यदि आतंकी धरती के बेटे है तो देश सैनिक कà¥à¤¯à¤¾ हैं?
Author
Rajeev ChoudharyDate
23-Jan-2019Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
668Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
23-Jan-2019Top Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
- कà¥à¤¯à¤¾ आतà¥à¤®à¤¾à¤à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में बोलती है..?
कई रोज पहले वरà¥à¤· 2010 सिविल सेवा परीकà¥à¤·à¤¾ में देशà¤à¤° में अवà¥à¤µà¤² रहने वाले पहले कशà¥à¤®à¥€à¤°à¥€ आईà¤à¤à¤¸ अधिकारी शाह फैसल ने कशà¥à¤®à¥€à¤° में कथित रूप से लगातार हो रही हतà¥à¤¯à¤¾à¤“ं और à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के हाशिये पर होने का आरोप लगाते हà¥à¤ इसà¥à¤¤à¥€à¤«à¤¾ दे दिया। इसके बाद जमà¥à¤®à¥‚ कशà¥à¤®à¥€à¤° की पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ महबूबा ने बयान देते हà¥à¤ कहा कि आतंकी धरती के बेटे हैं और इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बचाने की कोशिश करनी चाहिà¤, वह हमारी धरोहर हैं। इसके बाद à¤à¥€ यदि कोई यह जानना चाहता हो कि आतंक का कोई धरà¥à¤® होता हैं? तो जवाब होगा नहीं। आतंकवादी आतंकवादी होता है। आतंकवादी का कोई धरà¥à¤®, जाति नहीं होती और वह पूरी तरह मानवता का दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ होता है। और ये मीडिया के सामने दिया जाना वाला वह बयान है जिसे à¤à¤• नेता राजनीति में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने से पहले रट लेता है।
हालाà¤à¤•à¤¿ अपनी राजनीति चमकाने के लिठइस तरह का यह कोई पहला बयान नहीं है। सतà¥à¤¤à¤¾ की कà¥à¤°à¥à¤¸à¥€ पाने को लालायित जीठअकà¥à¤¸à¤° à¤à¤¸à¥‡ बयान देती रही हैं। सितंबर 2008 को दिलà¥à¤²à¥€ के जामिया नगर इलाके में इंडियन मà¥à¤œà¤¾à¤¹à¤¿à¤¦à¥€à¤¨ के आतंकवादियों के खिलाफ की गयी मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ जिसमें दो संदिगà¥à¤§ आतंकवादी आतिफ अमीन और मोहमà¥à¤®à¤¦ साजिद मारे गà¤, इस मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ में दिलà¥à¤²à¥€ पà¥à¤²à¤¿à¤¸ निरीकà¥à¤·à¤• मोहन चंद शरà¥à¤®à¤¾ à¤à¥€ शहीद हà¥à¤ किनà¥à¤¤à¥ देश में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• रूप से विरोध पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ किया गया। सपा, बसपा जैसे कई राजनीतिक दलों ने संसद में मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ की नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤• जांच करने की मांग उठाई। यहाठतक à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को मिला था कि ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¥€ सोनिया गाà¤à¤§à¥€ आतंकियों की मौत की खबर सà¥à¤¨à¤•à¤° रोने लगी थी।
मोहन चंद शरà¥à¤®à¤¾ के बलिदान को à¤à¥à¤²à¤¾ दिया गया और देश की राजनीति से सà¥à¤µà¤° फूटते रहे कि आतंक का कोई मजहब नहीं। आतंकवादी सिरà¥à¤« आतंकवादी होता है, उसकी कोई à¤à¤¾à¤·à¤¾ नहीं होती। किनà¥à¤¤à¥ फिर बारी आई लोकतंतà¥à¤° के मंदिर संसद à¤à¤µà¤¨ पर हमले के आरोपी आतंकी अफजल गà¥à¤°à¥ को फांसी देने की तो अचानक फिर राजनीति ने करवट ली और कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤·à¥à¤Ÿ दलों को अफजल में वोट बेंक दिखाई दिया। वामपंथी लेखिका अरà¥à¤‚धती राय ने तो अफजल गà¥à¤°à¥ को मासूम बताने में पूरी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• लिख दी, जिसमें कहा कि अफजल को जेल में तरह-तरह की यातनाà¤à¤‚ दी गयी। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पीटा गया, बिजली के à¤à¤Ÿà¤•à¥‡ दिठगये, बà¥à¤²à¥ˆà¤•à¤®à¥‡à¤² किया गया और अंत में अफजल गà¥à¤°à¥‚ को अति-गोपनीय तरीके से फांसी पर लटका दिया गया। यही नहीं यह तक कहा गया कि उनका नशà¥à¤µà¤° शरीर à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार की हिरासत में है और अपने वतन वापसी का इंतजार कर रहा है।
इस घटना के बाद कà¥à¤› समय शांति रही फिर बारी आई जून 2004 को अहमदाबाद में à¤à¤• मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ होती हैं जिसमें लशà¥à¤•à¤° ठतैयबा के आतंकी इशरत जहां और उसके तीन साथी जावेद शेख, अमजद अली और जीशान जौहर मारे गठथे। जब इस मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ का जिनà¥à¤¨ बाहर आया तो बिहार राजà¥à¤¯ के मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ ने तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बिहार की बेटी तक बता डाला. इशरत के नाम पर à¤à¤• à¤à¤‚बà¥à¤²à¥‡à¤‚स à¤à¥€ चलाई जाती है, जिस पर शहीद इशरत जहां लिखा होता है। जबकि मà¥à¤‚बई विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿ मामले के आरोपी डेविड हेडली ने पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ कर दी थी कि इशरत जहां आतंकवादी थी। लशà¥à¤•à¤° ठतैयबा की वेबसाइट पर à¤à¥€ उसकी मौत पर मातम मनाया गया था। किनà¥à¤¤à¥ इसके बाद à¤à¥€ आतंक अपनी और राजनीति अपनी चाले चलती रही।
