मेरा धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶
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Manmohan Kumar AryaDate
16-Sep-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
06-Sep-2017Download PDF
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मनà¥à¤·à¥à¤¯ मननशील पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ को कहते हैं। जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ योनि में जनà¥à¤® लेकर à¤à¥€ मनन नहीं करता और परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤—त विचारधारा व मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं को आंख बनà¥à¤¦ कर सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करता है à¤à¤¸à¥‡ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की आकृति वाले पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ को अनेक अविवेकपूण परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं के बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ और तरà¥à¤• संगत अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ सतà¥à¤¯ पर आधारित न होने के कारण मनà¥à¤·à¥à¤¯ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ सतà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¤à¥à¤¯ विवेकी मनà¥à¤·à¥à¤¯ नहीं मान सकते। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन का महतà¥à¤µ तà¤à¥€ है जब मनà¥à¤·à¥à¤¯ किसी à¤à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करने से पहले उसकी सतà¥à¤¯à¤¤à¤¾ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ यथारà¥à¤¥à¤¤à¤¾ को जान ले और सतà¥à¤¯ होने पर ही उसका आचरण करें। जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤¸à¤¾ करते हैं वह धनà¥à¤¯ होते हैं और जो à¤à¤¸à¤¾ नहीं करते अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ असतà¥à¤¯ व अविवेकपूरà¥à¤£ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं व मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ करते हैं, वह मनà¥à¤·à¥à¤¯ होकर à¤à¥€ अपने पूरà¥à¤µ जनà¥à¤®à¥‹à¤‚ के शà¥à¤ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन को वृथा गंवाते हैं। à¤à¤¸à¥‡ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• में जो आता है उनका जीवन à¤à¥€ उन जैसा ही होने की संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ रहती है जिससे वह मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपना जीवन तो वृथा करता ही है, अपनी सनà¥à¤¤à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का जीवन à¤à¥€ वृथा करने का पाप अपने सिर पर लेता है। अतः सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚, धरà¥à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯à¥‹à¤‚, मताचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है कि वह निषà¥à¤ªà¤•à¥à¤· होकर सतà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¤à¥à¤¯ की परीकà¥à¤·à¤¾ कर सतà¥à¤¯ को ही सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करें और असतà¥à¤¯ का न केवल तिरसà¥à¤•à¤¾à¤° वा तà¥à¤¯à¤¾à¤— ही करें, चाहें वह बड़े से बड़े महापà¥à¤°à¥à¤· व यà¥à¤—पà¥à¤°à¥à¤· दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤¿à¤¤ ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हो, अपितॠइसके साथ साथ उसका खणà¥à¤¡à¤¨ व पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कर दूसरे लोगों को à¤à¥€ पाप के कूप में गिरने से बचाना चाहिये।
मनà¥à¤·à¥à¤¯ जब जनà¥à¤® लेता है तो उसे किसी à¤à¤¾à¤·à¤¾ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं होता है, अनà¥à¤¯ विषयों के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होने का तो पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ ही नही होता। सबसे पहले वह अपनी माता से उसकी à¤à¤¾à¤·à¤¾, मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾, को सीखता है जिसे आरमà¥à¤à¤¿à¤• जीवन के दो से पांच वरà¥à¤· तो नयूनतम लग ही जाते हैं। इसके बाद वह à¤à¤¾à¤·à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ की सहायता से जानकर उस पर धीरे धीरे अधिकार करना आरमà¥à¤ करता है। à¤à¤¾à¤·à¤¾ सीख लेने पर वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ उस à¤à¤¾à¤·à¤¾ की किसी à¤à¥€ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• को जानकर उसका अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर सकता है। संसार में मिथà¥à¤¯à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व सदà¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ दोनों पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ हैं। मिथà¥à¤¯à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚, à¤à¤²à¥‡ ही वह धारà¥à¤®à¤¿à¤• हां या अनà¥à¤¯, उसे असतà¥à¤¯ व जीवन के लकà¥à¤·à¥à¤¯ से दूर कर अशà¥à¤ करà¥à¤® वा पाप की ओर ले जाती हैं। सदà¥à¤—à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में ही यह शकà¥à¤¤à¤¿ होती है कि वह मनà¥à¤·à¥à¤¯ को उसके जीवन के लकà¥à¤·à¥à¤¯ सहित जीवन निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ के लिठकृषि, वाणिजà¥à¤¯, चिकितà¥à¤¸à¤¾, à¤à¤µà¤¨ निरà¥à¤®à¤¾à¤£, अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨, जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° व पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° सहित लोगों को नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ दिलाने व किसी से होने वाले अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ को दूर करने की शिकà¥à¤·à¤¾ व जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती हैं। जो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सदà¥à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो जाता है उसके जीवन का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ होता है और जो मिथà¥à¤¯à¤¾à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ वाले जाल गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में फंस जाता है उसका जीवन नषà¥à¤Ÿ व बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ हो जाता है। अतः जीवन में सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€, लोà¤à¥€, धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤§, मतानà¥à¤§, अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€, दà¥à¤·à¥à¤•à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ आदि के चकà¥à¤° में नहीं फंसना चाहिये। आजकल यह सब लोगों को अपनी अपनी ओर खींचने में लगे हà¥à¤ हैं। मनà¥à¤·à¥à¤¯ को सदà¥à¤—à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ अपनी जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की आंखों से वसà¥à¤¤à¥à¤“ं व मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं की परीकà¥à¤·à¤¾ करनी चाहिये और तरà¥à¤• की कसौटी पर सतà¥à¤¯ बातों को ही सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करना चाहिये जैसा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ व उनके अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ करते हैं।
संसार के साहितà¥à¤¯ पर दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डालें तो विशà¥à¤µ के समगà¥à¤° साहितà¥à¤¯ में ‘सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶’ के समान सतà¥à¤¯ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं व धरà¥à¤®à¤¾à¤§à¤°à¥à¤®, करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯, ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾, यजà¥à¤ž-अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° व अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ विषयों का यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कराने वाला कोई दूसरा गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ नहीं है। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ को सामानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ पà¥à¤•à¤° उसके मूल à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को जान सकता है व उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤ कर सकता है। आप विशà¥à¤µ का साहितà¥à¤¯ पॠलीजिठऔर सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पॠलीजिà¤, सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ सब पर à¤à¤¾à¤°à¥€ पड़ता है। ईशà¥à¤µà¤° का सतà¥à¤¯ व यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प, जीवातà¥à¤®à¤¾ का सà¥à¤µà¤°à¥‚प, पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का सà¥à¤µà¤°à¥‚प व सृषà¥à¤Ÿà¤¿ विषयक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ हो तो à¤à¤• बार सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ अवशà¥à¤¯ पढे। आज हमारे वह महापà¥à¤°à¥à¤· जिनकी हमारे à¤à¤¾à¤ˆ-बनà¥à¤§à¥ पूजा करते हैं, जीवित होते तो वह सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की महिमा का अवशà¥à¤¯ गान व पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करते। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ है जिसमें सà¤à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ वेदों की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤°à¥à¤ª व उसकी पोषक हैं। जनà¥à¤® से मृतà¥à¤¯à¥ तक के पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ पर पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• जानकारी सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। आईये, सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ कà¥à¤› विषयों पर à¤à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डाल लेते हैं। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ में सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ के लेखन का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤œà¤¨, ईशà¥à¤µà¤° नाम वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾, मंगलाचरण समीकà¥à¤·à¤¾, बाल शिकà¥à¤·à¤¾ विषय, à¤à¥‚तपà¥à¤°à¥‡à¤¤ आदि निषेध, जनà¥à¤® पतà¥à¤° सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ गà¥à¤°à¤¹ समीकà¥à¤·à¤¾, अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ विषय, गà¥à¤°à¥à¤®à¤‚तà¥à¤° वा गायतà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤° की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾, पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® शिकà¥à¤·à¤¾, सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° उपदेश, उपनयन समीकà¥à¤·à¤¾, बहà¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ उपदेश, पठन पाठन की विधि, गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ अपà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ विषय, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-शूदà¥à¤° अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ विधि व वेदाधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ में इनका अधिकार, दूर देश में विवाह से लाà¤, अलà¥à¤ª वय में विवाह का निषेध, गà¥à¤£ करà¥à¤® अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥à¤· वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°, पंच महायजà¥à¤ž, पाखणà¥à¤¡ तिरसà¥à¤•à¤¾à¤°, पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ जागरण, गृहसà¥à¤¥ धरà¥à¤® उपदेश, पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ व मूरà¥à¤– के लकà¥à¤·à¤£, पà¥à¤¨à¤°à¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹ व नियोग विषय, वानपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥ व संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ आशà¥à¤°à¤® विधि, राजधरà¥à¤® विषय, दणà¥à¤¡ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾, 18 वà¥à¤¯à¤¸à¤¨à¥‹à¤‚ का निषेध, यà¥à¤¦à¥à¤§ करने