कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ देश धीरे-धीरे सà¥à¤²à¤— रहा है
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Rajeev ChoudharyDate
06-Apr-2018Category
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कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ देश धीरे-धीरे सà¥à¤²à¤— रहा है
पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ और बिहार के कई हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ में रामनवमी के दौरान हà¥à¤ˆ हिंसा की घटनाà¤à¤ थमी à¤à¥€ नहीं थी कि अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति-जनजाति कानून में बदलाव के विरोध में आहूत ‘‘à¤à¤¾à¤°à¤¤ बंद’’ हिंसक हो गया। करीब 12 लोगों की जान चली गई और बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में लोग जखà¥à¤®à¥€ हो गà¤à¥¤ बंद समरà¥à¤¥à¤•à¥‹à¤‚ ने यातायात पर à¤à¥€ अपना गà¥à¤¸à¥à¤¸à¤¾ उतारा। कहीं टà¥à¤°à¥‡à¤¨à¥‡à¤‚ रोकी गईं तो कहीं बसों को आग के हवाले कर दिया गया। पà¥à¤²à¤¿à¤¸ चौकी जलाने के साथ पà¥à¤²à¤¿à¤¸à¤•à¤°à¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥€ निशाना बनाया गया।
दलित आंदोलन की आग से पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ यूपी सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ रहा। मेरठ, मà¥à¤œà¤«à¥à¤«à¤°à¤¨à¤—र, फिरोजाबाद, हापà¥à¥œ, बिजनौर और बà¥à¤²à¤‚दशहर सहित पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ यूपी के जिलों में जमकर तोड़फोड़ और हिंसा हà¥à¤ˆà¥¤ सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ हालात मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, यूपी, हरियाणा, राजसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ और पंजाब में खराब दिखे। à¤à¤¿à¤‚ड-मà¥à¤°à¥ˆà¤¨à¤¾ और गà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¤° जिले में à¤à¥€ छह लोगों की मौत हो गई। यहां पà¥à¤²à¤¿à¤¸ को करà¥à¤«à¥à¤¯à¥‚ लगाना पड़ गया। हालात पर काबू करने के लिठपà¥à¤²à¤¿à¤¸ को कई जगह लाठीचारà¥à¤œ करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
दरअसल अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति-जनजाति कानून जोकि 11 सितमà¥à¤¬à¤° 1989 में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसद दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पारित किया गया था, यह अधिनियम उस पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ पर लागू होता है जो अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¸à¥‚चित जनजाति का सदसà¥à¤¯ नहीं हैं तथा वह वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ इस वरà¥à¤— के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ करता है। अब सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उसमें संशोधन की बात की गयी थी।
à¤à¤•à¤¾à¤à¤• मामला कà¥à¤› यूठउà¤à¤° कर आया जब दलित समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से तालà¥à¤²à¥à¤• रखने वाले à¤à¤• शखà¥à¤¸ ने महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के सरकारी अधिकारी सà¥à¤à¤¾à¤· काशीनाथ महाजन के खिलाफ शिकायत दरà¥à¤œ कराई थी। शिकायत में महाजन पर शखà¥à¤¸ ने अपने ऊपर कथित आपतà¥à¤¤à¤¿à¤œà¤¨à¤• टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ के मामले में अपने दो करà¥à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के खिलाफ कानूनी कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ पर रोक लगाने का आरोप लगाया था। काशीनाथ महाजन ने à¤à¤«à¤†à¤ˆà¤†à¤° खारिज कराने के लिठहाई कोरà¥à¤Ÿ का रà¥à¤– किया था, लेकिन बॉमà¥à¤¬à¥‡ उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने इससे इनà¥à¤•à¤¾à¤° कर दिया था। इसके बाद महाजन ने हाई कोरà¥à¤Ÿ के फैसले को शीरà¥à¤· अदालत में चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ दी थी। इस पर शीरà¥à¤· अदालत ने उन पर à¤à¤«à¤†à¤ˆà¤†à¤° हटाने का आदेश देते हà¥à¤ अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति-जनजाति à¤à¤•à¥à¤Ÿ के तहत ततà¥à¤•à¤¾à¤² गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ पर रोक का आदेश दिया था। यही नहीं सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने à¤à¤¸à¥‡ मामलों में अगà¥à¤°à¤¿à¤® जमानत को à¤à¥€ मंजूरी दे दी थी।
