रोहिंगा मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨, मानवता का पाठबंद करे à¤à¤¾à¤°à¤¤
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Rajeev ChoudharyDate
08-Sep-2017Category
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08-Sep-2017Download PDF
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मंगलवार की दोपहर कà¥à¤› लोग दिलà¥à¤²à¥€ के जंतर-मंतर पर पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ कर रहे थे। मामला था बरà¥à¤®à¤¾ में रोहिंगा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ पर हमले के विरोध में यह à¤à¤• शांति पूरà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¥¤ अबकी बार न तो रोहिंगा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के पकà¥à¤· में मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ के आजाद मैदान में अमर जवान जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿ पर तोड़-फोड़ की और न ही लखनऊ में महातà¥à¤®à¤¾ बà¥( की मूरà¥à¤¤à¤¿ खंडित की, शायद सबको जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होगा पिछली बार 2012 में à¤à¤• लाख मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ ने आजाद मैदान में हिंसा उपदà¥à¤°à¤µ किया था। जिसमें करीब 7 लोग मारे गये थे और बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾à¤•à¤°à¥à¤®à¥€ घायल हà¥à¤ थे। उस दौरान पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लोगों को बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में अपने देश में सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की कमी महसूस हà¥à¤ˆ थी जिस कारण दिलà¥à¤²à¥€, मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ बेंगलोर आदि बड़े शहरों में रह रहे पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लोगों को पलायन करना पड़ा था।
आखिर कौन हैं रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨? कहाठसे आये हैं, किधर बसाठगठहैं, à¤à¤¾à¤°à¤¤ को उनसे कà¥à¤¯à¤¾ समसà¥à¤¯à¤¾ है, कà¥à¤¯à¤¾ हमें उनकी मदद करनी चाहिठया फिर ये किसी साजिश के तहत à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बसाठजा रहे हैं? समà¥à¤à¤µà¤¤à¤ƒ à¤à¤¸à¥‡ तमाम सवाल रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के नाम सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ ही हमारे जेहन में आ जाते हैं। अब जैसे ही 40 हजार रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को उनके देश मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार वापस à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ की बात सरकार की ओर उठाई गयी तो पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, मानवतावादी सेकà¥à¤²à¤° लोगों का समूह आà¤à¤–ों में आंसू à¤à¤°à¤•à¤° सरकार को मानवता का पाठपà¥à¤¾à¤¨à¥‡ आ गया। दरअसल यह लोग पिछले पांच से सात साल में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में अवैध रूप से घà¥à¤¸à¥‡ और देश के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ इलाकों में रह रहे हैं।
अब à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार रोहिंगा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ को इनकी पहचान करने और इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वापस मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ की योजना पर काम कर रही है। मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार की बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• आबादी बौदà¥à¤§ है। मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार में à¤à¤• अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• 10 लाख रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ हैं। इन मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के बारे में कहा जाता है कि वे मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से अवैध बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸à¥€ हैं। बरà¥à¤®à¤¾ सरकार ने इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नागरिकता देने से इनà¥à¤•à¤¾à¤° कर दिया है।
मामला सिरà¥à¤« नागरिकता तक सीमित रहता तो कोई बात नहीं थी हाल ही में मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार के रखाइन पà¥à¤°à¤¾à¤‚त में रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ चरमपंथियों ने पà¥à¤²à¤¿à¤¸ चौकी पर हमला किया था जिसमें सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾à¤¬à¤²à¥‹à¤‚ के कà¥à¤› सदसà¥à¤¯ मारे गठथे। इस हमले के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ विदेश मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ ने कड़ी निंदा करते हà¥à¤ बयान जारी किया था कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार के साथ मजबूती से खड़ा है। हमले के बाद रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के खिलाफ सैनà¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¹à¥€ शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤ˆ थी और रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ शरणारà¥à¤¥à¥€ संकट उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो गया।
पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® अपनी अहिंसा के लिठजाना जाता है फिर à¤à¥€ रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® और मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार के बौदà¥à¤§ आपस में सामंजसà¥à¤¯ नहीं बैठा पाà¤? इसके कई कारण हो सकते हैं पहला ये कि किसी à¤à¥€ देश के नागरिक नहीं चाहेंगे कि उनके देश के संसधानों पर किसी और देश के लोग किसी à¤à¥€ रूप में आकर राज करें। दूसरा कारण ये है कि शरणारà¥à¤¥à¥€ à¤à¥€ अहिंसक हों, नियम मानने वाले हों, जिस देश में रहे उसकी देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ करने वाले हों तो फिर à¤à¥€ ठीक है। वरना कोई à¤à¥€ देश अपने देश में देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का जमावड़ा नहीं लगाना चाहेगा? तीसरा पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¸ की à¤à¥€ समय सीमा होती है यदि कोई जीवन परà¥à¤¯à¤‚त रहना चाहता है उसको उसके मूल निवासियों की सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से कोई आपतà¥à¤¤à¤¿ नहीं होनी चाहिà¤à¥¤ लेकिन रोहिंगा देश से बà¥à¤•à¤° मजहब को मानते हैं, शायद सबसे बड़ा कारण यही हो सकता है जिससे इतने साल मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार में रहने के वावजूद रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® कà¤à¥€ वहां के मूल निवासियों के साथ समांजसà¥à¤¯ नहीं बिठा पाà¤à¥¤
