तो राम का जनà¥à¤® कहाठहà¥à¤† था?
Author
Rajeev ChoudharyDate
22-Mar-2017Category
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HindiTotal Views
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Sandeep AryaUpload Date
22-Mar-2017Download PDF
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वहाठà¤à¤• मंदिर था जिसे बाबर ने धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ करा कर बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ बनवा दी.
योगी आदितà¥à¤¯à¤¨à¤¾à¤¥ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सबसे बड़े राजà¥à¤¯ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ के तौर पर मनोनीत हो गये. हर à¤à¤• फैसले की तरह इस फैसले से à¤à¥€ लोगों में खà¥à¤¶à¥€ और निराशा बराबर का माहौल है. लेकिन जो सबसे बड़ा सवाल है वो है कि कà¥à¤¯à¤¾ अब अयोधà¥à¤¯à¤¾ में राम मंदिर बनेगा? हालाà¤à¤•à¤¿ यह मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• बताया जाता रहा है à¤à¤¸à¤¾ मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ जिसे सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ à¤à¥€ नेताओं के पाले में फेंक देती है. इस बार फिर सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने अहम टिपपà¥à¤£à¥€ करते हà¥à¤ कहा कि दोनों पकà¥à¤· मसले को बातचीत के जरिठसà¥à¤²à¤à¤¾à¤à¤‚. कोरà¥à¤Ÿ ने कहा कि ये धरà¥à¤® और आसà¥à¤¥à¤¾ से जà¥à¥œà¤¾ मामला है और संवेदनशील मसलों का हल आपसी बातचीत से हो.
कà¥à¤² मिलाकर देश का राजनीतिक हालात à¤à¤¸à¤¾ है कि सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ à¤à¥€ इस मामले से अपनी दà¥à¤°à¥€ बनाये रखना उचित समठरही है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤²à¥‡ ही यह मामला आम लोगों के आसà¥à¤¥à¤¾ का हो पर राजनितिक दलों के लिठयह मामला वोट के बिंदॠको पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कर देखा जाता रहा है. आजाद होने के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संविधान में हर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ की गारंटी दी गई, यह बात à¤à¥€ तय हà¥à¤ˆ कि 15 अगसà¥à¤¤ 1947 को जो धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤² जिस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में था उसे जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लिया जाà¤à¤—ा. लेकिन बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ को इससे अलग रखा गया. यानी यह à¤à¤• विवादासà¥à¤ªà¤¦ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जमीनी विवाद माना गया जिसका फैसला होना था कि इस पर किसका अधिकार है. हिंदà¥à¤“ं का दावा है कि à¤à¤—वान राम का उसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर जनà¥à¤® हà¥à¤† था, जहाठबाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ बनी हà¥à¤ˆ थी. वहाठà¤à¤• मंदिर था जिसे बाबर ने धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ करा कर बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ बनवा दी. वैसे तो बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ पर मालिकाना हक का मामला तो सौ बरस से à¤à¥€ अधिक पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ है. लेकिन यह अदालत पहà¥à¤à¤šà¤¾ 1949 में 23 दिसंबर जब सवेरे बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ का दरवाजा खोलने पर पाया गया कि उसके à¤à¥€à¤¤à¤° हिंदà¥à¤“ं के आराधà¥à¤¯ देव राम के बाल रूप की मूरà¥à¤¤à¤¿ रखी थी. इस जगह हिंदà¥à¤“ं के आराधà¥à¤¯ राम की जनà¥à¤®à¤à¥‚मि होने का दावा करने वाले हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं ने कहा था कि रामलला यहाठपà¥à¤°à¤•à¤Ÿ यानि पैदा हà¥à¤ हैं. लेकिन मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ इस तरà¥à¤• से सहमत नहीं थे और मामला कोरà¥à¤Ÿ में चला गया जमीन विवाद में उलà¤à¥€ अयोधà¥à¤¯à¤¾ रामजनà¥à¤® à¤à¥‚मि ने अब मंदिर, मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ विवाद का रूप ले लिया था.
