गà¥à¤¡à¤¿à¤¯à¤¾ निरà¥à¤à¤¯à¤¾ अब पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का रेडà¥à¤¡à¥€ हैवानियत का दोषी कौन?
Author
Rajeev ChoudharyDate
02-Dec-2019Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
413Total Comments
0Uploader
RajeevUpload Date
02-Dec-2019Top Articles in this Category
- फलित जयोतिष पाखंड मातर हैं
- राषटरवादी महरषि दयाननद सरसवती
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
- कà¥à¤¯à¤¾ आतà¥à¤®à¤¾à¤à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में बोलती है..?
जो आतंकियों को बचाने के लिठसà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के बाहर डेरा डाल देते है कà¥à¤¯à¤¾ आज à¤à¥€ रात à¤à¤° जाग सबसे दसà¥à¤¤à¤–
हैदराबाद में डॉकà¥à¤Ÿà¤° पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का रेडà¥à¤¡à¥€ का गैंगरेप और फिर हतà¥à¤¯à¤¾ कर दी गई। 27 साल की à¤à¤• पà¥à¥€-लिखी डॉकà¥à¤Ÿà¤° का वो हाल किया गया जिसे देखकर हर लड़की का मन अंदर तक सिहर उठे. सड़क के किनारे पड़े और कोयला बन चà¥à¤•à¥‡ शरीर की तसà¥à¤µà¥€à¤° शायद ही अंतरà¥à¤®à¤¨ से जलà¥à¤¦à¥€ ओà¤à¤² हो सकेगी। इस तसà¥à¤µà¥€à¤° ने बेटियों को अकेले शहरों में छोड़ने वाले माता-पिता के माथे पर चिंता की लकीरें और गहरा गई हैं।
16 दिसमà¥à¤¬à¤° 2012 निरà¥à¤à¤¯à¤¾ दिलà¥à¤²à¥€ का निरà¥à¤à¤¯à¤¾ कांड अà¤à¥€ तक जेहन से मिटा à¤à¥€ नहीं था कि अचानक चार जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ 2017 हिमाचल का कोटखाई गà¥à¤¡à¤¼à¤¿à¤¯à¤¾ रेप हतà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤¾à¤‚ड गूंज उठा। सवाल दर सवाल खड़े होते रहे, à¤à¤• के बाद वीà¤à¤¤à¥à¤¸ और दरà¥à¤¦à¤¨à¤¾à¤• रेप और हतà¥à¤¯à¤¾ के मामले सामने आते रहे है। केंडल मारà¥à¤š से लेकर सड़कों पर पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ à¤à¥€ हà¥à¤, कानून à¤à¥€ बने लेकिन दरिंदों तक न फांसी का फंदा पहà¥à¤‚चा न पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ की गूंज। नतीजा फिर वही हà¥à¤† तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के शादनगर इलाके में रहने वाली डॉकà¥à¤Ÿà¤° पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का लाश जली हालत में मिलती है, पà¥à¤²à¤¿à¤¸ वहां पहà¥à¤‚चती है और लाश की शिनाखà¥à¤¤ की कोशिश करती है जो 100 फीसदी जल चà¥à¤•à¥€ थी, सिवाठसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥à¤« के टà¥à¤•à¥œà¥‡ के। गले में पड़ा लॉकेट इशारा कर रहा था कि ये लाश à¤à¤• महिला की है। पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का के परिवार को बà¥à¤²à¤¾à¤¯à¤¾ जाता है जहां इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ चीजों से इस बात की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¥€ हो जाती है कि वो जलकर कोयला हो चà¥à¤•à¥€ लाश पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का रेडà¥à¤¡à¥€ की ही थी। इसी लाश को देखकर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ की नींद असल में खà¥à¤² पायी। फिर पà¥à¤²à¤¿à¤¸ सकà¥à¤°à¤¿à¤¯ होती है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये à¤à¤• महिला डॉकà¥à¤Ÿà¤° की हतà¥à¤¯à¤¾ का मामला होता है। छानबीन में पता चलता है कि हतà¥à¤¯à¤¾ से पहले पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का के साथ गैंगरेप à¤à¥€ हà¥à¤† था।
पà¥à¤²à¤¿à¤¸ ने इस मामले में 4 लोगों को गिरफà¥à¤¤à¤¾à¤° किया है जिनमें à¤à¤• टà¥à¤°à¤• डà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¤° मोहमà¥à¤®à¤¦ आरिफ 25 साल का है और वही मà¥à¤–à¥à¤¯ आरोपी है। उसके साथ तीन हेलà¥à¤ªà¤° à¤à¥€ हैं, जिनकी उमà¥à¤° करीब 20 साल है। पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के सामने सबने रेप और हतà¥à¤¯à¤¾ का गà¥à¤¨à¤¾à¤¹ कबूल किया है।
यह दरà¥à¤¦à¤¨à¤¾à¤• किसà¥à¤¸à¤¾ सà¥à¤¨à¤•à¤° कई सवाल में खड़े होते है पहला हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‡ का मजहब देखिये दूसरा हैदराबाद में ओवेसी बंधà¥à¤“ं की रोजाना की à¤à¥œà¤•à¤¾à¤Š तकरीरे सà¥à¤¨à¤¿à¤, उनमें इसà¥à¤²à¤¾à¤®, कà¥à¤°à¤¾à¤¨, हिनà¥à¤¦à¥‚ के अलावा कà¥à¤› नहीं होता। तीसरा दिलà¥à¤²à¥€ के निरà¥à¤à¤¯à¤¾ मामले के आरोपियों को फांसी की सजा à¤à¤²à¥‡ ही सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ गई लेकिन फांसी दी नहीं गई। शायद पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का के हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ को लगा कि निरà¥à¤à¤¯à¤¾ तो बच गई थी इसलिठउसके आरोपी फंसे। और मामला वहीं खतà¥à¤® करने और खà¥à¤¦ को बचाने के लिठउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का को मौके पर ही जला दिया। यही तो किया जाता है आजकल, रेप करके सीधे हतà¥à¤¯à¤¾ ही कर दी जाठजिससे आरोप लगाने के लिठकोई बचे ही न।
