अपनी उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के लिये हमें वेद और सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ आदि का नियमित सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ अवशà¥à¤¯ करना चाहिये
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Manmohan Kumar AryaDate
01-Dec-2018Category
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HindiTotal Views
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Vikas KumarUpload Date
01-Dec-2018Download PDF
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मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन दà¥à¤ƒà¤–ों को दूर करने और सà¥à¤–पूरà¥à¤µà¤• सà¥à¤µà¤¹à¤¿à¤¤ व परहित के कारà¥à¤¯ करने के लिये परमातà¥à¤®à¤¾ से मिला है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन में हम अपने पूरà¥à¤µà¤œà¤¨à¥à¤®à¥‹à¤‚ के करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का à¤à¥‹à¤— करते हैं और नये शà¥à¤ व अशà¥à¤ करà¥à¤® à¤à¥€ करते हैं। पूरà¥à¤µ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का à¤à¥‹à¤— तो हमें अवशà¥à¤¯à¤®à¥‡à¤µ करना ही है, इससे हम बच नहीं सकते। इसे इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से समठसकते हैं कि हमने जो करà¥à¤® कर रखे हैं उसका पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° व दणà¥à¤¡ तो हमें ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से à¤à¥‹à¤—ना ही होगा। ईशà¥à¤µà¤° नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€ व सà¤à¥€ जीवों का राजा है। वह हमारे पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• करà¥à¤® का साकà¥à¤·à¥€ होता है और हमें उसका फल सà¥à¤– व दà¥à¤ƒà¤– के रूप में देता है। हमारे पास वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ व à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में करने के लिये शà¥à¤ व अशà¥à¤ करà¥à¤® ही हैं। सतà¥à¤¯, शà¥à¤ व पà¥à¤£à¥à¤¯ करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का परिणाम सà¥à¤– तथा असतà¥à¤¯, अशà¥à¤ व पाप करà¥à¤®à¥‹à¤‚ का परिणाम दà¥à¤ƒà¤– है। जो सतà¥à¤¯ है वही पà¥à¤£à¥à¤¯ और जो असतà¥à¤¯ करà¥à¤® है वही पाप करà¥à¤® हैं। करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के सà¥à¤µà¤°à¥‚प व परिणाम को जानने के लिये हमें ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ वेद सहित ऋषि-मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के वेदों पर आधारित गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करना चाहिये। सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ करना हमारे लिये आवशà¥à¤¯à¤• à¤à¤µà¤‚ लाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• है। यदि हम सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ नहीं करेंगे तो हमें अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं होगा। आज के संसार ने कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤¤à¥€à¤¤ à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ की है परनà¥à¤¤à¥ सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ न करने के कारण हमारे वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• व अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€à¤œà¤¨ ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ तथा अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯-करà¥à¤®à¥‹à¤‚ से अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž है। सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ में पà¥à¤°à¤®à¥à¤– गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ तो वेद हैं। इसके साथ हमें वेदों पर आधारित सतà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¤à¥à¤¯ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ कराने वाले अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ à¤à¥€ नितà¥à¤¯ करना चाहिये। इससे हमारा आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® व à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• जगतॠसे समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¤ विषयों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ हो सकेगा और हम दोनों का सदà¥à¤ªà¤¯à¥‹à¤— करके अपने जीवन को दà¥à¤ƒà¤–ों से पृथक व सà¥à¤–ों से यà¥à¤•à¥à¤¤ कर सकेंगे।
सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ अपने आप अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ अपनी आतà¥à¤®à¤¾ और अपने मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन को जानने को à¤à¥€ कहते हैं। आतà¥à¤® चिनà¥à¤¤à¤¨ करना और आतà¥à¤®à¤¾ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के उपाय सोचना व उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ करना à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ में ही आता है। आतà¥à¤® चिनà¥à¤¤à¤¨ में वेदों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सहायक होता है। अतः सà¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को वेदों का सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ अवशà¥à¤¯ करना चाहिये। वेदों के सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ की पूरà¥à¤¤à¤¿ के लिये ऋषि दयाननà¥à¤¦ ने वेदों का हिनà¥à¤¦à¥€ में à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ किया है। उनके वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ से हम वेद के मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का हिनà¥à¤¦à¥€ में अरà¥à¤¥ जान सकते हैं। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी के वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ की विशेषता यह है कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वेदमनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के सà¤à¥€ पदों व शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के अरà¥à¤¥ अपने वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ में दिये हैं और पदारà¥à¤¥ व शबà¥à¤¦à¤¾à¤°à¥à¤¥ देने के साथ मनà¥à¤¤à¥à¤° का à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¥€ समà¤à¤¾à¤¯à¤¾ है। उनकी शिषà¥à¤¯ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ ने à¤à¥€ उनकी वेदà¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ का अनà¥à¤•à¤°à¤£ किया है। इसे पà¥à¤•à¤° हम ईशà¥à¤µà¤° के मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के हित के दिये गये वेद-जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को जान व समà¤à¤•à¤° ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ इचà¥à¤›à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वेद निरà¥à¤¦à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ करà¥à¤¤à¤¤à¥à¤¯à¥‹à¤‚ का पालन करते हà¥à¤ हम अपने जीवन को सफल कर सकते है।
वेदों के सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ के बाद हमें वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• लाठऋषि दयाननà¥à¤¦ जी के सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ व अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को पà¥à¤¨à¥‡ से होता है। हम सतà¥à¤¯ व असतà¥à¤¯ को जानने में सफल होते हैं। सतà¥à¤¯ का गà¥à¤°à¤¹à¤£ और असतà¥à¤¯ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— ही मनà¥à¤·à¥à¤¯ का करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ है। यदि हम सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ नहीं पà¥à¥‡à¤—े तो हमें सतà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¤à¥à¤¯ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नहीं होगा। इससे हम सतà¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ न होने से अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का पालन नहीं कर सकते। मनà¥à¤·à¥à¤¯ को ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ के यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सहित अपने पà¥à¤°à¤®à¥à¤– करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾, अगà¥à¤¨à¤¿à¤¹à¥‹à¤¤à¥à¤°-यजà¥à¤ž, मातृ-पितृ की नितà¥à¤¯ सेवा, अतिथि सतà¥à¤•à¤¾à¤° करने सहित सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के पशॠपकà¥à¤·à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ आदि के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ दया व करूणा का à¤à¤¾à¤µ रखना चाहिये। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ करके हमारे सदà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹à¤‚ में वृदà¥à¤§à¤¿ होगी जिससे हमें सà¥à¤– अधिक मातà¥à¤°à¤¾ में पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होंगे। वेद आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ के सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ के साथ हमें योगदरà¥à¤¶à¤¨ का à¤à¥€ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करना चाहियें। इस अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से हम अपनी आतà¥à¤®à¤¾ व परमातà¥à¤®à¤¾ को अचà¥à¤›à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से जान सकेंगे जो हमारे शरीर सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ दीघारà¥à¤¯ करने सहित हमें ईशà¥à¤µà¤° को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने व ईशà¥à¤µà¤° साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° करने à¤à¥€ सहायक होगा।
आतà¥à¤®à¤¾ चेतन सतà¥à¤¤à¤¾ है। जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व करà¥à¤® ही इसके सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• करà¥à¤® हैं। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जितना अधिक सतà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करता है उसका आचरण करता है, उतना ही वह सà¥à¤–ी होता है। परमातà¥à¤®à¤¾ ने मनà¥à¤·à¥à¤¯ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ बहà¥à¤¤ ही कम बनाई हैं। हमें दो समय à¤à¥‹à¤œà¤¨ चाहिये। कà¥à¤› वसà¥à¤¤à¥à¤° चाहिये। à¤à¤• घर चाहिये जहां हम नितà¥à¤¯ करà¥à¤® अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ पंचमहायजà¥à¤ž कर सकें। हमें à¤à¤• निवास गृह à¤à¥€ चाहिये जिससे हमारे सà¤à¥€ नितà¥à¤¯ करà¥à¤® व वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° हो सकें। हमें कà¥à¤› धन à¤à¥€ चाहिये जिससे हमारी आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ पूरी हो सकें। इन सब आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं की पूरà¥à¤¤à¤¿ करना बà¥à¤°à¤¾ नहीं है। हम इसके साथ यदि à¤à¤·à¤£à¤¾à¤“ं व लोठआदि में फंसते हैं तो इससे हमारा पतन होता है। हमारा सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ व ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ आदि करà¥à¤® गौण हो जाते हैं, वह मà¥à¤–à¥à¤¯ नहीं रहते। इसी कारण योगदरà¥à¤¶à¤¨ में यम व नियमों को पà¥à¤°à¤¥à¤® सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिया गया है। अहिंसा, सतà¥à¤¯, असà¥à¤¤à¥‡à¤¯, बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ व अपरिगà¥à¤°à¤¹ यम हैं और शौच, सनà¥à¤¤à¥‹à¤·, तप, सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ व ईशà¥à¤µà¤°-पà¥à¤°à¤£à¤¿à¤§à¤¾à¤¨ नियम हैं। इसके बाद आसन व पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¾à¤¯à¤¾à¤® आते हैं। हमें इन चारों को अपने जीवन में महतà¥à¤µ देना चाहिये। हम इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जितना महतà¥à¤µ देंगे उतनी ही हमारी आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• व à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤—ति होगी। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में लोग à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤—ति के मोह व लोठमें फंस कर आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ की उपेकà¥à¤·à¤¾ कर रहे हैं जिससे उनका यह जीवन व परजनà¥à¤® दोनों बिगड़ रहा है। हमें इस पर विवेक बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ से निरà¥à¤£à¤¯ कर उसका अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करना चाहिये।
सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ हमें à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के साथ ईशà¥à¤µà¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ करा सकता है। सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ का सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ करने से हमें कà¥à¤› घंटो व दिनों में ही जीवातà¥à¤®à¤¾ व ईशà¥à¤µà¤° का सतà¥à¤¯ सà¥à¤µà¤°à¥‚प विदित हो जाता है। इसे हम आंशिक आतà¥à¤® दरà¥à¤¶à¤¨ व ईशà¥à¤µà¤° दरà¥à¤¶à¤¨ कह सकते हैं। इस कà¥à¤°à¤® में योगदरà¥à¤¶à¤¨ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° साधना कर हम ईशà¥à¤µà¤° के निकट पहà¥à¤‚चना आरमà¥à¤ हो जाते हैं। ईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ में ईशà¥à¤µà¤°, आतà¥à¤®à¤¾ और पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ सहित साधना का महतà¥à¤µ निरà¥à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¦ है। बिना साधना के ईशà¥à¤µà¤° को जाना तो जा सकता है परनà¥à¤¤à¥ उसे पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं किया जा सकता। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पॠकर जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर लेते हैं और उसके बाद उसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤—शाला में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कर वह सिदà¥à¤§à¤¿ करते हैं। पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— से सिदà¥à¤§ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• होता है। कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ ही हमें à¤à¥€ साधना के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ करना है। साधना का अरà¥à¤¥ है कि आतà¥à¤®à¤¾ को सतà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹à¤‚ से पवितà¥à¤° बनाकर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ व चिनà¥à¤¤à¤¨ से समाधि को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना। यह कितने समय बाद पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगी, यह कहा नहीं जा सकता। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी को समाधि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ थी। वह पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ इसका अनà¥à¤à¤µ व आननà¥à¤¦ लेते थे। अतः समाधि पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करना कठिन हो सकता असमà¥à¤à¤µ नहीं। हमें धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ व समाधि के लिये साधना तो करनी ही चाहिये। हम जितना, कम व अधिक, पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करेंगे हमें उससे लाठही होगा।
सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ मनà¥à¤·à¥à¤¯ को मनà¥à¤·à¥à¤¯ बनाने के साथ साथ विवेकशील à¤à¥€ बनाते हैं। इससे अनेकानेक लाठहैं। हम नियमित सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ का वà¥à¤°à¤¤ लें और अपना व समाज का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करें। इति ओ३मॠशमà¥à¥¤
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
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