अमेरिका का हिंसक होता बचपन गलती किसकी?
Author
Rajeev ChoudharyDate
22-May-2018Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
687Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
23-May-2018Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
- जयोतिषी à¤à¤¾à¤°à¤¤
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
अमेरिका नाम à¤à¤• देश ही नहीं à¤à¤• सपने और à¤à¤• चशà¥à¤®à¥‡ का à¤à¥€ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस चशà¥à¤®à¥‡ को लगाते ही हमें जीवन में खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ के सपने दिखाई देने लगते हैं। आम à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के दिलो-दिमाग पर अमेरिका कई तरह से कायम है, वहां की खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤²à¥€ का जशà¥à¤¨ तो यहाठके कोने कोने में पहà¥à¤à¤š जाता है मगर जब वहां कोई दà¥à¤–द हादसा होता है तो वह अखबार के कोने में पड़ा रह जाता है। हाल ही में अमरीका के टेकà¥à¤¸à¤¾à¤¸ राजà¥à¤¯ में à¤à¤• सà¥à¤•à¥‚ल में हà¥à¤ˆ गोलीबारी में दस लोगों की मौत हो गई है और इतने ही लोग घायल हà¥à¤ हैं। हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• 17 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ छातà¥à¤° है जिसने इस वीà¤à¤¤à¥à¤¸ कांड को अंजाम दिया है। हालाà¤à¤•à¤¿ अमेरिका के सà¥à¤•à¥‚लों में हिंसा का यह पहला वाकà¥à¤¯à¤¾ नहीं है इससे पहले अनेकों बार अमेरिकी सà¥à¤•à¥‚लों की हिंसा ने अखबारों के पनà¥à¤¨à¤¾à¤‚ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤«à¤² में जगह बनाई है।
इसी वरà¥à¤· फरवरी महीने में ही फà¥à¤²à¥‹à¤°à¤¿à¤¡à¤¾ हाई सà¥à¤•à¥‚ल में 17 लोगों की गोली मारकर हतà¥à¤¯à¤¾ कर देने के बाद 25 मारà¥à¤š को अमेरिका में बंदूक नियंतà¥à¤°à¤£ के कड़े कानूनों की मांग को लेकर 800 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जगहों पर 10 लाख से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोगों ने अमेरिका के कई शहरों में विरोध पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ आयोजित किठथे और तब à¤à¤• बहस उà¤à¤°à¤•à¤° आई थी कि अमरीका के बंदूक कानून कà¥à¤¯à¤¾ इतने लचीले हैं कि वे मानवता पर संकट बन गठहैं? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पिछले कà¥à¤› वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में अमेरिका के सà¥à¤•à¥‚लों में हà¥à¤ हिंसक रकà¥à¤¤à¤ªà¤¾à¤¤ ने इन सवालों को जनà¥à¤® दिया है। अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 1999 में अमेरिका के कोलंबिन हाईसà¥à¤•à¥‚ल में दो छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ ने गोलाबारी कर 13 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था तो अपà¥à¤°à¥ˆà¤² 2007 में अमेरिका के वरà¥à¤œà¤¿à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ टेक में à¤à¤• छातà¥à¤° ने गोलाबारी कर 32 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था।
दरअसल अमेरिका में à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ विकृत संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पनप चà¥à¤•à¥€ है जहां अकेलेपन के शिकार à¤à¤µà¤‚ मां-बाप के लाड़-पà¥à¤¯à¤¾à¤° से उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ बचà¥à¤šà¥‡ जब-तब कà¥à¤‚ठा में आकर हिंसा कर रहे हैं। पिछले à¤à¤• दशक में छातà¥à¤° हिंसा से जà¥à¥œà¥€ कई वारदातें सामने आ चà¥à¤•à¥€ हैं। दिसंबर 2012 में अमेरिका के नà¥à¤¯à¥‚टाउन कनेकà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤Ÿ इलाके के सैंडी हà¥à¤• à¤à¤²à¤¿à¤®à¥‡à¤‚टà¥à¤°à¥€ सà¥à¤•à¥‚ल में हà¥à¤ à¤à¤• खौफनाक हमले में 20 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ à¤à¤¡à¤® लंजा नाम के हमलावर ने 26 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। लंजा ने सà¥à¤•à¥‚ल में हमले से पहले अपनी मां की गोली मारकर हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी थी। इससे साफ पता चलता है कि इस घटना ने शिकà¥à¤·à¤¾ में मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के चरम बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° को रेखांकित किया है। जब सà¥à¤•à¥‚लों में बचà¥à¤šà¥‡ इस तरह की हिंसा को अंजाम दें तब ये à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के लिठशà¥à¤ संकेत नहीं माना जा सकता है।
दरअसल, आधà¥à¤¨à¤¿à¤• अमेरिका का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हिंसा की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर हà¥à¤† हैं तो इतनी आसानी से अमेरिकी समाज हिंसा मà¥à¤•à¥à¤¤ नहीं होगा। सामाजिक चिंतकां और मनोचिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ का मानना है कि अमेरिकी सà¥à¤•à¥‚ल हिंसा के कारण विशेष रूप से अपराध दर में वृदà¥à¤§à¤¿ लाने के साथ ही सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का कà¥à¤·à¤°à¤£ और सà¥à¤•à¥‚लों के साथ-साथ समाज के लिठबà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा खड़ी हो रही है। उनका मानना है कि हिंसक टेलीविजन कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚, फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ और वीडियो गेम का असर आज के बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¦à¤° हिंसा पैदा कर रहा