ईशà¥à¤µà¤° से सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ मोकà¥à¤· सà¥à¤– की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾â€™
Author
Manmohan Kumar AryaDate
06-Sep-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
06-Sep-2017Download PDF
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अथरà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¦ का 10/7/31 मनà¥à¤¤à¥à¤° है जिसमें सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ मोकà¥à¤· सà¥à¤– की ईशà¥à¤µà¤° से पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ की गई है।। यह मनà¥à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ हैः
“नाम नामà¥à¤¨à¤¾ जोहवीति पà¥à¤°à¤¾ सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥ पà¥à¤°à¥‹à¤·à¤¸à¤ƒà¥¤
यदजः पà¥à¤°à¤¥à¤®à¤‚ समà¥à¤¬à¤à¥‚व स ह ततà¥à¤¸à¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤®à¤¿à¤¯à¤¾à¤¯ यसà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¨ परमनà¥à¤¯à¤¦à¤¸à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥‚तमà¥à¥¤à¥¤”
मनà¥à¤¤à¥à¤° के पदारà¥à¤¥ पर à¤à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डालते हैं। (पà¥à¤°à¤¾ सूरà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥ पà¥à¤°à¤¾-उषसः) सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ से पूरà¥à¤µ और उषा-पीली फटने से पूरà¥à¤µ (नामà¥à¤¨à¤¾ नाम जोहवीति) नमन से योगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आतà¥à¤®à¤¸à¤®à¤°à¥à¤ªà¤à¤¾ से ओ३मॠनाम को पà¥à¤¨à¤ƒ पà¥à¤¨à¤ƒ या à¤à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° अपने अनà¥à¤¦à¤° जो धारण करता है (यतॠअजः पà¥à¤°à¤¥à¤®à¤‚ समà¥à¤¬à¤à¥‚व) जो कि अजनà¥à¤®à¤¾ परमातà¥à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤¥à¤® से ही समà¥à¤¯à¤•à¥ सतà¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨à¥ था (सः ह ततॠसà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤®à¥ इयाय) वह उपासक निशà¥à¤šà¤¯ उस सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ सà¥à¤µà¤¾à¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¥à¤¯à¤°à¥‚प मोकà¥à¤· पद को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है (यसà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥ परं à¤à¥‚तमॠअनà¥à¤¯à¤¤à¥ न असà¥à¤¤à¤¿) जिससे बà¥à¤•à¤° वसà¥à¤¤à¥ (à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯ वा पदारà¥à¤¥) अनà¥à¤¯ नहीं है।
इस मनà¥à¤¤à¥à¤° पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤®à¥à¤¨à¤¿ जी का वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ का यतà¥à¤° ततà¥à¤° समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के साथ-सूरà¥à¤¯à¥‹à¤¦à¤¯ या उषा वेला से पूरà¥à¤µ योगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आतà¥à¤®à¤¸à¤®à¤°à¥à¤ªà¤£ करते हà¥à¤ परमातà¥à¤®à¤¾ के ‘ओ३म॒ नाम को अपने अनà¥à¤¦à¤° धारण करना अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ उसका सारà¥à¤¥à¤• जप करना चाहिà¤à¥¤ जो ईशà¥à¤µà¤° अजनà¥à¤®à¤¾ व पà¥à¤°à¤¥à¤® सतà¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨à¥ है, उसके अधीन मोकà¥à¤·à¤°à¥‚प सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ को ओ३मॠनाम का जपकरà¥à¤¤à¤¾-उपासक पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। ओ३मॠसे बà¥à¤•à¤° उपासà¥à¤¯ देव और नाम अनà¥à¤¯ नहीं है परनà¥à¤¤à¥ परमातà¥à¤®à¤¾ के नाम का जप करना अनà¥à¤¯ किसी नाम का नहीं अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ जो केवल परमातà¥à¤®à¤¾ ही का नाम है अनà¥à¤¯ किसी का नहीं, सो à¤à¤¸à¤¾ तो ओ३मॠनाम है जो केवल परमातà¥à¤®à¤¾ का ही नाम है। उसका à¤à¥€ अरà¥à¤¥ सहित जप करना, अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ à¤à¤¸à¥‡ जप का लाठन होने के समान है। इसलिठअरà¥à¤¥à¤¹à¥€à¤¨ नाम जप निररà¥à¤¥à¤• होता है। वेद में अनà¥à¤¯à¤¤à¥à¤° कहा है ‘‘अधेनà¥à¤µà¤¾ चरति माययैष वाचं शà¥à¤¶à¥à¤°à¥à¤µà¤¾à¤‚ अफलामपà¥à¤·à¥à¤ªà¤¾à¤®à¥” (ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦ 10/71/5) जिसने वेद वाणी को अरà¥à¤¥ रहित और उचित पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के बिना सà¥à¤¨à¤¾, पà¥à¤¾ और बोला है वह बिना दूधवाली गौ की à¤à¤¾à¤‚ति मिथà¥à¤¯à¤¾ वाणी रूपी गौ को लेकर घूमता है। सारà¥à¤¥à¤• जप योगाà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ की रीति से ही बनता है तà¤à¥€ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ और मोकà¥à¤· पद को मानव पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता है। योग दरà¥à¤¶à¤¨ में ओ३मॠके सारà¥à¤¥à¤• जप का विधान है ‘‘तजà¥à¤œà¤ªà¤¸à¥à¤¤à¤¦à¤°à¥à¤¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤®à¥” (योगदरà¥à¤¶à¤¨ 1/28) ओ३मॠका जप और उसके अरà¥à¤¥ को अपने अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित