धरà¥à¤® दलित और ईसाइयत
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Vinay AryaDate
13-Jan-2020Category
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RajeevUpload Date
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धरà¥à¤® जब तक निजी अनà¥à¤à¤µ तक सिमित रहे धरà¥à¤® रहता है लेकिन जब धरà¥à¤® के नाम के सहारे सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ खड़ा किया जाने लगे जबदसà¥à¤¤à¥€ या बहला फà¥à¤¸à¤²à¤¾à¤•à¤° à¤à¥à¤£à¥à¤¡ तैयार किये जाने लगे, तब वह धरà¥à¤® न होकर संसà¥à¤¥à¤¾à¤—त रूप धारण कर लेता है। और निजी अनà¥à¤à¤µ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से अलग हटकर संसà¥à¤¥à¤¾ का रूप लेते ही धरà¥à¤® शासन जैसा बनने लगता है। लोग इसके नाम पर होने वाली उदà¥à¤¦à¤‚डता को ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ मानने लगते है। à¤à¤¸à¥‡ कई पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ चिनà¥à¤¹ खड़े करते हà¥à¤ पिछले दिनों पà¥à¤…र कà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¯à¤¨ लिबरेशन मूवमेंट के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· आर.à¤à¤². फà¥à¤°à¤¾à¤‚सिस का आलेख सामने आया था। फà¥à¤°à¤¾à¤‚सिस ने अपने आलेख में आंकड़ों के साथ उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया था कि तरह à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में गरीबी अशिकà¥à¤·à¤¾ और असमानता का लाठईसाई मिशनरीज ने उठाकर जनसंखà¥à¤¯à¤¾ के à¤à¤• हिसà¥à¤¸à¥‡ को ईसाई तो बना दिया लेकिन आज à¤à¥€ उनका जीवन किस तरह असमानता में बीत रहा है।
मसलन अà¤à¥€ तक जो दलित सिरà¥à¤« दलित था जिसके साथ कà¥à¤› सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर जातीय à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ था उसे ईसाई तो दिया गया पर इससे उसका जातीय à¤à¥‡à¤¦ कम नहीं बलà¥à¤•à¤¿ अब वह जातीय दंश के साथ अब धारà¥à¤®à¤¿à¤• दंश à¤à¥€ à¤à¥‡à¤² रहा है। ऊंच-नीच, असमानता और à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ पीड़ित रहे करोड़ों दलितों आदिवासियों और सामाजिक हाशिठपर खड़े लोगों को चरà¥à¤š और कà¥à¤°à¥‚स तक तो ले आये, लेकिन यहाठलाकर आज चरà¥à¤š उनके जीवन सà¥à¤¤à¤° को सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ की बजाय अपने सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦ के विसà¥à¤¤à¤¾à¤° में वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ है और अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से पलà¥à¤²à¤¾ à¤à¤¾à¥œà¤¤à¥‡ हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सरकार की दया पर छोड़ना चाहता है।
दरअसल चरà¥à¤š का इरादा à¤à¤• तीर से दो शिकार करने का है कà¥à¤² ईसाइयों की आबादी का आधे से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अपने अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को अनà¥à¤¸à¥‚चित जातियों की शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ में रखवा कर वह इनके विकास की जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ सरकार पर डालते हà¥à¤ देश की कà¥à¤² आबादी के पाचवें हिसà¥à¤¸à¥‡ हिनà¥à¤¦à¥‚ दलितों को ईसाइयत का जाम पिलाने का ताना-बाना बà¥à¤¨à¤¨à¥‡ में लगा है। यह सही है कि यूरोप, अमेरिका à¤à¤µà¤‚ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¥€ देशों में ईसाइयत का बोलबाला है। राजसतà¥à¤¤à¤¾ के विसà¥à¤¤à¤¾à¤° के साथ ही ईसाइयत का à¤à¥€ विसà¥à¤¤à¤¾à¤° हà¥à¤† है। किनà¥à¤¤à¥ हमारे देश à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¥€ यीशॠके शिषà¥à¤¯ संत थोमस ईसा की मृतà¥à¤¯à¥ के दो दशक बाद ही पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° के