‘ईशà¥à¤µà¤° के यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प को कौन जानता है?’
Author
Manmohan Kumar AryaDate
26-Dec-2016Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
546Total Comments
0Uploader
amitUpload Date
26-Dec-2016Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- ईशवर
- बौदध-जैनमत, सवामी शंकराचारय और महरषि दयाननद के कारय
- अजञान मिशरित धारमिक मानयता
- यदि आरय समाज सथापित न होता तो कया होता ?
- ईशवर व ऋषियों के परतिनिधि व योगयतम उततराधिकारी महरषि दयाननद सरसवती
ईशà¥à¤µà¤° ने इस सृषà¥à¤Ÿà¤¿ को, मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ व इतर सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बनाया है।
संसार में ईशà¥à¤µà¤° को मानने वाले और न मानने वाले दो शà¥à¤°à¥‡à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लोग हैं। ईशà¥à¤µà¤° के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ को न मानने वालों को नासà¥à¤¤à¤¿à¤• कहते हैं। जो नासà¥à¤¤à¤¿à¤• लोग हैं उनसे तो यह अपेकà¥à¤·à¤¾ की ही नहीं जा सकती है कि वह ईशà¥à¤µà¤° के सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प जानते हैं। पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ है कि जो ईशà¥à¤µà¤° को मानते हैं, कà¥à¤¯à¤¾ वह सब ईशà¥à¤µà¤° के सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प को à¤à¥€ जानते हैं या नहीं? इसका उतà¥à¤¤à¤° है कि नहीं, सà¤à¥€ आसà¥à¤¤à¤¿à¤• लोग ईशà¥à¤µà¤° को सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प को नहीं जानते। ईशà¥à¤µà¤° के यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प को कà¥à¤› थोड़े लोग ही जानते हैं। ईशà¥à¤µà¤° को यथारà¥à¤¥ रूप में जानने वाले वे लोग हैं जो वेद, सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ सहित ऋषि दयाननà¥à¤¦ के साहितà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ वेदांग, उपांग सहित उपनिषदों व मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ आदि का यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ रखते हैं। दूसरे शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में हम यह à¤à¥€ कहेंगे कि जो लोग वैदिक सनातन धरà¥à¤®à¥€ आरà¥à¤¯ हैं, निरनà¥à¤¤à¤° सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ करते हैं, चिनà¥à¤¤à¤¨ व मनन करते हैं, जो शà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¥‹à¤œà¤¨ व छल-कपट रहित शà¥à¤¦à¥à¤§ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° करते हैं, वह लोग ही ईशà¥à¤µà¤° के यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प को जानते हैं। इतर जो आसà¥à¤¤à¤¿à¤• लोग हैं, जो कहते हैं कि वह ईशà¥à¤µà¤° को मानते हैं, उनके बारे में यह कह सकते हैं कि उनका ईशà¥à¤µà¤° का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ अधूरा व कà¥à¤› यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प के विपरीत होने से मिथà¥à¤¯à¤¾à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ से यà¥à¤•à¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है। जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मूरà¥à¤¤à¤¿ पूजा करता है, अवतारवाद को मानता है, सामाजिक à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ से यà¥à¤•à¥à¤¤ जिसका जीवन है, जो फलित जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤· को मानता है, जो वैदिक रीति से ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ नहीं करता, उसके बारे में यह कहना होगा कि वह ईशà¥à¤µà¤° के सà¥à¤µà¤°à¥‚प को यथारà¥à¤¥ रूप में नहीं जानता। कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ लोग हैं जो कहते हैं कि ईशà¥à¤µà¤° ऊपर या किसी विशेष आसमान व सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर रहता है, वह à¤à¥€ अविदà¥à¤¯à¤¾ से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ होने के कारण ईशà¥à¤µà¤° के यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प से परिचित नहीं है। à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥€ मत हैं जिनके अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ ईशà¥à¤µà¤° को पापों को कà¥à¤·à¤®à¤¾ करने वाला मानते हैं। पापों को कà¥à¤·à¤®à¤¾ करने का मतलब होता है कि पाप को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देना। यदि हमारे पाप कà¥à¤·à¤®à¤¾ होने लगें या हमारी गलतियां कà¥à¤·à¤®à¤¾ होने लगें तो फिर हम अधिक लापरवाह हो जाते हैं और बार बार गलती करते हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम जानते हैं कि हम कà¥à¤·à¤®à¤¾ मांग कर अपराध व उसके दणà¥à¤¡ से बच जायेंगे। पाप कà¥à¤·à¤®à¤¾ के मिथà¥à¤¯à¤¾ सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ से बà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¯à¤¾à¤‚ व अपराध बà¥à¤¤à¥‡ हैं। जो लोग यह कहते व मानते हैं कि उनका ईशà¥à¤µà¤° अमà¥à¤• मत के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पापों व गलतियों को कà¥à¤·à¤®à¤¾ कर देता है, वह उनके मत वाले à¤à¥€ ईशà¥à¤µà¤° के सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प को यथारà¥à¤¥à¤¤à¤ƒ नहीं जानते है। जो लोग à¤à¥‹à¤²à¥‡ à¤à¤¾à¤²à¥‡ à¤à¥‚खे, निरà¥à¤§à¤¨, रोगी, कमजोर व दà¥à¤ƒà¤–ी लोगों का धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ करने में संलगà¥à¤¨ होते हैं, वह à¤à¥€ सचà¥à¤šà¥‡ ईशà¥à¤µà¤° को नहीं जानते व जान सकते। उनका यह काम धरà¥à¤® समà¥à¤®à¤¤ न होकर धरà¥à¤® विरोधी होता है। इसके पीछे के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ à¤à¥€ अचà¥à¤›à¥‡ न होकर बà¥à¤°à¥‡ ही होते हैं। à¤à¤¸à¥‡ लोगों को धरà¥à¤® विषय चरà¥à¤šà¤¾ करने के लिठआमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया जाये तो सामने नहीं आते परनà¥à¤¤à¥ येन केन पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‡à¤£ धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ करने में ततà¥à¤ªà¤° रहते हैं। हमें लगता है कि à¤à¤¸à¥‡ लोगों को इनके इन करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का फल मृतà¥à¤¯à¥ के बाद पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® में ही पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ मिलता है। उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ व निरà¥à¤¬à¤² लोगों का धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ न कर सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को धारà¥à¤®à¤¿à¤• कहलाने वाले लोगों को इनकी सचà¥à¤šà¥‡ हृदय से सेवा करनी चाहिये, यही उनका यथारà¥à¤¥ धरà¥à¤® है। ईशà¥à¤µà¤° सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ से à¤à¤¸à¥€ ही अपेकà¥à¤·à¤¾ करता है।
ईशà¥à¤µà¤° ने इस सृषà¥à¤Ÿà¤¿ को, मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ व इतर सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बनाया है। यह सृषà¥à¤Ÿà¤¿ ईशà¥à¤µà¤° ने जीवातà¥à¤®à¤¾à¤“ं को उनके पूरà¥à¤µ जनà¥à¤®à¥‹à¤‚ के अवशिषà¥à¤Ÿ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के फलों के à¤à¥‹à¤— के लिठबनाई हैं। मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपना à¤à¥‹à¤— à¤à¥‹à¤—ते हैं और मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिठपरोपकार व सेवा आदि कारà¥à¤¯ करते हैं। पशॠव पकà¥à¤·à¥€ à¤à¥€ अपना अपना à¤à¥‹à¤— à¤à¥‹à¤—ते हैं। ईशà¥à¤µà¤° ने किसी को यह अधिकार नहीं दिया कि वह अपने à¤à¥‹à¤œà¤¨ व जीठके सà¥à¤µà¤¾à¤¦ के लिठपशà¥à¤“ं को काट कर, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मार कर व उनकी हतà¥à¤¯à¤¾ कर उनका मांस आदि का à¤à¥‹à¤œà¤¨ के रूप में सेवन करे। यह ईशà¥à¤µà¤° की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का विरोध व ईशà¥à¤µà¤° को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ है। यदि कोई मनà¥à¤·à¥à¤¯, मत व समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ à¤à¤¸à¤¾ मानता है कि पशà¥à¤“ं का मांस खाने व अणà¥à¤¡à¥‡ आदि का तामसिक à¤à¥‹à¤œà¤¨ करने में कोई पाप नहीं है तो वह à¤à¥€ बड़ी à¤à¥‚ल व गलती कर रहे हैं। à¤à¤¸à¥‡ लोग à¤à¥€ ईशà¥à¤µà¤° का सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प नहीं जानते। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° चिनà¥à¤¤à¤¨ करने से हम इसी निषà¥à¤•à¤°à¥à¤· पर पहà¥à¤‚चते हैं कि जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ वेदों के यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प से परिचित हैं तथा जिसने वेदानà¥à¤•à¥‚ल वेदों के अंग व उपांग रूप सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका, आरà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤µà¤¿à¤¨à¤¯, पंचमहायजà¥à¤žà¤µà¤¿à¤§à¤¿ आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को पà¥à¤¾ व समà¤à¤¾ है, वही ईशà¥à¤µà¤° के सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प को जानते हैं। à¤à¤¸à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ न तो मांसाहार कर सकता है, न किसी का शोषण कर सकता है, न किसी से अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ कर सकता है, à¤à¤¸à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ ईशà¥à¤µà¤° के सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प का उपासक होगा, वह परोपकार व सेवा à¤à¤¾à¤µà¥€ होगा, माता-पिता व आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का आदर व समà¥à¤®à¤¾à¤¨ करने वाला होगा, सदà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹à¤‚ का सेवन करने वाला होगा तथा नियमित सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ करने के साथ वैदिक व आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ उपदेशों का शà¥à¤°à¤µà¤£ करेगा। à¤à¤¸à¥‡ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के बारे में हम यह कह सकते हैं कि वह ईशà¥à¤µà¤° का सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प जानता है।
हमारी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ में ईशà¥à¤µà¤° को मानने वाले तो सà¤à¥€ आसà¥à¤¤à¤¿à¤• मतों के लोग हैं परनà¥à¤¤à¥ ईशà¥à¤µà¤° का सतà¥à¤¯ व यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प जानने वाले कà¥à¤› गिने चà¥à¤¨à¥‡ लोग ही होते हैं जो कि अधिकांश में वैदिक सनातन धरà¥à¤®à¥€ आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ ही सिदà¥à¤§ होते हैं। हमारा करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि हम अपने आचरण व वाणी से पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कर अनà¥à¤¯ मतों के आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ व अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की अविदà¥à¤¯à¤¾ समापà¥à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करें जिससे सब à¤à¤• मतसà¥à¤¥ होने की दिशा में कà¥à¤› आगे बॠसकें। हमारा निषà¥à¤•à¤°à¥à¤· यह है कि संसार में ईशà¥à¤µà¤° का सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प जानने वाले कम ही लोग हैं और जो उसे जानते à¤à¥€ हैं, उनमें से बहà¥à¤¤ कम ही ईशà¥à¤µà¤° की यथारà¥à¤¥ उपासना करते हैं। ईशà¥à¤µà¤° के सतà¥à¤¯à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° व पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° में आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ का उतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤µ सबसे अधिक है। इसलिठआरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ को शिथिलता का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करने की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। इति ओ३मॠशमà¥à¥¤
ALL COMMENTS (0)