वेदमारà¥à¤— ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ को ईशà¥à¤µà¤°, जीवातà¥à¤®à¤¾ व संसार का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ कराकर मोकà¥à¤· में पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤ कराता है
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Manmohan Kumar AryaDate
26-Nov-2018Category
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Vikas KumarUpload Date
26-Nov-2018Download PDF
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संसार में मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ दो पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की जीवन शैली à¤à¤µà¤‚ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हैं। à¤à¤• तà¥à¤¯à¤¾à¤— की ओर पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤ करती हैं तो दूसरी à¤à¥‹à¤— की ओर। वैदिक धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ मनà¥à¤·à¥à¤¯ को तà¥à¤¯à¤¾à¤—पूरà¥à¤µà¤• जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करने का सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ देती है। पाशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ विदेशी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ अपने अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥‹à¤— करने का संकेत देती हैं। तà¥à¤¯à¤¾à¤— का परिणाम सà¥à¤– होता है जबकि à¤à¥‹à¤— का परिणाम रोग व दà¥à¤ƒà¤– होता है। इसी से अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाया जा सकता है कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ वैदिक धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को अपनाकर होता है। वेद संसार के सरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤® गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ हैं। वेद ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है। यह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•, सरà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¥à¤¯à¤¾à¤®à¥€, सरà¥à¤µà¤œà¥à¤ž, सरà¥à¤µà¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ सृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° ने सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के बनने के बाद उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ अमैथà¥à¤¨à¥€ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के चार ऋषियों अगà¥à¤¨à¤¿, वायà¥, आदितà¥à¤¯ और अंगिरा को दिया था। संसार में जितने à¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ हैं वह सब वेद के बाद रचे गये हैं। वेद और अनà¥à¤¯ मत-पनà¥à¤¥-समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ आदि के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में मौलिक अनà¥à¤¤à¤° यह है कि वेद ईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है जबकि अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° व आतà¥à¤®à¤¾ आदि के यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से रहित विवेकरहित बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ से रचे गये हैं। वेदेतर किसी à¤à¥€ मत व पनà¥à¤¥ के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करें तो उसमें जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के विरà¥à¤¦à¥à¤§ अनेक मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ विदित होती हैं। जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की अनेक अपूरà¥à¤£à¤¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ à¤à¥€ सà¤à¥€ मत-पनà¥à¤¥ के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में हैं। वेद का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ निरà¥à¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है। इसे पà¥à¤•à¤° मनà¥à¤·à¥à¤¯ की आतà¥à¤®à¤¾ सतà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से संयà¥à¤•à¥à¤¤ होकर ईशà¥à¤µà¤°, जीवातà¥à¤®à¤¾ व सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प को जानने में समरà¥à¤¥ होती है। इसका यदि पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· करना हो तो वेदाधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ सहित दरà¥à¤¶à¤¨, उपनिषद, सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका तथा आरà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤µà¤¿à¤¨à¤¯ आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करना चाहिये। यही कारण है कि यह सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ विशà¥à¤µ के बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को विगत 140 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से अधिक समय से लोगों को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कर रहे हैं। इन गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में निहित जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का ही पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ है कि सà¤à¥€ मतों के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने पकà¥à¤·à¤ªà¤¾à¤¤ रहित होकर वेद मत की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा की है व अनेकों ने उसे सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° à¤à¥€ किया है।
