आगे à¤à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनते रहेंगे
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Rajeev ChoudharyDate
08-Feb-2017Category
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HindiTotal Views
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08-Feb-2017Download PDF
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हम हिनà¥à¤¦à¥‚ à¤à¤•à¤¤à¤¾ के कसीदे पà¥à¤¤à¥‡ है पर सवाल यह है यदि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को मिड डे मील परोसने वाली कोई मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® या इï¿
नेताओं के दिमाग से लेकर आम जनजीवन तक जातिपà¥à¤°à¤¥à¤¾ अपने पà¥à¤°à¥‡ चरम पर दिख रही है. à¤à¤²à¥‡ ही हमें आज यह à¤à¤• आध घटना लगे लेकिन à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ के इस बीज को खाद बराबर मिल रहा है जो आने वाले दिनों à¤à¤• विशाल वृकà¥à¤· बनकर खड़ा हो जायेगा. हाल ही में मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के टीकमगॠमें जो हà¥à¤† वह किसी ने कà¤à¥€ सोचा नहीं होगा यहां बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने केवल इस बात पर मिड डे मील खाने से इनकार कर दिया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह à¤à¤• दलित महिला ने अपने घर पर बनाया था. केवल 12 बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ ही खाना खाने आये. बाकि के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ ने यह कहते हà¥à¤ खाने का बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° कर दिया कि, यह खाना à¤à¤• छोटी जाति की महिला ने अपने घर पर बनाया है जिसे हम नहीं खा सकते.
कà¥à¤› लोग सोचेंगे इस खबर से नये पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनने का कà¥à¤¯à¤¾ अरà¥à¤¥ है! परनà¥à¤¤à¥ अरà¥à¤¥ है और इतना ही गहरा है जितना à¤à¤• बीज के अनà¥à¤¦à¤° छिपे à¤à¤• पेड़ का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ. बस उसे मिटटी खाद पानी मिल जाये तो वो पनप जाता है. हम हिनà¥à¤¦à¥‚ à¤à¤•à¤¤à¤¾ के कसीदे पà¥à¤¤à¥‡ है पर सवाल यह है यदि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को मिड डे मील परोसने वाली कोई मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® या इसाई महिला होती तो कà¥à¤¯à¤¾ बचà¥à¤šà¥‡ उस à¤à¥‹à¤œà¤¨ को खाने से इंकार करते? शायद नहीं! आखिर किसने सिखाया उन मासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को कि यह अछूत है इसके हाथ का बना खाना खाने से हम अछूत हो जायेंगे?जवाब शायद सबके मन में हो पर जबान पर आने से अटक रहा हो. कà¥à¤¯à¤¾ आपको नहीं लगता कि जाति पà¥à¤°à¤¥à¤¾ ने देश की 50 फीसदी आबादी को अछूत और सामाजिक सà¥à¤¤à¤° पर कमजोर बनाकर रख दिया. यदि देश की सामाजिक दशा ठीक रही होती तो कà¥à¤¯à¤¾ बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण होता? यदि धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण नहीं होता तो कà¥à¤¯à¤¾ सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• बटवारे का पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उठता? कà¥à¤¯à¤¾ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनता?
70 साल बीत गये पीढियां बदल गयी लेकिन हमारी सोच नहीं बदली कई जगह आज à¤à¥€ अगर किसी हैणà¥à¤¡ पमà¥à¤ª पे चले जाठपानी के लिठतो नल अछूत, बालà¥à¤Ÿà¥€ पर हाथ लग जाये तो बालà¥à¤Ÿà¥€ अछूत, हाठयदि कोई इसाई या मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® आ जाये तो कोई बात नहीं उसका सतà¥à¤•à¤¾à¤° करेंगे आखिर अपनों से यह फासला कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी कहा करते थे कि मन की बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ को मारो, तà¤à¥€ सारे समाज का उदà¥à¤§à¤¾à¤° होगा. अगर आपने खà¥à¤¦ को सà¥à¤§à¤¾à¤° लिया तो समाज को और फिर देश को सà¥à¤§à¤°à¤¨à¥‡ में देर नहीं लगेगी. कà¥à¤› लोगों का मानना है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में इसà¥à¤²à¤¾à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° बहà¥à¤¤ ही सौहारà¥à¤¦à¤ªà¥‚रà¥à¤£ वातावरण में हà¥à¤† है. हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के इसà¥à¤²à¤¾à¤® गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने का सबसे मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण रहा जातिवाद, घोर अनà¥à¤§ विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ और हिंसक बल पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—. इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°, जातिवाद के कà¥à¤šà¤•à¥à¤° के कारण अनेक सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर हजारों हिंदू वीरों को परिवार सहित जिनà¥à¤¦à¤¾ रहने के लिठà¤à¤¸à¥€ घोर अपमानजनक शरà¥à¤¤ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करनी पड़ी. मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® आकà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¾à¤“ं ने पूरे हिंदू समाज पर à¤à¤• मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• दबाव बनाने की रणनीति पर काम किया और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने समाज से बहिसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ जातियों को साथ लेकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ के धारà¥à¤®à¤¿à¤• आंकड़ो को बदलकर रख दिया
बहराल हम यहाठहजार वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ अधिक चले धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण का वह सबसे अधिक मारà¥à¤®à¤¿à¤• और पीड़ाजनक अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ नहीं उठाना चाहते बस यह बताना चाहते है कि हमारी हजार वरà¥à¤·à¥‹ की गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ का कारण जातिवाद रहा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤· के खंड-खंड बाà¤à¤Ÿà¤¨à¥‡ का कारण जातिवाद रहा. आज थोडा गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करे तो जानेगें कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ को हिनà¥à¤¦à¥‚ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° बनाने का शोर करने वाले खà¥à¤¦ को कहाठपाà¤à¤‚गे! इस समय देश की हिनà¥à¤¦à¥‚ आबादी लगà¤à¤— 80 करोड़ है जिसमें 50 फीसदी से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वे लोग है जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ शà¥à¤¦à¥à¤° मानसिकता के लोग अछूत मानते है. यदि यह लोग इसी तरह पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¿à¤¤ अपमानित होते रहे तो हिनà¥à¤¦à¥‚ कहाठरह जायेंगे? धà¥à¤¯à¤¾à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• देखे तो पूवोतà¥à¤¤à¤° राजà¥à¤¯ इसाई बहà¥à¤² हो चà¥à¤•à¥‡ है. केरल, कशà¥à¤®à¥€à¤°, आंधà¥à¤°à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल, आसाम के à¤à¤• बड़ा हिसà¥à¤¸à¥‡ समेत उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के धारà¥à¤®à¤¿à¤• आंकड़े à¤à¤• नजर में हिनà¥à¤¦à¥‚ होने गà¥à¤®à¤¾à¤¨ ढीला कर देते है.
