग मोबाइल से ही टà¥à¤°à¤¾à¤‚जेकà¥à¤¶à¤¨ कर लेन देन कर सकते है. बहà¥à¤¤ ही अचà¥à¤›à¤¾ सà¥à¤à¤¾à¤µ है लेकिन यहाठहमारे मन में à¤à¤• पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उठा कि जब बिना रà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤‚ के कारोबारी लेन देन हो सकता है तो कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤—वान की सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ उपासना बिना आडमà¥à¤¬à¤° पाखंड के नहीं हो सकती? सरà¥à¤µà¤¸à¤‚जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है कि सरकार ने यह योजना à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° से निपटने के लिठबनाई है लेकिन हमारे देश में जितनी गहरी जड़ à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° की है उतनी ही गहरी जड़ अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ की है. और विडमà¥à¤¬à¤¨à¤¾ देखिये दोनों à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ की पूरक है या कहो सामाजिक जीवन में à¤à¤• दà¥à¤¸à¤°à¥‡ की मददगार à¤à¥€ है. वो कैसे देखिये हजारों साल से à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤• चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿ की आस में बैठा है कि वो आà¤à¤—ी और हमारे दà¥à¤ƒà¤– दूर करेगी. उसके लिठउसने धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ बना डाले और उस कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ शकà¥à¤¤à¤¿ की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ करने के बाद उसने खà¥à¤¦ ही पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ के à¤à¤—वान बना डाले. जब उसनी आशा अनà¥à¤°à¥‚प या कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ सà¥à¤µà¤°à¥‚प चमतà¥à¤•à¤¾à¤° नहीं हà¥à¤† तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने नाना पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पाखंड खड़े किये और à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से उन मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सजाना, खिलाना, कपडे पहनाना, ढोल नगाड़े बजाकर खà¥à¤¶ करना चाहा ताकि कोई चमतà¥à¤•à¤¾à¤° होकर उनका à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ बदल जाये. जिसके लिठलोगों ने जिनà¥à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की बली à¤à¥€ देना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया और इस सारे आडमà¥à¤¬à¤° को धरà¥à¤® से जोड़ दिया. ताकि कोई मानवीय दà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ रखने वाला पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ ही ना उठा सके.
अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के चशà¥à¤®à¥‡ से कà¤à¥€ धरà¥à¤® दिखाई नही देगा उससे हमेशा कीरà¥à¤¤à¤¨, à¤à¤‚डारे, जागरण दिखाई देंगे जो सीधा-सीधा अरà¥à¤¥ से जà¥à¥œà¥‡ है अब कारोबारी के पास तो पैसा है वो धारà¥à¤®à¤¿à¤• दिख सकता है किनà¥à¤¤à¥ माधà¥à¤¯à¤®à¤µà¤°à¥à¤— उस जैसा दिखने के à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° करेगा. गरीब उसमे उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होकर अपनी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ दरà¥à¤œ कराà¤à¤—ा. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इन पाखंडियों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° तो आडमà¥à¤¬à¤°à¥‹ से इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ पाप मà¥à¤•à¥à¤¤ हो जाता है. कोलाकता वाली माठकाली माठसे मांगी गई सà¤à¥€ मà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥‡à¤‚ कà¥à¤·à¤£ में पà¥à¤°à¥€ हो जाती है.! सिदà¥à¤§à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठपंडितों और साधà¥à¤“ं का जमावड़ा लगा रहता है! माठसे मांगी गई सà¤à¥€ मà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥‡à¤‚ कà¥à¤·à¤£ में पà¥à¤°à¥€ हो जाती है.! इसीलिठतो यहाठबलि देने की परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ आज à¤à¥€ बरकरार है! मंगलवार और शनिवार को विशेष à¤à¥€à¥œ होती है. दूसरा अगर आप गरीब हैं तो उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के चमोली जिले में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ माणा गांव में आइà¤. यहां à¤à¤—वान शिव की à¤à¤¸à¥€ महिमा है कि जो à¤à¥€ आता है उसकी गरीबी दूर हो जाती है. तो फिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के पहाड़ी इलाकों में गरीबी है? यहीं नहीं इस गांव को शà¥à¤°à¤¾à¤ªà¤®à¥à¤•à¥à¤¤ जगह का दरà¥à¤œà¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है. ये माना जाता है कि यहां आने पर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सà¤à¥€ पापों से मà¥à¤•à¥à¤¤ हो जाता है. यही नहीं वहां के पंडित बताते हैं कि इस गांव में आने पर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨à¤¦à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾ हो जाता है.जिसके बाद वह होने वाली घटनाओं के बारे में जान सकता है.
जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ अà¤à¥€ तक इन अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹ पर टिका है जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ अà¤à¥€ तक अपने à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ को बदलने के लिठजीवित पशà¥à¤“ं की बली देने से नहीं चà¥à¤•à¤¤à¤¾ उस à¤à¤¾à¤°à¤¤ को केसलेस करने से पहले अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ लेस करना जरूरी है ताकि लोग करà¥à¤®à¥‹ के तूफान अपने अनà¥à¤¦à¤° पैदा कर पà¥à¤°à¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ बने. अà¤à¥€ कई रोज पहले à¤à¤• खबर पà¥à¥€ कि उतà¥à¤¤à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¥€ जिला मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के अनà¥à¤¦à¤° यहां पंडित की पोथी, डाकà¥à¤Ÿà¤° की दवा और कोतवाल का डंडा काम नहीं आता है. कंडार देवता के दर पर जो पहà¥à¤‚च गया तो कंडार देवता का आदेश ही सरà¥à¤µà¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¯ है. लोग यहां जनà¥à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤°à¥€, विवाह, मà¥à¤‚डन, धारà¥à¤®à¤¿à¤• अनà¥à¤·à¥à¤ ान, जनेऊ समेत अनà¥à¤¯ संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की तिथि तय करने के लिठपंडित की तलाश नहीं करते. मातà¥à¤° यहीं नहीं बलà¥à¤•à¤¿, आस पास के गांवों में जब कोई वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बीमार हो जाता है तो उसे उपचार के लिठकंडार देवता के पास ले जाया जाता है. इसी तरह मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ शहर से करीब 8 कि.मी. दूर, कà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ नदी के तट पर कालà¤à¥ˆà¤°à¤µ मंदिर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है. यह à¤à¤• वाम मारà¥à¤—ी तांतà¥à¤°à¤¿à¤• मंदिर है. इस मंदिर में मांस, मदिरा, बलि, मà¥à¤¦à¥à¤°à¤¾ जैसे पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ चà¥à¤¾à¤ जाते हैं. काल à¤à¥ˆà¤°à¤µ को मदिरा पिलाने का सिलसिला सदियों से चला आ रहा है.
बेशक इन सब कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚डों में हमारे अतीत का कà¥à¤› हिसà¥à¤¸à¤¾ रहा हो लेकिन अब हम आधà¥à¤¨à¤¿à¤• यà¥à¤— में है जब हम अतीत में थे हो सकता वो सही रहा हो पर आज हम नवीन यà¥à¤— में है. इस पर कà¥à¤› लोग तरà¥à¤• रखते है कि यह हमारी पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤à¤‚ है इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कैसे à¤à¥‚ठा मान ले? लेकिन उस काल में हम पैदल चला करते थे यायायात के साधन हमारे पास मौजूद नहीं थे. आग जलाने के लिठमाचिस या लाईटर नहीं था. आज हमारे पास यातायात के साधन है हम बस रेल में सफर करते है जब हम उन परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं चलन को नकार सकते है इन अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं को कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं?
हम अपने अतीत की निंदा नहीं कर रहे है बस उस अतीत से निकलने का मारà¥à¤— बता रहे है कि अब हम जीवन तो 21 वी सदी का जी रहा पर अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ अतीत का लिठबैठे है. आज हमे तरà¥à¤• से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¥‡à¤® और करà¥à¤£à¤¾ मानवता को अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ से मà¥à¤•à¥à¤¤ करने के लिठजरूरी है. जो बिना निंदा किà¤, लोगों के अंदर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ समठपैदा हो इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ पैदा करना, कà¥à¤› à¤à¥€ उनके ऊपर ना लादना, ना अपने ऊपर लादना. वाकई पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ को जान लिया है, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अंतस आलोक को जान लिया है जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने वेदों को जान लिया वे कà¤à¥€ à¤à¥€ किसी के अà¤à¤§à¥‡à¤°à¥‡ से वà¥à¤¯à¤¥à¤¿à¤¤ नहीं होंगे. यदि उस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ को कोई गà¥à¤°à¤¹à¤£ ना करना चाहे तो फिर à¤à¥€ हम उसकी सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ का समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करेंगे. इसीलिठयह बहà¥à¤¤ ही जरूरी है कि हम अपनी पूरी ऊरà¥à¤œà¤¾, पूरा धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के विकास में लगाà¤à¤, सà¥à¤µà¤¯à¤‚ का दिया जलाà¤à¤ अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ लेस à¤à¤¾à¤°à¤¤ बनाये...Rajeev Choudhary
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