के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°, राषà¥à¤Ÿà¥à¤° रकà¥à¤·à¤¾ की विधि, कर गà¥à¤°à¤¹à¤£ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°, ईशà¥à¤µà¤° विषय, ईशà¥à¤µà¤° सà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ उपासना, ईशà¥à¤µà¤° जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°, ईशà¥à¤µà¤° का असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ, जीवातà¥à¤®à¤¾ की सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾, ईशà¥à¤µà¤° व जीव में à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾, ईशà¥à¤µà¤° की सगà¥à¤£ व निगà¥à¤£ उपासना, वेद विषय विचार, सृषà¥à¤Ÿà¤¿ उतà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿ आदि विषय, मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ की आदि सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ का निरà¥à¤£à¤¯, ईशà¥à¤µà¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ जगत का धारण, विदà¥à¤¯à¤¾-अविदà¥à¤¯à¤¾-बनà¥à¤§à¤¨-मोकà¥à¤· विषय, आचार-अनाचार-à¤à¤•à¥à¤·à¥à¤¯-अà¤à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ विषय आदि अनेकों विषयों का विशद वरà¥à¤£à¤¨ है। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पà¥à¤•à¤° इन सà¤à¥€ विषयों का यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ उपलबà¥à¤§ होता है। यह समसà¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ विशà¥à¤µ के किसी à¤à¤• गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर उपलबà¥à¤§ नहीं होता। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ के अनà¥à¤¤ के चार अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¥à¤·à¥€à¤¯ मत-मतानà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ सहित नासà¥à¤¤à¤¿à¤• वाममारà¥à¤—ियों, चारà¥à¤µà¤¾à¤•, बौदà¥à¤§, जैन, ईसाई व मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® मत की समालोचना à¤à¥€ पाठकों के लिठसतà¥à¤¯ व असतà¥à¤¯ का सरलता से निरà¥à¤£à¤¯ करने के लिठदी गई है। इस गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर मनà¥à¤·à¥à¤¯ सतà¥à¤¯ धरà¥à¤®, सतà¥à¤¯ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं à¤à¤µà¤‚ विचारधारा का निरà¥à¤£à¤¯ कर सकता है।
सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने से यह जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒà¤•à¤¾à¤² लगà¤à¤— चार बजे शयà¥à¤¯à¤¾ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर देना चाहिये। शौच से निवृत होकर वायà¥à¤¸à¥‡à¤µà¤¨ के लिठजाना चाहिये, वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤® व पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® आदि कर ईशà¥à¤µà¤° का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ ‘सनà¥à¤§à¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾’ व दैनिक अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° करना चाहिये। गृहसà¥à¤¥ के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ सहित बचà¥à¤šà¥‡, बड़ों व वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ के करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥€ सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ सहित ऋषि दयाननà¥à¤¦ के अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। परोपकार, वृदà¥à¤§à¥‹à¤‚ की सेवा, पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को दान, देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿, अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उपेकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤¾à¤µ की शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¥€ सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पà¥à¤•à¤° मनà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। देश के इतिहास विषयक अनेक तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ से होता है जो अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ नहीं होता। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ à¤à¤¸à¤¾ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ है जिसने देश में वैदिक सनातन धरà¥à¤® व पौराणिकों की रकà¥à¤·à¤¾ की है। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ à¤à¤¸à¤¾ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ है जिसने अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ मतों को उनके धरà¥à¤® व मत का यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प à¤à¥€ बताया है जो कि वैदिक धरà¥à¤® से किंचित à¤à¥€ अचà¥à¤›à¤¾ नहीं है। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ वेदों की पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ व सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ को बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ की कसौटी पर कस कर उसे तरà¥à¤• व सृषà¥à¤Ÿà¤¿ कà¥à¤°à¤® के अनà¥à¤°à¥‚प सिदà¥à¤§ करता है और उसे ही मानने का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करता है। देश की आजादी और देश से छà¥à¤†à¤›à¥‚त, जनà¥à¤®à¤¨à¤¾ जातिवाद, अवतारवाद, मूरà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚जा, फलित जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·, मृतक शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§ व सà¤à¥€ अवैदिक मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ देश व विशà¥à¤µ के लोगों के सामने रखता है और सतà¥à¤¯ का गà¥à¤°à¤¹à¤£ और असतà¥à¤¯ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— करने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ करता है। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ ने देश में चल रहे ईसाई व मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ पर सतà¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° व वैदिक धरà¥à¤® की शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ ता दरà¥à¤¶à¤¾ कर उस पर किंचित अंकà¥à¤¶ लगाया है। देश को आजाद कराने का मूल मंतà¥à¤° à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ ने सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ सहित अपने अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में दिया है।
सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ संसार में सूरà¥à¤¯ के समान है जो अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤¨à¥à¤§à¤•à¤¾à¤°à¤œà¤¨à¤¿à¤¤ असतà¥à¤¯, मिथà¥à¤¯à¤¾ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं व अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ को दूर कर सतà¥à¤¯ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ करता है। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की शरण में आने वाला मनà¥à¤·à¥à¤¯ आतà¥à¤®à¤¾ व ईशà¥à¤µà¤° के यथारà¥à¤¥ सà¥à¤µà¤°à¥‚प को जानकर ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ व वैदिक करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के पालन से अशà¥à¤ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को छोड़कर शà¥à¤ वा पà¥à¤£à¥à¤¯ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को करके व सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ करके अविदà¥à¤¯à¤¾ से छूट कर मोकà¥à¤· को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। यह लाठसंसार के किसी अनà¥à¤¯ मत का अनà¥à¤•à¤°à¤£ व अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करने से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होना बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ व तरà¥à¤• से सिदà¥à¤§ नहीं होता। अतः दà¥à¤ƒà¤–ों से सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ चाहने वाले मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को दà¥à¤ƒà¤–ों से निवृत होने, जीवन में अà¤à¥à¤¯à¥à¤¦à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने तथा मृतà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° जीवन में जनà¥à¤® व मरण के चकà¥à¤° से छूट कर मोकà¥à¤· को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठसतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ तथा वेदों की शरण में आना चाहिये। जो आयेगा वह लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ होगा। जो नहीं आयेगा, वह मत-मतानà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¤Ÿà¤•à¥‡à¤—ा तो उसे अविदà¥à¤¯à¤¾ से होने वाली हानियों को सहन करना होगा। ईशà¥à¤µà¤° सचà¥à¤šà¤¿à¤¦à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प, निराकार, सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•, सरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€, सरà¥à¤µà¤œà¥à¤ž, सरà¥à¤µà¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨, नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€, जनà¥à¤® व मृतà¥à¤¯à¥ का देने वाला है। कोई à¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ उसके नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ से बच नहीं सकता। अतः सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ को पà¥à¤•à¤° अपने जीवन का निरà¥à¤£à¤¯ सà¥à¤µà¤¯à¤‚ लें। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पà¥à¥‡ और उसके बाद दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ के सारे मत-पनà¥à¤¥à¥‹à¤‚ के धरà¥à¤® गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को पà¥à¥‡à¤¼à¤‚, कोई आपतà¥à¤¤à¤¿ नहीं है। सतà¥à¤¯ को जान लेने के बाद असतà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ नहीं होता। जिसे अपनी आतà¥à¤®à¤¾ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ व उससे होने वाले लाà¤à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है वह सतà¥à¤¯ को ही सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करता है और असतà¥à¤¯ को विष जानकर उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से छोड़ देता है जैसे की विष मिले हà¥à¤ अनà¥à¤¨ को साधारण मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¥€ छोड़ देता है, उसे खाता नहीं है।
सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ के महतà¥à¤µ के बारे में और à¤à¥€ बहà¥à¤¤ कà¥à¤› कहा जा सकता है। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ को पà¥à¤•à¤° वेदों का तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ विदित हो जाता है। वेदों को अवशà¥à¤¯ पà¥à¤¨à¤¾ चाहिये। वेदों का पà¥à¤¨à¤¾-पà¥à¤¾à¤¨à¤¾ और सà¥à¤¨à¤¨à¤¾ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¾ सब मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ वा आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का परम धरà¥à¤® है। जो इसका पालन करते हैं वह अविदà¥à¤¯à¤¾ से दूर होकर विदà¥à¤¯à¤¾ व करà¥à¤®à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ से मोकà¥à¤· वा मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होकर अपने जीवन को सफल करते हैं। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आज आधà¥à¤¨à¤¿à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ सà¤à¥€ का धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ हैं। यह ऋषि दयाननà¥à¤¦ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ वेद मनà¥à¤¥à¤¨ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नवनीत के समान है। à¤à¤• बार सबको सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ को समà¤à¤•à¤° इसका अवशà¥à¤¯ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करना चाहिये जिससे मृतà¥à¤¯à¥ के समय व बाद में पछताना न पड़े। सà¥à¤µà¤¯à¤‚ तो सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पà¥à¥‡ ही, साथ ही दूसरों को पà¥à¤¾à¤•à¤° à¤à¥€ पà¥à¤£à¥à¤¯ का à¤à¤¾à¤—ी होना चाहिये। ओ३मॠशमà¥à¥¤
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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