घड़ी की सà¥à¤ˆ à¤à¤• बार फिर आगे बढती है अब बारी आती है आतंकी याकूब मेमन की फांसी की। वह याकूब जो 1993 का मà¥à¤‚बई हमले में शामिल था और जिसमें 250 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोग मारे गठथे। बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में लोग घायल à¤à¥€ हà¥à¤ थे। देश की आनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ चरमरा गयी थी और देश की आरà¥à¤¥à¤¿à¤• राजधानी मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ खौफ के साये में सिमट गयी थी। किनà¥à¤¤à¥ जब इस हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ की फांसी की बात आई तो आंतक के मजहब से अनजान नेता अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ और कथित सामाजिक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ सामने आकर रोने लगते हैं। यहाठतक कि 40 लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤ªà¤¤à¤¿ को चिटà¥à¤ ी लिखकर याकूब की फांसी रोकने की अपील तक की जाती हैं। चिटà¥à¤ ी में फिलà¥à¤® निरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¤¾-निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤• महेश à¤à¤Ÿà¥à¤Ÿ, अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ नसीरà¥à¤¦à¥à¤¦à¥€à¤¨ शाह, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ अगà¥à¤¨à¤¿à¤µà¥‡à¤¶, बीजेपी सांसद शतà¥à¤°à¥à¤˜à¥à¤¨ सिनà¥à¤¹à¤¾ के अलावा जाने-माने वकील तथा सांसद राम जेठमलानी, वृंदा करात, पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ करात और सीपीà¤à¤® महासचिव सीताराम येचà¥à¤°à¥€ आदि दसà¥à¤¤à¤–त कर रात à¤à¤° सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤²à¤¯ में सà¥à¤¨à¤µà¤¾à¤ˆ कराते हैं।
समय फिर गति से आगे बà¥à¤¤à¤¾ है राजनेताओं के बयान आतंक और मजहब को लेकर वोट की रोटी सेंकते है। अचानक सेना को बड़ी कामयाबी तब मिलती है जब वह हिजबà¥à¤² मà¥à¤œà¤¾à¤¹à¤¿à¤¦à¥€à¤¨ के आतंकवादी कमांडर बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी को मार गिराती है। घाटी में आकà¥à¤°à¥‹à¤¶ उठता है और उस आकà¥à¤°à¥‹à¤¶ को देश में बैठे कथित बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ और राजनेता हवा देने लगते हैं। इस बार à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना के मनोबल पर पहली चोट करती हà¥à¤ˆ सीपीà¤à¤® कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ कविता कृषà¥à¤£à¤¨ बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ के à¤à¤¨à¤•à¤¾à¤‰à¤‚टर को शरà¥à¤®à¤¨à¤¾à¤• बताती हà¥à¤ˆ कहती है जो मरा है उस पर बाद में चरà¥à¤šà¤¾ होगी, लेकिन कोई बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ के à¤à¤¨à¤•à¤¾à¤‰à¤‚टर की जांच जरूर होनी चाहिà¤à¥¤ यही नहीं दिलà¥à¤²à¥€ में à¤à¤• यà¥à¤µà¤¾ छातà¥à¤° नेता उमर खालिद ने अपने फेसबà¥à¤• अकाउंट पर बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ कि तà¥à¤²à¤¨à¤¾ लैटिन अमेरिकी कà¥à¤°à¤¾à¤‚तिकारी चे गà¥à¤µà¥‡à¤°à¤¾ से करता है तो देश का à¤à¤• बड़ा पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° राजदीप सर-देसाई बà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤¨ वानी की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ अमर शहीद à¤à¤—त सिंह से करने लगता हैं।
शायद इन सब कारणों से ही सà¥à¤°à¥‡à¤¶ चाहवान यह सवाल पूछने को मजबूर हà¥à¤ कि कोई मà¥à¤ à¤à¥‡à¥œ शà¥à¤°à¥‚ होती है तो आतंकी व सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ बल आमने-सामने होते हैं। उस समय कोई कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं कर सकता है। सतà¥à¤¤à¤¾ पाने के लिठमहबूबा ने तो आतंकियों को धरती पà¥à¤¤à¥à¤° करार दिया है लेकिन यहाठसवाल यह खड़ा होता है कि हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ तथा हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ के सैनिकों को अपना दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ मानने वाले आतंकी अगर धरती के बेटे हैं तो देश के लिठबलिदान देने वाले सैनिक कà¥à¤¯à¤¾ हैं?
ALL COMMENTS (0)