खैर सविंधान की अवहेलना कर बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ को छह दिसंबर 1992 को धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ कर दिया गया था. उसके बाद हर साल इस दिन बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ के समरà¥à¤¥à¤• “काला दिन” और मंदिर समरà¥à¤¥à¤• विजय दिवस के रूप मनाते आ रहे रहे हैं हालाà¤à¤•à¤¿ 500 साल पहले वहाठकà¥à¤¯à¤¾ था और कà¥à¤¯à¤¾ नहीं था, ये तो पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¤à¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦ और इतिहासकार या फिर राम ही जाने, लेकिन पिछले 100 साल से बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में धरà¥à¤® और नफरत की राजनीति की धà¥à¤°à¥€ बन कर रह गई है. हिनà¥à¤¦à¥‚ राम के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आसà¥à¤¥à¤¾ को तो à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ जिनका बाबर से कोई तालà¥à¤•à¥à¤• दूर-दूर तक नहीं लेकिन à¤à¤• जिद लेकर बैठे है. जबकि मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ का à¤à¤• पà¥à¤¾ लिखा तबका समà¤à¤¤à¤¾ है कि जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ में इसà¥à¤²à¤¾à¤® का पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ नहीं हà¥à¤† था तब तक यहाठजरà¥à¤° मंदिर ही रहा होगा और दूसरा इसà¥à¤²à¤¾à¤® में इबादत के लिठकोई विशेष सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ जरूरी नहीं होता मसलन यदि कोई मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ में इबादत के लिठघर से निकलता है यदि वो किसी कारण लेट हो जाये तो वह रासà¥à¤¤à¥‡ में किसी चबूतरें, सड़क किनारें, बस, या टà¥à¤°à¥‡à¤¨ à¤à¥€ नमाज अदा कर लेता है तो कà¥à¤¯à¤¾ वह जगह मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ हो गयी? परनà¥à¤¤à¥ पूजा के लिठनिकला कोई हिनà¥à¤¦à¥‚ मंदिर में ही पूजा करता है बीच रासà¥à¤¤à¥‡ में नहीं. इस कारण बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ की आसà¥à¤¥à¤¾ की कदà¥à¤° करते हà¥à¤ à¤à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ दूसरी जगह नहीं बन सकती है!
बहराल बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ की जा चà¥à¤•à¥€ है लेकिन इसके मलबे में नफरत की राजनीति अब à¤à¥€ हो रही है. सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास में हिंदà¥à¤“ं और मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के बीच किसी à¤à¤• मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ ने à¤à¤¸à¥€ खाई और à¤à¤¸à¤¾ मतà¤à¥‡à¤¦ पैदा नहीं किया जैसा कि बाबरी-राम मंदिर के मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ ने किया है. à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ गणराजà¥à¤¯ बाबरी मलबे का अà¤à¥€ तक बंधक बना हà¥à¤† है. à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• उदार और संवैधानिक समाज है. देश का संविधान à¤à¤¾à¤°à¤¤ की जनता की सामूहिक चेतना का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¿à¤‚ब है. मौजूदा दौर में धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ पर किसी समूह संगठन या विशेष समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ à¤à¤•à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤° नहीं हो सकता. तिरà¥à¤ªà¤¤à¤¿, ताजमहल और अयोधà¥à¤¯à¤¾ बिना किसी धारà¥à¤®à¤¿à¤• और सामà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ के पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ की विरासत हैं. सदियों की कशमकश के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤• बेहतर à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ की दहलीज पर है. सवा अरब à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ अतीत के मलबे के कब तक बंदी बने रहेंगे?
मेरा मानना है जब अयोधà¥à¤¯à¤¾ राम का जनà¥à¤® सà¥à¤¥à¤² है तो मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को आगे बढ कर ये कहना चाहिठकि हां मंदिर बनाओ, तब ही मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤•à¤¤à¤¾ व à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¤¤à¤¾ का उदारता का सचà¥à¤šà¤¾ उदहारण दे पाà¤à¤à¤—े. यदि à¤à¤• मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ की हैसियत से वो बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ का केस जीत à¤à¥€ जाà¤à¤à¤—े तो तो मà¥à¤à¥‡ कोई दà¥à¤– à¤à¥€ नही होगा, अगर हार जाà¤à¤à¤—े तो कोई खà¥à¤¶à¥€ नही होगी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मजहब या धरà¥à¤® का पहला सबक ही है इंसानियत, à¤à¤¾à¤ˆà¤šà¤¾à¤°à¤¾, देश ने इस छोटे से मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ की कीमत बहà¥à¤¤ बड़ी चà¥à¤•à¤¾à¤ˆ है, अब बस करो जब नबी की à¤à¥‚मि संयà¥à¤•à¥à¤¤ अरब अमीरात जैसा इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• मà¥à¤²à¥à¤• मंदिर के लिठजमीन दे सकता है. तब हमारा तो इतिहास साà¤à¤¾ पूरà¥à¤µà¤œ साà¤à¥‡, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और विरासत साà¤à¥€ सब कà¥à¤› साà¤à¤¾ है तो आओ मंदिर और मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ à¤à¥€ साà¤à¤¾ कर पà¥à¤°à¥‡ विशà¥à¤µ को à¤à¤•à¤¤à¤¾ उदारता का कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न परिचय दे! ताकि अगली बार जब जनसà¤à¤–à¥à¤¯à¤¾ की गणना हो तो उसमे हिनà¥à¤¦à¥‚ और मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® नहीं बलà¥à¤•à¤¿ इंसानों की गणना में हमारा नाम आये...राजीव चौधरी
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