अब कथित नारीवाद कहाठगया ?
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Rajeev ChoudharyDate
09-Jan-2018Category
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09-Jan-2018Download PDF
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अब कथित नारीवाद कहाठगया ?
पिछले महीने à¤à¤• सवाल के लिखित जवाब में महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ देवेनà¥à¤¦à¥à¤° फडनवीस ने बताया था कि वरà¥à¤· 2016 में 1 जनवरी से 30 जून के बीच 2,881 लड़कियां लापता हà¥à¤ˆ थीं। इस साल इस अवधि में यह संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤•à¤° 2,965 हो गई है। हालाà¤à¤•à¤¿ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ अपराध रिकॉरà¥à¤¡ बà¥à¤¯à¥‚रो (à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤†à¤°à¤¬à¥€) के जारी किठगठआंकड़ों के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, देश में हर आठमिनट में à¤à¤• लड़की गायब हो रही है। नेशनल कà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤® बà¥à¤¯à¥‚रो का रिकॉरà¥à¤¡ बताता है कि बिहार में वरà¥à¤· 2016 में 3037 लड़कियां गायब हà¥à¤ˆà¤‚। 1587 लड़कियों के गायब होने के पीछे का कारण लव अफेयर बताया गया। इसमें अधिसंखà¥à¤¯ गरीब परिवार की हैं। ये लड़कियां कहां और किस हाल में हैं, किसी को नहीं पता। हो सकता है कà¥à¤› तो इनमें कहीं देह वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° की गनà¥à¤¦à¥€ गलियों में जिलà¥à¤²à¤¤ à¤à¤°à¥€ जिंदगी जी रही हो या फिर हो सकता है दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में ही नहीं हो?
अब कमाल देखिये! (जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚) से गायब à¤à¤• छातà¥à¤° नजीब अहमद के मामले की जांच ततà¥à¤•à¤¾à¤² पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से सीबीआई को सौंप दी जाती हैं पर देश में लाखों की संखà¥à¤¯à¤¾ में गायब हो रही बेटियों पर मीडिया चूं तक नहीं करता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? चलो इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥€ छोड़ दें तो पिछले दिनों की à¤à¤• घटना को लीजिये मामला था दिलà¥à¤²à¥€ से मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ जा रहीं बॉलीवà¥à¤¡ की यंग à¤à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¸ जायरा वसीम के साथ हà¥à¤ˆ छेड़खानी की घटना का। इस घटना को देश में महिलाओं की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ को लेकर गिर रहे सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥‹à¤‚ के सà¥à¤¤à¤° का ये à¤à¤• बड़ा उदाहरण बताया गया था। इससे पहले की à¤à¤• दूसरी घटना जब हरियाणा में वरà¥à¤£à¤¿à¤•à¤¾ कà¥à¤‚डू की गाड़ी का पीछा आधी रात को à¤à¤• बड़े नेता के बेटे ने किया था। इन दोनों खबरों ने देश में à¤à¤¸à¤¾ धमाल मचाया कि महिला सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के नाम पर सचà¥à¤šà¥‡ रोने वालों से à¤à¥‚ठे रोने वाले बाजी मार ले गये। नारीवादी लोग आà¤à¤–ों में आंसू à¤à¤°à¤•à¤° सामने आये, खूब टà¥à¤µà¥€à¤Ÿ हà¥à¤, नà¥à¤¯à¥‚ज रूम में बहस हà¥à¤ˆ, नारी सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾, नारी मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿, नारी सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ की खूब बात à¤à¥€ हà¥à¤ˆà¥¤ हमेशा की तरह पà¥à¤°à¥à¤· समाज को कोसा गया, शो के बीच-बीच में विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ में अरà¥à¤§à¤¨à¤—à¥à¤¨ लड़की परोसी गयी शो खतà¥à¤®à¥¤
बात और आंकड़े यही खतà¥à¤® नहीं होते साल 2014 लेकर अगसà¥à¤¤ 2017 तक फरीदाबाद और पलवल जिले से तकरीबन 770 महिलाà¤à¤‚ लापता हैं। जिसमें जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° महिलाà¤à¤‚ गरीब तबके से हैं। à¤à¤¨à¤¸à¥€à¤†à¤°à¤¬à¥€ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ॠमें वरà¥à¤· 2008 से 2011 तक कà¥à¤² 17365 यà¥à¤µà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ गायब हà¥à¤ˆ हैं तो वरà¥à¤· 2016-17 मधà¥à¤¯à¤ªà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ से 75 महिलाà¤à¤‚ रोजाना पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में गायब हà¥à¤ˆ हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो पूरे साल के दौरान अकेले मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में ही 4 हजार 882 मामले सामने आà¤à¥¤ यही नहीं नेशनल कà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤® रिकारà¥à¤¡ बà¥à¤¯à¥‚रो के साल 2016 के आंकड़े à¤à¤• चौंकाने वाली जानकारी का खà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¾ कर रहे हैं कि बीते साल बिहार में 3037 अलà¥à¤ª वयसà¥à¤• लड़कियां गायब हà¥à¤ˆà¤‚।
