बंटवारे के नठबीज
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Rajeev ChoudharyDate
08-Feb-2017Category
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HindiTotal Views
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amitUpload Date
08-Feb-2017Download PDF
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धरà¥à¤® के आधार पर इस तरह की वकालत का नतीजा à¤à¤• और बंटवारा ही होगा। दà¥à¤– की बात यह है कि à¤à¤• बार फिर à¤à¤à¤®à¤¯à¥‚ ï¿
वैसे देखा जाये तो à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीतक महतà¥à¤µà¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¤¾ देश के अनà¥à¤¦à¤° छोटे बड़े हजारों मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‹à¤‚ को जनà¥à¤® देने का कारà¥à¤¯ कर रही है। जिस कारण कà¥à¤› लोग तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ को विवादों का देश à¤à¥€ कहने से गà¥à¤°à¥‡à¤œ नहीं करते हैं। अà¤à¥€ पिछले दिनों ही अलीगढ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के सबसे बड़े सà¤à¤¾à¤—ार केनेडी हॉल में संविधान में धरà¥à¤® के आधार पर आरकà¥à¤·à¤£ देने की बात को नकारते हà¥à¤ संविधान की इसी धारा 341 को खतà¥à¤® करने की मांग करने के लिठयह सेमिनार बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ गया था। सेमिनार के महतà¥à¤¤à¥à¤µ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस सेमिनार में हिसà¥à¤¸à¤¾ लेने आठसà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के वरिषà¥à¤ वकील महमूद पारà¥à¤šà¤¾ ने दावा किया कि आरकà¥à¤·à¤£ धरà¥à¤® के आधार पर à¤à¥€ दिया जा सकता है।
देखा जाये तो आरकà¥à¤·à¤£ देश के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ अमृत का पà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¾ बन चà¥à¤•à¤¾ है जिसे जाति और धरà¥à¤® के नाम पर हर कोई पीना चाहता है। गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ में गà¥à¤œà¥à¤œà¤° समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ तो हरियाणा में जाट समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ तो इसके लिठसतà¥à¤¤à¤¾ से टकराव लेने से à¤à¥€ नहीं हिचकते दिख रहे हैं। यह जातिगत आरकà¥à¤·à¤£ का पà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¾ है लेकिन मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ इससे à¤à¤• कदम आगे बà¥à¤•à¤° धारà¥à¤®à¤¿à¤• आधार पर आरकà¥à¤·à¤£ की मांग लेकर खड़े होने लगे हैं। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को यह याद दिलाने की जरà¥à¤°à¤¤ है कि 1947 में धरà¥à¤® के आधार पर देश के बंटवारे की नींव à¤à¥€ इसी अलीगॠमà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में रखी गई थी। गौर करने वाली बात यह है 70 साल बाद à¤à¤• बार फिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ को बांटने की बात यहां से हो रही है।
मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® आरकà¥à¤·à¤£ की इस मांग पर जाने-माने विचारक तà¥à¤«à¥ˆà¤² अहमद लिखते हैं कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना से रिटायरà¥à¤¡ बà¥à¤°à¤¿à¤—ेडियर सैयद अहमद अली ने 2012 में अलीगॠमà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ का काम संà¤à¤¾à¤²à¤¾ था सेना में 35 साल काम करने के बाद à¤à¥€ बà¥à¤°à¤¿à¤—ेडियर साहब उसकी धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ को आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ नहीं कर पाà¤à¥¤ केवल नाम से ही सही लेकिन सैयद अहमद अली का वासà¥à¤¤à¤¾ पैंगबर मोहमà¥à¤®à¤¦ के वंश से है। मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में सैयद ऊंची जाति मानी जाति है और इनका निकाह निचली जातियों में अमूमन नहीं होता। à¤à¤à¤®à¤¯à¥‚ की वेबसाइट à¤à¥€ बà¥à¤°à¤¿à¤—ेडियर अली को जाने-माने जमींदारों के परिवार से बताती है। मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के पिछड़ेपन में इन जमींदारों का à¤à¥€ उतना ही हाथ है जितना उलेमाओं का है।
