जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ में बवाल ने खड़े किठकई संगीन सवाल
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Vinay AryaDate
25-Nov-2019Category
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RajeevUpload Date
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दिलà¥à¤²à¥€ की जवाहरलाल नेहरू यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ फीस विवाद गहराता जा रहा है। जहां कà¥à¤› लोग यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€ को बंद करने की सलाह दे रहे हैं वही कई लोग इसकी फीस वृदà¥à¤§à¤¿ को गलत बता रहे हैं। तो कई लोग इस तरà¥à¤• के आधार पर इसे सही बता रहे हैं कि केवल 10 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ में कोई कैसे हॉसà¥à¤Ÿà¤² में रह सकता है। उनके तरà¥à¤• के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अगर हॉसà¥à¤Ÿà¤² फीस को 10 से बà¥à¤¾à¤•à¤° 300 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ किया गया है तो इसमें इतनी हाय-तौबा मचाने की कà¥à¤¯à¤¾ जरूरत है। यह कोई बड़ी बात नहीं है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कई सालों से हॉसà¥à¤Ÿà¤² फीस में कोई वृदà¥à¤§à¤¿ नहीं हà¥à¤ˆ थी। जबकि छातà¥à¤° हॉसà¥à¤Ÿà¤² फीस में बà¥à¥‹à¤¤à¤°à¥€ के खिलाफ पिछले कई दिनों से पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ कर रहे हैं।
पिछले दिनों जवाहरलाल नेहरू विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में फीस की वृदà¥à¤§à¤¿ गई थी जिसे अगले शैकà¥à¤·à¤£à¤¿à¤• वरà¥à¤· से लागू करने का à¤à¤²à¤¾à¤¨ किया गया है। उसमें जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ के छातà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ में रहने वाले छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ के लिठफीस लगà¤à¤— 27,600-32,000 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ वारà¥à¤·à¤¿à¤• से लगà¤à¤— 55,000-61,000 रà¥à¤ªà¤¯à¥‡ वारà¥à¤·à¤¿à¤• तक होने का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है। हालांकि अब इसमें कà¥à¤› कटौती का à¤à¤²à¤¾à¤¨ किया गया है।
इसी कशमकश का नतीजा है कि जवाहरलाल नेहरू विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने à¤à¤• बार फिर मीडिया के साथ ही आम लोगों का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ अपनी तरफ खींचा है। जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ के छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ का संसद मारà¥à¤š हà¥à¤† यह मारà¥à¤š रात को जाकर तब खतà¥à¤® हà¥à¤† जब पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने हिरासत में लिठगठछातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को रिहा किया। छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ की ओर से कहा गया कि हमारा विरोध खतà¥à¤® नहीं हà¥à¤† है लेकिन पà¥à¤²à¤¿à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिरासत में लिठगठछातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को रिहा किठजाने के बाद हम वादे के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° कैंपस लौट रहे हैं। इस विरोध का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ कà¥à¤¯à¤¾ होगा यह बाद में तय किया जायेगा।
असल में आज जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ की बात आते है दिमाग में सबसे पहले चरितà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¨à¤¤à¤¾ और राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¦à¥à¤°à¥‹à¤¹ की बातें तैरने लगती हैं। वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ तक अचà¥à¤›à¥€ शिकà¥à¤·à¤¾ के लिठखà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¿ बटोरने वाला जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ आज लोगों की नजर में लाल सलाम, देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹ का अडà¥à¤¡à¤¾ बना हà¥à¤† है। तो इस बà¥à¥€ फीस के विरोध में मारà¥à¤š करने वाले छातà¥à¤° लोगों की नजर में कोई खास महतà¥à¤µ नहीं रखते लोगों को लगता है अगर फीस 300 से बढाकर तीन हजार à¤à¥€ कर दी जाये तो हमें इससे कà¥à¤› फरà¥à¤• नहीं पड़ने वाला। जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ की ये छवि कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बनी इसके लिठमीडिया जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° है या छातà¥à¤°? इसकी थाह में जाना आज बेहद जरà¥à¤°à¥€ है।
जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ का पिछले कà¥à¤› सालों यदि अतीत देखा जाये तो लाल इंटों वाली, बिना पलसà¥à¤¤à¤° की उन बिलà¥à¤¡à¤¿à¤—ों के पीछे जो जो हà¥à¤† उसे लेकर इतनी चरà¥à¤šà¤¾ हà¥à¤ˆ कि आज लोगों को जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सेकà¥à¤¸ और राजनीति का अडà¥à¤¡à¤¾ नजर आता है। इसकी शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ हà¥à¤ˆ साल 2009 में जब जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ में साबरमती और तापà¥à¤¤à¥€ हॉसà¥à¤Ÿà¤² में रैगिंग को लेकर बवाल हà¥à¤† था। इस घटना से पहले तक जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ की काफी इमेज सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ थी।
इसके बाद साल 2010 में छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ॠके दांतेवाडा जिले में माओवादियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किये हमले में सीआरपीà¤à¤« के 76 जवान शहीद हो गये। इस घटना के बाद देशà¤à¤° में गà¥à¤¸à¥à¤¸à¥‡ की तीवà¥à¤° लहर दौड़ उठी थी तो वहीं कहा जाता है जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚’ में इस हमले के बाद जलà¥à¤²à¥‹à¤· शà¥à¤°à¥‚ हà¥à¤† था। इंडिया मà¥à¤°à¥à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦, माओवाद जिंदाबाद’ के नारे यहाठके कà¥à¤› छातà¥à¤° दे रहे थे। इससे जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ का माहौल काफी गरम हà¥à¤† था।
इसके बाद जैसे देश में मोबाइल कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति का दौर आया तो इसी दौरान जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ से à¤à¤• सेकà¥à¤¸ टेप वायरल हà¥à¤† था। कथित तौर पर जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ के à¤à¤• छातà¥à¤° और छातà¥à¤°à¤¾ ने वहां के हॉसà¥à¤Ÿà¤² में शारीरिक संबंध बनाये थे और उनका ये वीडियो कैंपस में वायरल हो गया। इसके बाद इंटरनेट पर जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ सेकà¥à¤¸ टेप सरà¥à¤š लिसà¥à¤Ÿ में ऊपर आने लगा। à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ यूनिवरà¥à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥€, जहां से सà¥à¤•à¥‰à¤²à¤° निकलते हैं और जहां पर लोग पà¥à¤¨à¤¾ चाहते हैं, वहां से à¤à¤¸à¤¾ टेप सामने आने से लोगों के लिठआशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯ और घृणा की बात बन गई।
इन दो घटनाओं के बाद लोगों की नजरों में जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ छवि बदलने लगी थी। देश की आम जनता ने इस बात को बिलकà¥à¤² किनारे कर दिया यह घटनाà¤à¤ महज à¤à¤• अपराध थी कि किसी ने जवानों के बलिदान का जशà¥à¤¨ मनाया या किनà¥à¤¹à¥€à¤‚ दो छातà¥à¤° छातà¥à¤°à¤¾ का वीडियो बनाया गया और उसे वायरल किया गया। जनता की नजर में ये घटनाà¤à¤ नैतिक अपराध बन गयी थी। ये वो दौर था जब à¤à¤®à¤à¤®à¤à¤¸ खूब बनते थे और फैलाये जाते थे। कैमरे वाले फोन तब सबके हाथों में नहीं पहà¥à¤‚चे थे और न ही इंटरनेट इतना ससà¥à¤¤à¤¾ था।
इसके बाद दिसंबर 2012 में दिलà¥à¤²à¥€ में निरà¥à¤à¤¯à¤¾ रेप के रूप में जघनà¥à¤¯ कांड हà¥à¤† और दिलà¥à¤²à¥€ के अनà¥à¤¯ छातà¥à¤° छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं के साथ जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ à¤à¥€ सड़कों पर उतरे। टीवी और सोशल मीडिया पर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ और नेताओं से à¤à¤—ड़ती लड़कियां लोगों को नजर आईं। à¤à¤²à¥‡ ही निरà¥à¤à¤¯à¤¾ के लिठलोगों के मन में समà¥à¤®à¤¾à¤¨ था पर à¤à¤• पितृसतà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• समाज को चिलà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥€-लड़कियां पसंद नहीं आईं। जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ की लड़कियों को à¤à¤• ‘महिला’ नहीं समà¤à¤¾ गया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• पतित नारी के तौर पर देखा जाने लगा। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इससे पहले जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ वीडियो देश में घूम चà¥à¤•à¥€ थी। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस नजरिठसे देखा गया कि जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ की लड़कियां तो कम कपड़े पहनती हैं। सिगरेट à¤à¥€ पीती है और पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ से à¤à¤—ड़ती à¤à¥€ है। उनके पà¥à¤°à¥à¤· मितà¥à¤° à¤à¥€ है और वो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ छोड़ à¤à¥€ देती है à¤à¤¸à¥€ न जाने कितनी कहानियां धीरे-धीरे सोशल मीडिया पर फैलने लगीं।
