विजय गाथा - कारगिल विजय दिवस
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Acharya AnoopdevDate
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Vikas KumarUpload Date
26-Jul-2019Download PDF
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à¤à¤¾à¤°à¤¤ के उन महान कà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ कि गाथा जब-जब हम सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हैं तब-तब हमारे मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• पटल पर वें नाम, वो चितà¥à¤°, उनकी वीरता हमारे सामने पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ हो जाती है। कारगिल का यà¥à¤¦à¥à¤§ जिसे हम विजय दिवस के नाम से जानतें हैं, आज ही के दिन यानी 26 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 1999 को à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने कारगिल यà¥à¤¦à¥à¤§ में विजय हासिल की थी।
करीब दो महीने तक चला कारगिल यà¥à¤¦à¥à¤§ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना के साहस और जांबाजी का à¤à¤¸à¤¾ उदाहरण है जिस पर हर देशवासी को गरà¥à¤µ होना चाहिà¤à¥¤ करीब 18 हजार फीट की ऊंचाई पर कारगिल में लड़ी गई इस जंग में देश ने लगà¤à¤— 527 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ वीर योदà¥à¤§à¤¾à¤“ं को खोया था वहीं 1300 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ घायल हà¥à¤ थे।
वैसे तो पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ ने इस यà¥à¤¦à¥à¤§ की शà¥à¤°à¥‚आत 3 मई 1999 को ही कर दी थी जब उसने कारगिल की ऊंची पहाडि़यों पर 5,000 सैनिकों के साथ घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ कर कबà¥à¤œà¤¾ जमा लिया था। इस बात की जानकारी जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार को मिली तो सेना ने पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिठऑपरेशन विजय चलाया।
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ ने पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का à¤à¥€ इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया। इसके बाद जहां à¤à¥€ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ ने कबà¥à¤œà¤¾ किया था वहां बम गिराठगà¤à¥¤ इसके अलावा मिग-29 की सहायता से पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया।
इस यà¥à¤¦à¥à¤§ में बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में रॉकेट और बम का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया गया। इस दौरान करीब दो लाख पचास हजार गोले दागे गà¤à¥¤ वहीं 5,000 बम फायर करने के लिठ300 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मोरà¥à¤Ÿà¤¾à¤°, तोपों और रॉकेट का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया गया। लड़ाई के 17 दिनों में हर रोज पà¥à¤°à¤¤à¤¿ मिनट में à¤à¤• राउंड फायर किया गया। बताया जाता है कि दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ विशà¥à¤µ यà¥à¤¦à¥à¤§ के बाद यही à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ यà¥à¤¦à¥à¤§ था जिसमें दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ देश की सेना पर इतनी बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में बमबारी की गई थी।
इस यà¥à¤¦à¥à¤§ का कारण था बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ सैनिकों व पाक समरà¥à¤¥à¤¿à¤¤ आतंकवादियों का लाइन ऑफ कंटà¥à¤°à¥‹à¤² यानी à¤à¤¾à¤°à¤¤-पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ की वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• नियंतà¥à¤°à¤£ रेखा के à¤à¥€à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर कई महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ पहाड़ी चोटियों पर कबà¥à¤œà¤¾ कर लेह-लदà¥à¤¦à¤¾à¤– को à¤à¤¾à¤°à¤¤ से जोड़ने वाली सड़क का नियंतà¥à¤°à¤£ हासिल कर सियाचिन-गà¥à¤²à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¤° पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को कमजोर कर हमारी राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ असà¥à¤®à¤¿à¤¤à¤¾ के लिठखतरा पैदा करना।
इस यà¥à¤¦à¥à¤§ में हमारे जवानों का साहस हिमालय से à¤à¥€ ऊà¤à¤šà¤¾ था इस यà¥à¤¦à¥à¤§ में हमारे लगà¤à¤— 527 से अधिक वीर योदà¥à¤§à¤¾ शहीद व 1300 से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ घायल हो गà¤, जिनमें से अधिकांश अपने जीवन के 30 वसंत à¤à¥€ नही देख पाठथे। इन शहीदों ने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ सेना की शौरà¥à¤¯ व बलिदान की उस सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ का निरà¥à¤µà¤¾à¤¹ किया, जिसकी सौगनà¥à¤§ हर सिपाही तिरंगे के समकà¥à¤· लेता है।
पूरे दो महीने से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ चले इस यà¥à¤¦à¥à¤§ (विदेशी मीडिया ने इस यà¥à¤¦à¥à¤§ को सीमा संघरà¥à¤· पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया था) में à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ थलसेना व वायà¥à¤¸à¥‡à¤¨à¤¾ ने लाइन ऑफ कंटà¥à¤°à¥‹à¤² पार न करने के आदेश के बावजूद अपनी मातृà¤à¥‚मि में घà¥à¤¸à¥‡ आकà¥à¤°à¤®à¤£à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को मार à¤à¤—ाया था। सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ का अपना ही मूलà¥à¤¯ होता है, जो वीरों के रकà¥à¤¤ से चà¥à¤•à¤¾à¤¯à¤¾ जाता है।
इन रणबाà¤à¤•à¥à¤°à¥‹à¤‚ ने à¤à¥€ अपने परिजनों से वापस लौटकर आने का वादा किया था, जो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने निà¤à¤¾à¤¯à¤¾ à¤à¥€, मगर उनके आने का अनà¥à¤¦à¤¾à¤œ निराला था। वे लौटे, मगर लकड़ी के ताबूत में। उसी तिरंगे मे लिपटे हà¥à¤, जिसकी रकà¥à¤·à¤¾ की सौगनà¥à¤§ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उठाई थी। जिस राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤§à¥à¤µà¤œ के आगे कà¤à¥€ उनका माथा समà¥à¤®à¤¾à¤¨ से à¤à¥à¤•à¤¾ होता था, वही तिरंगा मातृà¤à¥‚मि के इन बलिदानी जाà¤à¤¬à¤¾à¤œà¥‹à¤‚ से लिपटकर उनकी गौरव गाथा का बखान कर रहा था। अंत में नमन करता हूठउन वीर जवानों को जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हमारी रकà¥à¤·à¤¾ के लिये अपने पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ की आहà¥à¤¤à¤¿ दी।
करें हर घर को फà¥à¤²à¤µà¤¾à¤°à¥€, हर इक कूचा चमन कर लें।
बहारों से सजा गà¥à¤²à¤¶à¤¨, चलो अपना वतन कर लें।।
लहू देकर जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपना, आज़ादी की कीमत दी,
हम आज उन सारे शहीदों को नमन कर लें... ।।
लेखक- आचारà¥à¤¯ अनूपदेव
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