करना, अनà¥à¤à¤µ करना तथा धारण करना चाहिये। ओ३मॠका विशेषारà¥à¤¥ तो माणà¥à¤¡à¥‚कà¥à¤¯à¥‹à¤ªà¤¨à¤¿à¤·à¤¦à¥ में देखना चाहिये पर संकà¥à¤·à¥‡à¤ª में संकेत में यहां ओ३मॠका शाबà¥à¤¦à¤¿à¤• अरà¥à¤¥ ‘अवति रकà¥à¤·à¤¤à¤¿-इति-ओ३म॒ रकà¥à¤·à¤¾ करने वाला है। माता रकà¥à¤·à¤¾ करती है, पिता रकà¥à¤·à¤¾ करता है, गà¥à¤°à¥ रकà¥à¤·à¤¾ करता है, मितà¥à¤° रकà¥à¤·à¤¾ करता है, राजा रकà¥à¤·à¤¾ करता है, घर à¤à¥€ रकà¥à¤·à¤¾ करता है पर जो इन सबसे अधिक तथा सरà¥à¤µà¤¦à¤¾ सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ रकà¥à¤·à¤¾ करता है सो परमातà¥à¤®à¤¾ ही है। अतà¤à¤µ वह परम माता, परम पिता, परम गà¥à¤°à¥, परम मितà¥à¤°, परम राजा और परम आशà¥à¤°à¤¯ होता हà¥à¤† व पूरà¥à¤£ रकà¥à¤·à¤• होता हà¥à¤† ओ३मॠनाम से जपा जाता है। वह à¤à¤¸à¤¾ सरà¥à¤µà¤¸à¤®à¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ अननà¥à¤¤ रकà¥à¤·à¤• मेरे बाहर व à¤à¥€à¤¤à¤° सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° है। मैं उस अननà¥à¤¤ में और वह अननà¥à¤¤ मà¥à¤ à¤à¤•à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ में है। अपने शरीर इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को ढीला करते हà¥à¤, उन शरीर व इनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से अपने को समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤°à¤¹à¤¿à¤¤ सा करते हà¥à¤ उस अननà¥à¤¤ रकà¥à¤·à¤• ओ३मॠमें अपने को निमगà¥à¤¨ करना, समà¤à¤¨à¤¾ और उसे पाना, बस यही ओ३मॠका संकà¥à¤·à¤¿à¤ªà¥à¤¤ जप है कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ का साधक है।
मनà¥à¤¤à¥à¤° में सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ शबà¥à¤¦ आया है। इसका सामानà¥à¤¯ अरà¥à¤¥ है अपना देश व उस पर अपने देश के लोगों का सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° राजà¥à¤¯à¥¤ अपने वह होते हैं जो हमारे देश में उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤ हों व इस देश के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समà¥à¤®à¤¾à¤¨ सहित अपना सरà¥à¤µà¤¸à¥à¤µ बलिदान करने की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ रखते हैं। à¤à¤¸à¥‡ लोगों का राजà¥à¤¯ व शासन ही सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ कहा जाता है। परनà¥à¤¤à¥ आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जगत में सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— ईशà¥à¤µà¤° से मिलने वाला मोकà¥à¤· का सà¥à¤– होता है। मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शासन और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ शासन में यह सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ शबà¥à¤¦ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® व बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ विदेशी लोगों से देश को मà¥à¤•à¥à¤¤ कराके इस देश में जनà¥à¤®à¥‡à¤‚ ईशà¥à¤µà¤° व वेद à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को शासन सौंपने व दिलाने की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ करता था। सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ शबà¥à¤¦ वेद से जà¥à¥œà¤¾ है और वेद ईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है। अतः सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ के अधिकारियों को à¤à¥€ वेद और ईशà¥à¤µà¤° से जà¥à¥œà¤¾ हà¥à¤† होना चाहिये। यदि à¤à¤¸à¤¾ नहीं है तो यहà¤à¤¸à¤¾ न होना हमारा दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ है।
आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जगत में सà¥à¤µà¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ का अरà¥à¤¥ मोकà¥à¤· का सà¥à¤– है। यह ईशà¥à¤µà¤° के नाम ओ३मॠका अरà¥à¤¥ सहित जप करने से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾, दैनिक अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°, सदाचारयà¥à¤•à¥à¤¤ आचरण, परोपकार आदि कारà¥à¤¯ à¤à¥€ मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के साधन हैं। इसके लिठसतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ सहित उपनिषद à¤à¤µà¤‚ दरà¥à¤¶à¤¨ आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को पà¥à¤¨à¤¾ चाहिये। हमने वेद मनà¥à¤¤à¥à¤° व उसके अरà¥à¤¥ आदि को सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤®à¥à¤¨à¤¿ ही की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• वैदिक वनà¥à¤¦à¤¨ से किंचित समà¥à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ के साथ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया है जिससे सामानà¥à¤¯ पाठक à¤à¥€ वेद मनà¥à¤¤à¥à¤° व सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤®à¥à¤¨à¤¿ जी के à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ को पूरा पूरा हृदयंगम कर सके। इसी के साथ लेखनी को विराम देते हैं। ओ३मॠशमà¥à¥¤
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