आरà¥à¤¯ महासमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ देश के लिठजरà¥à¤°à¥€ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚..?
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Rajeev ChoudharyDate
30-Jul-2018Category
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30-Jul-2018Download PDF
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यह सरà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¤¿à¤¤ है कि 19 वीं सदी के इतिहास को जितनी बार à¤à¥€ निचोड़ा जायेगा उतनी बार ही आरà¥à¤¯ समाज के समरà¥à¤ªà¤£ और बलिदान की धारा बहकर सामने आà¤à¤—ी या ये कहें उनà¥à¤¨à¥€à¤¸à¤µà¥€à¤‚ शताबà¥à¤¦à¥€ के à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इतिहास और साहितà¥à¤¯ में महतà¥à¤¤à¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ रखने वाले, देश और समाज पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¤ करने वाले आरà¥à¤¯ समाज की गाथा के सामने सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ की गाथा बोनी नजर आà¤à¤—ी. करीब 143 साल पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नहीं, विशà¥à¤µ कà¥à¤·à¤¿à¤¤à¤¿à¤œ पर जà¥à¤žà¤¾à¤¨ के जिस आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ का आविरà¥à¤à¤¾à¤µ हà¥à¤† था. जिसके कारण à¤à¤¾à¤°à¤¤ ही नहीं मारीशस, दकà¥à¤·à¤¿à¤£ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾, सूरीनाम बरà¥à¤®à¤¾ जैसे देशों में à¤à¤• सामाजिक, धारà¥à¤®à¤¿à¤• राजनितिक कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति का उदय हà¥à¤† था. आज की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ उस आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ को आरà¥à¤¯ समाज के नाम से जानती है. à¤à¤¾à¤°à¤¤ को आतà¥à¤®à¤—ौरव, और चरितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ का संदेश देने वाले इस सामाजिक आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ की लड़ाई आज à¤à¥€ उसी वेग से जारी है.
आज से 70 साल पहले आरà¥à¤¯ समाज के आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ के कारण देश को पूरà¥à¤£ सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ तो मिली किनà¥à¤¤à¥ धरà¥à¤® को कà¥à¤°à¥‚तियों और विसंगतियों से पूरà¥à¤£ सà¥à¤µà¤¤à¤¨à¥à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ अà¤à¥€ तक नहीं मिल पाई. कारण आरà¥à¤¯ समाज के सिपाही à¤à¤• कà¥à¤°à¥‚ति, अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ को खंडित करते तो धरà¥à¤® के पाखंडी दूसरी कà¥à¤°à¥‚ति और अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ खड़ी कर देते थे. अंत में इन विसंगतियों से किस तरह à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ होकर लड़ा जाये तो आरà¥à¤¯ समाज के पूरà¥à¤µ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने वैचारिक मंथन कर सनॠ1927 में आरà¥à¤¯ महासमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ की नीव रखी थी. जिसके उपरांत समय-समय पर आरà¥à¤¯ समाज अलग-अलग देशों और सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं को à¤à¤•à¤¤à¥à¤° कर निरंतर देश और विदेशों में अपनी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ अपने वैदिक धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° करने के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से आरà¥à¤¯ महासमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ आयोजित करता आ रहा है. इसी पावन कारà¥à¤¯ को आगे बà¥à¤¾à¤¤à¥‡ हà¥à¤ à¤à¤• बार फिर सारà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• सà¤à¤¾ और दिलà¥à¤²à¥€ सà¤à¤¾ सामूहिक पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ से इस वरà¥à¤· 25 से 28 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर को अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ आरà¥à¤¯ महासमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ दिलà¥à¤²à¥€ में होने जा रहा है.
बात केवल पाखंड और अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ तक सीमित रहती तो शायद महासमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ की उतनी आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ नहीं होती अंतरंग सà¤à¤¾à¤“ं में चरà¥à¤šà¤¾ कर इससे लड़ने की बात की जा सकती थी लेकिन आज तो चारों ओर अपने धरà¥à¤® और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के विरà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤• षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° सा रचा जा रहा है. किशोर-शिकà¥à¤·à¤¾ के नाम पर à¤à¤• अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯ चल पड़ा है, जो यौन-रोगों को रोकने के नाम पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¤¸à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ परोसी जा रही है मानो बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को यौन-संबंध तो बनाना ही है. बस, जरा ‘सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤’ बनाà¤à¤‚. आखिर इस मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ का आधार कà¥à¤¯à¤¾ है यही कि किशोर बचà¥à¤šà¥‡ यौन-संबंध के बिना नहीं रह सकते? यह सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ में हो सकती है, जो बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ चेतना से अपरिचित है. हमारे यहाठतो ऋषि मà¥à¤¨à¤¿ इन सब बिमारियों से बचने के लिठबà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ जैसी ठोस मजबूत चेतना से परिचित करा गये हैं.