चौथा जिस देश में हर साल औसतन 40 हजार रेप होते हों, हर दिन में 106 रेप और हर 10 रेप में से 4 वारदात की शिकार छोटी बचà¥à¤šà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ होती हों, जहां सजा सिरà¥à¤« 25 फीसदी हो यानी 40 हजार रेप करने वालों में से सिरà¥à¤« 10 हजार को ही सजा मिले और 30 हजार खà¥à¤²à¤¾ घूमें वहां कोई कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ डरे? अपराधियों इन आंकड़ों से हौसला बà¥à¤¤à¤¾ है और वे अगले अपराध की योजना बनाते है वो जानते है दो दिन सोशल मीडिया पर शोर होगा नेताओं के बयान होंगे इसके बाद सब कà¥à¤› वही ढरà¥à¤°à¤¾ दोहराया जायेगा कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कोई à¤à¥€ सरकार न अपराधियों के मन में डर पैदा कर सकी और न महिलाओं के मन से अब तक डर निकाल सकी है। इसी कारण आज के माता-पिता जब à¤à¥€ बेटियों को पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ की बारे में सोचते हैं, à¤à¤¸à¥€ कोई न कोई खौफनाक घटना उनके हौसले तोड़ने का इंतजार करती रहती है। कैसे आज की बेटियां अपने माता-पिता को यकीन दिलाà¤à¤‚ कि बाहर वो सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ हैं। कैसे उनसे कहें कि उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤¨à¥‡ के लिठबाहर जाने दो।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार के लिठकà¥à¤¯à¤¾ कहा जाठजिसकी आंखें अपराध के आंकड़े देखकर à¤à¥€ नहीं खà¥à¤²à¤¤à¥€à¤‚। इसलिठबेटियों को सब पर संदेह करना सिखाओ। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हथियार चलाना सिखाओ और आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ पड़ने पर उसका तà¥à¤°à¤‚त उपयोग करना à¤à¥€à¥¤ आती-जाती सरकारों ने आज तक कà¥à¤› नहीं किया, आप उनके à¤à¤°à¥‹à¤¸à¥‡ न रहें! अपनी रकà¥à¤·à¤¾ आप करें! कोई सामने नहीं आà¤à¤—ा आज विपकà¥à¤· केंडल मारà¥à¤š नहीं निकालेगा। सब मौन है इसी मौन से पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ होकर पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का के हतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ ने घटना को अंजाम देने की योजना सà¥à¤¬à¤¹ से ही शà¥à¤°à¥‚ हो गई थी। पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का के दोषियों के सामने निरà¥à¤à¤¯à¤¾ कांड उदाहरण के रूप में था। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अचà¥à¤›à¥€ तरह से पता था कि वो à¤à¤• महिला का रेप और हतà¥à¤¯à¤¾ की योजना बना सकते हैं और किस तरह से बच सकते हैं। वे बैखौफ थे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये जानते थे कि फांसी की सजा सिरà¥à¤« डराने के लिठहोती है, हकीकत में कहां किसी को फांसी होती है।
अपराधियों को इस बात का पूरा यकीन हो चूका है कि इस देश में बलातà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ को फांसी कà¤à¥€ नहीं होगी, तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ और किस बात का डर। पराली के धà¥à¤‚ठकी तरह जिंदा जलते शरीर से उठने वाला धà¥à¤‚आ देश की राजनीति के लिठलाà¤à¤¦à¤¾à¤¯à¤• नहीं, इसलिठà¤à¤¸à¥‡ मामलों की चरà¥à¤šà¤¾ दो मिनट के मौन से अधिक नहीं होती है। सोचिये, जो आतंकियों को बचाने के लिठसà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के बाहर डेरा डाल देते है कà¥à¤¯à¤¾ आज à¤à¥€ रात à¤à¤° जाग सबसे दसà¥à¤¤à¤–त करा, अपराधियों को सà¥à¤¬à¤¹ तक फांसी दे देंगें?
पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का की हतà¥à¤¯à¤¾ पर किसी ने सही लिखा है कि पà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤‚का तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ दरà¥à¤¦, तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ चीखें, तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ खून, तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ आंसू और तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ चकनाचूर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸, इस देश का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• संवेदनशील नागरिक महसूस कर पा रहा है। ईशà¥à¤µà¤° तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥‡ माता पिता परिवारजनों को इतनी ताकत दे काश! वो इस पीड़ा को à¤à¥‚ल जाये। तà¥à¤® जिस à¤à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में हो, वहां से हम बचे हà¥à¤ लोगों के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करना और परमातà¥à¤®à¤¾ से कहना कि धरती सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लायक नहीं रही। सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के समापà¥à¤¤ होने का समय आ चà¥à¤•à¤¾ है। अपने दोषियों के बारे में पूछना जरà¥à¤° कि तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¤¾ असली दोषी कौन है समाज, संसà¥à¤•à¤¾à¤° या सरकार?
ALL COMMENTS (0)