कà¥à¤› लोग कहते है जातिवाद तो पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¨ काल से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ था इसमें किसी का कà¥à¤¯à¤¾ दोष! लेकिन यह बिलकà¥à¤² सच नहीं है हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं में आदिकाल से गोतà¥à¤° और वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी, परनà¥à¤¤à¥ जातियाठनहीं थीं. वेद समà¥à¤®à¤¤ वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ समाज में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के विà¤à¤¾à¤œà¤¨ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से लागू थी. यह वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ जनà¥à¤® पर आधारित न होकर सीधे-सीधे करà¥à¤® पर आधारित थी. कोई à¤à¥€ वरà¥à¤£ दूसरे को ऊà¤à¤šà¤¾ या नीचा नहीं समà¤à¤¤à¤¾ था. इसका सबसे बड़ा उदहारण अपने पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚à¤à¤¿à¤• जीवन में शूदà¥à¤° करà¥à¤® में पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤ वालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿ जी जब अपने करà¥à¤®à¥‹à¤‚ में परिवरà¥à¤¤à¤¨ के बाद पूजनीय ऋषियों के वरà¥à¤£ में मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पा गठतो वे ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ समाज में महरà¥à¤·à¤¿ के रूप में पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित हà¥à¤. मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤·à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® राम के विवाह उपरांत सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¥‹à¤‚ को दान और उपहार देने के लिठशà¥à¤°à¥€ वालà¥à¤®à¥€à¤•à¤¿ जी को ही विशेष आदर के साथ आमंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया था.
लेकिन समय के विसंगतिया पनपती गयी समाज पर पà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¥à¤µ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करने वाले लोगों ने धारà¥à¤®à¤¿à¤• सामाजिक ताना-बाना बिगाड़कर रख दिया. ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ और आतà¥à¤®à¤®à¥à¤—à¥à¤§à¤¤à¤¾ के à¤à¥‚खे राजाओं ने à¤à¥€ इनà¥à¤¹à¥€ विसंगतियों और कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं को सच मान लिया. जिस कारण समाज के बड़े निरà¥à¤§à¤¨ वरà¥à¤— को अछूत करार दिया गया. परनà¥à¤¤à¥ यह लोग फिर à¤à¥€ छà¥à¤ª-छà¥à¤ª कर अपने सà¤à¥€ उतà¥à¤¸à¤µ मनाते रहे और सनातन धरà¥à¤® की पताका को अपने हृदयाकाश में लहराते रहे. जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उस समय à¤à¤• बड़े वरà¥à¤— ने जाति के नाम पर पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¿à¤¤ किया तथा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® आतातियों ने धरà¥à¤® के नाम पर लेकिन वे लोग फिर à¤à¥€ अपने धरà¥à¤® मारà¥à¤— पर डटें रहे कà¥à¤¯à¤¾ उनका यह तà¥à¤¯à¤¾à¤— कम रहा है? जिनका सब कà¥à¤› खणà¥à¤¡-खणà¥à¤¡ हो चà¥à¤•à¤¾ था, परनà¥à¤¤à¥, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने धरà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अपनी निषà¥à¤ ा को लेशमातà¥à¤° à¤à¥€ खंडित नहीं होने दिया. जरा सोचिये, हिंदू समाज पर इन कथित अछूत लोगों का कितना बड़ा ऋण है. यदि उस कठिन काल में ये लोग à¤à¥€ दूसरी परिणति वाले सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं कि तरह ही तब मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बन गठहोते तो आज अपने देश का इतिहास à¤à¥‚गोल कà¥à¤¯à¤¾ होता? और सोचिये, आज हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं में जिस वरà¥à¤— को हम अनà¥à¤¸à¥‚चित जातियों के रूप में जानते हैं, उन आसà¥à¤¥à¤¾à¤µà¤¾à¤¨ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की कितनी विशाल संखà¥à¤¯à¤¾ है, जो मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® दमन में से अपने धरà¥à¤® को सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ निकालकर लाई है. कà¥à¤¯à¤¾ इनका अपने सनातन हिंदू धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ में इनका पल-पल अपमानित होना कोई छोटा तà¥à¤¯à¤¾à¤— था? कà¥à¤¯à¤¾ इनका तà¥à¤¯à¤¾à¤— ऋषि दधिची के तà¥à¤¯à¤¾à¤— की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में नहीं आता? यदि आता है तो अब यह छूत-अछूत का आडमà¥à¤¬à¤° हटा देना होगा वरना धरà¥à¤®à¤ªà¤°à¤¿à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¨ के कà¥à¤¤à¥à¤¸à¤¿à¤¤ जाल में फंसकर आगे à¤à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनते रहेंगे...राजीव चौधरी
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