वेद मारà¥à¤— पर चलने के लिये मनà¥à¤·à¥à¤¯ को वेदों का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर उसकी शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं को जानना होता है। à¤à¤¸à¤¾ करके मनà¥à¤·à¥à¤¯ को अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हो जाता है। वेदों में ईशà¥à¤µà¤° के सतà¥à¤¯à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प सहित आतà¥à¤®à¤¾ व सृषà¥à¤Ÿà¤¿ का à¤à¥€ वरà¥à¤£à¤¨ हà¥à¤† है। वेदाधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से मनà¥à¤·à¥à¤¯ ईशà¥à¤µà¤°, जीवातà¥à¤®à¤¾ व पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को यथारà¥à¤¥ रूप में जान लेता है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ हम जीवातà¥à¤®à¤¾ हैं। जीवातà¥à¤®à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व करà¥à¤® करने वाली सतà¥à¤¤à¤¾ का नाम है जो अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž व à¤à¤•à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ है। यह अनादि, सनातन, शाशà¥à¤µà¤¤à¥, नितà¥à¤¯, अविनाशी, अजर, अमर, ससीम, जनà¥à¤®-मरण धरà¥à¤®à¤¾, पाप-पà¥à¤£à¥à¤¯ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को करने वाली तथा ईशà¥à¤µà¤° की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿, धà¥à¤¯à¤¾à¤¨, समाधि आदि के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° कर दà¥à¤ƒà¤– व शरीर से छूट कर मोकà¥à¤· को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने वाली है। हमारे सà¤à¥€ ऋषि, मà¥à¤¨à¤¿, योगी, महातà¥à¤®à¤¾, वानपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¥€ व संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ आदि ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿, अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°-यजà¥à¤ž व परोपकार आदि करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को करके ईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ व मोकà¥à¤· मारà¥à¤— पर ही चलते थे। आज à¤à¥€ देश विदेश में वेदानà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ व आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के अनà¥à¤®à¤¾à¤—ी लोग ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ रूपी सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾, अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°-यजà¥à¤ž, देश व समाज हित के कारà¥à¤¯, परोपकार व दान आदि सहित वेद आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ कर मोकà¥à¤· मारà¥à¤— पर अगà¥à¤°à¤¸à¤° हैं। मोकà¥à¤· का अरà¥à¤¥ दà¥à¤ƒà¤–ों की सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ निवृतà¥à¤¤à¤¿ होना है। दà¥à¤ƒà¤–ों की निवृतà¥à¤¤à¤¿ के लिये मनà¥à¤·à¥à¤¯ को पाप का पूरà¥à¤£à¤°à¥à¤ªà¥‡à¤£ तà¥à¤¯à¤¾à¤— करना होता है। पापों का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर और पूरà¥à¤µ किये पापों का फल à¤à¥‹à¤— कर मनà¥à¤·à¥à¤¯ दà¥à¤ƒà¤–ों से मà¥à¤•à¥à¤¤ हो जाता है। इसके साथ ही वह ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿, सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ तथा अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤° आदि करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को करके तथा इससे वायà¥, जल, अनà¥à¤¨, ओषधि व सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के अनà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का पोषण करके ईशà¥à¤µà¤° की निकटता को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो जाता है। जो लोग ईशà¥à¤µà¤° à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ की साधनायोगदरà¥à¤¶à¤¨ की विधि से करते हैं, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ ईशà¥à¤µà¤° का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° होता है। इसके लिये परमातà¥à¤®à¤¾ के मà¥à¤–à¥à¤¯ नाम ओ३मॠव गायतà¥à¤°à¥€ मनà¥à¤¤à¥à¤° आदि के जप से अपने मन व आतà¥à¤®à¤¾ को à¤à¥€ शà¥à¤¦à¥à¤§ व पवितà¥à¤° किया जाता है। यदि मनà¥à¤·à¥à¤¯ का मन व आतà¥à¤®à¤¾ पवितà¥à¤° न हां तो वह पà¥à¤£à¥à¤¯ व शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को करने में पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨à¤¶à¥€à¤² नहीं होता। वैदिक गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ मनà¥à¤·à¥à¤¯ के मन को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कर उसे शà¥à¤¦à¥à¤§ व पवितà¥à¤° बनाने का à¤à¤• सकà¥à¤·à¤® साधन है। आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• मारà¥à¤— पर चलने वाले मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ में रूचि लेनी चाहिये। सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ करने से मन और आतà¥à¤®à¤¾ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किये जाने वाले विषय से à¤à¤•à¤¾à¤•à¤¾à¤° हो जाते हैं और इससे मनà¥à¤·à¥à¤¯ को उस विषय का जà¥à¤žà¤¾à¤¨, दरà¥à¤¶à¤¨ व साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° होता है। हम ऋषि दयाननà¥à¤¦ के जीवन पर दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤ªà¤¾à¤¤ कर पाते हैं उनके जीवन की सà¤à¥€ उपलबà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ उनके जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के सतà¥à¤¸à¤‚ग, उनसे पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का चिनà¥à¤¤à¤¨-मनन-सà¥à¤®à¤°à¤£, उनके सतà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¤à¥à¤¯ पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ पर विचार, उनकी परीकà¥à¤·à¤¾, योगदरà¥à¤¶à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° साधना व अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸, गà¥à¤°à¥à¤“ं से विदà¥à¤¯à¤¾ गà¥à¤°à¤¹à¤£ व उनका अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ का परिणाम थी। हम सà¤à¥€ को उनके जीवन का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर उनका अनà¥à¤•à¤°à¤£ करना चाहिये।
वेद मत संसार के आरमà¥à¤ काल से पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ है। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤à¤•à¤¾à¤² तक यही मत व धरà¥à¤® समसà¥à¤¤ संसार में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ था। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ का काल लगà¤à¤— 5,200 वरà¥à¤· पूरà¥à¤µ है। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ काल तक संसार में वेद मत के अतिरिकà¥à¤¤ अनà¥à¤¯ कोई मत नहीं था। इसका कारण यह था कि वेद मत सतà¥à¤¯ मत था और इसके विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में देश देशानà¥à¤¤à¤° में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ थे। किसी अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ व अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ को यह साहस नहीं होता था कि वह नया मत-मतानà¥à¤¤à¤° चला सके अथवा आजकल की तरह गà¥à¤°à¥à¤¡à¤® को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ दे सके। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ के महायà¥à¤¦à¥à¤§ के बाद देश देशानà¥à¤¤à¤° में अविदà¥à¤¯à¤¾ का अनà¥à¤§à¤•à¤¾à¤° छा गया। शिकà¥à¤·à¤¾ आदि का महाà¤à¤¾à¤°à¤¤à¤•à¤¾à¤² से पूरà¥à¤µ जैसा वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ नहीं रह सका। à¤à¤¸à¥‡ अनà¥à¤§à¤•à¤¾à¤° के समय में ही देश देशानà¥à¤¤à¤° में सà¤à¥€ मत-मतानà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ व गà¥à¤°à¥à¤¡à¤®à¥‹à¤‚ को आशà¥à¤°à¤¯ मिला। इन मतों के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने येन केन पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‡à¤£ अपनी संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के लिये उचित व अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ साधनों का à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया। इस कारण उनकी संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¤à¥€ गई। वैदिक धरà¥à¤® में मूरà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚जा, फलित जà¥à¤¯à¥‹à¤¤à¤¿à¤·, मृतक शà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥à¤§, अवतारवाद, सामाजिक असमानता, नदियों में सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ व हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° व काशी को तीरà¥à¤¥ मानने जैसी अवैदिक परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ चलीं जिससे आरà¥à¤¯ जाति का संगठन कमजोर होता गया और अब à¤à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ à¤à¤¸à¥€ ही है। सामानà¥à¤¯à¤œà¤¨ ईशà¥à¤µà¤° व आतà¥à¤®à¤¾ को जानने तथा पूजा पदà¥à¤§à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की सतà¥à¤¯à¤¤à¤¾ की परीकà¥à¤·à¤¾ करने में जिस जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है, वह उनके पास न होने से वह अपने सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ गà¥à¤°à¥à¤“ं का