हम कब तक शहीद गिनते रहेंगे ?
Author
Rajeev ChoudharyDate
27-Apr-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
958Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
27-Apr-2017Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
- कà¥à¤¯à¤¾ आतà¥à¤®à¤¾à¤à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में बोलती है..?
कà¤à¥€ दंतेवाडा कà¤à¥€ बसà¥à¤¤à¤°, कà¤à¥€ उडी तो कà¤à¥€ सà¥à¤•à¤®à¤¾ जवान शहीद होते रहेंगे हम लोग बस शहीद गिनते रहेंगे और राजनेता निंदा के साथ मà¥à¤‚हतोड़ जवाब देने की बात करते रहेंगे. हà¥à¤°à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤ हो या नकà¥à¤¸à¤²à¤µà¤¾à¤¦ ये विचारधारा दिन पर दिन हावी होती जा रही है. कà¥à¤› लोग नकà¥à¤¸à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को आतंकी नहीं मानते तो तो कà¥à¤› पतà¥à¤¥à¤°à¤¬à¤¾à¤œà¥‹à¤‚ को मासूम कहने से नहीं हिचकते. या फिर à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ विचारधारा के शिकार कहकर इनका बचाव किया जाता है. à¤à¤• छोटा सा देश शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का, लिटà¥à¤ े का नामोनिशान मिटा देता है, यहाठसà¥à¤µà¤¯à¤‚ को महाशकà¥à¤¤à¤¿ समà¤à¤¨à¥‡ वाला à¤à¤¾à¤°à¤¤ नकà¥à¤¸à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से पचासों साल से जूठरहा है. हर हमले के बाद राजनेता टà¥à¤µà¥€à¤Ÿ कर निंदा कर देते है. मीडिया à¤à¤• दिन बहस कराकर अगले दिन मानवता के पाठके मासूम बताने लगती है.
इन 26 जवानों की शाहदत से देश के किस नौजवान का खून नहीं खोला होगा. किस माठकी आà¤à¤–े नम नहीं हà¥à¤ˆ होगी, 26 घरों के चिराग बà¥à¤ गये कà¥à¤¯à¤¾ अब à¤à¥€ वे नकà¥à¤¸à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सही ठहराà¤à¤‚गे? यदि नहीं तो कब तक हम शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि देते रहेंगे? आज का नकà¥à¤¸à¤² आंदोलन 1967 वाला आदरà¥à¤¶à¤µà¤¾à¤¦à¥€ आंदोलन नहीं रहा है. बलà¥à¤•à¤¿ यह सामà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ रंगदारी वसूलनेवाले आपराधिक गिरोह में बदल चà¥à¤•à¤¾ है. इन पथà¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿ लोगों का सामà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ और गरीबों से अब कà¥à¤› à¤à¥€ लेना-देना नहीं है. हाà¤, इनका धंधा गरीबों के गरीब बने रहने पर ही टिका जरूर है इसलिठये लोग अपने इलाकों में कोई à¤à¥€ सरकारी योजना लागू नहीं होने देते हैं और यहाठतक कि सà¥à¤•à¥‚लों में पà¥à¤¾à¤ˆ à¤à¥€ नहीं होने देते. आप ही बताईठकि जो लोग देश के 20 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² पर à¤à¤•à¤›à¤¤à¥à¤° शासन करते हैं वे à¤à¤²à¤¾ समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मानने लगे?
हर दिन, हर सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹, हर महीना, हर साल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जवान मरते रहते है, राजनेता आरोप पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤ª लगाकर इस खून सनी जमीन पर मिटटी डालते रहते है. लगता है वोट के इस बड़े धंधे में जवानों को à¤à¥‹à¤‚का जा रहा है आज हमारी वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ केंदà¥à¤° सरकार नकà¥à¤¸à¤²à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾ को जितने हलà¥à¤•à¥‡ में ले रही है यह समसà¥à¤¯à¤¾ उतनी हलà¥à¤•à¥€ है नहीं है. यह समसà¥à¤¯à¤¾ हमारी संपà¥à¤°à¤à¥à¤¤à¤¾ को खà¥à¤²à¥€ चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ है, हमारी à¤à¤•à¤¤à¤¾ और अखंडता के मारà¥à¤— में सबसे बड़ी बाधा है. हमेशा से नकà¥à¤¸à¤²à¤µà¤¾à¤¦à¥€ इलाकों में सरकार योजना लेकर जाती है. लेकिन लाशे लेकर आती है. à¤à¤²à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ कोई à¤à¤¸à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ हो सकती है? कà¥à¤¯à¤¾ यह सच नहीं है कि हमारे संविधान और कानून का शासन छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ॠराजà¥à¤¯ के सिरà¥à¤« शहरी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में ही चलता है? कà¥à¤¯à¤¾ यह सच नहीं है कि वहाठके नकà¥à¤¸à¤²à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में जाने से हमारे सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾-बल à¤à¥€ डरते हैं तो योजनाà¤à¤ कà¥à¤¯à¤¾ जाà¤à¤‚गी?