इसके बाद à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ घटना घटी की जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ का पूरा चेहरा ही बदल गया। साल 2014 में à¤à¤• लड़के और लड़की के खà¥à¤²à¥‡à¤†à¤® पà¥à¤°à¥‡à¤® का पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ को जब हमारे समाज ने इसे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ नैतिकता से जोड़ा तो इस पर शरà¥à¤®à¤¿à¤¦à¤¾ होने के बजाय उस जोड़े के पकà¥à¤· में जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ उठखडे हà¥à¤ और किस ऑफ लव पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥‡à¤¸à¥à¤Ÿ के नाम सड़कों पर पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€-पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤•à¤¾à¤à¤‚ à¤à¤• दूसरे को चूमते नजर आà¤à¥¤
इस घटना ने à¤à¥€ जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं की इमेज को पबà¥à¤²à¤¿à¤• के दिमाग में धूमिल किया। जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ जो मà¥à¤•à¥à¤¤ विचारधारा के लिठजाना जाता था वह खà¥à¤²à¤•à¤° वामपंथ के लाल किले के रूप में परिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो गया। 2014 में ही नरेंदà¥à¤° मोदी की सरकार बनने के बाद वामपंथ ने खà¥à¤²à¤•à¤° खेलना शà¥à¤°à¥‚ किया और जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ को à¤à¤• विशà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के बजाय अपने राजनितिक अडà¥à¤¡à¥‡ के तौर पर इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करने लगा। इसके बाद साल 2016 में अफजल गà¥à¤°à¥ की फांसी की बरसी जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ में मनायी गयी। देश विरोधी पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ के दौरान जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ के छातà¥à¤°-छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं पर टीवी चैनलों ने ‘टà¥à¤•à¥œà¥‡ टà¥à¤•à¥œà¥‡ गैंग’ होने का तमगा लगा दिया।
उसी साल जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ के 11 अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•à¥‹à¤‚ ने दि डेन ऑफ सेसेशनिसम à¤à¤‚ड टेरोरिजम नाम से दौ सौ पृषà¥à¤ ों का à¤à¤• डाकà¥à¤¯à¥‚मेंट तैयार किया। इसमें कथित तौर पर बताया गया था कि कैसे जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ में सेकà¥à¤¸ और डà¥à¤°à¤—à¥à¤¸ की à¤à¤°à¤®à¤¾à¤° है। इंडिया टà¥à¤¡à¥‡ की इस रिपोरà¥à¤Ÿ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° अमिता सिंह ने कहा कि जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ के मेस में सेकà¥à¤¸ वरà¥à¤•à¤°à¥à¤¸ का आना सामानà¥à¤¯ बात है।
इस रिपोरà¥à¤Ÿ के आने के बाद जनता की सारी कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾à¤“ं पर मà¥à¤¹à¤° सी लग गई। इसके बाद कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° फिर शेहला राशिद, उमर खालिद इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ की तमाम तरह की तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ वायरल हà¥à¤ˆ और जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ की शाख देशà¤à¤° में गिर गयी। इसी दौरान सोशल मीडिया पर यहाठतक कि खबरें चली कि मकान मालिक जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ के छातà¥à¤° छातà¥à¤°à¤¾à¤“ं को किराये पर कमरें देने से इंकार कर रहे है। कहने को अतीत में à¤à¤²à¥‡ ही जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ से कितने सरकारी अधिकारी और रिसरà¥à¤šà¤° निकले à¤à¤²à¥‡ हो, इकॉनमिकà¥à¤¸ में नोबल पà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤œ लाने वाला इस संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से निकला हो या यहाठसे देश के कई बड़े नेता निकले हो। लेकिन यह बीते दौर की बात हो गयी आज वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में लोगों के जेहन में जेà¤à¤¨à¤¯à¥‚ की इमेज में किसी पोरà¥à¤¨ साइट और देशदà¥à¤°à¥‹à¤¹ के अडà¥à¤¡à¥‡ से कम नहीं है। इसी का परिणाम है कि फीस वृदà¥à¤§à¤¿ के विरोध में सडक पर चिलà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ छातà¥à¤° छातà¥à¤°à¤¾à¤à¤‚ लोगों की संवेदना नहीं बटोर पा रहे है।
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