अनà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤•à¤°à¤£ करते हैं जिससे सतà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से यà¥à¤•à¥à¤¤ वैदिक मत सीमित जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ लोगों तक ही पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ व पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ है। वैदिक मत के लोगों को à¤à¥€ ऋषि दयाननà¥à¤¦, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦, पं. लेखराम, पं. गà¥à¤°à¥à¤¦à¤¤à¥à¤¤ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ तथा महातà¥à¤®à¤¾ हंसराज जी से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेकर वैदिक धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करना होगा। इन महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की तरह धरà¥à¤® पर मर मिटना उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सीखना होगा तà¤à¥€ वैदिक धरà¥à¤® का पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° होगा तथा आरà¥à¤¯ धरà¥à¤® व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की रकà¥à¤·à¤¾ हो सकेगी।
मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीवन का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ दà¥à¤ƒà¤–ों की सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ निवृतà¥à¤¤à¤¿ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ जनà¥à¤®-मरण से दीरà¥à¤˜à¤•à¤¾à¤² तक छूट है। इसके लिये आतà¥à¤®à¤¾ को अपने पूरà¥à¤µ सà¤à¥€ पाप करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का à¤à¥‹à¤— करना है। पाप करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के à¤à¥‹à¤— का तातà¥à¤ªà¤°à¥à¤¯ है कि उसने वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ जनà¥à¤® सहित पूरà¥à¤µà¤œà¤¨à¥à¤®à¥‹à¤‚ में जिन मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ व अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अपराध किये हैं उनकी सजा पाकर उनसे मà¥à¤•à¥à¤¤ होना है। इसके साथ जीवातà¥à¤®à¤¾ को इस सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के करà¥à¤¤à¤¾-पालन-संहारक का पूरà¥à¤£ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥€ होना चाहिये। ईशà¥à¤µà¤°, जीवातà¥à¤®à¤¾ व कारण व कारà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ वेद à¤à¤µà¤‚ वैदिक साहितà¥à¤¯ में सà¥à¤²à¤ है। अतः जनà¥à¤®-मरण से अवकाश à¤à¤µà¤‚ मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिये वेद मारà¥à¤— पर चलना अनिवारà¥à¤¯ है। ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हो जाने और पाप का à¤à¥‹à¤— समापà¥à¤¤ हो जाने पर मनà¥à¤·à¥à¤¯ योग साधना दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ईशà¥à¤µà¤° का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· करने में सफल होता है। ईशà¥à¤µà¤° का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· होना ही मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ की अनà¥à¤¤à¤¿à¤® परीकà¥à¤·à¤¾ है। इसमें उतà¥à¤¤à¥€à¤°à¥à¤£ होने पर ही उस योगी मनà¥à¤·à¥à¤¯ का मोकà¥à¤· शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ की आतà¥à¤®à¤¾à¤“ं में जाना व उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ होना समà¥à¤à¤µ होता है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ की आतà¥à¤®à¤¾ को जब तक मोकà¥à¤· नहीं मिलेगा, वह नाना योनियों में जनà¥à¤® लेकर दà¥à¤ƒà¤– पाती रहेगी। अतः सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिये अनà¥à¤¯ अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के मारà¥à¤—ों का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर वेद मारà¥à¤— पर आना चाहिये। यही मारà¥à¤— ईशà¥à¤µà¤° व मोकà¥à¤· तक पहà¥à¤‚चता है। अनà¥à¤¯ मारà¥à¤— आपको जनà¥à¤®-मरण व दà¥à¤ƒà¤– की ओर ही ले जाते हैं। वेद की सà¤à¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ तरà¥à¤• व यà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ की कसौटी पर à¤à¥€ सतà¥à¤¯ हैं। अतः वेद ही सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ का सतà¥à¤¯ व ईशà¥à¤µà¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ मानà¥à¤¯ धरà¥à¤® है। वेदाधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ ही सà¥à¤– का आधार होने सहित मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन में अपनी आतà¥à¤®à¤¾, पूरà¥à¤µà¤œà¤¨à¥à¤®, पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¤¨à¥à¤®, आतà¥à¤®à¥‹à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¿ व मोकà¥à¤· आदि को जानने में सहायक है। इसी के साथ लेख को विराम देते हैं। ओ३मॠशमà¥à¥¤
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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