है। किशोर बचà¥à¤šà¥‡ अकà¥à¤¸à¤° अपने पसंदीदा टैलीविजन पातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ मूवीज में अनà¥à¤•à¤°à¤£ करते हैं। मासूम और बौने से लगने वाले कारà¥à¤Ÿà¥‚न चरितà¥à¤° à¤à¥€ परà¥à¤¦à¥‡ पर बंदूक थामे दिखाई देते हैं जो बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में आकà¥à¤°à¥‹à¤¶ पैदा करने का काम करते हैं इससे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में धैरà¥à¤¯ के बहà¥à¤¤ कम सà¥à¤¤à¤° होते हैं और जब à¤à¥€ वे महसूस करते हैं कि चीजें उनकी इचà¥à¤›à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° नहीं चल रही हैं, तो हिंसक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ देते हैं। कà¥à¤› बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥€ हैं जो दूसरों की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• रूप से अधिक आकà¥à¤°à¤¾à¤®à¤• हैं। à¤à¤¸à¤¾ लगता है कि इस तरह के बचà¥à¤šà¥‡ हिंसक कृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को बाकी की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में अधिक आसानी से आकरà¥à¤·à¤¿à¤¤ होते हैं इससे सà¥à¤ªà¤° पावर के आà¤à¤—न में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की हालत तीसरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के जैसे लगती है।
आज दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ मीडिया संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤• दूसरे से जà¥à¥œ चà¥à¤•à¥€ है इसे गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² विलेज के बजाय अब गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² गली à¤à¥€ कह सकते हैं। इंटरनेट और टीवी के जरिये जà¥à¥œà¤¤à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के कारण इस हिंसा का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° à¤à¥€ तेजी से हो रहा है पिछले वरà¥à¤· ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ में गà¥à¤¡à¤—ाà¤à¤µ में हà¥à¤ रेयान इंटरनेशनल सà¥à¤•à¥‚ल के छातà¥à¤° पà¥à¤°à¤¿à¤‚स (कोरà¥à¤Ÿ के आदेश अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अब इसी नाम से पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¾ जायेगा) की गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤µà¥€à¤‚ ककà¥à¤·à¤¾ के ही à¤à¤• छातà¥à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हतà¥à¤¯à¤¾ का मामला हो या इससे पहले चेनà¥à¤¨à¤ˆ के सेंट मैरी à¤à¤‚गà¥à¤²à¥‹-इंडियन हायर सेकेंडà¥à¤°à¥€ सà¥à¤•à¥‚ल में 15 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ नाबालिग छातà¥à¤° ने अपनी ही शिकà¥à¤·à¤¿à¤•à¤¾ की चाकू घोंप-घोंपकर कà¥à¤°à¥‚रतापूरà¥à¤µà¤• हतà¥à¤¯à¤¾ का मामला रहा हो इससे अंदाजा लगाया जा सकता कि यह हिंसक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के मन को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कर रही है। फरà¥à¤• सिरà¥à¤« इतना है अà¤à¥€ इनके हाथों में अमेरिकी बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की तरह बनà¥à¤¦à¥‚क नहीं है।
छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कà¥à¤‚ठा और अवसाद में आकर आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ तक के मामले यह सब दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¥‡ हैं कि आज अà¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤•à¥‹à¤‚ की अतिरिकà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤à¤¤à¤¾, छोटे होते परिवार इसके अलावा बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को केवल धन कमाऊ कैरियर के लायक बना देने वाली पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ का दबाव à¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ विवेक शूनà¥à¤¯ बना रहा है। सामाजिक और मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से ये à¤à¤¸à¥‡ गंà¤à¥€à¤° कारण हो सकते हैं जिनकी आज पड़ताल जरूरी है।
आज पूरे विशà¥à¤µ में दिन पर दिन सà¥à¤•à¥‚लों को आधà¥à¤¨à¤¿à¤• बनाने की दौड़ और शिकà¥à¤·à¤¾ के बाजारीकरण से सà¥à¤•à¥‚ल à¤à¥€ नैतिक और संवेदनशील मूलà¥à¤¯ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में रोप पाने में असफल हो रहे हैं। छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ पर शिकà¥à¤·à¤¾ का बेवजह दबाव उनमें बरà¥à¤¬à¤° मानसिकता à¤à¤° रहा हैं। आज नैतिक शिकà¥à¤·à¤¾, साहितà¥à¤¯à¤¿à¤• शिकà¥à¤·à¤¾ के पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® कम से कम किये जा रहे हैं जबकि साहितà¥à¤¯ और समाजशासà¥à¤¤à¥à¤° और नैतिक शिकà¥à¤·à¤¾ à¤à¤¸à¥‡ विषय हैं जो समाज से जà¥à¥œà¥‡ सà¤à¥€ विषयों और पहलà¥à¤“ं का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• यथारà¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•à¤Ÿ कर बालमन में संवेदनशीलता का सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• सृजन करते हैं। अà¤à¥€ à¤à¥€ यदि हम वैशà¥à¤µà¤¿à¤• संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ के मोह से उनà¥à¤®à¥à¤•à¥à¤¤ नहीं होते तो शिकà¥à¤·à¤¾ परिसरों में हिंसा, हतà¥à¤¯à¤¾, आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ जैसी घटनाओं से जà¥à¥œà¥‡à¤‚ सवाल अमेरिका की तरह हमारे सामने à¤à¥€ मà¥à¤‚ह खोले खड़ें होंगे
ALL COMMENTS (0)