नागरिकता संशोधन विधेयक कितना सही कितना गलत
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Rajeev ChoudharyDate
10-Dec-2019Category
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हाल ही में केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¤¿à¤®à¤‚डल ने नागरिकता संशोधन विधेयक को हरी à¤à¤‚डी दे दी है और संà¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ है कि इसे जलà¥à¤¦à¥€ ही संसद में पेश किया जाà¤à¤—ा। इस विधेयक में पड़ोसी देशों से शरण के लिठà¤à¤¾à¤°à¤¤ आठहिंदू, जैन, बौदà¥à¤§, सिख, पारसी और ईसाई समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों को à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नागरिकता देने का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ है। हालांकि इस बिल को लेकर विपकà¥à¤· बेहद कड़ा रà¥à¤–़ अख़à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤° कर रहा है और इसे संविधान की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के विपरीत बता रहा है। जहाठकेंदà¥à¤° की तरफ से इसे शीरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ देते हà¥à¤ इसे सदन में रखे जाने के दौरान सà¤à¥€ सांसदों को उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ रहने को कहा गया है। वहां ओवैसी समेत विपकà¥à¤· के कई नेताओं कहना है अगर नागरिकता संशोधन विधेयक लागू किया गया तो यह बिल à¤à¤¾à¤°à¤¤ को इसराइल बना देगा।
आखिर इस बिल में à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ है जो ओवेसी समेत विपकà¥à¤· को इतना à¤à¤¤à¤°à¤¾à¤œ है? अगर इस बिल को आसान à¤à¤¾à¤·à¤¾ में देखें तो इस विधेयक में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨, बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ और अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में धारà¥à¤®à¤¿à¤• आधार पर उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ के शिकार गैर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ जिनमें हिंदू, जैन, बौदà¥à¤§, सिख, पारसी और ईसाई समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों को à¤à¤¾à¤°à¤¤ की नागरिकता दिठजाने का पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ है। नागरिक संशोधन विधेयक 2019 के तहत सिटिजनशिप à¤à¤•à¥à¤Ÿ 1955 में बदलाव का पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ है। इस बदलाव के जरिठउन गैर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को नागरिकता दी जाà¤à¤—ी जो बीते à¤à¤• साल से लेकर छह साल तक à¤à¤¾à¤°à¤¤ में रह रहे हैं।
दूसरा फिलहाल, à¤à¤¾à¤°à¤¤ में लागू सिटिजनशिप à¤à¤•à¥à¤Ÿ 1955 के तहत नागरिकता हासिल करने की अवधि 11 साल है। यानि यदि आप गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ साल से à¤à¤¾à¤°à¤¤ में रह रहे है तो आपको यहाठकी नागरिकता मिल सकती है लेकिन अब इसी नियम में ढील देकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को à¤à¤• साल से छह साल तक किया जाना है। मतलब कि पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ में सताये गये हिनà¥à¤¦à¥‚ बौदà¥à¤§ सिख पारसी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोग अगर à¤à¤¾à¤°à¤¤ में आते है तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• साल के अंदर यहाठकी नागरिकता मिल जाà¤à¤—ी।
इसका सबसे बड़ा लाठहोगा बंटवारे में पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ आये और जमà¥à¤®à¥‚ कशà¥à¤®à¥€à¤° में बसे हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को जो पिछले 70 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से नागरिकता की बाट जोह रहे है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कई लाख हिनà¥à¤¦à¥‚ कशà¥à¤®à¥€à¤° में अमानवीय सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में रहने के लिठविवश हैं। इन लोगों में à¤à¤• बड़ा वरà¥à¤— बंटवारे के समय पशà¥à¤šà¤¿à¤® पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से आठउन हिंदà¥à¤“ं का है, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥Œà¤—ोलिक दूरी के साथ-साथ सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• रूप से जमà¥à¤®à¥‚ अपने जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ नजदीक लगा और वे यहीं आकर असà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ तौर पर बस गà¤à¥¤ यहां रहने वाले जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° लोगों ने शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में सोचा होगा कि वे समाज की मà¥à¤–à¥à¤¯ धारा में शामिल हो जाà¤à¤‚गे. लेकिन साल दर साल गà¥à¤œà¤°à¤¤à¥‡ गये उस समय पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ से आया à¤à¤• वरà¥à¤· बचà¥à¤šà¤¾ आज 71 वरà¥à¤· का बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤— हो गया पर उसे नागरिकता नहीं मिली। वो à¤à¥€ उस अंतरà¥à¤°à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ कानून के होते जिसमें अगर कोई महिला जहाज में सफर करते समय बचà¥à¤šà¤¾ पैदा करती है तो उस बचà¥à¤šà¥‡ को उस इलाके की नागरिकता हासिल करने का हक मिलता है जहाठसे जहाज गà¥à¤œà¤° रहा होता है। ये लोग तो 70 साल से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ समय से जमà¥à¤®à¥‚ और कशà¥à¤®à¥€à¤° में रह रहे हैं इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नागरिकता के अधिकार से वंचित रखा गया है? जबकि इसके विपरीत बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ से à¤à¤¾à¤°à¤¤ में शरण लेकर लाखों की संखà¥à¤¯à¤¾ में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शरणारà¥à¤¥à¥€ यहाठकी नागरिकता हासिल कर चà¥à¤•à¥‡ है।