मानवता के नाते शरणारà¥à¤¥à¥€ को शरण देनी चाहिठलेकिन यहाठमामला सिरà¥à¤« शरणारà¥à¤¥à¥€ का नहीं है मैं बे हिचक कहता हूठइसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ अकेले नहीं आते उनके साथ आता उनका मजहब, उनकी अनà¥à¤¯ मतां से नफरत, हिंसा और कटà¥à¤Ÿà¤° मानसिकता जो किसी à¤à¥€ अनà¥à¤¯ समाज से घà¥à¤²à¤¨à¥‡-मिलने को तैयार नहीं होती।
यूरोपीय देशो ने हाल में सीरियाई मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को शरण दी थी कà¥à¤¯à¤¾ नतीजा निकला? जरà¥à¤®à¤¨à¥€ में जरà¥à¤®à¤¨ यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ नववरà¥à¤· पर सामूहिक दà¥à¤·à¥à¤•à¤°à¥à¤®, फà¥à¤°à¤¾à¤‚स में हमले, बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ में आतंकी हमले नतीजा आज पूरा यूरोप आतंक के साये में जी रहा है। शायद आप सà¤à¥€ को याद होगा, à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बोध-गया मनà¥à¤¦à¤¿à¤° में à¤à¤• बम विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿ हà¥à¤† था और तब हमलावर ने हमला करने का कारण बताया था कि बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® को मानने वाले मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार में रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की खातिर उसने बौदà¥à¤§ मंदिर पर हमला किया है। बस यहां से शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ होती है इनके मजहबी पाखंड की, मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार में कà¥à¤› हो रहा होगा तो आतंक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में फैलाया गया और à¤à¤¾à¤°à¤¤ का राजनैतिक सेकà¥à¤²à¤¿à¤°à¤¿à¤œà¥à¤® ‘‘आतंक का कोई मजहब नहीं होता’’ उचà¥à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤ करके सो जाता है।
वरà¥à¤·1990 कशà¥à¤®à¥€à¤° दंगें में à¤à¤• ओर जहां कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडित अपने ही देश में शरणारà¥à¤¥à¥€ बनने को मजबूर हैं, मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® वोट बैंक के लिठनेताओं ने साजिश के तहत उनको कà¤à¥€ कशà¥à¤®à¥€à¤° में वापस बसने नहीं दिया। कशà¥à¤®à¥€à¤° में से लगà¤à¤— सारे के सारे हिनà¥à¤¦à¥‚ या तो मार दिठगठया फिर à¤à¤—ा दिठगà¤à¥¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान के अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 370 के तहत कोई à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ जो कशà¥à¤®à¥€à¤° का निवासी नहीं है, वहां जमीन नहीं ले सकता है लेकिन नेताओं ने रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को जमà¥à¤®à¥‚-कशà¥à¤®à¥€à¤° में बसने दिया गया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
हालाà¤à¤•à¤¿ यह अà¤à¥€ तक साफ नहीं है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ इन रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार में à¤à¥‡à¤œà¥‡à¤—ा या फिर बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ में। रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को निरà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¤ करने का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ तक पहà¥à¤‚च चà¥à¤•à¤¾ है जिस पर सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने सरकार से जवाब मांगा है रोहिंगा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ की पैरवी जाने-माने वकील पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त à¤à¥‚षण कर रहे हैं।
अब जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार ने रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को वापस à¤à¥‡à¤œà¤¨à¥‡ का मन बना ही लिया है तो इसमे मानवाधिकार संगठनों को आपतà¥à¤¤à¤¿ है, यही मानवधिकार संगठन उस समय घास चरने चला जाता है जब कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ पंडितों को मारकर अपने ही घरों से बेदखल कर दिया जाता है, इराक में यजीदी महिलाओं पर मजहबी अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° होता है या फिर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ सेना बलूचों पर जà¥à¤²à¥à¤® करती है। करांची और सिंध में जबरदसà¥à¤¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥‚ लड़कियों को उठा लिया जाता तब न तो ये मानवता के दलाल दिखाई देते हैं न ही विकसित देशों के राजनेता जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बस दूसरे देशों में ही शरणारà¥à¤¥à¥€ ठिकाने लगाने होते हैं। कà¥à¤› लोगों को इससे à¤à¥€ आपतà¥à¤¤à¤¿ है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने 1950 मे तिबà¥à¤¬à¤¤à¥€ शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपनाया, 1971-72 में बंगलादेशी हिनà¥à¤¦à¥‚ शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अपनाया तो रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ वापस à¤à¥‡à¤œà¤¾ जा रहा है? à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कितने लोग गरीबी रेखा ने नीचे रह रहे हैं, कितने लोगों को à¤à¤• समय का खाना à¤à¥€ नसीब नहीं हो रहा? अशिकà¥à¤·à¤¾ से हमारा मà¥à¤²à¥à¤• अà¤à¥€ à¤à¥€ लड़ रहा है। कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¥‡ में ये गैर-जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° शरणारà¥à¤¥à¥€ हमारे देश की समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ और नहीं बà¥à¤¾à¤à¤‚गे?
-राजीव चौधरी
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