लिठआ गये थे। न कोई बड़ी सफलता उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नसीब नहीं हà¥à¤ˆ पर पिछली कà¥à¤› शताबà¥à¤¦à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में à¤à¥‚ठ, पाखणà¥à¤¡ और यीशॠके चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ के किसà¥à¤¸à¥‡ सà¥à¤¨à¤¾, सà¥à¤¨à¤¾à¤•à¤° जातीय à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ का लाठउठकर, à¤à¥€ ईसाइयत यहां अपनी वो जड़ें जमाने में वो कामयाबी नहीं पायी जो यूरोप और अमेरिका में चंद वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ के à¤à¥€à¤¤à¤° पाई थी।
आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कैथोलिक चरà¥à¤š के 6 कारà¥à¤¡à¤¿à¤¨à¤² है पर कोई दलित नहीं, 30 आरà¥à¤š बिशप में कोई दलित नहीं, 175 बिशप में केवल 9 दलित हैं। 822 मेजर सà¥à¤ªà¤¿à¤°à¤¯à¤° में 12 दलित हैं, 25000 कैथोलिक पादरियों में बहà¥à¤¤ छोटी संखà¥à¤¯à¤¾ दलित ईसाई पादरी हैं वो à¤à¥€ आदिवासी व बीहड़ इलाकों में। पिछले दिनों इतिहास में पहली बार à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कैथलिक चरà¥à¤š ने यह सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया है कि जिस छà¥à¤†à¤›à¥‚त और जातिà¤à¥‡à¤¦ के दंश से बचने को दलितों ने हिंदू धरà¥à¤® को तà¥à¤¯à¤¾à¤—ा था, वे आज à¤à¥€ उसके बड़े सà¥à¤¤à¤° पर शिकार हैं। जहां कथित तौर पर उनको वैशà¥à¤µà¤¿à¤• ईसाईयत में समानता के दरà¥à¤œà¥‡ और समà¥à¤®à¤¾à¤¨ के वादे के साथ शामिल कराया गया था।
उतà¥à¤ªà¥€à¤¡à¤¨ का शिकार हà¥à¤ दलित ईसाइयों के à¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤®à¤‚डल ने कà¥à¤› साल पहले संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के पूरà¥à¤µ महासचिव बान की मून के नाम à¤à¤• जà¥à¤žà¤¾à¤ªà¤¨ देकर आरोप लगाया था कि कैथोलिक चरà¥à¤š और वेटिकन दलित ईसाइयों का उतà¥à¤ªà¥€à¥œà¤¨ कर रहे हैं। जातिवाद के नाम पर चरà¥à¤š संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में दलित ईसाइयों के साथ लगातार à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ किया जा रहा है। यानि जो à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ की गà¥à¤¹à¤¾à¤° अà¤à¥€ तक à¤à¤¾à¤°à¤¤ सरकार से लग रही थी, धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण के बाद अब वह गà¥à¤¹à¤¾à¤° यूरोप और वेटिकन में लगाई जा रही है। लेकिन शायद इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मालूम नहीं कि पॉप और उनका यीशॠबहरा है वह सिरà¥à¤« गोरी चमड़ी के यूरोपीय लोगों की गà¥à¤¹à¤¾à¤° सà¥à¤¨à¤¤à¤¾ है। अगर गरीब असहाय और अशà¥à¤µà¥‡à¤¤à¥‹à¤‚ की गà¥à¤¹à¤¾à¤° सà¥à¤¨à¤¤à¤¾ तो अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ अमेरिका और यूरोपीय देशों समेत दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के कई देशों ने रंग à¤à¥‡à¤¦ का शरà¥à¤®à¤¨à¤¾à¤• इतिहास न होता। दकà¥à¤·à¤¿à¤£ अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ ने रंगà¤à¥‡à¤¦ को कà¥à¤¬à¥‚ला, जरà¥à¤®à¤¨à¥€ ने सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया, कनाडा ने शोषण का शिकार हà¥à¤ असà¥à¤µà¥‡à¤¤ लोगों से अब माफी मांगी। अमेरिका ने सदियों से अशà¥à¤µà¥‡à¤¤à¥‹à¤‚ के खिलाफ हà¥à¤ˆ हिंसा à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ को अब तक सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• तौर पर सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं किया।
