à¤à¤—वान किसकी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ है..?
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Vinay AryaDate
07-Nov-2019Category
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RajeevUpload Date
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ये संसार पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾à¤“ं का संसार है पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में करीब-करीब सà¤à¥€ लोग किसी न किसी à¤à¤—वान की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करते है। अमीर हो या गरीब, छोटे हो या बड़े जो à¤à¥€ हैं, लगà¤à¤— सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ अवशà¥à¤¯ करते हैं। मगर देखा जाये तो अधिसंखà¥à¤¯ लोग सिरà¥à¤« दà¥à¤– की घड़ी में पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ करते हैं। अगर ढंग से मनà¥à¤·à¥à¤¯ मन उसकी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾à¤“ं पर कोई शोध किया जाये तो पता चलेगा कि दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में à¤à¤—वानों के पास इचà¥à¤›à¤¿à¤¤ मनोरथ, सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के लाठकी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾à¤“ं तथा इसके अलावा शिकायत ही पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥€ होगी। हालाà¤à¤•à¤¿ इसके पीछे का अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• रहसà¥à¤¯ यह है कि पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ या शिकायत करने वाले को यह विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ रहता है कि परमातà¥à¤®à¤¾ à¤à¤¸à¤¾ शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ है कि वह आसानी से उसकी इचà¥à¤›à¤¾ को पूरा कर ही देंगे।
यधपि पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾à¤“ं के पीछे इसे à¤à¤• अधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• रहसà¥à¤¯ कहा जाये या मनोविजà¥à¤žà¤¾à¤¨ अनेकों मौकों पर पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की मानसिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को मजबूत करती है तथा आशा और संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ की मनोदशा के कारण मनà¥à¤·à¥à¤¯ की शारीरिक और मानसिक शकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ असाधारण रूप से सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ हो उठती हैं। जिसके फलसà¥à¤µà¤°à¥‚प सफलता का मारà¥à¤— बहà¥à¤¤ आसान बनता जाता है और पà¥à¤°à¤¾à¤¯: वह पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ à¤à¥€ हो जाता है। किनà¥à¤¤à¥ इसके विपरीत दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में यदि सà¥à¤µà¤¯à¤‚ के लाà¤, सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¹à¤¿à¤¤ दूसरे के विनाश के लिठकी गयी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾à¤“ं पर गौर करें तो à¤à¤—वान à¤à¥€ विचलित हो जाते होंगे कि किसकी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ सà¥à¤¨à¥€ जाये किसकी नहीं.?
मसलन à¤à¤• डॉकà¥à¤Ÿà¤° अपने कà¥à¤²à¥€à¤¨à¤¿à¤• में चाहता है जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मरीज आये, डॉकà¥à¤Ÿà¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ मरीजो के लिठहै। मरीज à¤à¤—वान से अचà¥à¤›à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥ की कामना पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर रहे है। मिटटी के बरà¥à¤¤à¤¨ बनाने वाला à¤à¤• कà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤° चाहता है अचà¥à¤›à¥€ तेज धà¥à¤ª रहे, बारिश न हो ताकि बरà¥à¤¤à¤¨ अचà¥à¤›à¥€ तरह पक जाये। किनà¥à¤¤à¥ उसके बराबर के घर में बैठा किसान बारिश के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर रहा है ताकि उसकी फसल को पानी मिल जाये। à¤à¤• गाड़ी डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° अपनी गाड़ी अचà¥à¤›à¥€ चलने की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ à¤à¤—वान से कर रहा है लेकिन उसी दौरान à¤à¤• गाड़ियों का गैराज मालिक पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर रहा है कि किसी की गाड़ी खराब हो ताकि उसका काम चलता रहे। कहने का अरà¥à¤¥ है शव वाहन और कफन बेचने वाले की अपनी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ है और गंà¤à¥€à¤° बीमारी पीड़ित किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की मौत से बचने की अपनी पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ है, यानि हर किसी अपनी अलग पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ है।
अब सवाल है कि कà¥à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ के बाद कोई चिनà¥à¤¤à¤¾, दà¥à¤– परेशानी टिक सकती हैं? कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤—वान गारंटी देते है कि पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ के बाद आपकी सारी मनोकामना पूरà¥à¤£ हो जाà¤à¤—ी? कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¤¾ है कि à¤à¤—वान के यहाठसà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾à¤à¤‚ नहीं सà¥à¤¨à¥€ जाती कà¥à¤› को अनसà¥à¤¨à¤¾ à¤à¥€ कर दिया जाता होगा? या फिर कà¥à¤¯à¤¾ मनà¥à¤·à¥à¤¯ की सà¤à¥€ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ और सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ à¤à¤—वान की है? दरअसल ये सवाल इसलिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अनेकों लोग अपनी मनोकामनाओं, इचà¥à¤›à¤¿à¤¤ सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ पूरà¥à¤¤à¤¿, अपने लाठके लिठकई बार à¤à¤—वान बदल-बदलकर देखते है और कई बार तो धरà¥à¤® ही बदल लेते है।
असल में देखा जाà¤à¤ तो जहां डिमांड है, वहा पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ नहीं है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि डिमांड और पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ में अंतर है। आज के दौर में कोई à¤à¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ हो, जागरण हो, लंगर या à¤à¤‚डारे से लेकर बाबाओं के मठों में कतार लगाये à¤à¥€à¥œ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ के लिठनहीं खड़ी है। पूछिठउनसे टटोलिये उनके मन को कोई पà¥à¤¤à¥à¤° चाहता है, कोई रोजगार चाहता है, किसी को बीमारी से निजात पानी है तो किसी को धन की कामना है। बिना डिमांड के वहां कोई नहीं गया सबकी अपनी जरूरतें और शिकायतें है। शिकायत का यह à¤à¥€ अरà¥à¤¥ है कि शायद लोग सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को à¤à¤—वान से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समà¤à¤¦à¤¾à¤° मानते हैं। à¤à¤—वान जो कर रहा है, गलत कर रहा है। हमारी सलाह मानकर उसे करना चाहिठवही ठीक होगा। जैसे कि हमें पता है कि हमारे लिठकà¥à¤¯à¤¾ ठीक है कà¥à¤¯à¤¾ गलत?
