पेरियार सिरà¥à¤« सनातन संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का विरोधी था
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Rajeev ChoudharyDate
05-Jan-2020Category
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राजनीति में धरà¥à¤® का तड़का हो या फिर देवी देवताओं का अपमान। देश की सियासत में ये नया बिलकà¥à¤² नहीं है. उतà¥à¤¤à¤° से लेकर दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ तक समय समय पर कई लोग आये à¤à¤• विशेष तबके को खà¥à¤¶ करने के लिठहिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के अराधà¥à¤¯ देवी देवताओं का अपमान कर अपनी राजनीति के फरà¥à¤¶ को खूब चमकाने की कोशिश की। अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ से नेता बने रजनीकांत ने दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बौधिक आतंकवाद के जनà¥à¤®à¤¦à¤¾à¤¤à¤¾ पेरियार पर हमला करते हà¥à¤ कहा कि पेरियार ने 1971 में सलेम में आयोजित à¤à¤• रैली में à¤à¤—वान राम और सीता की वसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¹à¥€à¤¨ तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‹à¤‚ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया था। पेरियार हिंदू देवताओं के कटà¥à¤Ÿà¤° आलोचक थे। लेकिन उस समय किसी ने पेरियार आलोचना नहीं की जबकि पेरियार ने उन मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को चपà¥à¤ªà¤² की माला à¤à¥€ पहनाई थी।
जब पेरियार ने यह सब किया तो उस समय देश में à¤à¤• à¤à¥€ à¤à¤«à¤†à¤ˆà¤†à¤° या कोई तहरीर पेरियार के खिलाफ लिखी गयी। जबकि आज इस मामले से परà¥à¤¦à¤¾ उठाने वाले रजनीकांत पर तमिलनाडॠकी मà¥à¤–à¥à¤¯ विपकà¥à¤·à¥€ पारà¥à¤Ÿà¥€ डीà¤à¤®à¤•à¥‡ ने आईपीसी की धारा 153 (à¤) के तहत मामला दरà¥à¤œ कराया है। हालाà¤à¤•à¤¿ रजनीकांत ने माफी मांगने से इंकार कर दिया है और इस मामले में सबसे बड़ी बात ये रही कि कà¤à¥€ रजनीकांत के आलोचक रहे सà¥à¤¬à¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤£à¥à¤¯à¤® सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रजनीकांत के साथ आ खड़े हो गठहैं।
अगर वामपंथियों की लीला देखें तो ये लोग किस तरह पेरियार जैसे सनकी, बौदà¥à¤§à¤¿à¤• रूप से समापà¥à¤¤ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को नायक बना देते है, बलà¥à¤•à¤¿ महानायक बना देते है। मारà¥à¤•à¥à¤¸à¤µà¤¾à¤¦à¥€ वामपंथी कलमकार à¤à¤¸à¥‡ लोगों का नामकारण कà¥à¤› यूठकरते है कि इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ दलित, चिनà¥à¤¤à¤• दलित विचारक, नारीवादी तथा सामाजिक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ लिखा जाने लगता है। जबकि पेरियार ने जिस जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ पारà¥à¤Ÿà¥€ का गठन किया था उसका मूल सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨à¥€ हिनà¥à¤¦à¥à¤¤à¥à¤µ समाज का विरोध था। जबकि यह सबसे बड़ी सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ थी।
जो पेरियार आज टà¥à¤•à¥œà¥‡-टà¥à¤•à¥œà¥‡ गैंग का कà¥à¤² देवता कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बना हà¥à¤† है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कà¤à¥€ ये à¤à¥€ इस à¤à¤¾à¤°à¤¤ के टà¥à¤•à¥œà¥‡ टà¥à¤•à¥œà¥‡ करना चाहता था और à¤à¤• दà¥à¤°à¤µà¤¿à¥œà¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनाना चाहता था। अगर पेरियार का किसà¥à¤¸à¤¾ पूरा समà¤à¥‡ तो कà¥à¤› यूठहै कि इरोड वेंकट नायकर रामासामी जिसे लोग पेरियार के नाम से जानते है, कà¤à¥€ ये महातà¥à¤®à¤¾ गांधी के शिषà¥à¤¯ रहे थे। शायद यही से इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ हिनà¥à¤¦à¥à¤¤à¥à¤µ का विरोध सीखा हो? बताया जाता है à¤à¤• बार जब ये जवान थे काशी विशà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¥ के मंदिर में उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤¦ देने से मना कर दिया तो सिरà¥à¤« इस कारण यह हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® से नफरत करने लगे थे। समà¤à¤¿à¤¯à¥‡ सिरà¥à¤« इतनी सी बात पर नफरत!
