दूसरों के बचà¥à¤šà¥‡ ही आतंकी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
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Rajeev ChoudharyDate
07-Mar-2017Category
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07-Mar-2017Download PDF
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अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के हाथ में किताब बाकि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के हाथ में हथियार! अलगावादी के बचà¥à¤šà¥‡ डॉकà¥à¤Ÿà¤° दूसरों के बचà¥à¤šà¥‡ आतंकी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ से कहते है महफूज रहो, दूसरों के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को देश के खिलाफ लड़ाते हो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? यह सवाल पिछले दिनों कशà¥à¤®à¥€à¤° हिंसा के दौरान अलगाववादी नेताओं की नीयत पर सवाल उठाते हà¥à¤ पूरà¥à¤µ आतंकी हाशिम कà¥à¤°à¥ˆà¤¶à¥€ के बेटे जà¥à¤¨à¥‡à¤¦ कà¥à¤°à¥ˆà¤¶à¥€ ने वीडियो सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ के जरिठकशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ अलगावादी नेताओं से पूछे थे। आतंकी बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी की मौत के बाद जब कशà¥à¤®à¥€à¤° हिंसा के दौर से गà¥à¤œà¤° रहा था और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ समरà¥à¤¥à¤• अलगाववादी नेता सैयà¥à¤¯à¤¦ अली शाह गिलानी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हर रोज बà¥à¤²à¤¾à¤ जा रहे कशà¥à¤®à¥€à¤° बंद के आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ के कारण कई कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को अपनी जान गवानी पड़ी थी, उसी दौरान गिलानी के पोते को à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾-पीडीपी गंठबंधन वाली राजà¥à¤¯ सरकार में à¤à¤• आउट-ऑफ-टरà¥à¤¨ सरकारी नौकरी दी गयी थी। जिसका खà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¾ अब à¤à¤• अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ अखबार ने किया। गिलानी के पोते, अनीस-उल-इसà¥à¤²à¤¾à¤® को सरकारी नौकरी देने के लिठराजà¥à¤¯ सरकार की à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ नीति के सà¤à¥€ नियमों का उलà¥à¤²à¤‚घन किया गया। इसà¥à¤²à¤¾à¤® को शेर-à¤-कशà¥à¤®à¥€à¤° इंटरनेशनल संवहन कनवेकà¥à¤¶à¤¨ कॉमà¥à¤ªà¤²à¥‡à¤•à¥à¤¸ में रिसरà¥à¤š ऑफिसर के रूप में नियà¥à¤•à¥à¤¤ किया गया जो जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° परà¥à¤¯à¤Ÿà¤¨ विà¤à¤¾à¤— की à¤à¤• सहायक संसà¥à¤¥à¤¾ है। इस नौकरी में सालाना वेतन 12 लाख रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ का है।
लंदन जाकर बिजनेस à¤à¤¡à¤®à¤¿à¤¨à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¶à¤¨ में दूसरी मासà¥à¤Ÿà¤° डिगà¥à¤°à¥€ हासिल करने वाले अनीस को राजà¥à¤¯ की मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ महबूबा मà¥à¤«à¥à¤¤à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ चयन नियमों को ताक पर रखकर यह पद सौंपा गया था। जब हजारों कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ बचà¥à¤šà¥‡ गिलानी दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सà¥à¤•à¥‚ल जाने का बायकाट करने के आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ के बाद घर बैठे थे तब नईम की बड़ी बेटी गिलानी की पोती ने अपनी सà¥à¤•à¥‚ल परीकà¥à¤·à¤¾à¤à¤‚ दी थी। जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो कि गिलानी की पोतियां à¤à¤• à¤à¤¯à¤°à¤²à¤¾à¤‡à¤¨ कंपनी में कà¥à¤°à¥‚ मेंबर के रूप में कारà¥à¤¯ करती हैं। शायद यह सब सà¥à¤¨à¤•à¤° उन लाखों कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को सोचने पर मजबूर कर दे। जो कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ अलगाववादी नेताओं के इशारे पर लोग सडक पर उतर आते हैं। शहर बंद कर देते हैं, पतà¥à¤¥à¤° बरसाते हैं उनके बचà¥à¤šà¥‡ और तमाम सà¥à¤– सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ के साथ कà¥à¤› के परिवार और बचà¥à¤šà¥‡ मलेशिया, कनाडा, बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ और अमेरिका है तो कईयों के बचà¥à¤šà¥‡ दिलà¥à¤²à¥€, मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ, और बेंगलूरॠमें रहकर या तो पढाई कर रहे हैं या ऊà¤à¤šà¥€ नौकरी।
कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ नौजवान जà¥à¤¨à¥ˆà¤¦ कà¥à¤°à¥ˆà¤¶à¥€ ने अलगाववादियों से सवाल पूछे थे कि यदि हथियार उठाने जरूरी है तो फिर अलगाववादी अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को बनà¥à¤¦à¥‚क कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं थमाते? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को थोड़ा बड़ा होते ही यह लोग कशà¥à¤®à¥€à¤° से बाहर à¤à¥‡à¤œ देते है? देखा जाये तो जà¥à¤¨à¥ˆà¤¦ के सवालों में दम है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤¸à¤¾ कशà¥à¤®à¥€à¤° के लगà¤à¤— हर अलगाववादी ने किया। फिर चाहे वह तहरीक-à¤-हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ के नेता अली शाह गिलानी हों, हिजबà¥à¤² सरगना सलाहà¥à¤¦à¥€à¤¨ या फिर दà¥à¤–तरान-à¤-मिलà¥à¤²à¤¤ की आसिया आंदà¥à¤°à¤¾à¤¬à¥€ हो। न आज तक इनके बचà¥à¤šà¥‡ कà¤à¥€ किसी पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ में शामिल हà¥à¤ न पतà¥à¤¥à¤° उठाते और न ही आतंकी बनते। जब कशà¥à¤®à¥€à¤° इनकी कलà¥à¤·à¤¿à¤¤ मानसिकता की à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿà¥€ में जलता है तब यह अपने बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को कशà¥à¤®à¥€à¤° से बाहर à¤à¥‡à¤œ देते है या इनके बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ विदेशों में आराम फरमा रहे होते हैं।
वरà¥à¤· 2008 के दंगों की बात हो या 2010 या 16 की। सेना पर हमला करने वाले कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ यà¥à¤µà¤¾ किस तरह इन लोगों के बो(क आतंक की चपेट में आकर अपना जीवन बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ कर डालते हैं। यासीन मलिक कशà¥à¤®à¥€à¤° के अनà¥à¤¦à¤° इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• डà¥à¤°à¥‡à¤¸ बà¥à¤°à¥à¤•à¥‡ आदि की पैरवी करता है लेकिन उनकी पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ पतà¥à¤¨à¥€ मà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¤¾ हà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ लनà¥à¤¦à¤¨ सà¥à¤•à¥‚ल ऑफ इकोनॉमिकà¥à¤¸ से गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤Ÿ हैं और वह यूरोपीय परिधान ही पसंद करती है। मà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¤¾ के पिता à¤à¤® ठहà¥à¤¸à¥ˆà¤¨ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के जाने माने इकà¥à¤¨à¥‹à¤®à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿ हैं और उनकी माठपाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की पारà¥à¤Ÿà¥€ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग की महिला मोरà¥à¤šà¤¾ की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· है। इनके बाद दूसरे अलगाव नेता मीर वाइज उमर फारà¥à¤• का नाम आता है। उमर फारà¥à¤• की पतà¥à¤¨à¥€ शीबा मसदी अमेरिकी मूल की है जो अपनी बेटी के साथ अमेरिका में ही रहती है। फारà¥à¤• की बहन राबिया फारà¥à¤• अमेरिका में डॉकà¥à¤Ÿà¤° है। गिलानी का उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ माना जा रहा मोहमà¥à¤®à¤¦ अशरफ सहराई का बेटा आबिद à¤à¥€ दà¥à¤¬à¤ˆ में कमà¥à¤ªà¥à¤¯à¥‚टर इंजीनियर है। à¤à¤• अनà¥à¤¯ हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ नेता गà¥à¤²à¤¾à¤® मोहमà¥à¤®à¤¦ सà¥à¤®à¤œà¥€ इनका बेटा जà¥à¤—नू दिलà¥à¤²à¥€ रहकर अपनी पà¥à¤¾à¤ˆ कर रहा है उसे छोटी आयॠमें दिलà¥à¤²à¥€ यह कहकर रिशà¥à¤¤à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के पास à¤à¥‡à¤œ दिया था कि कशà¥à¤®à¥€à¤° की फिजा खराब है। कà¥à¤¯à¤¾ हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ नेता बता सकते है कि कशà¥à¤®à¥€à¤° की फिजा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और किसके दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ खराब है?
