मर जाऊà¤à¤—ी, लेकिन अपना धरà¥à¤® नहीं छोड़ूंगी
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Rajeev ChoudharyDate
30-May-2017Category
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30-May-2017Download PDF
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तारा की सास ने उसे धमकी देते हà¥à¤ कहा था कि ‘इसà¥à¤²à¤¾à¤® कबूल कर लो, अगर नहीं किया तो तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ बिसà¥à¤¤à¤° यही ï
नेशनल शूटर तारा शाहदेव की कहानी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ नहीं है ये साल 2014 में सबको à¤à¤¾à¤µà¥à¤• कर देने वाला वाकà¥à¤¯à¤¾ बना था। उसके शरीर पर पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾ के घाव, सà¥à¤¬à¤•à¤¤à¥‡, सिसकते होटों से उसके बयान, हर किसी की पलकें à¤à¤¿à¤—ो गये थे। अब तीन साल बाद जो सच सामने निकलकर आया वह और à¤à¥€ हैरान कर देने वाला है। लव जिहाद में फंसी नेशनल लेवल की शूटर तारा शाहदेव के मामले में सीबीआई ने कोरà¥à¤Ÿ में इस केस की चारà¥à¤œà¤¶à¥€à¤Ÿ दाखिल की है। सीबीआई की जांच में जो बातें सामने आई हैं वह इस बात का सबूत हैं कि लड़कियों को धोखे में डालकर उनके धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ का बाकायदा अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ चल रहा है। सीबीआई ने तारा शाहदेव से शादी करने वाले रकीबà¥à¤² उरà¥à¤« रंजीत कà¥à¤®à¤¾à¤° कोहली और उसकी मां कौशर के खिलाफ चारà¥à¤œà¤¶à¥€à¤Ÿ जमा की है। इसके मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• रकीबà¥à¤² और उसकी मां तारा से जबरन इसà¥à¤²à¤¾à¤® धरà¥à¤® कबूल करवाने पर अड़े थे। तारा की सास ने उसे धमकी देते हà¥à¤ कहा था कि ‘इसà¥à¤²à¤¾à¤® कबूल कर लो, अगर नहीं किया तो तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ बिसà¥à¤¤à¤° यही रहेगा लेकिन आदमी बदलता रहेगा।’
पूरा मामला जानने के लिठहमें थोड़ा पीछे जाना होगा दरअसल रांची की 23 साल की नेशनल शूटर तारा शाहदेव की रंजीत कोहली उरà¥à¤« रकीबà¥à¤² से 7 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2014 को हिनà¥à¤¦à¥‚ रीति-रिवाज से शादी हà¥à¤ˆ थी। तारा उसे रंजीत कोहली के नाम से जानती थी और इसी नाम से शादी के कारà¥à¤¡ वगैरह à¤à¥€ छपे थे। लेकिन जब शादी हो गई तो तारा को पता चला कि जिसके साथ वो बà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¤•à¤° आई है वह कोई हिनà¥à¤¦à¥‚ नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤• मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ के घर गई है। उसका पति रंजीत नहीं, बलà¥à¤•à¤¿ रकीबà¥à¤² हसन है। पहली ही रात में रकीबà¥à¤² और उसकी मां ने तारा से कह दिया कि अब तà¥à¤®à¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण करके मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बनना होगा। जब वह नहीं मानी तो उस पर अमानवीय जà¥à¤²à¥à¤® किठगà¤à¥¤ जबरन उसका धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ à¤à¥€ करा दिया गया।
इस केस की अगली सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ 1 जून को होगी। सीबीआई ने चारà¥à¤œà¤¶à¥€à¤Ÿ के साथ वे तमाम सबूत और गवाहों के बयानों को à¤à¥€ पेश किया है, जिससे यह साबित होता है कि तारा शाहदेव को सोची-समà¤à¥€ साजिश के तहत फंसाया गया और उसे à¤à¤¾à¤‚से में डालकर शादी की गई। इस सारे खेल का मकसद à¤à¤• हिनà¥à¤¦à¥‚ लड़की को मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बनाना था। सीबीआई ने चारà¥à¤œà¤¶à¥€à¤Ÿ में जिकà¥à¤° किया है कि कैसे 9 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2014 के दिन 25 मौलवियों को बà¥à¤²à¤¾à¤•à¤° तारा पर दबाव बनाया गया और उसे धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण के लिठमजबूर किया गया। जब वह नहीं तैयार हà¥à¤ˆ तो उसे बà¥à¤°à¥€ तरह पीटा और कà¥à¤¤à¥à¤¤à¥‡ से कटवाया गया। यह खबर शायद उन इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ को सोचने पर मजबूर कर दे जो नà¥à¤¯à¥‚ज रूम में बैठकर इसà¥à¤²à¤¾à¤® में नारी के समà¥à¤®à¤¾à¤¨ की बड़ी-बड़ी डींगे हांकते दिखाई देते हैं।
हर वरà¥à¤· à¤à¤¾à¤°à¤¤, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ आदि देशों में इस मजहबी मानसिकता का शिकार हà¥à¤ˆ न जाने कितनी तारा शाहदेव किसी खौफ के कोने में दà¥à¤¬à¤•à¥€ सिसकती मिल जाà¤à¤‚गी, तारा शाहदेव की कहानी से मिलती à¤à¤• घटना अà¤à¥€ पिछले दिनों पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में घटी थी। जो अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर चरà¥à¤šà¤¾ का विषय बनी थी। यहाठतो पà¥à¤°à¥‡à¤® और पà¥à¤°à¤²à¥‹à¤à¤¨ जैसे हतकंडे अपनाये जाते है लेकिन वहां तो पà¥à¤°à¥‡à¤® को à¤à¥€ फालतू का सà¥à¤µà¤¾à¤‚ग समà¤à¤¾ जाता है। बस जिसका मन करता है वह दिन दहाड़े अनà¥à¤¯ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ की खासकर हिनà¥à¤¦à¥‚ लड़कियों को उठा लिया जाता है।
