ईशà¥à¤µà¤°-जीवातà¥à¤®à¤¾ का परसà¥à¤ªà¤° संबंध और ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ मनà¥à¤·à¥à¤¯ का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯â€™
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Manmohan Kumar AryaDate
16-May-2017Category
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16-May-2017Download PDF
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मनà¥à¤·à¥à¤¯ जानता है कि वह à¤à¤• चेतन सतà¥à¤¤à¤¾ है। जीवित अवसà¥à¤¥à¤¾ में चेतन सतà¥à¤¤à¤¾ जीवातà¥à¤®à¤¾ शरीर में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहती है। मृतà¥à¤¯à¥ होने पर जीवातà¥à¤®à¤¾ शरीर को छोड़कर चली जाती है। जीवातà¥à¤®à¤¾ का शरीर में रहना जीवन और उसका शरीर से निकल जाना ही मृतà¥à¤¯à¥ कहलाता है। किसी ने न तो जीवातà¥à¤®à¤¾ को देखा है और न परमातà¥à¤®à¤¾ को। इसका कारण à¤à¤• ही हो सकता है कि हम बहà¥à¤¤ सूकà¥à¤·à¥à¤® व बहà¥à¤¤ विशाल चीजों को देख नहीं पाते। जीवातà¥à¤®à¤¾ का दिखाई न देने का कारण इसका अतà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ सूकà¥à¤·à¥à¤® होना ही है। ईशà¥à¤µà¤° इससे à¤à¥€ सूकà¥à¤·à¥à¤® व सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ होने से सबसे बड़ा है, इसलिये यह दोनों दिखाई नही देते। आंखों से दिखने वाली वसà¥à¤¤à¥à¤“ं का ही असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ नहीं होता। संसार में à¤à¤¸à¥‡ अनेक सूकà¥à¤·à¥à¤® पदारà¥à¤¥ हैं जिनकी विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ सिदà¥à¤§ होने पर à¤à¥€ वह दिखाई नहीं देते। हमने आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨, हाईडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨, नाईटà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨ आदि अनेक गैसों के नाम सà¥à¤¨ रखे हैं। विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से इनकी सतà¥à¤¤à¤¾ सिदà¥à¤§ है। हम जो शà¥à¤µà¤¾à¤‚स लेते हैं उसमें आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ गैस पà¥à¤°à¤®à¥à¤– रूप से होती हैं। कà¥à¤¯à¤¾ हम पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤µà¤¾à¤¯à¥ आकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ जिसका चैबीस घंटे सेवन करते हैं देख पाते हैं? उतà¥à¤¤à¤° है कि नहीं देख पाते। अतः जीवातà¥à¤®à¤¾ और ईशà¥à¤µà¤° à¤à¥€ अति सूकà¥à¤·à¥à¤® होने के कारण दिखाई नहीं देते परनà¥à¤¤à¥ इनका असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ सिदà¥à¤§ है। कारण की शरीर की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ जीवातà¥à¤®à¤¾ के असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ हैं। शरीर में कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ है तो शरीर में जीवातà¥à¤®à¤¾ अवशà¥à¤¯ है। यदि शरीर में कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ होना समापà¥à¤¤ हो जायें तो वह जीवित नहीं मृतक शरीर होता है। किसी à¤à¥€ जड़ पदारà¥à¤¥ में सोची समà¤à¥€ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡ सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ नहीं होती। जहां जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• कारà¥à¤¯ व कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ होती हैं, वहां करà¥à¤¤à¤¾, कोई चेतन ततà¥à¤µ का होना सिदà¥à¤§ होता है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ के कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और ईशà¥à¤µà¤° की जगत की उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿, सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ व पालन को देखकर व जानकर जीवातà¥à¤®à¤¾ व ईशà¥à¤µà¤° दोनों का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ सिदà¥à¤§ होता है।
ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ के संबंध पर विचार करें तो हमें जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि ‘ईशà¥à¤µà¤° सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¸à¥à¤µà¤°à¥à¤ª, निराकार, सरà¥à¤µà¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨, नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€, दयालà¥, अजनà¥à¤®à¤¾, निरà¥à¤µà¤¿à¤•à¤¾à¤°, अनादि, अनà¥à¤ªà¤®, सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¾à¤°, सरà¥à¤µà¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°, सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•, सरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€, अजर, अमर, अà¤à¤¯, नितà¥à¤¯, पवितà¥à¤° और सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ है।’ ईशà¥à¤µà¤° का यह सà¥à¤µà¤°à¥‚प जगत वा सृषà¥à¤Ÿà¤¿ में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ है जिसे विवेक बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ से जाना जा सकता है। उदाहरणारà¥à¤¥ ईशà¥à¤µà¤° सतà¥à¤¯, चेतन ततà¥à¤µ व आननà¥à¤¦ से यà¥à¤•à¥à¤¤ सतà¥à¤¤à¤¾ है। यह जगत ईशà¥à¤µà¤° के सतà¥à¤¯ होने का पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पांचों जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से यह अनà¥à¤à¥‚ति में आता है। जगत का कतà¥à¤°à¥à¤¤à¤¾ वही à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° ईशà¥à¤µà¤° है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि चेतन ततà¥à¤µ में ही जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व तदनà¥à¤°à¥‚प कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ होती है। यह सृषà¥à¤Ÿà¤¿ à¤à¥€ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ की पराकाषà¥à¤ ा है इससे à¤à¥€ ईशà¥à¤µà¤° चेतन ततà¥à¤µ व सरà¥à¤µà¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ सिदà¥à¤§ होता है। ईशà¥à¤µà¤° सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ से आननà¥à¤¦ से यà¥à¤•à¥à¤¤ है। हर कà¥à¤·à¤£ व हर पल वह आननà¥à¤¦ से यà¥à¤•à¥à¤¤ रहता है। यदि à¤à¤¸à¤¾ न होता तो वह सृषà¥à¤Ÿà¤¿ नहीं बना सकता था और न हि अनà¥à¤¯ ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ कारà¥à¤¯, सृषà¥à¤Ÿà¤¿ का पालन, जीवों के सà¥à¤–-दà¥à¤ƒà¤– रूपी à¤à¥‹à¤—ों की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ आदि कारà¥à¤¯ कर सकता था। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से ईशà¥à¤µà¤° के विषय में जो बातें कही हैं वह जानी व समà¤à¥€ जा सकती है। यही ईशà¥à¤µà¤° का सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प है।
जीवातà¥à¤®à¤¾ के सà¥à¤µà¤°à¥‚प पर विचार करें तो हमें मनà¥à¤·à¥à¤¯ के शरीर व अनà¥à¤¯ पशà¥, पकà¥à¤·à¥€ आदि के शरीरों को अपनी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ में रखना पड़ता है। विचार करने पर पता चलता है कि जीवातà¥à¤®à¤¾ सतà¥à¤¯, चितà¥à¤¤ वा चेतन पदारà¥à¤¥, à¤à¤•à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ न कि सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•, अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ अलà¥à¤ª जà¥à¤žà¤¾à¤¨ वाला, अलà¥à¤ª शकà¥à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤²à¤¾, अनादि, उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ के कारण से रहित, नितà¥à¤¯, अमर व अविनाशी, अजर, शसà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ से काटा नहीं जा सकता, अगà¥à¤¨à¤¿ में जल कर नषà¥à¤Ÿ नहीं होता, वायॠइसे सà¥à¤–ा नहीं सकती, जल इसे गीला नहीं कर सकता, जनà¥à¤® व मरण धरà¥à¤®à¤¾, अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ अवसà¥à¤¥à¤¾ में दà¥à¤ƒà¤–ों से यà¥à¤•à¥à¤¤ व जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सà¥à¤–ी होने वाला आदि अनेकानेक गà¥à¤£à¥‹à¤‚ से यà¥à¤•à¥à¤¤ होता है। जीवातà¥à¤®à¤¾ संखà¥à¤¯à¤¾ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से विशà¥à¤µ व बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£à¥à¤¡ में अननà¥à¤¤ हैं। इनके लिठही ईशà¥à¤µà¤° ने संसार की रचना की व सà¤à¥€ जीवों को उनके पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤¬à¥à¤§ व पूरà¥à¤µ जनà¥à¤®à¥‹à¤‚ के अà¤à¥à¤•à¥à¤¤ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के आधार पर शरीर पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किये हैं। यह शरीर ईशà¥à¤µà¤° ने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को à¤à¥‹à¤—ने के लिठदिठहैं। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन का यह विशेष गà¥à¤£ है कि यह उà¤à¤¯ योनि हैं जबकि अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ à¤à¥‹à¤— योनियां ही हैं। मनà¥à¤·à¥à¤¯ योनि में शरीरसà¥à¤¥ जीवातà¥à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤¬à¥à¤§ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पूरà¥à¤µ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को à¤à¥‹à¤—ता à¤à¥€ है और नये करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को करता à¤à¥€ है। यह नये करà¥à¤® ही उसके पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤® का आधार होते हैं।