कोरà¥à¤Ÿ के इस फैसले के बाद से ही देश के दलितों में काफी कà¥à¤°à¥‹à¤§ पनपने लगा था, जिसने à¤à¤• हिंसक रूप ले लिया है। हालाà¤à¤•à¤¿ मोदी सरकार ने दलितों के हक में सोमवार ;2 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²à¤¦à¥à¤§ को कोरà¥à¤Ÿ के सामने इस फैसले को लेकर पà¥à¤°à¥à¤¨à¤µà¤¿à¤šà¤¾à¤° याचिका दायर कर दी थी। लेकिन इसके बाद à¤à¥€ मोदी योगी मà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ आर.à¤à¤¸.à¤à¤¸. मà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ जैसे नारों के साथ हिंसा का दौर देर शाम तक चलता रहा।
कथित ऊंची जातियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दलितां को किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के शोषण से बचाने के लिठदेश में 1995 में à¤à¤¸à¤Ÿà¥€.à¤à¤¸à¤¸à¥€ à¤à¤•à¥à¤Ÿ लागू हà¥à¤†à¥¤ मगर हालिया रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° हर साल देश à¤à¤° में लाखों दलित उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ से जà¥à¥œà¥‡ केस सामने आते हैं जिनमें से सैकड़ों फरà¥à¤œà¥€ होते हैं।
दलित संगठनों और कई राजनीतिक दलों के नेता केंदà¥à¤° सरकार से इस मसले पर अपना रà¥à¤– सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करने की मांग करने के साथ ही हिंसा का मूक समरà¥à¤¥à¤¨ à¤à¥€ करते दिखे। जहाठराजनेताओं को दलीय à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से ऊपर उठकर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ à¤à¤•à¤¤à¤¾ और समरसता की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ देनी चाहिठथी, वहां हिंसा, आगजनी को पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ दी गयी। वोट की राजनीति के लिठसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ की फूंक से हिंसा को रोज सà¥à¤²à¤—ाया जा रहा है।
शायद इसी कारण ही à¤à¤• बार फिर कलमकारों ने असली सवाल दबा दिà¤à¥¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जो चेहरे और तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ सामने आईं हैं जो संशय पैदा करती हैं कि कà¥à¤¯à¤¾ दलित आंदोलन में हिंसा à¤à¥œà¤•à¤¾à¤¨à¥‡ में कोई और à¤à¥€ शामिल था? पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने जब गोलियां नहीं चलाई तो ये मौतें कैसे हà¥à¤ˆà¤‚? कà¥à¤¯à¤¾ आंदोलनकारी à¤à¤• दूसरे को मार रहे थे? या कोई और आंदोलन को दूसरी तरफ ले जा रहा था। ये जरà¥à¤° जांच का विषय है।
यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ किसी à¤à¥€ कानून में सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ का यह पहला संशोधन नहीं है। हाल ही में सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने खाप पंचायतों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बने सामाजिक कानूनों को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ दी थी। इससे पहले जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2017 को सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने पति और ससà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ से महिलाओं को बचाने वाली à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दंड संहिता की मशहूर धारा 498-ठपर अहम निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ जारी किठथे। जिसमें सबसे अहम निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ यह था कि पà¥à¤²à¤¿à¤¸ à¤à¤¸à¥€ किसी à¤à¥€ शिकायत पर तà¥à¤°à¤‚त गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ नहीं करेगी। महिला की शिकायत सही है या नहीं, पहले इसकी पड़ताल होगी। à¤à¤¸à¤¾ ही कà¥à¤› हाल महिलाओं की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के लिठबने कानून की धारा 354 के सेकà¥à¤¶à¤¨ à¤.बी.सी.डी और रेप के खिलाफ बनी कानून की धारा का à¤à¥€ दà¥à¤°à¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— बहà¥à¤¤à¥‡à¤°à¥‡ मामलों में à¤à¥‚ठा पाया गया।
अब बीà¤à¤¸à¤ªà¥€ पà¥à¤°à¤®à¥à¤– मायावती शीरà¥à¤· अदालत की ओर से किठगठबदलाव के बाद सरकार के रवैये की जमकर आलोचना कर रही हैं, लेकिन 2007 में जब वह उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में सतà¥à¤¤à¤¾ में थीं तो उस समय उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इस कानून के हो रहे दà¥à¤°à¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— पर राजà¥à¤¯ के सà¤à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अधिकारियों को निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶ दिठथे कि जाà¤à¤š के बाद ही कारवाही हो ताकि किसी निरà¥à¤¦à¥‹à¤· को सजा न मिले। किनà¥à¤¤à¥ आज हिंसा को शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ और संवेदना की ओट में खड़ा कर जायज सा ठहराने की मांग सी हो रही है।
---राजीव चौधरी
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