माà¤, माटी और मौलवी
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Rajeev ChoudharyDate
12-Jul-2017Category
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HindiTotal Views
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गाय के नाम पर à¤à¥€à¥œ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हà¥à¤ˆ कà¥à¤› हिंसातà¥à¤®à¤• घटनाओं को लेकर जनà¥à¤¤à¤°-मंतर पर गले में तखà¥à¤¤à¥€ लटकाठविरोध पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ कई दिन पहले सबने देखा था। इसे लिंचिज का नाम दिया था हर किसी की तखà¥à¤¤à¥€ पर लिखा था ‘‘नॉट इज माय नेम’’ ये सब वह लोग थे जो दादरी में अखलाक, हरियाणा में जà¥à¤¨à¥‡à¤¦ की मौत से दà¥à¤–ी थे। ये लोग बार-बार नारा लगा रहे थे कि धरà¥à¤® और गाय के नाम पर अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ यानि के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के खिलाफ हिंसा की जा रही है। असल में नेता और मीडिया जिसे सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हिंसा कहती है, अब बंगाल उसकी चपेट में है। कई दिन से 24 परगना के बशीरहाट में किसी à¤à¤• फेसबà¥à¤• पोसà¥à¤Ÿ से कà¥à¤°à¥( मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ उपदà¥à¤°à¤µ और हिंसा में लिपà¥à¤¤ हैं। यह हिंसा इतनी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ है कि सà¥à¤•à¥‚ल और दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ बंद हैं और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बल लगातार गशà¥à¤¤ लगा रहे हैं। हिंसा में दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को जलाया और बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ किया गया है जो जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की हैं।
जलती दà¥à¤•à¤¾à¤¨, जलते मकान, बेघर सà¥à¤¬à¤•à¤¤à¥‡ लोग मन में सवाल लिठजरूर घूम रहे होंगे कि कà¥à¤¯à¤¾ बंगाल में हिनà¥à¤¦à¥‚ होना गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ है? ममता बनरà¥à¤œà¥€ जब सतà¥à¤¤à¤¾ में आइंरॠतब उनका नारा था माà¤, माटी और मानà¥à¤· लेकिन जिस तरह उनके वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ कारà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में वरà¥à¤— विशेष दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिंसा हो रही है उसे देखकर कोई à¤à¥€ आसानी से कह देगा कि राजà¥à¤¯ में उनका नारा ‘माà¤, माटी और मौलवी’ ही बनकर रह गया। अब तक राजà¥à¤¯ की खबरों से मालूम होता है कि उपदà¥à¤°à¤µà¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की à¤à¥€à¥œ ही हमलावर रही है, हिनà¥à¤¦à¥‚ इसमें शरीक नहीं हà¥à¤ हैं। इस कारण इसे दंगे के बजाय सिरà¥à¤« मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® हिंसा का नाम देना à¤à¥€ गलत नहीं होगा। फेसबà¥à¤• पर पोसà¥à¤Ÿ डालने वाला लड़का गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° हो गया। फिर à¤à¥€ हिंसा हà¥à¤ˆà¥¤ यह à¤à¥€ कहा जा रहा है कि गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ से मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की आहत à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ नहीं हà¥à¤ˆ है तो इसमें सवाल पैदा होते हैं आखिर वे चाहते कà¥à¤¯à¤¾ थे? कà¥à¤¯à¤¾ उस लड़के को उसी वकà¥à¤¤ सजा दी जानी चाहिठथी और कà¥à¤¯à¤¾ वह सजा à¤à¥€à¥œ देती? लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ उसके à¤à¤¸à¤¾ करने से हिंसा न होती? मालदा, धà¥à¤²à¤¾à¤—ॠऔर अब बशीरहाट बंगाल का मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® कà¥à¤¯à¤¾ यही चाहता है कि हर चीज सड़क पर निबटाई जाये?
