अब चà¥à¤ª कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है बाबरी पर शोर मचाने वाले?
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Rajeev ChoudharyDate
11-May-2019Category
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थोड़े समय पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤ और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की सरकारों ने करतारपà¥à¤° कॉरिडोर बनाने का à¤à¤²à¤¾à¤¨ किया था। इस à¤à¤²à¤¾à¤¨ से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में फैले करोड़ों सिख à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ के चेहरे à¤à¥€ खिल उठे थे। लेकिन अब पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से जो खबर आई है उससे à¤à¤• बार फिर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ ने अपनी मजहबी मानसिकता दिखा दी है। खबर है कि लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर नारोवाल शहर के बाथनवाला गांव में सदियों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ गà¥à¤°à¥ नानक महल को तोड़ दिया है। इसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे और रोशनदान तक बेच दिठहैं।
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ अखबार डॉन की ख़बर के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° इस चार मंजिला इमारत की दीवारों पर सिख धरà¥à¤® के नींव रखने वाले बाबा नानक और कई हिंदू राजाओं और राजकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ की तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ थीं। इस इमारत में 16 बड़े कमरे थे, जिनमें हर किसी में तीन खूबसूरत दरवाजे और चार वेंटिलेटर थे। “इस पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ इमारत को बाबा गà¥à¤°à¥ नानक जी का महल कहा जाता है à¤à¤¾à¤°à¤¤ सहित दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° के कई सिख इस इमारत में आते थे” लोगों का आरोप है कि धारà¥à¤®à¤¿à¤• मामलों के विà¤à¤¾à¤— के अफसर à¤à¥€ इसमें शामिल हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मीडिया दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शरारती ततà¥à¤µ कहा जा रहा है।
असल में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ सिख और हिनà¥à¤¦à¥‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बसे मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ जितने ख़à¥à¤¶à¤¨à¤¸à¥€à¤¬ नहीं हैं कि इधर कà¥à¤› लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बाबरी का ढांचा गिराया और उधर पूरे विशà¥à¤µ को हिला देने वाली चींखे सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ देने लगी। जबकि मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ विवादित थी और उकà¥à¤¤ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से करोड़ों लोगों की धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ जà¥à¤¡à¥€ थी। कमाल देखिये छह दिसंबर, 1992 को बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ ढहाठजाने के बाद पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में इसकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ होने में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वकà¥à¤¤ नहीं लगा था। बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ के बाद पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में तकरीबन 100 मंदिर या तो जमींदोज कर दिठगठया फिर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¥€ नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤¯à¤¾ गया था। इनमें से कà¥à¤› मंदिरों में 1947 में हà¥à¤ बंटवारे के बाद पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ आठलोगों ने शरण ले रखी थी। जैन मंदिर से लेकर उनà¥à¤®à¤¾à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने सà¤à¥€ गैर इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• धरà¥à¤® सà¥à¤¥à¤²à¥‹à¤‚ को ढहा दिया था। जहां अब केवल इसके धूल फांकते खंडहर बाकी रह गठहैं। यही नहीं लाहौर में à¤à¤¯à¤°-इंडिया के दफà¥à¤¤à¤° पर हमला हà¥à¤† था और à¤à¤¾à¤°à¤¤ विरोधी नारे लगाठगठथे। इसके बाद पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के विदेश मंतà¥à¤°à¤¾à¤²à¤¯ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ उचà¥à¤šà¤¾à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ को तलब किया था और बाबरी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ विधà¥à¤µà¤‚स पर कड़ा à¤à¤¤à¤°à¤¾à¤œ जताते हà¥à¤ मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ का पà¥à¤¨à¤°à¥à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¾à¤£ जलà¥à¤¦ करने की मांग की थी।
