मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शरणारà¥à¤¥à¥€ à¤à¤• संकट या षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤°..?
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Rajeev ChoudharyDate
15-Feb-2017Category
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HindiTotal Views
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Sandeep AryaUpload Date
15-Feb-2017Download PDF
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सउदी अरब जरà¥à¤®à¤¨à¥€ में गये शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ के लिठधन देने को तो तैयार है लेकिन उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनाने
शरणारà¥à¤¥à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾ किसी देश लिठआबादी आकà¥à¤°à¤®à¤£ के समान है, जिसमें लोग हथियारों के बजाय आंसू लेकर आते है. आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ समेत पूरा विशà¥à¤µ शरणारà¥à¤¥à¥€ संकट से जूठरहा है, इस कड़ी में सीरिया, बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶, इराक, अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ और मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार बड़े शरणारà¥à¤¥à¥€ निरà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤• देश तो à¤à¤¾à¤°à¤¤, कनाडा, जरà¥à¤®à¤¨à¥€ समेत यूरोप के बड़े à¤à¥‚à¤à¤¾à¤— के कई देश शरणारà¥à¤¥à¥€ आयातक बनते जा रहे है. संकट के इस समय में विशà¥à¤µ के उदारवादी नेताओं को समसà¥à¤¯à¤¾ तो दिखाई दे रही लेकिन आने इससे वाला खतरा कोई नहीं देख रहा है. यदि इस विषय पर थोड़ी देर मानवीय दà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ किनारे पर रख दिया जाये तो इस कथन को कोई नहीं नकार सकता कि धरà¥à¤® और राजनीति इसà¥à¤²à¤¾à¤® रà¥à¤ªà¥€ सिकà¥à¤•à¥‡ के दो पहलू हैं. यह कथन आज à¤à¥€ उतना ही पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है जितना पहले था. यदि मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ अपने धरà¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ राजनैतिक उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिये इन देशों घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ कर रहे हैं, तो इसमें कोई आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ की बात नहीं है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤°à¥‚ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤®à¥à¤ से ही धरà¥à¤® की आड़ में à¤à¤• राजनैतिक आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ रहा है.
साल 1990 में इराक ने जब कà¥à¤µà¥ˆà¤¤ पर हमला किया था, तब कà¥à¤µà¥ˆà¤¤ के हजारों विसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ को पनाह देने के लिठकई दूसरे खाड़ी देश आगे आठथे. लेकिन बीते दशकों के बाद यह कहानी उलट हो गयी. पिछले कà¥à¤› समय से सीरिया से निकले à¤à¤• à¤à¥€ शरणारà¥à¤¥à¥€ को पनाह देने के लिठआरà¥à¤¥à¤¿à¤• रूप से समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कतर, कà¥à¤µà¥ˆà¤¤, बहरीन, सउदी अरब और संयà¥à¤•à¥à¤¤ अरब अमीरात आगे नहीं आये. जबकि सउदी अरब जरà¥à¤®à¤¨à¥€ में गये शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ के लिठधन देने को तो तैयार है लेकिन उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनाने को नहीं.
अà¤à¥€ हाल ही में अमेरिका के नवनियà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ डोनालà¥à¤¡ टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सीरिया समेत सात मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® देशों के नागरिको पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚ध लगाया गया जिसकी अमेरिका समेत समसà¥à¤¤ उदारवादियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आलोचना की गयी. टà¥à¤°à¤®à¥à¤ª के इस कदम की आलोचना करते हà¥à¤ कनाडा दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ अपनी सीमा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठखोली गयी. समय रहते लोगों को सोचना होगा कि आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ अरब देश सिरà¥à¤« सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ हितों की रकà¥à¤·à¤¾ पर बनाई रणनीति पर चल रहे है और कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दूसरी ओर शिया बहà¥à¤² ईरान, शिया गà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ के समरà¥à¤¥à¤¨ की नीति पर चल रहा है? आखिर यूरोप और à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® को कà¥à¤› शिकायत होने à¤à¤• इसà¥à¤²à¤¾à¤® की बात करने वाले मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ खाड़ी देशों के इस दोहरे रवैये पर खामोश कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ रहते है? इस तरह इन हितों की पैरवी करने वालों के बीच टकराव से सवाल खड़ा हो जाता है कि ये शरणारà¥à¤¥à¥€ संकट है षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤°? इस समसà¥à¤¯à¤¾ से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ खतरे को जब तक नहीं à¤à¤¾à¤‚पा जा सकता तब तक पूरा विशà¥à¤µ अपनी आà¤à¤–े ऊपर कर आने वाले खतरे को नहीं देखेगा. इस मामले से सवाल यह खड़ा होता है कि पà¥à¤°à¥‡ विशà¥à¤µ में फैल रहे इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• शरणारà¥à¤¥à¥€ अपने लिठसà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° तलाश रहे है या धरà¥à¤® के लिठराजनैतिक कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤²?