लेकिन इसके विपरीत मधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤² में मà¥à¤—ल शाशन के दौरान जो जातीय à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ उपजा अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ शासन ने इसका लाठउठाया, किनà¥à¤¤à¥ जैसे ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ को आजादी मिली तà¥à¤°à¤‚त समानता का अधिकार और आरकà¥à¤·à¤£ दबे कà¥à¤šà¤²à¥‡ लोगों को दिया। यहाठतक कि à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ संविधान में ईसाई à¤à¤• धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· राजà¥à¤¯ के नागरिक रहे हैं, यहां के चरà¥à¤š को जो खास सहूलियतें दी, वे बहà¥à¤¤ से ईसाइयों को यूरोप à¤à¤µà¤‚ अमेरिका में à¤à¥€ हासिल नहीं है। विशेष अधिकार से शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ चलाने, सरकार से अनà¥à¤¦à¤¾à¤¨ पाने की सहूलियतें शामिल हैं। इन सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं के बावजूद à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ चरà¥à¤š धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण कर ईसाई बने लोग छोटी-छोटी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को लेकर वेटिकन का मà¥à¤‚ह ताकते रहते है। जबकि ईसाईयत से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ और लाठà¤à¤¾à¤°à¤¤ का संविधान उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है।
वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में कà¤à¥€ अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ हो जाती है, à¤à¤²à¥‡ समाज में à¤à¥€ बà¥à¤°à¥‡ लोग पनप जाते है। यदि किसी काल, या कारणवश हिनà¥à¤¦à¥‚ समाज में à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ से लेकर कोई कà¥à¤°à¥‚ति जनà¥à¤®à¥€ तो उसे दूर करने के लिठइसी समाज में लोग सामने à¤à¥€ आये, आदि गà¥à¤°à¥ शंकराचारà¥à¤¯ से लेकर महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ तक अनेकों महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ से हमारा इतिहास और सà¥à¤¸à¤œà¥à¤œà¤¿à¤¤ है। लेकिन इसके विपरीत ईसाई समाज में सामाजिक आंदोलन नहीं के बराबर है। ओडिशा, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, छतà¥à¤¤à¥€à¤¸à¤—à¥, गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤, बिहार, à¤à¤¾à¤°à¤–ंड़, करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤•, आंधà¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, उतà¥à¤¤à¤° पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶, पूरà¥à¤µà¥€ राजà¥à¤¯ या यों कहे कि पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ में दलित ईसाइयों का आपसी जातीय à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ चरम पर है। पादरी खमोश है, उनका काम नये लोगों का धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण करना है उनकी जातीय पीड़ा या गरीबी उनके लिठकोई मायने नहीं राखी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ईसाइयत और चरà¥à¤š का का मूल उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ सिरà¥à¤« धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण रह गया है। अब यही समय है जब दलित समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को धरà¥à¤®à¤¾à¤‚तरण से पहले ईसाइयत की सामाजिक समरसता का परीकà¥à¤·à¤£ करना चाहिà¤, साथ ही दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° में धारà¥à¤®à¤¿à¤• राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की सतà¥à¤¤à¤¾ कायम करने का ख़à¥à¤µà¤¾à¤¬ दिखाने वाले चरà¥à¤šà¥‹à¤‚ की चाल को समà¤à¤¨à¤¾ चाहिठअपने मूल धरà¥à¤® और विवेक की सतà¥à¤¤à¤¾ को किसी विदेशी ठेकेदार के हवाले से पहला सोचना होगा कि वह सिरà¥à¤« उनका धारà¥à¤®à¤¿à¤• शिकार है शिकारी नहीं।
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