तà¥à¤«à¥ˆà¤² कहते हैं कि अब बà¥à¤°à¤¿à¤—ेडियर अली ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को आरकà¥à¤·à¤£ देने की मांग उठाई है। बà¥à¤°à¤¿à¤—ेडियर साहब शायद बंटवारे के दौरान हà¥à¤ खून-खराबे को à¤à¥‚ल गà¤à¥¤ जिन हालातों में संविधान निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾à¤“ं ने धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· संविधान बनाया था। सेमिनार में मà¥à¤–à¥à¤¯ अतिथि बà¥à¤°à¤¿à¤—ेडियर अली ने कहा,‘मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का पिछड़ापन दूर करने के लिठशिकà¥à¤·à¤¾ में आरकà¥à¤·à¤£ जरà¥à¤°à¥€ है।’ होना तो यह चाहिठथा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ पर 1000 साल के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शासन के दौरान शिकà¥à¤·à¤¾ और विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के दम पर वह देश को चार-चांद लगा देते। लेकिन मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शहंशाहों को मसà¥à¤œà¤¿à¤¦, महल और मकबरे बनवाने से फà¥à¤°à¥à¤¸à¤¤ मिलती तब तो वे रेलवे, बस और टेलीफोन विकसित करने के बारे में सोचते। नई खोज और आविषà¥à¤•à¤¾à¤° की बात करने के बजाठजब à¤à¤• विशà¥à¤µà¤¿à¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ आरकà¥à¤·à¤£ की बात करे, तो अफसोस होना लाजमी है। उस पर से सैयद अहमद अली सेना में बà¥à¤°à¤¿à¤—ेडियर à¤à¥€ रह चà¥à¤•à¥‡ हैं। बà¥à¤°à¤¿à¤—ेडियर साहब सेना से इतना नहीं सीख पाठकि तवजà¥à¤œà¥‹ काबिलियत को मिलनी चाहिà¤à¥¤
मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समाज को आगे बà¥à¤¨à¤¾ हो तो उसे वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• नजरिया अपनाना होगा, उदार सोच रखनी होगी, तà¤à¥€ असलियत के मसले और उनसे जà¥à¥œà¥‡ सही सवाल उठा पाà¤à¤—ा। अलीगॠमà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ बनाने के पीछे à¤à¥€ सर सैयद की खास सोच थी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ में वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• और तारà¥à¤•à¤¿à¤• सोच पैदा करने के लिठइसकी नींव रखी थी। उनकी ऊरà¥à¤¦à¥‚ पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ तहजीबà¥à¤² अखलाक à¤à¥€ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ में नई सोच पैदा करना चाहती थी। लेकिन लगता है à¤à¤à¤®à¤¯à¥‚ के कà¥à¤²à¤ªà¤¤à¤¿ ने इसके संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• सर सैयद से इतना à¤à¥€ नहीं सीखा। अली ने धरà¥à¤® के आधार पर आरकà¥à¤·à¤£ की वकालत की। धरà¥à¤® के आधार पर इस तरह की वकालत का नतीजा à¤à¤• और बंटवारा ही होगा। दà¥à¤– की बात यह है कि à¤à¤• बार फिर à¤à¤à¤®à¤¯à¥‚ इसका गवाह बन रहा है। हाल के दिनों में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में इसà¥à¤²à¤¾à¤® के पैरोकारों ने अपना मकसद पूरा करने के लिठदलितों से दोसà¥à¤¤à¥€ गांठी है। जिसका मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण à¤à¤¾à¤°à¤¤ में 25 फीसदी दलितों की आबादी है। महमूद पारà¥à¤šà¤¾ ने संविधान की धारा 341 को दलितों और मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की इस दोसà¥à¤¤à¥€ की गांठबता दिया.। सेमिनार में पारà¥à¤šà¤¾ ने कहा कि धारा 341 पर बहस न होना दलितों और मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के अधिकारों का हनन है। इसे तà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤ हटाया जाना चाहिà¤à¥¤ साल 2017 में सर सैयद की 200वीं जनà¥à¤®à¤¶à¤¤à¥€ है। इस मौके पर à¤à¤• बार देखना चाहिठकà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤à¤®à¤¯à¥‚ à¤à¤• बार फिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ के बंटवारे के आंदोलन की अगà¥à¤µà¤¾à¤ˆ तो नहीं कर रहा?...राजीव चौधरी
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