à¤à¤¾à¤°à¤¤ का इतिहास किसने लिखा
Author
Rajeev ChoudharyDate
07-Oct-2019Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
512Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
07-Oct-2019Top Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
- जयोतिषी à¤à¤¾à¤°à¤¤
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ का यà¥à¤¦à¥à¤§ जीतने के बाद हसà¥à¤¤à¤¿à¤¨à¤¾à¤ªà¥à¤° पहà¥à¤‚चकर जब यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर ने सतà¥à¤¤à¤¾ संà¤à¤¾à¤²à¤¨à¥‡ से इंकार किया तब हो सकता है कि यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर मन में चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤—à¥à¤ªà¥à¤¤ मोरà¥à¤¯ के पोते समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ अशोक की छवि रही हो। ये बात कोई छोटा मोटा नेता या अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ आदि कह देता तो à¤à¤• बारगी सोच लिया जाता कि हो सकता इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इतिहास का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ कम होगा, लेकिन जब यह बात देश की सबसे बड़ी इतिहासकार रोमिला थापर कहे तो कà¥à¤¯à¤¾ सोचा जाये? जबकि अशोक और महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ के काल में à¤à¤•-दो सदियों नहीं बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤• यà¥à¤— का अंतर है।
à¤à¤¸à¥‡ à¤à¤• नहीं बलà¥à¤•à¤¿ पिछले कई दशकों से रोमिला थापर जैसे कई वामपंथी इतिहासकारों का बड़ा बोलबाला रहा है। वैसे तो कई और दरबारी इतिहासकार à¤à¥€ हैं लेकिन इनमें रोमिला थापर, ईरफान हबीब और रामचंदà¥à¤° गà¥à¤¹à¤¾ का नाम पà¥à¤°à¤®à¥à¤–ता से शामिल है। रोमिला थापर जवाहरलाल लाल नेहरॠविशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ दिलà¥à¤²à¥€ की ताउमà¥à¤° पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° है और खà¥à¤¦ अपने को विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ का डायनासोर’ कहती हैं। उनका कथन देखा जाये तो बड़ा आकार और छोटी बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ वाले अरà¥à¤¥ में यह संजà¥à¤žà¤¾ उनके लिठसटीक à¤à¥€ है।
बात यही खतà¥à¤® नहीं होती कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सवाल उनके इसी कथन से उà¤à¤°à¤•à¤° सामने आये है कि आखिर इन इतिहासकारों ने देश और समाज को कà¥à¤¯à¤¾ दिया? इनकी लिखे इतिहास से इस देश की अगली पीà¥à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ सीखेगी? यही कि समà¥à¤°à¤¾à¤Ÿ अशोक के बाद कौरव और पांडव हà¥à¤ और महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ का यà¥à¤¦à¥à¤§ हà¥à¤†? हालाà¤à¤•à¤¿ शà¥à¤°à¥‚ से ही अपने कथित इतिहास लेखन में रोमिला ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ को तोड़ने-मरोड़ने, नीचा दिखाने का ही काम किया है। इस बात की गवाही खà¥à¤¦ उनकी à¤à¤¾à¤à¥€, और पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ विदà¥à¤·à¥€ राज थापर ने à¤à¥€ दी थी जो पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ मासिक सेमिनार की संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤•, संपादक थीं. राज थापर ने अपनी आतà¥à¤®à¤•à¤¥à¤¾ ऑल दीज इयरà¥à¤¸’ में 1980 की à¤à¤• घटना का उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया है। जब कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ नेता डॉ करà¥à¤£ सिंह ने अपने मितà¥à¤° रोमेश थापर से शिकायत की कि उनकी बहन रोमिला अपने इतिहास-लेखन से à¤à¤¾à¤°à¤¤ को नषà¥à¤Ÿ कर रही है। तब करà¥à¤£ सिंह की रोमेश से तकरार à¤à¥€ हो गई थी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि रोमिला का लेखन, à¤à¤¾à¤·à¤£, अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¨ और पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° का मà¥à¤–à¥à¤¯ सà¥à¤µà¤° सदैव हिंदू-निंदा और इसà¥à¤²à¤¾à¤®-परसà¥à¤¤à¥€ रहा है।
रोमिला ही कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ यदि अनà¥à¤¯ वामपंथी इतिहासकारों का यदि लेखन à¤à¥€ देखा जाये तो इनके मानसिक दिवालियेपन के अनूठे कारनामों से हमारा इतिहास à¤à¤°à¤¾ पड़ा है। इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ देश के इतिहास की किताबों में संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के बड़े दौर और उसकी कामयाबियों को न केवल कम किया बलà¥à¤•à¤¿ उसे गलत तरीके से बताया गया। इसी कारण इसà¥à¤²à¤¾à¤®, ईसाइयत और वामपंथ जैसी बाहरी अवधारणाओं ने हमारे इतिहास, हिंदू संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ को गहरा नà¥à¤•à¤¸à¤¾à¤¨ पहà¥à¤‚चाया है। यूनान, तà¥à¤°à¥à¤•, अरब से आये विदेशी हमलावरों ने न केवल à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿, वैà¤à¤µ और समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ को लूटा बलà¥à¤•à¤¿ करोड़ों लोगों का नरसंहार à¤à¥€ किया। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की धरती को रकà¥à¤¤à¤°à¤‚जित करने और गौरवशाली इतिहास को जितना तहस नहस मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® आकà¥à¤°à¤®à¤£à¤•à¤¾à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और मà¥à¤—ल सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ ने किया उतना शायद किसी ने नहीं किया! लेकिन à¤à¤¾à¤°à¤¤ का दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ मानिये कि यहाठके वामपंथी इतिहासकारों और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ के रकà¥à¤¤à¤°à¤‚जित इतिहास में आकà¥à¤°à¤¾à¤‚ताओं और मà¥à¤—लों की रकà¥à¤¤à¤²à¥‹à¤²à¥à¤ªà¤¤à¤¾ को अपनी सà¥à¤¯à¤¾à¤¹ सà¥à¤¯à¤¾à¤¹à¥€ से ढककर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ महान बना दिया और इस à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤à¥‚मि की रकà¥à¤·à¤¾ के लिठअपने पà¥à¤°à¤¾à¤£ नà¥à¤¯à¥‹à¤›à¤¾à¤µà¤° करने वाले वीर राजाओं को इतिहास से मिटा दिया।
