लेखक - पंडित शिवशर�मा जी उपदेशक

पंडित शिवशरà¥?मा जी उपदेशक कृत दृषà¥?टानà¥?त समà¥?चà¥?चय के पà¥?न: पà¥?रकाशन के लिà¤? पà¥?रकाशक को बधाई। वरà¥?षों पशà¥?चात इस अपà¥?रापà¥?य पà¥?सà¥?तक को पà¥?कर पाठक पà¥?ते पà¥?ते लेखक की पà¥?रशंसा करते नहीं थकेंगे कà¥?यूंकि à¤?क साथ इतने दृषà¥?टानà¥?त बहà¥?त कम पà¥?सà¥?तकों में मिलते हैं। हर दृषà¥?टानà¥?त à¤?क से बà¥?कर à¤?क हैं à¤?वं सारà¥?थक à¤?वं वà¥?यवहारिक शिकà¥?षा से ओत पà¥?रोत हैं। इस पà¥?सà¥?तक को हर गृहसà¥?थी अपनी संतान को उतà¥?तम संसà¥?कार देने के लिà¤? अवशà¥?य पà¥?े, हर विदà¥?यारà¥?थी अपने जà¥?ञान वरà¥?धन के लिà¤? अवशà¥?य पà¥?े, हर वकà¥?ता अपने भाषणों में बोलने के लिà¤? भी पà¥?े तभी इसे पà¥?न: पà¥?रकाशित करने का लाभ होगा। पंडित शिवशरà¥?मा जी आरà¥?यसमाज की महान विभूति, शासà¥?तà¥?रारà¥?थ महारथी, इसà¥?लाम की तरà¥?क पूरà¥?वक समीकà¥?षा में निपà¥?ण, सà¥?वामी दयानंद की à¤?क à¤?क मानà¥?यता पर शासà¥?तà¥?रारà¥?थ रण में विजय पताका लहराने को à¤?कदम तैयार , इस कोटि के आदरà¥?श वà¥?यकà¥?तितà¥?व थे जिनका समà¥?पूरà¥?ण जीवन पà¥?रेरणा देने वाला था। पंडित जी के नाम से शायद ही आज कà¥?छ लोग परिचित हैं। 



हम आशा करते हैं की पà¥?रकाशक उनके अनà¥?य साहितà¥?य को भी इसी पà¥?रकार से मà¥?दà¥?रित करेंगे। अचà¥?छा होता अगर इस पà¥?सà¥?तक में पंडित का परिचय, उनकी कृतियों का परिचय, पà¥?राकथन भी पà¥?रकाशित किया जाता।आशा हैं अगले संसà¥?करण में इस पर धà¥?यान दिया जायेगा। कà¥?छ मà¥?दà¥?रण की गलतियों के अतिरिकà¥?त पà¥?सà¥?तक सà¥?नà¥?दर à¤?वं पठनीय हैं। आशा हैं पाठक लाभानà¥?वित होंगे। 

 

लेखक-पंडित शिवशर�मा जी उपदेशक

मूलà¥?य-125 रà¥?पये 
पृषà¥?ठ संखà¥?या- 244 पृषà¥?ठ 
प�रकाशक-गोविंदराम हसानन�द, 4408,नई सड़क, दिल�ली,110006
011-23977216, 011-65360255
email-ajayarya16@gmail.com
www.vedicbooks.com

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