रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की गरिमा को समà¤à¤¨à¤¾ होगा
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Vinay AryaDate
18-Jul-2019Category
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RajeevUpload Date
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अà¤à¥€ तक यही सà¥à¤¨à¤¾ जाता था कि विवाह करना किनà¥à¤¹à¥€ दो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का नितांत वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त मामला है. किनà¥à¤¤à¥ बरेली जिले की बिथरी चैनपà¥à¤° सीट से विधायक राजेश मिशà¥à¤°à¤¾ उरà¥à¤« पपà¥à¤ªà¥‚ à¤à¤°à¤¤à¥Œà¤² की बेटी साकà¥à¤·à¥€ ने à¤à¤• यà¥à¤µà¤• अजितेश कà¥à¤®à¤¾à¤° के साथ विवाह कर लिया है यह मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ जरà¥à¤° राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ बन गया हैं। कारण विवाह के बाद साकà¥à¤·à¥€ ने à¤à¤• वीडियो बनाई सोशल मीडिया पर साà¤à¤¾ की जिसमें वह कह रही है कि मेरा पति अजितेश दलित वरà¥à¤— से आता है इस कारण उसके बाप और à¤à¤¾à¤ˆ ने उसके पीछे गà¥à¤‚डे लगा दिठहैं। जो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ जान से मारना चाहते हैं। इसलिठउनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की जाà¤à¥¤ इसके बाद इलाहबाद कोरà¥à¤Ÿ में पेशी के दौरान अजितेश पर कथित तौर पर हमला होना इससे पता नहीं चल पा रहा है कि इसमें शादी कितनी साजिश कितनी और सियासत कितनी है।
देश में अंतरजातीय विवाह पहली बार तो हà¥à¤† नहीं है आखिर साकà¥à¤·à¥€ के मामले में इतना रस, इतना सà¥à¤µà¤¾à¤¦, इतना शोर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚? जहाठइस मामले में चरà¥à¤šà¤¾ में विषय यह होना चाहिठथा कि घर से à¤à¤¾à¤—कर विवाह करना कितना उचित और अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ है? वहां इस मामले को इतना विकृत कर दिया है कि बिना कोई बात सà¥à¤¨à¥‡ ही विधायक पिता को à¤à¤• जातिवादी विलेन बना दिया गया और मामले को मीडिया की तरफ से किसी छà¥à¤ªà¥‡ à¤à¤œà¥‡à¤‚डे की तरह जातिवाद का रंग देकर उछाल दिया गया। आखिर इसे बार-बार पà¥à¤°à¥‡à¤® विवाह कहा जाना कहाठतक उचित है?
असल में अपने मन मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• विवाह को पà¥à¤°à¥‡à¤® विवाह à¤à¥€ कहा जाता है। हम इसका विरोध नहीं करते। बशरà¥à¤¤à¥‡ इसमें विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ हो, दोनों में रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की समठऔर गà¥à¤œà¤° बसर करने हेतॠआरà¥à¤¥à¤¿à¤• कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ à¤à¥€ हो। पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ ये नहीं है कि आप किस तरह से विवाह करते हैं। अपनी से मरà¥à¤œà¥€ से करते है या परिवार की मरà¥à¤œà¥€ से! पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ यह है कि आप अपने वैवाहिक जीवन को चलाते कैसे हैं? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि तलाक मांगने वालों में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मामले पà¥à¤°à¥‡à¤® विवाह यानि अपनी पसंद से विवाह करने वालों के हैं। आप महिला थाने में जाकर देखिये पता कीजिठतलाक के कà¥à¤² मामलों में साठपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से अधिक कथित पà¥à¤°à¥‡à¤® विवाह करने वाले लोगों के हैं। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के धरातल पर पà¥à¤°à¥‡à¤® विवाह में पà¥à¤°à¥‡à¤® का कहीं से कहीं तक सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ नजर इसलिठनहीं आता, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि चार दिन के जजà¥à¤¬à¤¾à¤¤à¥€ जà¥à¤¨à¥‚न के सामने रोजी-रोटी का सवाल जब आ खड़ा होता है या जिंदगी में जब वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ सामने आने लगती हैं, तब इन समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° दोनों à¤à¤• दूसरे को ठहराने में लग जाते है, कई मामलों में तो अति हो जाती है यानि मामले हिंसा या हतà¥à¤¯à¤¾ तक à¤à¥€ पहà¥à¤à¤š जाते है।
