मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन में सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ करना उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के लिठआवशà¥à¤¯à¤• है
Author
Manmohan Kumar AryaDate
28-Jan-2019Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
647Total Comments
0Uploader
Vikas KumarUpload Date
28-Jan-2019Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- ईशवर
- बौदध-जैनमत, सवामी शंकराचारय और महरषि दयाननद के कारय
- अजञान मिशरित धारमिक मानयता
- यदि आरय समाज सथापित न होता तो कया होता ?
- ईशवर व ऋषियों के परतिनिधि व योगयतम उततराधिकारी महरषि दयाननद सरसवती
मनà¥à¤·à¥à¤¯ का जनà¥à¤® अपनी आतà¥à¤®à¤¾ व संसार के रचयिता परमेशà¥à¤µà¤° को जानने, ईशà¥à¤µà¤° की उपासना करने, सदà¥à¤•à¤°à¥à¤® अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ धरà¥à¤® करने सहित ईशà¥à¤µà¤° का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° करने के लिये हà¥à¤† है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ को अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का बोध अपने माता-पिता व आचारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सहित ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ वेद व ऋषियों के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ से होता है। सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आरमà¥à¤ में ईशà¥à¤µà¤° ने अमैथà¥à¤¨à¥€ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ बिना माता-पिता के ऋषियों व सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€-पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ को उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करके उनके करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ व अकरà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ सहित à¤à¤¾à¤·à¤¾ का बोध कराने के लिये चार वेद ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦, यजà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦, सामवेद à¤à¤µà¤‚ अथरà¥à¤µà¤µà¥‡à¤¦ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिया था। यही जà¥à¤žà¤¾à¤¨ विगत 1.96 अरब वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से चला आ रहा है। इसके सतà¥à¤¯ अरà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को पà¥à¤•à¤° ही ईशà¥à¤µà¤°, जीवातà¥à¤®à¤¾ तथा पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ आदि सà¤à¥€ विषयों का यथावतॠजà¥à¤žà¤¾à¤¨ होता है। हमारे ऋषि-मà¥à¤¨à¤¿ और सà¤à¥€ पूरà¥à¤µà¤œ वेदानà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ थे। संसार में ईसाई, मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨, जैन व बौदà¥à¤§ आदि जितने à¤à¥€ मत-मतानà¥à¤¤à¤° हैं उनके सà¤à¥€ पूरà¥à¤µà¤œ à¤à¥€ वैदिक धरà¥à¤®à¥€ थे। इस धारणा का तरà¥à¤•à¤ªà¥‚रà¥à¤£ उतà¥à¤¤à¤° यह है कि संसार में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¿à¤¤ सà¤à¥€ मतों का पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ विगत लगà¤à¤— 2500 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में हà¥à¤† है जबकि वेद मत सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आरमà¥à¤ काल से, जिसे 1.96 अरब वरà¥à¤· हो चà¥à¤•à¥‡ हैं, पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ में है। वेदों पर ऋषि दयाननà¥à¤¦ और अनेक आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ व टीकायें उपलबà¥à¤§ हैं जिनमें वेद मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ के सतà¥à¤¯ अरà¥à¤¥ दिये गये हैं। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤•à¤° जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि वेद की सà¤à¥€ बातें, शिकà¥à¤·à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚, मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ व सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ सतà¥à¤¯ हैं तथा आधà¥à¤¨à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के अनà¥à¤•à¥‚ल हैं। सà¤à¥€ मत-मतानà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में केवल वेद ही à¤à¤¸à¤¾ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ है जो ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है जबकि अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ की कृतियां हैं। सà¤à¥€ वेदोतर मतों में विदà¥à¤¯à¤¾ वा सतà¥à¤¯à¤¾-सतà¥à¤¯ यà¥à¤•à¥à¤¤ वचन पाये जाते हैं। उनका जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥€ à¤à¤•à¤¾à¤‚गी à¤à¤µà¤‚ अनेक विषयों में असतà¥à¤¯ व जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ विरà¥à¤¦à¥à¤§ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤¦à¤¨ करता है जबकि वेद में सबसे सूकà¥à¤·à¥à¤® विषय ईशà¥à¤µà¤° के सà¥à¤µà¤°à¥‚प व सतà¥à¤¤à¤¾ का यथारà¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ उपलबà¥à¤§ है जिसकी सहायता से ईशà¥à¤µà¤° की उपासना व à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ आदि कर मनà¥à¤·à¥à¤¯ ईशà¥à¤µà¤° व जीवातà¥à¤®à¤¾ सहित इस सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के अनेक गà¥à¤ªà¥à¤¤ व विलà¥à¤ªà¥à¤¤ रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° कर सकता है। अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ विषयों