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के मीरपà¥à¤° खास से डेॠघंटे की दूरी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ à¤à¤• गांव निवासी अंजू अपने मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ अपहरणकरà¥à¤¤à¤¾à¤“ं की हिंसा सहने के बाद हाल ही में घर लौटी है। हिनà¥à¤¦à¥‚ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के अधिकारों के लिठकाम करने वाली सामाजिक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ राधा बहेल बताती है कि मीरपà¥à¤° खास जिले में पिछले तीन महीने में तीन हिनà¥à¤¦à¥‚ लड़कियों के जबरन धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ करने की घटनाà¤à¤‚ सामने आ चà¥à¤•à¥€ हैं। अंजू का पांच मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ ने अपहरण कर लिया था। उसे कà¥à¤› महीने कैद में रखा गया ताकि उसका धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ किया जा सके। अदालत के दखल के बाद ही अंजू वापस अपने गांव लौट सकी है। जिस 16 साल की उमà¥à¤° में अंजू को शोख और चंचल होना चाहिठथा, लेकिन उनका चेहरा फीका है। अपनी आपबीती सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ à¤à¥€ उनकी आà¤à¤–ों में नमी न थी जैसे रोने के लिठउनके पास आंसू à¤à¥€ न बचे हों।
वह बताती है ‘मैं अपनी मां के साथ खेतों में घास लेने गई थी। पांच लोग बंदूक लेकर आठऔर बोले कि हमारे साथ चलो नहीं तो गोली मार देंगे। मैं डर के मारे चली गई। वे मà¥à¤à¥‡ बहà¥à¤¤ दूर लेकर गठऔर à¤à¤• घर में जाकर रसà¥à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से बांध दिया।’ "अंजू का कहना है तीन चार महीनों तक उसे बहà¥à¤¤ पीटा गया और जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¤à¥€ की गई, वह बोलते थे कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® अपना लो अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ नहीं छोड़ेंगे, लेकिन मैंने कहा कि मैं मर जाऊà¤à¤—ी, लेकिन अपना धरà¥à¤® नहीं छोड़ूंगी।"
अकà¥à¤¸à¤° हर à¤à¤• छोटी बड़ी घटना के पीछे कोई न कोई परà¥à¤¦à¥‡ के पीछे जरà¥à¤° खड़ा होता है। जिस तरह तारा शाहदेव के मामले में à¤à¤¾à¤°à¤–ंड के दो मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का नाम आया था, उसी तरह पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की अंजू के मामले में दीनी जमातों और उलेमाओं की à¤à¤• राय थी कि अंजू के मामले में पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ इसà¥à¤²à¤¾à¤® के खिलाफ है तो कोई मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ ये कैसे बरà¥à¤¦à¤¾à¤¶à¥à¤¤ कर सकता है। à¤à¤¸à¤¾ नहीं है पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की पà¥à¤²à¤¿à¤¸ इतनी सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ है कि इस तरह के मामलों में फौरी à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ लेती हो! बस जो मामला अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर उठजाता है वहां उसे खà¥à¤¦ को सेकà¥à¤²à¤° और पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ दिखाने का ढोंग करना पड़ता है अंजू के मामले में à¤à¥€ छः महीने बाद कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ की गई थी।
इस सबसे यही पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होता है कि किस तरह सतà¥à¤¤à¤¾ और मजहब की मिली à¤à¤—त से ही à¤à¤¸à¥‡ घिनौने कृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को अंजाम दिया जाता रहा है। लेकिन सवाल यह है कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® के नाम पर अंजू और तारा जैसी मासूम लड़कियों के साथ होने वाली जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¤à¥€ को कैसे रोका जाà¤? हालांकिअंजू हो या तारा à¤à¤¸à¥€ मजबूत लड़कियों को हृदय से नमन जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इतनी पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¥œà¤¨à¤¾, घाव सहकर और विकट परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में रहकर à¤à¥€ अपना धरà¥à¤® नहीं छोड़ा।
----राजीव चौधरी
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