लोग धरà¥à¤® के नाम पर पाखंड और à¥à¥‹à¤‚ग à¥à¥‹ रहे हैं?
Author
Rajeev ChoudharyDate
29-Dec-2017Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
567Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
29-Dec-2017Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
- जयोतिषी à¤à¤¾à¤°à¤¤
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
लोग धरà¥à¤® के नाम पर पाखंड और à¥à¥‹à¤‚ग à¥à¥‹ रहे हैं?
उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ में 18 दिसमà¥à¤¬à¤° की बीती रात चकà¥à¤°à¤¤à¥€à¤°à¥à¤¥ शमशान घाट पर à¤à¤• विशेष तांतà¥à¤°à¤¿à¤• अनà¥à¤·à¥à¤ ान हà¥à¤†à¥¤ अमावसà¥à¤¯à¤¾ की रात à¤à¥ˆà¤°à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ मंदिर पर तांतà¥à¤°à¤¿à¤• बम-बमनाथ ने शराब से महायजà¥à¤ž किया। इस महायजà¥à¤ž में हजार लीटर देशी-विदेशी शराब में चà¥à¤¾à¤ˆ गई। इस बेहूदे पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ को देखने लिठà¤à¥€à¥œ इकटà¥à¤ ी हà¥à¤ˆ और कमाल देखिये इसका कोई विरोध à¤à¥€ नहीं हà¥à¤†à¥¤ विरोध कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ होगा? यह सब सदियों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ के नाम पर हà¥à¤†! यह परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ देश है, या कहो रूà¥à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥€ देश है। यहां सिरà¥à¤« मूरà¥à¤–ता होनी चाहिठयदि मà¥à¤°à¥à¤–ता और à¥à¥‹à¤‚ग पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ है तो कà¥à¤¯à¤¾ कहने। à¥à¥‹à¤‚ग जितना पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ उतनी जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आसà¥à¤¥à¤¾ है शायद अब धरà¥à¤® की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ यही शेष रह गयी है।
महायजà¥à¤ž में à¤à¤¾à¤°à¥€ संखà¥à¤¯à¤¾ में à¤à¥€à¥œ उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ थी। हालाà¤à¤•à¤¿ यह à¤à¥€à¥œ à¤à¤¾à¤°à¤¤ देश के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जहाठपागलपन होगा वहां à¤à¥€à¥œ जरूर उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ होगी। à¤à¤²à¤¾ à¤à¤¸à¤¾ मौका कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ चूकना! अजीब करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤‚ड देखने की आकांकà¥à¤·à¤¾ तो इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ के अनà¥à¤¦à¤° बड़ी पà¥à¤°à¤¬à¤² होती ही है। कोई और देश होता, तो इन कथित तांतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤‚, बाबाओं को पकड़ कर पागलखाने में छोड़ देता लेकिन यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ है अधिकांश आबादी अà¤à¥€ à¤à¥€ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं में जी रही है। सबका जीवन अतीत में है। कहते हैं अपनी सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विरासत अकà¥à¤·à¥à¤£à¥à¤£ रखने में कोई नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ नहीं है पर नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ तब होता है जब लोग चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ बाबाओं के à¥à¥‹à¤‚ग, दकियानूसी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं के चकà¥à¤•à¤° में पड़ते हैं। इससे सिरà¥à¤« à¤à¤• हानि जो सबसे बड़ी होती है वह होती है धरà¥à¤® की हानि।
कहा जा रहा है विशà¥à¤µ शांति और जनकलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठयह अनà¥à¤·à¥à¤ ान करने के लिठयह महायजà¥à¤ž आयोजित किया गया। कितना अजीब है सब कà¥à¤› शांति के लिठसà¥à¤°à¤¾ यजà¥à¤ž? यदि शराब से शांति होती है तो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हर गली हर मोहलà¥à¤²à¥‡ यहां तक कि देश की सीमाओं पर à¤à¥€ यह शांति के केंदà¥à¤° खोल दिठजाये? आरà¥à¤¯ समाज से जà¥à¥œà¥‡ होने के कारण हम रूà¥à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥€ नहीं हैं, à¥à¥‹à¤‚गी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¦à¥€ नहीं है। हम रूà¥à¤¿-विरोधी, à¥à¥‹à¤‚ग विरोधी हैं, इन कथित परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं के विरोधी हैं। हम अतीत के अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¤¾à¤‚ के विरोधी हैं। हमारा साथ कौन दे? हमारा विरोध सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है पर हम इसे सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° करते हैं कि चलो हमारे कारण कà¥à¤› चहल-पहल तो हà¥à¤ˆ किसी को तो आतà¥à¤®à¤šà¤¿à¤‚तन करने का मौका मिला, इस à¤à¥€à¥œ से कोई à¤à¤• तो निकला जिसने यह कहा कि यह à¥à¥‹à¤‚ग धरà¥à¤® नहीं है। कà¥à¤› तो आंधी उठी। सदियों की अंधी ठहरी मानसिकताओं में कà¥à¤› तो हलचल हà¥à¤ˆ किसी को तो जीवन का बोध हà¥à¤†à¥¤ किसी ने तो हमारे कारण सचà¥à¤šà¥‡ परमातà¥à¤®à¤¾ को जानने का आननà¥à¤¦ लिया।
