अयोधà¥à¤¯à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ मंदिर बन पायेगा?
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Rajeev ChoudharyDate
06-Dec-2018Category
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अयोधà¥à¤¯à¤¾ में 25 नवमà¥à¤¬à¤° को विशà¥à¤µ हिंदू परिषद की ओर से धरà¥à¤®à¤¸à¤à¤¾ का आयोजन किया गया था जिसमें महाराषà¥à¤Ÿà¥à¤° समेत देश à¤à¤° से à¤à¤¾à¤°à¥€ संखà¥à¤¯à¤¾ में रामà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का जमावड़ा हà¥à¤† था. सà¤à¥€ राम à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ और साधà¥-संतों की बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में रामनगरी पहà¥à¤à¤šà¤¨à¥‡ से शहर की गलियां और चौक-चोराहे à¤à¤—वा à¤à¤‚डों से अटे थे. सड़कें तथा गलियां जय शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤®, बचà¥à¤šà¤¾ बचà¥à¤šà¤¾ राम का, जनà¥à¤®à¤à¥‚मि के काम का जैसे नारों से गूंज रही थी. रामà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ का कहना था कि यह धरà¥à¤® सà¤à¤¾ सरकार और सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ पर दबाव बनाने के लिठरखी गयी हैं, ताकि सरकार और उचà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤²à¤¯ राम मंदिर को लेकर जलà¥à¤¦ फैसला लें.
धरà¥à¤® सà¤à¤¾ तो समापà¥à¤¤ हो गयी लेकिन à¤à¤• बार फिर पà¥à¤¨: सवाल अयोधà¥à¤¯à¤¾ में खड़ा रह गया कि कà¥à¤¯à¤¾ निकट à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ कोई अदà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ लागू होगा या सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ में इसकी सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ शà¥à¤°à¥‚ होने के कोई आसार हैं. शायद हर कोई यही कहेगा कि à¤à¤—वान ही जाने. यूठतो सितमà¥à¤¬à¤° 2010 में इलाहबाद हाईकोरà¥à¤Ÿ ने बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ के बीच के गà¥à¤®à¥à¤¬à¤¦ को राम जनà¥à¤® à¤à¥‚मि मानते हà¥à¤ विवादित डेॠहजार वरà¥à¤— मीटर जमीन का तीन पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ में बंटवारा कर दिया था. जमीन का à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¤¾ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ के अंदर विराजमान à¤à¤—वान राम, जिनके पैरोकार विशà¥à¤µ हिंदू परिषद के नेता हैं. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दे दिया था. दूसरा हिसà¥à¤¸à¤¾ निरà¥à¤®à¥‹à¤¹à¥€ अखाड़ा जो लगà¤à¤— सवा सौ साल से इस सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर मंदिर बनाने की कानूनी लड़ाई लड़ रहा है. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दिया था साथ ही तीसरा हिसà¥à¤¸à¤¾ सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ वकà¥à¤« बोरà¥à¤¡ और कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ जो 1949 से इस मामले में कानूनी लड़ाई लड़ रहे है उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर दिया था. किनà¥à¤¤à¥ इस फैसले पर सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने रोक लगा दी थी. तब से अब तक देश में लगà¤à¤— आम सहमति है कि सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ही इसके सà¥à¤µà¤¾à¤®à¤¿à¤¤à¥à¤µ का फैसला करे. लेकिन सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ का फैसला कब आà¤à¤—ा, यह बात शायद सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ को à¤à¥€ मालूम नही.
हालाà¤à¤•à¤¿ मà¥à¤à¥‡ नहीं लगता इसमें कोई बड़ी अड़चन सामने हैं. हाठजितनी à¤à¥€ अडचने है वह सब राजनितिक अडचने हैं जिसका सारा दोष कà¥à¤› नेताओं और कोरà¥à¤Ÿ पर डाल दिया जाता रहा हैं. इसके बाद बचता है शà¥à¤°à¥‡à¤¯ जिसे सà¤à¥€ राजनितिक दल लेना चाहते है किनà¥à¤¤à¥ साथ ही वोट बेंक न दरक जाये इससे पीछे à¤à¥€ हटते हैं. जहाठइस पूरे मामले को हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की जनà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से जोड़कर देखा जाता है वही मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® पकà¥à¤·à¤•à¤¾à¤° à¤à¥€ इसे अपने समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से जà¥à¥œà¤¾ पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ बना चà¥à¤•à¥‡à¤‚ हैं. à¤à¤¸à¥‡ हालात में सवाल फिर वही खड़ा हो जाता है कि कà¥à¤¯à¤¾ मंदिर बन पायेगा या à¤à¤¸à¥‡ ही राजनीती होती रहेगी? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अब मामला धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ राजनितिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤Ÿà¤¾ का पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ बन चूका हैं.