इसलिठसचà¥à¤šà¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ वही है जो à¤à¤—वान पर छोड़ देता है, कि तू ही कर, जो तà¥à¤à¥‡ मेरे लिठठीक लगे वही पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कर रहा है। और जो कहता है कि नहीं यह ठीक नहीं तू à¤à¤¸à¤¾ कर, तू वैसा कर वह पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ नहीं कर रहा है, वह à¤à¤—वान को सलाह दे रहा है कि तà¥à¤à¥‡ कम जà¥à¤žà¤¾à¤¨ है मैं जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€ हूठमेरी मान और काम कर।
काश, लोगों को यह पता होता कि उनके हित में कà¥à¤¯à¤¾ है! उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नहीं पता उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤¯à¤¾ चाहिठकà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जो वो सà¥à¤¬à¤¹ चाहते हैं, दोपहर को मना करने लगते हैं। और जो आज सांठचाहा है, जरूरी नहीं है कि कल सà¥à¤¬à¤¹ à¤à¥€ लोग वही चाहें। इसलिठइन पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾à¤“ं को à¤à¤—वान कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सà¥à¤¨à¥‡à¤—ा à¤à¤• किसà¥à¤® से सिर खा रहे हैं। ये पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾à¤à¤‚ आसà¥à¤¤à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ का सबूत नहीं हैं, न इनसे à¤à¤—वान का कोई संबंध है। ये सब वासनाà¤à¤‚ हैं। लेकिन दà¥à¤–द बात कि महावीर हों, या मोहमà¥à¤®à¤¦ या फिर जीसस सà¤à¥€ कह गये कि तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ सब मांग पूरी हो जाà¤à¤‚गी, बस उसके दà¥à¤µà¤¾à¤° पर डिमांड छोड़ आओ।
अब इसके बाद आती है पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ में रिशà¥à¤µà¤¤à¥¤ जैसे अपना कोई काम करवाने के लिठनौकर रख लेते है कà¥à¤› पैसा दिया, नौकर से काम करा लिया। ठीक उसी तरह à¤à¤—वान को à¤à¥€ नौकर समठलेते है, कोई इकà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¨ रूपये चà¥à¤¾ है कोई पांच सौ à¤à¤•à¥¤ कà¥à¤› मालदार लोग अपनी मà¥à¤°à¤¾à¤¦à¥‡ अपने मनचाहे काम करवाने के लिठऔर à¤à¥€ मोटी रकम चà¥à¤¾ रहे है कहते है लो à¤à¤—वान बस यह काम करा दो, चाहें इसके लिठचà¥à¤¾à¤µà¤¾ कितना à¤à¥€ चà¥à¤¾à¤¨à¤¾ पड़े।
वह छोटा बचà¥à¤šà¤¾ नहीं है कि दो रूपये अलग से दिठदौड़कर दà¥à¤•à¤¾à¤¨ से सामान ले आया। कà¥à¤¯à¤¾ इसी तरह हम अपने कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤—वान को धन चूका रहे है, कि ये हमारी मांगें हैं और मांगें पूरी हो जाà¤à¤‚? इसलिठजब लोग अपनी शरà¥à¤¤ छोड़ देंगे जब कà¥à¤› मांगने को न बचेगा। सब उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मिल जाà¤à¤—ा। लेकिन जब तक पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ में शरà¥à¤¤ है उसके लिठचà¥à¤¾à¤µà¤¾ या पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ है तब तक वह कà¤à¥€ पूरी नहीं होगी। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हम सब कागज की नावों पर जीवन में यातà¥à¤°à¤¾ करते हैं। हमारी नावें सपनों से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नहीं। हमारा जीवन रेत पर हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° जैसा हैं। हवा के à¤à¥‹à¤‚के आà¤à¤‚गे और सब बà¥à¤ जाà¤à¤—ा, सब मिट जाà¤à¤—ा। इसलिठपà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ तो वही सारà¥à¤¥à¤• है, जो वहां पहà¥à¤‚चा दे, जिसे मिलने पर फिर खोना नहीं है। जिसके मिलन में फिर बिछड़ना नहीं है। वह देवताओं आगे à¤à¥‹à¤²à¥€ फैलाने में नहीं वह तो परम सतà¥à¤¤à¤¾ परमपिता परमातà¥à¤®à¤¾ की तरफ समरà¥à¤ªà¤£ से संà¤à¤µ है। वही पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ है जहाठहम सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को à¤à¥‚लकर परमातà¥à¤®à¤¾ में विलीन हो जाà¤à¤à¥¤
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