तेजपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª यादव “कृषà¥à¤£â€ है या मानसिक रूप से बीमार..?
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Rajeev ChoudharyDate
10-Oct-2018Category
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बिहार के पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ माता राबड़ी देवी, पिता लालू पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ के सà¥à¤ªà¥à¤¤à¥à¤° और पूरà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ मंतà¥à¤°à¥€ तेजपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª यादव इन दिनों à¤à¤• गंà¤à¥€à¤° बीमारी से जूठरहे हैं। इन साहब की बीमारी है कि इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पतà¥à¤¨à¥€ नहीं à¤à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¸à¥€ चाहिà¤à¥¤ वो à¤à¥€ राधा जैसी। राधा से आप सà¤à¥€ लोग परिचित होंगे! पौराणिक मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤ªà¤° यà¥à¤— में à¤à¤—वान शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ जी महाराज की à¤à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¸à¥€ थी जिसका नाम राधा था। ये पà¥à¤°à¥‡à¤® की à¤à¤¸à¥€ अनूठी कहानी है जिसका वरà¥à¤£à¤¨ à¤à¤¾à¤—वत कथाओं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पंडालो में कथावाचक रस ले लेकर सà¥à¤¨à¤¾à¤¤à¥‡ दिखाई देते हैं।
हालाà¤à¤•à¤¿ यदि शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जी महाराज के जीवन चरितà¥à¤° को पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ से अलग हटकर पà¥à¥‡à¤‚ तो उसमें राधा नाम की किसी पà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¸à¥€ का जिकà¥à¤° नहीं मिलता। उसमें सिरà¥à¤« उनकी धरà¥à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€ रà¥à¤•à¥à¤®à¤£à¥€ का जिकà¥à¤° है। किनà¥à¤¤à¥ कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤“ं का कोई ठिकाना नहीं होताठवो कà¥à¤› à¤à¥€ रच सकती हैं और कैसा à¤à¥€ रस ले सकती हैं।
तेजपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª यादव ने à¤à¥€ कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ रस पी लिया और पिछले दिनों उस रस में मदहोस होकर मथà¥à¤°à¤¾ के निधिवन से फेसबà¥à¤• लाइव के जरिये घूमते नजर आये। फेसबà¥à¤• लाइव में वो कह रहे थे कि मैं तेज पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª यादव इस समय आपको सीधे लाइव दिखा रहा हूं वृंदावन की इस पवितà¥à¤° à¤à¥‚मि निधिवन से। निधिवन वो जगह है जहां à¤à¤—वान कृषà¥à¤£ रात में राधा रानी और गोपियों के साथ रासलीला करते हैं। इसलिठआज à¤à¥€ यहां रात में कोई नहीं आता है आदि-आदि। वैसे ये फेसबà¥à¤• लाइव कई मिनटों का था लेकिन ये ही इसकी मà¥à¤–à¥à¤¯ बात थी।
इसके बाद निधिवन से लौटकर तेज पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª यादव ने पटना की à¤à¤• अदालत में अपनी पतà¥à¤¨à¥€ à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ से तलाक लेने की याचिका à¤à¥€ दायर कर दी है। अदालत ने उनकी याचिका सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर ली है और अब इस माह के अंत में उनकी ओर से दायर याचिका पर सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ होनी तय हà¥à¤ˆ है। हालाà¤à¤•à¤¿ ये सब बातें आपको सोशल मीडिया पर और इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¨à¤¿à¤• मीडिया के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पता चल चà¥à¤•à¥€ होगीं।