मनà¥à¤·à¥à¤¯ को शà¥à¤ करà¥à¤® करने के लिठशिकà¥à¤·à¤¾ व जà¥à¤žà¤¾à¤¨ चाहिये। यह उसे ईशà¥à¤µà¤° ने पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया हà¥à¤† है। वह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ वेद है जो सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आदि में दिया गया था। इस जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° व पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤µà¤‚ रकà¥à¤·à¤¾ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ की आदि से सà¤à¥€ ऋषि मà¥à¤¨à¤¿ व सचà¥à¤šà¥‡ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ करते आये हैं। आज à¤à¥€ हमारे करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ का दà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤• वा मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤• वेद व वैदिक साहितà¥à¤¯ ही है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ व अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤§à¤¾à¤°à¥€ जो à¤à¥‹à¤œà¤¨ आदि करते हैं वह सब à¤à¥€ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ में ईशà¥à¤µà¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करायें गये हैं। इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ पर विचार कर à¤à¥€ निषà¥à¤•à¤°à¥à¤· निकाले जा सकते हैं। इससे जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ व पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ ईशà¥à¤µà¤° के ऋणी हैं। जीव ईशà¥à¤µà¤° का ऋण चà¥à¤•à¤¾à¤¯à¤‚े, इसका ईशà¥à¤µà¤° से कोई आदेश नहीं है। इतना अवशà¥à¤¯ है कि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ सचà¥à¤šà¤¾ मनà¥à¤·à¥à¤¯ बने। वह ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤ हो, देश à¤à¤•à¥à¤¤, मातृ-पितृ à¤à¤•à¥à¤¤ हो, गà¥à¤°à¥ व आचारà¥à¤¯ à¤à¤•à¥à¤¤ हो, जà¥à¤žà¤¾à¤¨ अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ कर शà¥à¤ करà¥à¤® करने वाला हो, शाकाहारी हो, सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¥‡à¤® करने वाला व उनका रकà¥à¤·à¤• हो आदि। ईशà¥à¤µà¤° सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¤¸à¤¾ ही देखना चाहता है। यह वेदों में मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ शिकà¥à¤·à¤¾ है। यदि मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤¸à¤¾ नहीं करेगा तो वह उसका अशà¥à¤ करà¥à¤® होने के कारण ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से दणà¥à¤¡à¤¨à¥€à¤¯ हो सकता है।
ईशà¥à¤µà¤° जीवातà¥à¤®à¤¾à¤“ं पर उनके पूरà¥à¤µà¤œà¤¨à¥à¤® के करà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤• नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ की तरह नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ करता है और उसे मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ जनà¥à¤® देता है। इस कारण वह सà¤à¥€ जीवों का माता व पिता दोनों है। ईशà¥à¤µà¤° ने हमें वेद जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिया है और जब à¤à¥€ हम कोई अचà¥à¤›à¤¾ व बà¥à¤°à¤¾ काम करते हैं तो हमारी आतà¥à¤®à¤¾ में अचà¥à¤›à¥‡ काम करने पर पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ व बà¥à¤°à¥‡ काम करने पर à¤à¤¯, शंका व लजà¥à¤œà¤¾ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करता है। यह ईशà¥à¤µà¤° ही करता है जिससे ईशà¥à¤µà¤° का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ सिदà¥à¤§ होता है। इससे ईशà¥à¤µà¤° हमारा गà¥à¤°à¥ व आचारà¥à¤¯ सिदà¥à¤§ होता है। वेद मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में ईशà¥à¤µà¤° को मितà¥à¤° व सखा à¤à¥€ कहा गया है। ईशà¥à¤µà¤° दयालॠव धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ है। धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ सबका मितà¥à¤° होता है। अतः ईशà¥à¤µà¤° à¤à¥€ हमारा मितà¥à¤° व सखा है। मितà¥à¤° का गà¥à¤£ बà¥à¤°à¥‡ समय में मितà¥à¤° की सहायता व सहयोग करना होता है। ईशà¥à¤µà¤° à¤à¥€ हर कà¥à¤·à¤£, यहां तक की पूरे जीवनकाल में व मृतà¥à¤¯à¥à¤•à¤¾à¤² के बाद व नये जनà¥à¤® से पूरà¥à¤µ तक à¤à¥€, हमारे साथ रहता है व हमें दà¥à¤ƒà¤–ों से दूर रखने के साथ हमें दà¥à¤ƒà¤–ों से बचाता à¤à¥€ है, इसी लिठवह हमारा सचà¥à¤šà¤¾ व सनातन मितà¥à¤° है। ईशà¥à¤µà¤° हमारा सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ व राजा à¤à¥€ है। यह à¤à¥€ कह सकते हैं कि वह सब सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€, सब गà¥à¤°à¥à¤“ं का गà¥à¤°à¥, सब राजाओं का à¤à¥€ राजा, नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶à¥‹à¤‚ का à¤à¥€ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ है। यह सब व à¤à¤¸à¥‡ अनेक संबंध हमारे ईशà¥à¤µà¤° के साथ है। हम यदि चाहें व ईशà¥à¤µà¤° à¤à¥€ चाहें तो à¤à¥€ यह समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ विचà¥à¤›à¥‡à¤¦ नहीं हो सकते, सदा सदा बने ही रहेंगे। अतः पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उठता है कि इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ हमारा करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ कà¥à¤¯à¤¾ है?
ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जीवातà¥à¤®à¤¾ का वही समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ है जो पà¥à¤¤à¥à¤° का माता व पिता, मितà¥à¤° का मितà¥à¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿, शिषà¥à¤¯ का गà¥à¤°à¥ व आचारà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ व à¤à¤•à¥à¤¤ का à¤à¤—वान के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ होता है। à¤à¤•à¥à¤¤ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ करने वाले को कहते हैं। à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤—वान के गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को जानकर उसके अनà¥à¤°à¥‚प सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को बनाने, ढालने वा उन गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को धारण करने को कहते हैं। यहां यह à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिये कि ईशà¥à¤µà¤° और जीवातà¥à¤®à¤¾ का वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¯-वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€-सेवक, गà¥à¤°à¥-शिषà¥à¤¯, उपासà¥à¤¯-उपासक का समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ है। जीवातà¥à¤®à¤¾ को ओ३मॠका जप, गायतà¥à¤°à¥€ मनà¥à¤¤à¥à¤° का जप सहित ईशà¥à¤µà¤° का अधिक से अधिक समय तक धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ व उपासना करना होता है। धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ व उपासना में जीवातà¥à¤®à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° के साथ जà¥à¥œ जाता है जिससे लाठयह होता है कि वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•-वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¯ संबंध रखने वाले ईशà¥à¤µà¤°-जीवातà¥à¤®à¤¾ की संगति से जीवातà¥à¤®à¤¾ के गà¥à¤£, करà¥à¤® व सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ ईशà¥à¤µà¤° जैसे बनने आरमà¥à¤ हो जाते हैं। जीवातà¥à¤®à¤¾ दà¥à¤°à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ वा असतà¥à¤¯ को छोड़ कर à¤à¤¦à¥à¤° वा सतà¥à¤¯ को धारण करता है। वह ईशà¥à¤µà¤° की उपासना को अपना नितà¥à¤¯ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ मानता है व करता à¤à¥€ है। वह परोपकार, दीन- दà¥à¤–ियों की सेवा, दान, वेद पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° आदि कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को करता है। यही मनà¥à¤·à¥à¤¯ के करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ हैं। वेदों का सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ करना à¤à¥€ सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ वा परम धरà¥à¤® है। वेदों के सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ करने से सतà¥à¤¯ करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के पालन करने की शिकà¥à¤·à¤¾ व बल मिलता है। यह सब अनà¥à¤à¥‚ति के विषय हैं जिसे सà¥à¤µà¤¯à¤‚ करके ही जाना जा सकता है। आईये ! पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ वेद व वैदिक साहितà¥à¤¯, सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, आरà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤µà¤¿à¤¨à¤¯, ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ व सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ के वà¥à¤°à¤¤ सहित ईशà¥à¤µà¤° के धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ व दैनिक अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° का वà¥à¤°à¤¤ लें, अनà¥à¤¯ दैनिक यजà¥à¤žà¥‹à¤‚ को à¤à¥€ करें और जीवन को सफल करें अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ मोकà¥à¤· मारà¥à¤— पर आगे बà¥à¥‡à¥¤ इसी के साथ लेख को विराम देते हैं। ओ३मॠशमà¥à¥¤
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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