जब मैंने उजà¥à¤œà¥ˆà¤¨ की इस खबर को पà¥à¤¾ तो मेरे मन में à¤à¤• पल को निराशा घर कर गयी पर à¤à¤• दो लोगों से चरà¥à¤šà¤¾ की उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा इसे आसà¥à¤¥à¤¾ के रूप में à¤à¥€ देख सकते हैं? पर कà¥à¤¯à¤¾ आसà¥à¤¥à¤¾ की परिà¤à¤¾à¤·à¤¾ सिरà¥à¤« मूरà¥à¤–ता बनकर रह गयी? हम पाखणà¥à¤¡ के विरोधी हैं और दावे से कह सकते हैं जो जरा à¤à¥€ जागरूक नहीं हैं तो à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कैसे हो सकता है? फिर किस गरà¥à¤µ से वह खà¥à¤¦ को हिनà¥à¤¦à¥‚ कह सकता है? मगर आज धरà¥à¤® अंधी शà¥à¤°à¤§à¤¾à¤“ं की गलियों में खो गया, अंधकार ने आसà¥à¤¥à¤¾ को धरà¥à¤® बनकर गटक लिया गया। सब कà¥à¤› हासियें पर जा रहा है कà¥à¤¯à¤¾ लोग उतना à¤à¥€ नहीं बचा पाà¤à¤‚गे जितना मूलà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¨ है? हमसे केवल वे ही लोग खà¥à¤¶ हो सकते हैं, जिनके पास थोड़ी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾ बची है, जिनके पास थोड़ी बौ(क कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ बची है, जिनके पास थोड़ा आतà¥à¤®à¤¬à¤² है, थोड़ा आतà¥à¤®à¤—ौरव है, जो थोड़े आतà¥à¤®à¤µà¤¾à¤¨ हैं। जो इस महान वैदिक धरà¥à¤® को बचा लेने का साहस रखते हैं। उनके अतिरिकà¥à¤¤, हमारे साथ à¤à¥€à¥œ नहीं चल सकती है. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हमारे पास अंधी पागल आसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं का डमरू नहीं है।
हम जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ आंकड़ें पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ नहीं करते पर कौन इस बात से इंकार कर सकता है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कई बड़े मंदिरों में शराब के रूप में पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ वितरित नहीं की जाती हैं? दरअसल ये शराब नहीं बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤• महान पागलपन बांटा जा रहा है, à¤à¤• सामानà¥à¤¯ इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ की सोच को जकड़ा जा रहा है à¤à¤¯ से अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ खड़ा कर आसानी से इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ धरà¥à¤® का चोला पहना दिया गया। बड़ा दà¥à¤ƒà¤– होता है यह देखकर कि इस बौदà¥à¤§à¤¿à¤• दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में देश की राजधानी के बीचो-बीच पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ किला के पार सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ ‘पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ à¤à¥ˆà¤°à¥‹à¤‚ मंदिर’ देवता के पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ में लोकल और इंटरनेशनल लेवल तक की शराब चà¥à¤¾à¤ˆ जाती है। मंदिर के आसपास इसी वजह से तमाम à¤à¤¿à¤–ारी खाली गिलास लिठà¤à¤Ÿà¤•à¤¤à¥‡ नजर आते रहते हैं। पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ का सेवन कर चà¥à¤•à¥‡ अधिकतर à¤à¤¿à¤–ारी पूरी तरह से नशे में होते हैं। नशे में धà¥à¤¤à¥à¤¤ à¤à¤¿à¤–ारियों की लाइन में आपको बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ सहित हर उमà¥à¤° के लोग नजर आ जाà¤à¤‚गे। लोगों के जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नशे में होने की वजह से कई बार यह लोग गमà¥à¤à¥€à¤° अपराध करने से à¤à¥€ नहीं चूकते। पर कà¥à¤¯à¤¾ कहें, किसे कहे? मंदिरों में जाकर वोट मांगने वाले नेताओं को? धरà¥à¤® के नाम पर बाहर शराबी पियकà¥à¤•à¥œ बैठे है अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤• मूरà¥à¤¤à¤¿ पियकà¥à¤•à¥œ जिसे जितना जी करे उतनी शराब पिला दो, शनिवार और रविवार को यह समसà¥à¤¯à¤¾ और विकट हो जाती है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इन दिनों काफी à¤à¤•à¥à¤¤ मंदिर में à¤à¥ˆà¤°à¥‹ बाबा के दरà¥à¤¶à¤¨ को आते हैं। सपà¥à¤¤à¤¾à¤¹ के अंत के दौरान मंदिर परिसर में बोतलें और शराब के कारà¥à¤Ÿà¥‚न बिखरे नजर आते हैं।
पर à¤à¤• सवाल यह à¤à¥€ खड़ा होता है कि जागरूकता की परवाह कौन करता है? वह जो इस अंधकार में डूबा हà¥à¤† कà¥à¤› पाने के लिठहाथ में बोतल लिठखड़ा है? शायद इसके लिठसà¥à¤µà¤¯à¤‚ पहले, लोगों को पाखंड से बाहर निकलना होगा जानना होगा कि धरà¥à¤® का इन सारी बातों से कोई समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ नहीं हैं, उनको इसे वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° समà¤à¤¨à¤¾ होगा उसे जानना होगा धरà¥à¤® का समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ तो सिरà¥à¤« à¤à¤• चीज से है ‘‘वह धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ है।’’ और धरà¥à¤® की à¤à¤• ही खोज है, वह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और सतà¥à¤¯ है। शेष सब बकवास और पाखंड है सबसे छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ पा लेना चाहिà¤...
ALL COMMENTS (0)