बेशक आज साकà¥à¤·à¥€ और अजितेश के मामले में बहस चल रही हो, इनके पकà¥à¤· विपकà¥à¤· में लोग खड़े à¤à¥€ हो। लेकिन रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤• दो दिन के पà¥à¤°à¥‡à¤® से नहीं चलती यह आजीवन पà¥à¤°à¥‡à¤® से चलती है। पà¥à¤°à¥‡à¤® विवाह उपरांत à¤à¥€ किया जा सकता है किनà¥à¤¤à¥ फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के जरिये जो à¤à¤• नई आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ को जनà¥à¤® दिया गया यह उसी का परिणाम है कि पहले पà¥à¤°à¥‡à¤® किया जाये बाद में विवाह। यही इस नई परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ की असफलता का कारण है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि विवाह से पहले पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ यà¥à¤—ल सपनो की अपनी ही आà¤à¤¾à¤¸à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में जीते हैं। जहाठउनका अपना बड़ा घर होता है, उनके सपने उनकी खà¥à¤¶à¥€ à¤à¤• दूसरे के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ समरà¥à¤ªà¤£ होता है। किनà¥à¤¤à¥ विवाह के बाद जब वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤•, सामाजिक दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से उनका आमना-सामना होता है तब वहां समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤ आना सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है। जो लोग इन वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं को à¤à¥‡à¤² जाते है वह सफल रहते है। वरना आप देखिये कि आम लोगों के अलावा डॉकà¥à¤Ÿà¤°, इंजीनियर, अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• आदि अपने रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ का फैसला करने के लिठकोरà¥à¤Ÿ कचहरी में चकà¥à¤•à¤° लगा रहे हैं।
दूसरा कà¥à¤¯à¤¾ मान-मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा, समà¥à¤®à¤¾à¤¨ ये केवल शबà¥à¤¦ à¤à¤° है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इन शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ के सहारे ही परिवार समाज में जीते है। आगे बà¥à¤¤à¥‡ है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा à¤à¤• दिन में नहीं मिलती, बहà¥à¤¤ कà¥à¤› देकर समाज में समà¥à¤®à¤¾à¤¨ हासिल किया जाता है। इसमें परिवार के सà¤à¥€ लोगों की जवाबदेही होती है कि अपने पारिवारिक मूलà¥à¤¯à¥‹à¤‚, नियमों और आदरà¥à¤¶à¥‹à¤‚ की परंपरा पर चले। हम पà¥à¤°à¥‡à¤® का विरोध नहीं कर रहे है रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ की जीवन रेखा का सबसे मजबूत सà¥à¤¤à¤®à¥à¤ ही पà¥à¤°à¥‡à¤® है। किनà¥à¤¤à¥ आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के नाम पर आज पà¥à¤°à¥‡à¤® का à¤à¤• नया अरà¥à¤¥ खड़ा किया जा रहा है कि माता-पिता, à¤à¤¾à¤ˆ-बहन व अनà¥à¤¯ परिवार के लोगों को धता बताकर विवाह करने वाले लोगों को पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ यà¥à¤—ल या पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ जोड़े कहा जा रहा है।
à¤à¤¸à¤¾ नहीं है कि पà¥à¤°à¥‡à¤® न करो, विवाह मत करो। हम किसी जाति के जीवन साथी का à¤à¥€ विरोध नहीं करते। किनà¥à¤¤à¥ घर से बिना बताये निकल जाना à¤à¤• बार पीछे मà¥à¥œà¤•à¤° यह à¤à¥€ नहीं देखना कि परिवार की हालत कà¥à¤¯à¤¾ होगी। वह कल सà¥à¤¬à¤¹ जब उससे कोई पूछेगा तो वह कà¥à¤¯à¤¾ जवाब देगा? उनके मन में बहà¥à¤¤ कà¥à¤› टूटता-बिखरता जब किसी à¤à¤• की गलती का खामियाजा कई-कई पीà¥à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥‡à¤²à¤¤à¥€ हैं। सोचना चाहिठकि हमारी जिंदगी और कितनी जिंदगियों से जà¥à¥œà¥€ हैं, उनके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ हम कौन सी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ निà¤à¤¾ रहे हैं, केवल अपने वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤—त सà¥à¤– पाने की यह कौन सी लालसा है कि पीछे परिवार सिसक रहा है।
à¤à¤¸à¤¾ नही है कि घर परिवार से दूर à¤à¤¾à¤—कर आज हर à¤à¤• लड़की दà¥à¤–ी है लेकिन जिन-जिन लडकियों ने à¤à¤¸à¤¾ किया उनके परिवार जरà¥à¤° दà¥à¤–ी है। हो सकता है आज विधायक साहब का à¤à¥€ परिवार दà¥à¤–ी हो या हो सकता है विधायक साहब ने बेटी पर पैसे खूब लà¥à¤Ÿà¤¾à¤ हो। पर आज वीडियो देखकर लग रहा कि बेटी को संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का धन देने में पीछे रह गà¤à¥¤ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि परिवार में संवाद का अà¤à¤¾à¤µ, पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ा के नाम पर अà¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ का अतिरेक फ़िलà¥à¤®à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के सà¥à¤¨à¤¹à¤°à¥‡ छलावे, अचà¥à¤›à¤¾-बà¥à¤°à¤¾ समà¤à¤¾à¤¨à¥‡ की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ का अà¤à¤¾à¤µ, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• बनाने की होड़ में कई बार à¤à¤¸à¥‡ ही परिणाम सामने आते है। हालाà¤à¤•à¤¿ सà¤à¥€ जगह कारण अलग-अलग हो सकते है पर हर पीड़ित परिवार की कहानी लगà¤à¤— à¤à¤• सी ही है। इस पर à¤à¤• नये सिरे से चरà¥à¤šà¤¾ जरà¥à¤° होनी चाहिठकि यà¥à¤µà¤• यà¥à¤µà¤¤à¥€ के चार दिन के पà¥à¤°à¥‡à¤® के सामने आखिर बीस से पचà¥à¤šà¥€à¤¸ वरà¥à¤· का पारिवारिक पà¥à¤°à¥‡à¤® बौना कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ पड़ता जा रहा है?
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