आज यदि इस संदरà¥à¤ में देखें तो इस पर हर किसी की अपनी अलग राय है हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं का à¤à¤• बड़ा तबका चाहता है कि राममंदिर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हो और मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ का à¤à¤• बड़ा तबका यह चाहता है कि अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• होने नाते फैसला उनके हक में हो और यदि कोरà¥à¤Ÿ के के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° वहां से मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ हटे तो वहां राममंदिर की बजाय किसी अनà¥à¤¯ चीज असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² या सà¥à¤•à¥‚ल का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हो जाये शायद ये धारà¥à¤®à¤¿à¤• दà¥à¤µà¤‚द है जो दोनों ओर से जारी है. आसà¥à¤¥à¤¾ को à¤à¥‚लकर यहाठधारà¥à¤®à¤¿à¤• ताकत का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया जा रहा हैं. साथ ही इसमें जो असली मनोसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ हैं वह कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥€ दिखती है कि आज आजादी के सतà¥à¤¤à¤° इकतà¥à¤¤à¤° साल बाद à¤à¥€ और लगातार देश पर शासन करने के बाद à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं का à¤à¤• धडा अपने को उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ मान रहा है. वह बार-बार अपने साथ अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° का जिकà¥à¤° कर रहा है. मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® इस बात को लेकर डर रहा है कि यदि मंदिर का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हो गया तो उसे उपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ किया जाà¤à¤—ा, मà¥à¤–à¥à¤¯à¤§à¤¾à¤°à¤¾ से बाहर किया जाà¤à¤—ा, पीटा जाà¤à¤—ा और मारा à¤à¥€ जाà¤à¤—ा. यदि आज उसने अयोधà¥à¤¯à¤¾ में हार मान ली तो कल मथà¥à¤°à¤¾ और काशी की विवादसà¥à¤ªà¤¦ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ पर à¤à¥€ इसी तरह हमला बोला जायेगा.
à¤à¤¸à¥‡ में हिंदू, मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® और सà¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ के सामने पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ फिर वही चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ बनकर खड़ा है कि कà¥à¤¯à¤¾ मंदिर बन पायेगा या नहीं? शायद यही कारण था कि मारà¥à¤š 2017 में सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने को à¤à¥€ कहना पड़ा था कि राम मंदिर विवाद का कोरà¥à¤Ÿ के बाहर निपटारा होना चाहिà¤. इस पर सà¤à¥€ संबंधित पकà¥à¤· मिलकर बैठें और आम राय बनाà¤à¤‚. बातचीत नाकाम रहती है तो हम दखल देंगे. जहाठइस बात को देश के कई बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने सराहा था मैंने तब à¤à¥€ लिखा था कि यदि यह मामला आम राय से निपट जाता तो कà¥à¤¯à¤¾ सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ तक पहà¥à¤à¤šà¤¤à¤¾?
अब यदि इस आम राय पर चरà¥à¤šà¤¾ की जाये तो मà¥à¤à¥‡ नहीं लगता कि यह अगले सौ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ बन पाठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पकà¥à¤·à¤•à¤¾à¤° केवल दो धरà¥à¤® या गà¥à¤Ÿ नहीं बलà¥à¤•à¤¿ अदालत में मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से चार मà¥à¤•à¤¦à¤®à¥‡ विचाराधीन हैं, तीन हिंदू पकà¥à¤· के और à¤à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® पकà¥à¤· का. लेकिन वादी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥€ कà¥à¤² मिलाकर मà¥à¤•à¤¼à¤¦à¤®à¥‡ में लगà¤à¤— तीस पकà¥à¤·à¤•à¤¾à¤° हैं.शिया बोरà¥à¤¡ à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• दसà¥à¤¤à¤¾à¤µà¥‡à¤œà¥‹à¤‚ के आधार पर सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ में यह दावा कर रहा है कि मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ बाबर के समय में मीर बकी ने बनाई थी, जो कि हिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• ईरान का à¤à¤• शिया था. बाबर तो कà¤à¥€ अयोधà¥à¤¯à¤¾ गया ही नहीं, à¤à¤¸à¥‡ में इस मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ पर शियाओं का हक है. बोरà¥à¤¡ के चेयरमैन वसीम रिजवी इसे à¤à¤—वान राम की जनà¥à¤®à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€ मानते है तो सà¥à¤¨à¥à¤¨à¥€ वकà¥à¤« बोरà¥à¤¡ इसे इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾ से जोड़कर कह रहा है कि मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ जहां à¤à¤• बार बन गई तो वो क़यामत तक रहेगी, वो अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ की संपतà¥à¤¤à¤¿ है, वो किसी को दे नहीं सकते.
इसके बाद सरकार बार-बार यही कह रही कि राम मंदिर को संविधान के दायरे में रहकर ही बनाया जा सकता है. तो विपकà¥à¤·à¥€ दलों के अपने राजनितिक तंज हैं. इतिहासकारों के अलग-अलग इतिहास हैं तो जनà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का अपना गà¥à¤¬à¤¾à¤° हैं. हाठकोरà¥à¤Ÿ चाहें तो à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• साकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के आधार पर फैसला सà¥à¤¨à¤¾ सकती हैं. किनà¥à¤¤à¥ बिना किसी राजनितिक दबाव के à¤à¤¸à¤¾ होता संà¤à¤µ नहीं दिख रहा हर कोई कह रहा है कि विवाद आपसी बातचीत से ही संà¤à¤µ हो सकता है लेकिन कह किसके रहे है यह कोई नहीं जानता. इतना जरà¥à¤° है राममंदिर बने या ना बने सरकारें बनती रहेगी और लोग आसà¥à¤¥à¤¾ का मूलà¥à¤¯ वोट और खून से चà¥à¤•à¤¾à¤¤à¥‡ रहेंगे.....राजीव चौधरी
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