का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¥€ वेदों में है। वेदों के बारे में ऋषियों की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ है कि वेद सब सतà¥à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ के जीवन का पà¥à¤°à¤®à¥à¤– लकà¥à¤·à¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ कर ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ करना व सदà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹à¤‚ को करके देश व समाज का हित व उपकार करना है। इस करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ की पूरà¥à¤¤à¤¿ में वेदाधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ à¤à¤µà¤‚ नितà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¤à¤¿ वेद à¤à¤µà¤‚ ऋषियों के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ करना आवशà¥à¤¯à¤• à¤à¤µà¤‚ अपरिहारà¥à¤¯ है। बिना à¤à¤¸à¤¾ किये मनà¥à¤·à¥à¤¯ न तो ईशà¥à¤µà¤° व आतà¥à¤®à¤¾ को जान सकता है और न ही ईशà¥à¤µà¤° के धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ व उपासना में पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤ होकर उपासना से होने वाले लाà¤à¥‹à¤‚ को ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकता है।
मनà¥à¤·à¥à¤¯ का आतà¥à¤®à¤¾ सतà¥, चितà¥à¤¤ तथा अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž है। यह अनादि, सनातन, अनà¥à¤¤à¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨, अविनाशी, नितà¥à¤¯ à¤à¤µà¤‚ अमर है। आतà¥à¤®à¤¾ में जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ और करà¥à¤® करने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤—त है। यह जनà¥à¤® व मरण धरà¥à¤®à¤¾ है तथा मनà¥à¤·à¥à¤¯-योनि उà¤à¤¯ योनि है जिसमें मनà¥à¤·à¥à¤¯ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के जीवन को संवारने के लिये नये करà¥à¤®à¥‹à¤‚ को करता है और इसके साथ ही पूरà¥à¤µà¤œà¤¨à¥à¤® के शà¥à¤ व अशà¥à¤ करà¥à¤®à¥‹ के फलो को à¤à¥‹à¤—ता à¤à¥€ है। मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤¤à¤° अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ योनियां à¤à¥‹à¤— योनियां हैं। अनà¥à¤¯ योनियों में जीवों को सीमित व कामचलाऊ बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ˆ है। वह मनà¥à¤·à¥à¤¯ की तरह से चिनà¥à¤¤à¤¨ व मनन तथा सतà¥à¤¯à¤¾-सतà¥à¤¯ का निरà¥à¤£à¤¯ नहीं कर सकते। वह सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ à¤à¥€ नहीं कर सकते। हां, मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सिखाये जाने पर कà¥à¤› सीख कर उसे दोहरा सकते हैं जैसा कि हम सरà¥à¤•à¤¸ आदि में देखते हैं। अतः मनà¥à¤·à¥à¤¯ को मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन का लाठउठाकर जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ कर सदà¥à¤•à¤°à¥à¤®à¥‹à¤‚ यथा ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾, यजà¥à¤žà¤¾à¤¦à¤¿ करà¥à¤®, दान व परोपकार आदि को करना चाहिये जिससे उनका यह जीवन सà¥à¤–ी हो तथा परजनà¥à¤® में सà¥à¤– व मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ हो सके। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन की सरà¥à¤µà¤¾à¤‚गीण उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ सहित अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ लकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के लिये ही हमारे ऋषियों व शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ का विधान किया है। अविदà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को पà¥à¤•à¤° मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ होता है। उसे विवेक नहीं हो पाता। इससे उसका जीवन व आतà¥à¤®à¤¾ यथारà¥à¤¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं कर पाते हैं। यदि हमारे ऋषि दयाननà¥à¤¦ जी व अनà¥à¤¯ महापà¥à¤°à¥à¤· à¤à¥€ अनà¥à¤¯ मतों में जनà¥à¤® लिये होते और वह वेद व ऋषियों के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ न करते तो वह à¤à¥€ आज के मत-पनà¥à¤¥ के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के समान ही होते। वेदों व ऋषियों के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर ही वह पूरà¥à¤£ पà¥à¤°à¥à¤· व ऋषि à¤à¤µà¤‚ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ आदि बने जिनके मारà¥à¤— पर चल कर हम व सà¤à¥€ वेदà¤à¤•à¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ लाठसहित करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ बोध को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ हैं। अतः सà¤à¥€ मतों के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ सहित मनà¥à¤·à¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° को वेद à¤à¤µà¤‚ वैदिक साहितà¥à¤¯ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ अवशà¥à¤¯à¤®à¥‡à¤µ करना चाहिये। यदि करेंगे तो लाà¤à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ होंगे और नहीं करेंगे तो धरà¥à¤®, अरà¥à¤¥, काम व मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ में कृतकारà¥à¤¯ नहीं हो सकेंगे।
सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ के लिये शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ में वेद के अतिरिकà¥à¤¤ 11 उपनिषद, 6 दरà¥à¤¶à¤¨, मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿, ऋषि दयाननà¥à¤¦ कृत सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶, ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯à¤à¥‚मिका, संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¤µà¤¿à¤§à¤¿, आरà¥à¤¯à¤¾à¤à¤¿à¤µà¤¿à¤¨à¤¯ आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। à¤à¤¸à¥‡ अनेक गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ और हैं जिनका अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने से आतà¥à¤®à¤¾ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ में चार चांद लगते हैं। इनकी पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में सà¥à¤—म है। वह बचà¥à¤šà¥‡ व यà¥à¤µà¤¾ धनà¥à¤¯ हैं जो गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤²à¥€à¤¯ शिकà¥à¤·à¤¾ से पाणिनीमà¥à¤¨à¤¿ कृत शिकà¥à¤·à¤¾, आरà¥à¤· वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£, निरà¥à¤•à¥à¤¤ आदि गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ किये हà¥à¤ हैं। उनके लिये वेदों सहित उपनिषद, दरà¥à¤¶à¤¨ व मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ ऋषियों के अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ व उन पर ऋषियों की टीकाओं को पà¥à¤¨à¤¾ अधिक सरल, सहायक व उपयोगी होता है। à¤à¤¸à¤¾ न होने पर à¤à¥€ हिनà¥à¤¦à¥€ व अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं के जानकर à¤à¥€ लोग इन सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को हिनà¥à¤¦à¥€ आदि à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में पà¥à¤•à¤° लगà¤à¤— संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के समान ही लाठउठा सकते हैं। अतः यà¥à¤µà¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से ही इन सब गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ आरमà¥à¤ कर देना चाहिये। इसके साथ ही सà¤à¥€ को आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के सतà¥à¤¸à¤‚गों में à¤à¥€ जाना चाहिये जहां पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• रविवार को सामूहिक वृहद यजà¥à¤ž होता है और वैदिक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ के लिये आते हैं। आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के सतà¥à¤¸à¤‚ग में यजà¥à¤ž करने व विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ को सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ से à¤à¥€ अनेक à¤à¥à¤°à¤® दूर होने व आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ में वृदà¥à¤§à¤¿ सहित विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के संगतिकरण से जीवन को सनà¥à¤®à¤¾à¤°à¥à¤— में बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में सहायता मिलती है।
ऋषि दयाननà¥à¤¦ à¤à¤• जिजà¥à¤žà¤¾à¤¸à¥ से ऋषि बने, इसमें उनके सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ का मà¥à¤–à¥à¤¯ योगदान कहा जा सकता है। वह ईशà¥à¤µà¤° को जानने तथा मृतà¥à¤¯à¥ पर विजय पाने के लिये घर से निकले थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पौराणिक दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से तीरà¥à¤¥ व धरà¥à¤®-सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ माने जाने वाले सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर जाकर साधà¥-महातà¥à¤®à¤¾à¤“ं की संगति की और उनसे अपने पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ के उतà¥à¤¤à¤° सहित विविध विषयों पर जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया था। वह अनेक योगियों के समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• में à¤à¥€ आये और उनसे योग विदà¥à¤¯à¤¾ सीखी à¤à¤µà¤‚ उसका अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ किया। वह सफल योगी बने और कई-कई घणà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ की समाधि लगाने में सफल हà¥à¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने देश का à¤à¥à¤°à¤®à¤£ किया और जहां से उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जो à¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ मिलता था उसे वह पà¥à¤¤à¥‡ थे। हजारों गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤¾ जिसमें लगà¤à¤— तीन हजार à¤à¤¸à¥‡ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ थे जिनको उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤®à¤¾ कोटि का सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया। इस पर à¤à¥€ उनकी सनà¥à¤¤à¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ नहीं हà¥à¤ˆ और उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अधिक विदà¥à¤¯à¤¾ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया। इसकी पूरà¥à¤¤à¤¿ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मथà¥à¤°à¤¾ में दणà¥à¤¡à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ विरजाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी से आरà¥à¤· वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ सहित शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ की चरà¥à¤šà¤¾ व शंका समाधान से हà¥à¤ˆà¥¤ हमारा अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है कि कोई मनà¥à¤·à¥à¤¯, योगी व ऋषि जितना जà¥à¤žà¤¾à¤¨ अरà¥à¤œà¤¿à¤¤ कर सकता है, वह सब ऋषि दयाननà¥à¤¦ जी ने किया था। इससे अधिक आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤® व धरà¥à¤® विषयक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की