विरोध का कारण यही हो सकता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस बिल के लागू हो जाने पर अवैध रूप से à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बसे बंगलादेशी रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ को अपने देश लौटना होगा। साल 1991 में असम में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® जनसंखà¥à¤¯à¤¾ 28.42 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ थी जो 2001 के जनगणना के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° बॠकर 30.92 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ हो गई और 2011 की जनगणना में यह बà¥à¤•à¤° 35 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ को पार कर गयी। बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ की à¤à¤• बड़ी आबादी ने देश के कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में जनसंखà¥à¤¯à¤¾ असंतà¥à¤²à¤¨ को बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ का काम किया है।
दूसरा बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ से आठलोग पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल में आकर बसे हैं। बॉरà¥à¤¡à¤° मैनेजमेंट टासà¥à¤• फोरà¥à¤¸ की वरà¥à¤· 2000 की रिपोरà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° 1.5 करोड़ बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ कर चà¥à¤•à¥‡ हैं और लगà¤à¤— तीन लाख पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ कर रहे हैं। इस हिसाब से अगर 2019 का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाया जाये देश में 4 करोड़ घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ िये मौजूद हैं। अगर ये बिल लागू होता है तो बंगाल की राजनीति में बड़ी उथल-पà¥à¤¥à¤² हो सकती है। खासकर बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ की सीमा से सटे बंगाल के इलाकों में। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि असम की तरह यहां à¤à¥€ जनसंखà¥à¤¯à¤¾ में अतà¥à¤¯à¤§à¤¿à¤• बà¥à¥‹à¤¤à¤°à¥€ हà¥à¤ˆ है। पिछले कई वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल के कई इलाकों में हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के ऊपर होने वाले सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• हमलों में बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ ियों का ही हाथ रहा है।
यही नहीं इसके अलावा उतà¥à¤¤à¤° पूरà¥à¤µ के राजà¥à¤¯ तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾, मेघालय, नागालैंड में à¤à¥€ अवैध रूप से बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ रह रहे हैं। इसके अलावा उड़ीसा, तà¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾ और छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—ॠमें à¤à¥€ अवैध रूप से à¤à¤¾à¤°à¤¤ आठबांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ रहते हैं। अकेली राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ की बात करें यहाठà¤à¥€ करीब 40 हजार रोहिंगà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ के अलावा बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ बंगलादेशी अवैध रूप से रह रहे है इनके बाहर निकाले जाने की बात सेकà¥à¤²à¤° लिबरल वामपंथी कथित सामाजिक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ हर बार शोर मचा देते है।
इस विधेयक को 19 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ, 2016 को लोकसà¤à¤¾ में पेश किया गया था। 12 अगसà¥à¤¤, 2016 में इस विधेयक को संयà¥à¤•à¥à¤¤ संसदीय समिति के पास à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया था। समिति की रिपोरà¥à¤Ÿ आने के बाद 08 जनवरी, 2019 को विधेयक को लोकसà¤à¤¾ में पास किया गया। लेकिन राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ में इसे पेश नहीं किया जा सका था। बहरहाल, मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² वाली बात यह है कि असम और अनà¥à¤¯ पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में इस विधेयक के खिलाफ लोगों का बड़ा तबका पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ कर रहा है। मानवाधिकार कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं का कहना है कि ये विधेयक à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संविधान के मूल सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों के ख़िलाफ़ है। धरà¥à¤® के आधार पर किसी को नागरिकता नहीं दी जा सकती. à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ इस विधेयक के ज़रिठहिंदूतà¥à¤µ का à¤à¤œà¥‡à¤‚डा मज़बूत करना चाहती है।
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