दूसरा आज हमारे सामने हमारे बौदà¥à¤§à¤¿à¤• जीवन में नया यà¥à¤¦à¥à¤§ खड़ा कर दिया गया है अपनी मूलà¤à¥‚त शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं की उपेकà¥à¤·à¤¾ करते हà¥à¤ विदेशी à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“à¤, वैचारिक फैशनों का अंधानà¥à¤•à¤°à¤£ चल पड़ा है. शिकà¥à¤·à¤¾ के पाठà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹ में विदेशी कहानियाठविदेशी नायक खड़े किये जा रहे है. हमारे महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ और अनेक मनीषियों को लगà¤à¤— विसà¥à¤®à¥ƒà¤¤ कर दिया हैं. यहाठतक कि समाज को दिशा देने वाले साहितà¥à¤¯ पर à¤à¥€ आज अशà¥à¤²à¥€à¤²à¤¤à¤¾ ने डेरा जमाया लिया हैं. सूचना कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति में अगà¥à¤°à¤£à¥€ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾ रहे सोशल मीडिया जैसे पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® पर इन विचारों से à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को हानि पहà¥à¤‚चाई जा रही है.
लड़ाई सिरà¥à¤« à¤à¤• मोरà¥à¤šà¥‡ पर नहीं है आज हम अपनी संपूरà¥à¤£ शिकà¥à¤·à¤¾, विमरà¥à¤¶, पाठà¥à¤¯à¤šà¤°à¥à¤¯à¤¾ आदि को उलटें, तो हमारे à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• नायकों की कही गयी बातों में à¤à¤• à¤à¥€ शायद ही कहीं मिलें. फिर देश की पà¥à¤°à¤®à¥à¤– पतà¥à¤°-पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं, टेलीवीजन चैनलों की संपूरà¥à¤£ सामगà¥à¤°à¥€ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ दें जहाठये लिखा जाना चाहिठथा कि वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के साथ चलो आज वहां मोटे-मोटे अकà¥à¤·à¤°à¥‹à¤‚ में छापा जाता है कि कंडोम के साथ चलो! यह सब पढने में जितनी शरà¥à¤® महसूस होती है. अब उतना ही लिखने में à¤à¥€ शरà¥à¤® महसूस हो रही है लेकिन कà¥à¤¯à¤¾ करें जिस तरह आज ये सब परोसा जा रहा है तो शायद कल कà¥à¤› à¤à¥€ बचाने को हमारे पास शेष न रहे.
इस अंधानà¥à¤•à¤°à¤£ मानसिकता से हमारा घोर सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• पतन होता जा रहा है. इसी की परिणति बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ समेत सब को खà¥à¤²à¥‡ वà¥à¤¯à¤à¤¿à¤šà¤¾à¤° की सà¥à¤µà¥€à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ देने में हो रही है. सिनेमा, विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ आदि उदà¥à¤¯à¥‹à¤— हमारे बचà¥à¤šà¥‹à¤‚, किशोरों में बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ की उलटी गतिविधियों की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ जगाते हैं. यह हमारे सबसे अगà¥à¤°à¤£à¥€ पबà¥à¤²à¤¿à¤• सà¥à¤•à¥‚लों की शिकà¥à¤·à¤¾ है. महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ समेत सà¤à¥€ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की सारी बातें कूड़े में और विकृत à¤à¥‹à¤—वाद को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ दिया जा रहा है. इसीलिठअधिकतर लोग à¤à¥‹à¤— के अलावा नितांत उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯à¤¹à¥€à¤¨ जीवन जीते हैं. लोगों को सिरà¥à¤« उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤• à¤à¥‹à¤œà¤¨, उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤• सिनेमा, उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨, उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤• संगीत, चितà¥à¤°, मà¥à¤¹à¤¾à¤µà¤°à¥‡ आदि सेवन करने को परोसे जा रहे है.