लेकिन कà¥à¤› बातें है जो शायद बहà¥à¤¤ लोग नहीं जानते होंगे। दरअसल जिसे तेज पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª यादव और उनके समरà¥à¤¥à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤® या à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ समठरहे हैं मनोचिकितà¥à¤¸à¤• इसे गंà¤à¥€à¤° बीमारी मानते हैं। बहà¥à¤¤ लोगों को याद होगा उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में साल 2005 में डी के पांडा à¤à¤• पूरà¥à¤µ आईपीà¤à¤¸ अधिकारी ने शरीर पर साड़ी, मांग में सिंदूर, चूड़ियां, कान में बाली और नाक में नथà¥à¤¨à¥€ पहनकर सबके सामने आये थे और खà¥à¤¦ को कृषà¥à¤£ की पà¥à¤°à¥‡à¤¯à¤¸à¥€ राधा बता रहे थे। मà¥à¤à¥‡ नहीं पता तेजपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª को इसी राधा की तलाश है या किसी कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• राधा की। पर इतना जरà¥à¤° पता है कि à¤à¤¸à¥‡ रोगियों को मनोचिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹ की जरà¥à¤° जरà¥à¤°à¤¤ है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जैसे-जैसे आईजी पांडा का कृषà¥à¤£ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® परवान चà¥à¤¤à¤¾ गया उसी अनà¥à¤ªà¤¾à¤¤ में ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ सरकार की फजीहत बà¥à¤¤à¥€ चली गई थी। डà¥à¤¯à¥‚टी में आईजी पांडा कहीं जाते तो अपनी वरà¥à¤¦à¥€ पहनने के साथ ही दà¥à¤²à¥à¤¹à¤¨ वाला शà¥à¤°à¤‚गार करना नहीं à¤à¥‚लते। ठीक à¤à¤¸à¥€ ही हालत आज लालू परिवार की है।
दरअसल ये पà¥à¤°à¥‡à¤® नहीं है इस बीमारी को अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में सिजोफà¥à¤°à¥‡à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ और हिंदी में विखंडित मानसिकता कहा जाता है। इस बीमारी में कोई à¤à¥€ इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤“ं में जीवन जीने लगता है और à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› सोचने या देखने लगता है जो यथारà¥à¤¥ में होता नहीं है। हालाà¤à¤•à¤¿ इसमें कई बार तो रोगी को à¤à¤¹à¤¸à¤¾à¤¸ à¤à¥€ होता है कि वह जो कà¥à¤› कर रहा है यह उसकी गलती है। उसका कहना बोलना वह सही नहीं है परंतॠउसकी कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ इतनी बलवान हो चà¥à¤•à¥€ होती है कि उसे समà¤à¤¾à¤¨à¤¾ बà¥à¤à¤¾à¤¨à¤¾ निररà¥à¤¥à¤• सा हो जाता है।
आई जी पांडा के मामले में à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤› सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को मिला था उसे तमाम सरकारी अमला समà¤à¤¾à¤•à¤° थक चà¥à¤•à¤¾ था। अंत उनकी धरà¥à¤®à¤ªà¤¤à¥à¤¨à¥€ ने नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की शरण लेकर पांडा से संपतà¥à¤¤à¤¿ का हिसà¥à¤¸à¤¾ और गà¥à¤œà¤¾à¤°à¤¾ à¤à¤¤à¥à¤¤à¤¾ लिया था।
अब इसी तरह बिहार के पूरà¥à¤µ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ मंतà¥à¤°à¥€ तेजपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª यादव का हाल है। वह à¤à¥€ पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ से कह रहे है कि वो कृषà¥à¤£ हैं और राधा की तलाश में à¤à¤Ÿà¤• रहे हैं। उनकी पतà¥à¤¨à¥€ à¤à¤¶à¥à¤µà¤°à¥à¤¯à¤¾ उनकी राधा नहीं है। इसलिठवो अब उनसे अलग होना चाहते हैं। जिस तरह आज माथे पर तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤‚ड लगाà¤, तो कà¤à¥€ सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• मंचो पर पगड़ी बांध कर बांसà¥à¤°à¥€ बजाने लग जाने वाले कà¤à¥€ मोरपंख से जड़ा मà¥à¤•à¥à¤Ÿ पहने तेज पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª खà¥à¤¦ को कृषà¥à¤£ माने बैठे हैं और उनके समरà¥à¤¥à¤• इससे à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ में ओत-पà¥à¤°à¥‹à¤¤ होकर उसे कृषà¥à¤£ समठरहे हो लेकिन मेरी नजर में वह इस समय मानसिक रूप से बीमार हैं।....
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