आज इन सवालों से मà¥à¤‚ह नहीं मोड़ा जा सकता कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मधà¥à¤¯ हिसà¥à¤¸à¥‡ में नकà¥à¤¸à¤² बाहà¥à¤² इलाकों में इन लोगों के पास धन और हथियार कहाठसे आता है? कौन लोग इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लाल कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति के नाम पर उकसा रहे है? यदि सरकार विशà¥à¤µ के सामने अपनी उदार छवि पेश करना चाहती तो उसे सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की छवि à¤à¥€ पेश करनी होगी. जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° और मिजोरम के बाद कई राजà¥à¤¯ संघरà¥à¤· के तीसरें केंदà¥à¤° के रूप में उà¤à¤°à¥‡ हैं जहाठपर माओवादियों के विरूदà¥à¤§ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बलों की वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• तैनाती हà¥à¤ˆ हैं पिछले लगà¤à¤— साà¥à¥‡ चार दशकों से चल रहा माओवाद जैसा कोई à¤à¥€ à¤à¥‚मिगत आंदोलन बिना वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• जन सरà¥à¤®à¤¥à¤¨ और राजनेताओं के संà¤à¤µ है? लंबे अरसे से नकà¥à¤¸à¤² अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ पर नजर रखे सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ का मानना है कि बिना तैयारी के सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बलों को नकà¥à¤¸à¤² विरोधी अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ में à¤à¥‹à¤‚क देना à¤à¥‚खे à¤à¥‡à¤¡à¤¿à¤¼à¤¯à¥‹à¤‚ को नà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¾ देने के बराबर है. नकà¥à¤¸à¤² अकसर ही गà¥à¤°à¤¿à¤²à¥à¤²à¤¾ लड़ाई का तरीका अपनाते हैं और उनकी हमला कर गायब होने जाने की रणनीति सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बलों के लिये खासा खतरनाक साबित हà¥à¤† है. नकà¥à¤¸à¤²à¥€ जिन इलाकों में अपना पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ रखते हैं वहाठपहà¥à¤‚चने के साधन नहीं हैं. पिछले दस सालों से इन इलाकों में न ही सरकार और न ही सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सियों ने पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने का जोखिम लिया है. जिस कारण यह लोग मजबूत होते गये. à¤à¤• समय देश की सड़कों पर जाते समय छायादार वृकà¥à¤· दिखाई देते थे आज किसी पर सडक पर निकल जाओं शहीद सिपाहियों के सà¥à¤®à¤¾à¤°à¤• दिखाई देते हैं. जब मौत केवल आंकड़ा बन जाà¤. जवाब केवल ईंट और पतà¥à¤¥à¤° में तोला जाà¤. जब दरà¥à¤¦, हमदरà¥à¤¦ देने लगें. तो सà¥à¤•à¤®à¤¾ बार बार होगा. जबकि इस देश का इतिहास देखे तो यà¥à¤¦à¥à¤§ के दौरान कई बार कृषà¥à¤£ ने अरà¥à¤œà¥à¤¨ से परंपरागत नियमों को तोड़ने के लिठकहा था जिससे धरà¥à¤® की रकà¥à¤·à¤¾ हो सके. करà¥à¤£ की हतà¥à¤¯à¤¾ इसका सबसे बड़ा उदà¥à¤§à¤°à¤£ हैं, यà¥à¤¦à¥à¤§ के दौरान करà¥à¤£ निःशसà¥à¤¤à¥à¤° थे तब कृषà¥à¤£ ने अरà¥à¤œà¥à¤¨ से कहा हे पारà¥à¤¥ धरà¥à¤® की जीत के लिठकरà¥à¤£ का वध जरूरी है....
ALL COMMENTS (0)