यदि इतिहास पर नजर डाली जाये तो मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का यह नया यà¥à¤— नहीं है पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ का इतिहास इसके काफी घाव समेटे हà¥à¤ है. राजा दाहिर ने अपने महल में इमाम हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ मà¥à¤¹à¤®à¥à¤®à¤¦ बिन अलà¥à¤²à¤¾à¤«à¥€ को उनके समरà¥à¤¥à¤•à¥‹ समेत शरण दी थी. जिसका खामियाजा à¤à¤¾à¤°à¤¤ को सदियों तक à¤à¥à¤—तना पड़ा था.अब à¤à¤• बार फिर बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ विशà¥à¤µ के उन सबसे बड़े देशों में है जो लगातार शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पैदा कर रहे हैं. इसका खामियाजा à¤à¤¾à¤°à¤¤ को à¤à¥à¤—तना पड़ रहा है. बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ की ओर से जारी अनियंतà¥à¤°à¤¿à¤¤ और अवैध घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ ने पिछले कà¥à¤› दशकों से à¤à¤¾à¤°à¤¤ के खिलाफ जनसांखà¥à¤¯à¤¿à¤•à¥€à¤¯ हमले का रूप धारण कर लिया है.
इस पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग में देखे तो सà¥à¤µà¤¯à¤‚ बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ ने 1,92,274 रोहिंगा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ को अपने देश से निकाल बाहर किया. हाल ही में संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की अवमानना कर मà¥à¤¯à¤‚मार जैसे छोटे देश ने à¤à¥€ अपने यहाठसे हजारों रोहिंगा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ को बाहर किया जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की ओर से शरण देते हà¥à¤ जमà¥à¤®à¥‚ व दिलà¥à¤²à¥€ में बसाया जा रहा है. सूतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¾à¤‚रà¤à¤¿à¤• अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° देश में लगà¤à¤— 1.3 लाख रोहिंगा मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ मौजूद है. चिंता की बात ये à¤à¥€ है कि रोहिंगा मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ कशà¥à¤®à¥€à¤° में तेजी से बॠरही है और यह लोग कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ लड़कियों से शादी करके जिस तरह से कशà¥à¤®à¥€à¤° में बस रहे हैं, वो आगे चलकर खतरनाक साबित हो सकता है.
à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में शरणारà¥à¤¥à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾ कितनी जटिल, à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• और खतरनाक है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है.जब समसà¥à¤¯à¤¾ बड़ी, विकराल और खतरनाक होती है तब उसके निदान, उसके समाधान के तरीके छोटे नहीं होने चाहिà¤à¤‚, बलà¥à¤•à¤¿ गंà¤à¥€à¤° होने चाहिà¤à¤‚ उसके समाधान के तरीके कोई तातà¥à¤•à¤¾à¤²à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ में नहीं खोजे जाने चाहिà¤à¤‚, बलà¥à¤•à¤¿ दीरà¥à¤˜à¤•à¤¾à¤²à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ में खोजे जाने चाहिà¤à¤‚. तातà¥à¤•à¤¾à¤²à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ व à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤•à¤¤à¤¾ में खोजे गठसमाधान टिकाऊ नहीं होते हैं. मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की आबादी के आने से शरण देने वाले देशों कितनी à¤à¤¯à¤‚कर चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सामना करना पड़ेगा यह अà¤à¥€ सिरà¥à¤« अंदाजा लगाया जा सकता है. आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ और यूरोप में दो तरह के शरणारà¥à¤¥à¥€ आ रहे हैं- à¤à¤• वे जो पीड़ित हैं और दूसरे वे हैं जो कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी हैं. जो अपने लिठजगह तलाश कर रहे है à¤à¤• पास आंसू है तो दà¥à¤¸à¤°à¥‡ के पास हिंसक विचाधारा. बस उदारवादी विशà¥à¤µ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को अब समà¤à¤¨à¤¾ होगा कि यह वाकई संकट है या षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤°
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