हम किसी मनà¥à¤·à¥à¤¯ व ऋषि से अपेकà¥à¤·à¤¾ नहीं कर सकते। वह पहले à¤à¤¸à¥‡ योगी व ऋषि हà¥à¤ हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना अधिक से अधिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ देश, समाज व साधारण मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¾à¤°à¥à¤œà¤¨ के लिये मौखिक पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ सहित लेखबदà¥à¤§ कर उपलबà¥à¤§ कराया है। अतः सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ का à¤à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी के जीवन में महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ येगदान था, यह उनके जीवन पर दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डालने से विदित होता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने ईशà¥à¤µà¤° का जीवन में अनेक बार अथवा समाधि में सफलता मिलने पर शेष जीवन निरनà¥à¤¤à¤° साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° किया, à¤à¤¸à¤¾ उनके जीवन व कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ से अनà¥à¤à¤µ होता है।
आज का यà¥à¤— जà¥à¤žà¤¾à¤¨-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का यà¥à¤— है। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ यà¥à¤¦à¥à¤§ के बाद लोगों को वेद व वैदिक साहितà¥à¤¯ सà¥à¤²à¤ नहीं था। छपाई व पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ आदि की सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ विकसित होने से सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ होने लगा। इससे लोगों को किसी à¤à¥€ विषय का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने में सहायता मिली है। आज इणà¥à¤Ÿà¤°à¤¨à¥‡à¤Ÿ ने जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के साधनों में अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ वृदà¥à¤§à¤¿ की है। अतः हमें इन सब साधनों का लाठउठाते हà¥à¤ सतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤à¥à¤¯ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करना चाहिये। इससे हमें अवशà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होगा। सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ में पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤ होने के लिये यदि हम पà¥à¤°à¤¥à¤® सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करते हैं तो इससे हमें पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का आवशà¥à¤¯à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤¨ मिल जाता है व अनà¥à¤¯ उपयोगी विषयों के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ à¤à¥€ मिलती है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ के सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ पà¥à¤¨à¥‡ से जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की वृदà¥à¤§à¤¿ होती है। यदि हम केवल ऋषि दयाननà¥à¤¦ जी के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का ही अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर लें, और अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ न à¤à¥€ करें, तो à¤à¥€ हमारा अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है कि इससे हमें बहà¥à¤¤ लाठहो सकता है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ हमारी अविदà¥à¤¯à¤¾ कम दूर हो सकती है। इनके अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से विदà¥à¤¯à¤¾ का पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। धरà¥à¤®-करà¥à¤®, गृंहसà¥à¤¥ व सामाजिक जीवन के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ हमें अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का बोध होता है। हम अजà¥à¤žà¤¾à¤¨ व अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ सहित मिथà¥à¤¯à¤¾ परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं से बच जाते हैं। सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ व यजà¥à¤ž से परिचित होकर इनका अनà¥à¤·à¥à¤ ान कर à¤à¥€ हम अपनी आतà¥à¤®à¤¾ की उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ कर सकते हैं। नाना पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¨à¥‹à¤‚ से à¤à¥€ हम सब बच सकते हैं। वेद व ऋषियों के गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने से मनà¥à¤·à¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ à¤à¥€ बनता है और महातà¥à¤®à¤¾ व धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ à¤à¥€ बनता है। वह परिगà¥à¤°à¤¹ व लोठपर परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ सीमा तक नियंतà¥à¤°à¤£ पा लेता है जिससे समाज को लाठहोता है। सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¶à¥€à¤² वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ के लिये दूसरों को पीड़ा नहीं देता, न किसी पर अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯ करता है à¤à¤µà¤‚ शोषण ही करता है। à¤à¤¸à¥‡ बहà¥à¤¤ से लाठसà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ व सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ का चिनà¥à¤¤à¤¨-मनन करने सहित उस पर आचरण करने से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं। इस चरà¥à¤šà¤¾ को यहीं पर विराम देते हैं। ओ३मॠशमà¥à¥¤
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
ALL COMMENTS (0)