à¤à¤¸à¤¾ इसलिठनहीं है कि इस राजà¥à¤¯ में सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• तनाव की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ कà¤à¥€ बनती ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ इसलिठकि उनकी खबरें कà¤à¥€ बाहर ही नहीं आती थीं। कम से कम पिछले à¤à¤• हफà¥à¤¤à¥‡ तक तो यही सूरत थी बंगाल में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ दूसरे राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ तादाद में हैं। राजनीतिक दलों में à¤à¥€ वे दिखलाई पड़ते हैं। सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर à¤à¥€ वे दब कर नहीं रहते बलà¥à¤•à¤¿ चà¥à¤•à¤° रहते है पिछले साल मालदा में à¤à¥€ इसी तरह पैगमà¥à¤¬à¤° मोहमà¥à¤®à¤¦ और मजहब के अपमान से गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾à¤ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने सरकारी संपतà¥à¤¤à¤¿ को à¤à¤¾à¤°à¥€ नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¯à¤¾ था। सड़क पर गाड़ियों को आग लगाते मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ खूब घूमती रहीं इससे यह लोग कà¥à¤¯à¤¾ साबित करना चाहते हैं सिरà¥à¤« यही कि मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को मौका दो और देखो? बशीरहाट में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤¾ में हैं। वहां पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¶à¤¨ मौन बना रहा मीडिया की माने तो पूरे पà¥à¤°à¤•à¤°à¤£ में जिस तरह वहां राजà¥à¤¯ सरकार खामोश रही इसे देखकर à¤à¥€ लोग अपनी-अपनी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° अंदाजा लगा सकते हैं।
सरकारी शà¥à¤¤à¥à¤°à¤®à¥à¤°à¥à¤—ी पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ वोट के लालच में सरकार को देखने नहीं देती कि यह बीमारी उसके à¤à¥€à¤¤à¤° मौजूद है। लेकिन यहाठतो बंगाल के सबसे पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ समाचार समूह ने à¤à¥€ इस हिंसा की खबर नहीं बनने दी। धूलागॠहिंसा की खबर को à¤à¥€ इसी तरह दबाने की कोशिश हà¥à¤ˆ थी। हालाà¤à¤•à¤¿ इस बार खबरें बाहर आ रही हैं। हद से कà¥à¤› सेकà¥à¤²à¤°à¤µà¤¾à¤¦ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ नेता इस घटना की निंदा करने के बजाय उलà¥à¤Ÿà¤¾ केंदà¥à¤° सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤‚ के खिलाफ काम कर रहे हैं। पर इसमें à¤à¥€ जो मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ उठा रहे हैं, वह धरà¥à¤® को लेकर ही हैं। ये अफसोस की बात है 2017 में à¤à¥€ आकर इसà¥à¤²à¤¾à¤® को महमूद गजनवी के चशà¥à¤®à¥‡ से और तैमूर की आंखों से ही देखा जा रहा है। जोकि इतिहास का à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ à¤à¤° थे। जब थे, तब थे. जहां थे, वहां थे अब किस बात का सà¥à¤µà¤¾à¤‚ग?
इस मामले में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लेखक ताबिश सिदà¥à¤¦à¥€à¤•à¥€ ने लिखा है कि अगर आप मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ हैं और आपको मेरी बात बà¥à¤°à¥€ लग रही है तो जान लीजिये कि आप पूरी तरह से अरबी दादागिरी की गिरफà¥à¤¤ में हैं। ये सब धरà¥à¤® नहीं है। ये राजनीति है और शà¥à¤¦à¥à¤§ राजनीति। अरबों का इसà¥à¤²à¤¾à¤®, धरà¥à¤® नहीं है. मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ में इसà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤² को बदà¥à¤¦à¥à¤† देना मजहब नहीं है। गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ साल के बचà¥à¤šà¥‡ को à¤à¤• कारà¥à¤Ÿà¥‚न के लिठदोष देना और उस वजह से पचासों लोगों की दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ जला देना मजहब नहीं है। ये राजनैतिक दादागिरी है और आपके धरà¥à¤® का ढांचा कà¥à¤› नहीं अब सिरà¥à¤« राजनीति है। बस गड़बड़ ये हà¥à¤† कि आपकी इस दादागिरी को लोगों ने अब तक सहा है तो आपको ये अपने धरà¥à¤® का हिसà¥à¤¸à¤¾ लगने लगा है।
वह आगे लिखते हैं इसे मजहब कहते हैं आप? शरà¥à¤® नहीं आती है आपको खà¥à¤¦ को मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ कहते हà¥à¤? बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ में आपने कितने बà¥à¤²à¤¾à¤—र बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को मार दिया, पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में ईशनिंदा के नाम पर कितनो को मार दिया और यहां चूंकि आपका बस नहीं चल रहा है तो आप दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ जला कर काम चला ले रहे हैं ये बिमारी बहà¥à¤¤ ही गहरी है और ये बिमारी बà¥à¤¤à¥€ हीजा रही है। इसलिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सारी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ ने इसे सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लिया। तà¥à¤® आकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• बने रहे और लोग इसे सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करते रहे। ये मजहब है कि सारी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ आपसे डरे? ये मजहब है कि वहां लोग चैन से न जी पायें जहां आप बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• हो जाà¤à¤‚? इस खूंखार मानसिकता को मजहब कहते हà¥à¤ आपकी जबान नहीं जलती है? दादागिरी और मजहब में फरà¥à¤• समà¤à¤¿à¤¯à¥‡à¥¤ जलà¥à¤¦à¥€ समà¤à¤¿à¤¯à¥‡ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ और सबà¥à¤° अब टूट रहा है।
----राजीव चौधरी
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