à¤à¤• ओर कथित बाबा देश धरà¥à¤® के नाम पर हमारी पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की गरिमा को तार-तार कर रहे है तो दूसरी तरफ इनके कारनामों का फायदा उठाकर विरोधी धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण करने में लगे पड़े है. यà¥à¤µà¤¾ बहनें à¤à¥€ इस धारà¥à¤®à¤¿à¤• कà¥à¤šà¤•à¥à¤° का शिकार बनाई जा रही है. चारों ओर चà¥à¤¨à¥‹à¤¤à¥€ है, धरà¥à¤® से लेकर शिकà¥à¤·à¤¾ तक संसà¥à¤•à¤¾à¤° से लेकर संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ तक. सामाजिक उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के मूलमंतà¥à¤°à¥‹à¤‚ और सारततà¥à¤µà¥‹à¤‚ का खà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® दहन किया जा रहा है. बचाव का कोई सहारा नहीं दिख रहा है इस कारण इस डूबती संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को बचाने के लिठसिरà¥à¤« और सिरà¥à¤« आरà¥à¤¯ समाज ही à¤à¤• टापू के रूप में दिखाई दे रहा है.
देश जà¥à¤¯à¥‹à¤‚-जà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आगे बॠरहा है, तà¥à¤¯à¥‹à¤‚-तà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सामाजिक -समसà¥à¤¯à¤¾ गहरी और वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• हो रही है. हमारी उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के मारà¥à¤— में à¤à¤¸à¥‡ काफी विघà¥à¤¨ हैं. विवादों के बाजार में राजनीती सर चà¥à¤•à¤° बोल रही है. छà¥à¤Ÿ-मूट नेता चà¥à¤¨à¤¾à¤µ जीतने के लिठधरà¥à¤® के नाम पर à¤à¤¾à¤·à¤£ दे जाते है लेकिन कितने लोग मानते है कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपनी राजनीति से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ धरà¥à¤® से पà¥à¤¯à¤¾à¤° हो? आज à¤à¤• आरà¥à¤¯ समाज ही हैं जो सà¥à¤µà¤¦à¥‡à¤¶ के हितारà¥à¤¥ में सदा कमर कसे तैयार रहता हैं जिसकी अपने पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ और अपनी वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर आंतरिक शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ और à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ है, किनà¥à¤¤à¥ ये काफी नहीं है हमारी लड़ाई लमà¥à¤¬à¥€ है जो सà¤à¥€ आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के सहयोग से पूरà¥à¤£ हो सकती है. हमारी आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ और देश ही हमारा जीवनरकà¥à¤¤ है. यदि यह साफ बहता रहे, यदि यह शà¥à¤¦à¥à¤§ है तो सब कà¥à¤› ठीक है. चाहे देश की निरà¥à¤§à¤¨à¤¤à¤¾ ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न हो, यदि खून शà¥à¤¦à¥à¤§ है, तो संसार में हमारा कोई कà¥à¤› नहीं बिगाड़ पायेगा. यदि इस खून में ही वà¥à¤¯à¤¾à¤§à¤¿ उतà¥à¤ªà¤¨ हो गयी तो कà¥à¤¯à¤¾ होगा! यह आप सà¥à¤µà¤¯à¤‚ अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगा सकते है. इन सब विसंगतियों, कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं, अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹ से हो रही सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• हानि से किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° बचना है कैसे इस देश को पà¥à¤¨: राम और कृषà¥à¤£ के विचारों à¤à¥‚मि बनाना है. किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° महरà¥à¤·à¤¿ देव दयाननà¥à¤¦ जी के सपनों को पूरा करना है. यही सब विचार करने हेतॠअंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ आरà¥à¤¯ महासमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ का आयोजन किया जा रहा है. आशा है आप सà¤à¥€ लोग देश-विदेश के जिस à¤à¥€ कोनें में होंगे इस महासमà¥à¤®à¥‡à¤²à¤¨ में हिसà¥à¤¸à¤¾ बनकर अपने पूरà¥à¤£ सहयोग से देश और समाज हित के इस कारà¥à¤¯ में अपनी वैचारिक आहà¥à¤¤à¤¿ जरà¥à¤° देंगे तथा अनà¥à¤¯ लोगों को पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ à¤à¥€ करेंगे...
राजीव चौधरी
Nice. God keep you happy