दà¥à¤–तरान-à¤-मिलà¥à¤²à¤¤ की फरीदा à¤à¤• महिला अलगाववादी नेता के रूप में पà¥à¤°à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤ है कशà¥à¤®à¥€à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥œà¤•à¤¾à¤¨à¥‡ में अगà¥à¤°à¤£à¥€ à¤à¥‚मिका में रहती है लेकिन इनका बेटा रà¥à¤®à¤¾ मकबूल साऊथ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ में डॉकà¥à¤Ÿà¤° है हालाà¤à¤•à¤¿ 2014 के चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में फरीदा को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° कर लिया गया था। आतंकी और हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ नेता मसरत आलम जिनकी रिहाई को लेकर à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾-पीडीपी गठबंधन में 2015 में रार दिखी थी उनके दोनों बेटे शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र के à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ सà¥à¤•à¥‚ल में रहकर पढाई कर रहे हैं। हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ पà¥à¤°à¤µà¤•à¥à¤¤à¤¾ à¤à¤¯à¤¾à¤œ अकबर का बेटा सरवर याकूब पà¥à¤£à¥‡ में रहकर मेनेजमेंट की पढाई कर रहा है। जबकि गरीब और अनपॠकशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ हाथों में पतà¥à¤¥à¤° लिठइस उमà¥à¤®à¥€à¤¦ से डोल रहे हैं कि ये नेता उनकी आजादी की लड़ाई लड़ रहे हैं। यही नहीं यदि इसके बाद शेष à¤à¤¾à¤°à¤¤ के उन मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® नेताओं पर गौर करे जो हमेशा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ को शिकà¥à¤·à¤¾ की मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ से हटाकर उनके लिठराजनैतिक सà¥à¤¤à¤° पर मदरसों की मांग करते हैं उन सबके बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¥€ विदेशों में पà¥à¤¤à¥‡ हैं या फिर à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ही ऊà¤à¤šà¥‡ पदों पर विराजमान है। हमेशा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के लिठशरियत या फिर अनà¥à¤¯ इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• कानूनों को थोपने वाले ओवेशी ने खà¥à¤¦ विदेश से शिकà¥à¤·à¤¾ हासिल की है। कà¥à¤¯à¤¾ आज गरीब मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® इन पैंतरों को नहीं समठपा रहा है कि किस तरह यह लोग मजहब का नाम लेकर उनके बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ से खेल रहे हैं। अगर कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ ने अपनी सोच के रवैये में बदलाव नहीं किया, तो आतंक की आग में वह à¤à¥à¤²à¤¸à¤¤à¤¾ रहेगा और अपने और कशà¥à¤®à¥€à¤° के à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ को गडà¥à¤¢à¥‡ में धकेले जाने के लिठअà¤à¤¿à¤¶à¤ªà¥à¤¤ रहेगा।
राजीव चौधरी
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