हमें पढाया जाता है कि अकबर महान शाशक था उसके राजà¥à¤¯ में पà¥à¤°à¤œà¤¾ बड़ी सà¥à¤–ी और संपनà¥à¤¨ थी। अब à¤à¤• पल को सोचिठयदि à¤à¤¸à¤¾ था तो महाराणा पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª अकबर से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ टकराया? बस इसी बात से समठजाना चाहिठकि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ इतिहास पर इन लोगों का लमà¥à¤¬à¥‡ समय तक इनका कबà¥à¤œà¤¾ रहा, कà¥à¤› अनà¥à¤¯ तथाकथित इतिहासकार अलीगॠमà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ की उपज थे, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने नूरà¥à¤² हसन और इरफान हबीब की अगà¥à¤†à¤ˆ में इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° इतिहास को विकृत कर दिया।
असली तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को तोड़-मरोड़कर ही नहीं नये तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को गà¥à¤•à¤° à¤à¥€ ये इतिहासकार यह सिदà¥à¤§ करना चाहते थे कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जो à¤à¥€ गौरवशाली है वह मà¥à¤—ल बादशाहों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दिया गया है और उनके विरà¥à¤¦à¥à¤§ संघरà¥à¤· करने वाले महाराणा पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª, वीर शिवाजी आदि पथà¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿ हिनà¥à¤¦à¥‚ राजा थे। अफसोस ये लोग देश के नौनिहालों को यह à¤à¥‚ठा जà¥à¤žà¤¾à¤¨ दिलाने में सफल रहे कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सारा इतिहास केवल पराजयों और गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ का इतिहास है और यह कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सबसे अचà¥à¤›à¤¾ समय केवल तब था जब देश पर मà¥à¤—ल बादशाहों का शासन था।
इन लोगों ने जैसा चाहा वैसा लिखते गये ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ सरकारों ने कà¤à¥€ सà¥à¤§ नहीं ली और पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ हिनà¥à¤¦à¥‚ गौरव को उजागिर करने वाले इतिहास को या तो काला कर दिया या धà¥à¤à¤§à¤²à¤¾ कर दिया। राम को कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• राजा बना दिया, आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को विदेशी बना दिया, आरà¥à¤¯ और दà¥à¤°à¤µà¤¿à¥œ जैसी खाई खोदी। जो सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ कà¤à¥€ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ नदी के किनारे विकसित हà¥à¤ˆ थी यानि जो वैदिक सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ थी, जिसे वामपंथियों ने सिंधॠघाटी सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ नाम दिया। खà¥à¤¦à¤¾à¤ˆ में निकले सारे पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¶à¥‡à¤·à¥‹à¤‚ ने हमारे वेदों में लिखी बातों को सिदà¥à¤§ कर दिया है कि आरà¥à¤¯ कहीं बाहर से नहीं आठथे और विशà¥à¤µ की सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ और विकसित सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की वैदिक सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ थी। लोग सà¥à¤–ी और संपनà¥à¤¨ थे।
अकूत धन समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ के कारण ही विदेशी आकà¥à¤°à¤¾à¤‚तों को à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आकà¥à¤°à¤®à¤£ के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया। लेकिन à¤à¤¸à¥‡ सच नही लिखा गया और à¤à¥‚ठे इतिहास का परिणाम आज हमारे सामने है। लà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‡ और चोरो को आज लोग बादशाह सà¥à¤²à¤¤à¤¾à¤¨ नामो से पà¥à¤•à¤¾à¤°à¤¤à¥‡ है। उनके नाम पर सड़के बनाते है। शहरो के नाम रखते है और उसका कोई विरोध à¤à¥€ नहीं करता। à¤à¤• कहावत है कि इतिहास बदलो, मन बदलो और गà¥à¤²à¤¾à¤® बनाओ। यह कहावत à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संदरà¥à¤ में सटीक बैठती है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यही आज तक होता आया है। à¤à¤¸à¥‡ में रोमिला थापर हो या à¤à¤¾à¤°à¤¤ के दो टà¥à¤•à¥œà¥‡ करने की सलाह देने वाले इतिहासकार रामचनà¥à¤¦à¥à¤° गà¥à¤¹à¤¾ और इरफ़ान हबीब जब तक इनका कोई विरोध नहीं करेगा तब तक इतिहास के जरिये देश की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर आकà¥à¤°à¤®à¤£ होते रहेंगे। à¤à¤• दिन हमारे धारà¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ किसà¥à¤¸à¥‡ कहानियां उनके पातà¥à¤° कालà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤• बनकर रह जायेंगे।
ALL COMMENTS (0)