आज विडमà¥à¤¬à¤¨à¤¾ देखिये कि बाबरी पर शोर मचाने वाले पूरे विशà¥à¤µ à¤à¤° के मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ और वामपंथी पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° मौन साधकर बैठगये हैं। इसके उलट यदि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में किसी à¤à¤• सडक पर किसी मजार को किसी à¤à¥€ कारण जरा सी कà¥à¤·à¤¤à¤¿ हो जाये तो यह लोग आसमान को सिर पर उठा लेते है। जबकि à¤à¤• तरफ ये à¤à¥€ कहते है कि इसà¥à¤²à¤¾à¤® में बà¥à¤¤à¤ªà¤°à¤¸à¥à¤¤à¥€ हराम है।
कहा जाता है कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• मोहमà¥à¤®à¤¦ अली जिनà¥à¤¨à¤¾ ने जब पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनाया था, तो कहा था कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में रहने वाले लोग अपनी अपनी इबादतगाहों, मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ या मंदिरों में जाने के लिठआजाद हैं। किसी का मजहब कà¥à¤¯à¤¾ है, इसका हà¥à¤•à¥‚मत से कोई तालà¥à¤²à¥à¤• नहीं है।
लेकिन जिनà¥à¤¨à¤¾ के सामने से ही जिनà¥à¤¨à¤¾ के इन दावों का दम निकल चà¥à¤•à¤¾ था। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में रहने वाले अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤•à¥‹à¤‚ का कà¥à¤¯à¤¾ हाल है पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ इससे वाकिफ है। लेकिन सिदà¥à¤¦à¥‚ समेत à¤à¤¾à¤°à¤¤ में रहने वाले अनेक बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ दिन रात पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की तारीफ के कसीदे पà¥à¤¤à¥‡ रहते हैं। आज बहà¥à¤¤ सारे लोगों को ये पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से आई à¤à¤• छोटी सी ख़बर लग रही होगी। लेकिन हमें लगता है कि इस ख़बर को बहà¥à¤¤ गंà¤à¥€à¤°à¤¤à¤¾ से लेना चाहिà¤à¥¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि 1947 में जब पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बना था, उस वकà¥à¤¤ वहां 23 फीसदी गैर-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® थे। लेकिन अब वहां पर सिरà¥à¤« 3 से 4 फीसदी अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• ही बचे हैं। गजब देखिये किसी देश की आबादी का 20 फीसदी हिसà¥à¤¸à¤¾ अगर गायब हो जाà¤. और कोई आवाज तक न उठे तो ये सवाल तो बनता है कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के करीब 20 फीसदी गैर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® कहां चले गà¤? इसका जवाब ये है कि गैर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ का या तो जोर-जबरदसà¥à¤¤à¥€ से धरà¥à¤® बदल दिया गया. या फिर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मार डाला गया।
आजादी के बाद 1951 में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में करीब 15 फीसदी हिंदू समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोग रहते थे। यानी उस वकà¥à¤¤ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में हिंदà¥à¤“ं की जनसंखà¥à¤¯à¤¾ करीब 50 लाख थी। पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में 1998 के बाद अब जाकर जनगणना हो रही है। और उसमें अà¤à¥€ ये पता नहीं चल पाया है कि अब पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में कितने हिंदू और सिख बचे हैं। ये सब वो है जिनके लिठन कोई संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° में जाता। जिनके लिठन कोई साहितà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°, कोई लेखक या कोई फिलà¥à¤®à¤•à¤¾à¤° अपना अवॉरà¥à¤¡ वापस करता। इसी कारण देखते-देखते कराची में पारसियों, यहूदियों के धरà¥à¤® सà¥à¤¥à¤² बंद कर दिठगà¤à¥¤ बहà¥à¤¤ से जैन और हिंदू मंदिरों को या तो तोड़ दिया गया या फिर उन पर à¤à¥‚माफियाओं ने कबà¥à¤œà¥‡ कर लिठगये। पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में गैर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ पर धरà¥à¤® के आधार पर हिंसा होना कोई नई बात नहीं है। बताया जाता है कि 2012 से 2013 के बीच में ही पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हमलों की कम से कम 200 घटनाà¤à¤‚ हà¥à¤ˆ थीं, जिनमें 700 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोग मारे गठथे। और आज à¤à¥€ वहां à¤à¤¸à¥‡ अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° लगातार हो रहे हैं। लेकिन पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¥‡à¤® में डूबे बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ चà¥à¤ª है। मौन है। इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सिरà¥à¤« à¤à¤¾à¤°à¤¤ में असहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ नजर आती है। इस कारण इसे ढोंग न कहकर इनका सीधा à¤à¤œà¥‡à¤‚डा कहना चाहिठजो पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के साथ मिलकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ को बदनाम करने के लिठचलाया जा रहा है।
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