वरà¥à¤· 2012 में जहां à¤à¤¸à¥€ महिलाओं की तादाद 34 हजार थी, वहीं 2015 में यह तादाद चार गà¥à¤¨à¤¾ से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बॠकर 1.35 लाख तक पहà¥à¤‚च गई है। 2014 के आंकड़ों के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ 21,899 महिलाà¤à¤‚ महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° से गायब हà¥à¤ˆ थीं। 16,266 के साथ पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल दूसरे नमà¥à¤¬à¤° पर था जबकि 15 हजार के साथ मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ तीसरे पर, देश की राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¥€ इस दौरान 7500 महिलाà¤à¤‚ गायब हà¥à¤ˆà¤‚। इस सूची में करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• 7,119 पांचवें नमà¥à¤¬à¤° पर रहा। केरल की बात छोड़ दीजिये वरना सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का टैग लग जाà¤à¤—ा। पर सवाल जरूर है कि आखिर देश की बेटियां जा कहां रही हैं? कà¥à¤¯à¤¾ इनका कà¤à¥€ पता चल पाà¤à¤—ा? जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लड़कियां सà¥à¤•à¥‚ल-कॉलेज या कोचिंग आने-जाने के दौरान ही गà¥à¤® हो जा रही हैं। अगर इनके साथ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के पास तक नहीं पहà¥à¤‚चने वाले मामलों को à¤à¥€ जोड़ लें तो तसà¥à¤µà¥€à¤° का रूप à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ नजर आता है।
इन तथाकथित नारीवादियों की बहस का à¥à¥‹à¤‚ग सिरà¥à¤« रात में घूमने, कपडे़, आजादी, लिव इन रिलेशनशिप तक ही सीमित हो जाता है। इनके इस à¥à¥‹à¤‚ग को जब à¤à¤• गाà¤à¤µ देहात की लड़की देखती सà¥à¤¨à¤¤à¥€ है वह समà¤à¤¤à¥€ है अब हमें कोई दिकà¥à¤•à¤¤ नहीं है। वह बाहर निकलती है विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ करती है, पà¥à¤°à¥‡à¤® करती है, घर वालां धता बताकर निकल जाती है उसे कà¥à¤¯à¤¾ पता कदम-कदम पर उसकी सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ पर घात लगाने को शिकारी बैठे हैं। आखिर à¤à¤• नजीर अहमद की घटना पर सड़कों पर उतरकर विरोध पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ करने वाले लोग कहाठचले जाते हैं। हम यह नहीं कहते वह पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ गलत है बिलà¥à¤•à¥à¤² सही हैं लेकिन लगातार देश से गायब हो रही इन बेटियों के लिठà¤à¥€ तो कोई आवाज उठनी चाहिà¤.?
आखिर à¤à¤• रेप की घटना पर सड़कों पर उतरकर ‘वी वांट फà¥à¤°à¥€à¤¡à¤®’ कहने वाली महिलाओं और नारीवादियों की à¤à¥€à¥œ इन आंकड़ों पर कहाठगायब हो जाती है, à¤à¤• लोकतानà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤• देश में अपनी मांग रखने और सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-पà¥à¤°à¥à¤· में समानता की बहस होनी चाहिà¤à¥¤ लेकिन इसके उलट इन आंकड़ों और तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की तरफ न तो लड़कियों का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ है, न शिकà¥à¤·à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ का, न सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ का, न संविधान का तथा न ही नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤ªà¤¾à¤²à¤¿à¤•à¤¾ का। लड़कियां व महिलाà¤à¤‚ आज लड़के व पà¥à¤°à¥à¤· बनने के पीछे पागलपन में खोती जा रही हैं। कà¥à¤¯à¤¾ यह अपने असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ के साथ धोखा नहीं है? कहीं à¤à¤¸à¤¾ तो नहीं हैं कि à¤à¤• दो घटना पर मचा शोर कई सौ घटनाओं को चà¥à¤ª करा देता है? महिलाओं के सशकà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤°à¤£ पर बिलà¥à¤•à¥à¤² बहस होनी चाहिठबशरà¥à¤¤à¥‡ इसमें सà¤à¥€ महिलाà¤à¤‚ शामिल हो, पर करेगा कौन? à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बेची जाने वाली 60 फीसदी लड़कियां वंचित और उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ वरà¥à¤— से आती हैं। अधिकतर मामलों में शादी या नौकरी के बहाने उनकी तसà¥à¤•à¤°à¥€ की जाती है।कृ इसके बाद आता है पà¥à¤°à¥‡à¤® जिसके लिठहिनà¥à¤¦à¥€ सिनेमा में गाने बने कि ‘अब तीर चले तलवार चले मैंने पकड़ ली कलाई यार की।’ लेकिन गायब होने वाली इन लड़कियों में से 16 मिलियन लड़कियों को अब तक देश विदेश के देह वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° में धकेला जा चà¥à¤•à¤¾ है। कहीं वह यार कलाई छोड़ या मरोड़ तो नहीं रहा है? या जिसà¥à¤® के बाजार में इस कलाई की कीमत वसूल रहा हो?
---राजीव चौधरी
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