अगर किसी परिवार में à¤à¤• आदमी गलत है कà¥à¤¯à¤¾ इस कारण पूरे परिवार से नफरत करेंगे या उसे सà¥à¤§à¤¾à¤°à¤¨à¥‡ की दिशा में काम करेंगे? वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ असंखà¥à¤¯ वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ है समय के साथ कà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤ आना सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है, जब मूरà¥à¤¤à¤¿ पूजा पर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ ने देखा तो उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने धरà¥à¤® से अपने लोगों से नफरत नहीं की बलà¥à¤•à¤¿ à¤à¤• जागरूक आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ चलाया। लोगों को सही राह पर लाये अपनी असली संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का बौदà¥à¤§ कराया। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी जानते थे कि अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ हो या जाति-पà¥à¤°à¤¥à¤¾ या छà¥à¤†à¤›à¥à¤¤ इनके खिलाफ लड़ाई जरà¥à¤°à¥€ है लेकिन वह काम ईशà¥à¤µà¤° और धरà¥à¤® में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ रखकर à¤à¥€ हो सकता है। दूसरा मिसाल के तौर पर डॉ अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° ने कहा था कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में धरà¥à¤® ही उसकी आतà¥à¤®à¤¾ है और सारे सामाजिक सà¥à¤§à¤¾à¤° धरà¥à¤® की सहायता से ही होंगे। लेकिन इसके उलट पेरियार और उनके चेले पहले धरà¥à¤® को समापà¥à¤¤ करना चाहते वो à¤à¥€ सिरà¥à¤« हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® को, इसà¥à¤²à¤¾à¤® और ईसाई मत का कोई विरोध नहीं किया। जबकि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी ने कनà¥à¤¯à¤¾ शिकà¥à¤·à¤¾ से लेकर छà¥à¤†à¤›à¥à¤¤ व दलितोंउदà¥à¤§à¤¾à¤° किया लेकिन अपने धरà¥à¤® का विरोध नहीं किया।
पेरियार ने नारा दिया कि सांप और बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ जहाठदिखे पहले बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£ को मारों। लेकिन इसके बाद पेरियार और उनके à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹ के लिठरावण देवता बन जाता है और शà¥à¤°à¥€ राम जी अपमान। à¤à¤• समय खà¥à¤¦ पेरियार और उनके समरà¥à¤¥à¤• रामायण को à¤à¥‚ठऔर बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¥‹à¤‚ की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ बताते थे लेकिन फिर कहते थे कि रावण à¤à¤• दà¥à¤°à¤µà¤¿à¥œ राजा था वह शà¥à¤¦à¥à¤° था और उसकी हतà¥à¤¯à¤¾ राम दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उसकी कर दी गयी। सन 1974 को पेरियार की मृतà¥à¤¯à¥ के बाद उनकी पतà¥à¤¨à¥€ मनामà¥à¤®à¤ˆ ने राम लीला के विरोध में रावण लीला का ढोंग किया और बाद में राम लकà¥à¤·à¤®à¤£ और सीता की मूरà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ जलाई और कहा दà¥à¤°à¤µà¤¿à¥œà¤¿à¤¯à¤¨ राजाओं की आरà¥à¤¯à¤¨ राजाओं दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हतà¥à¤¯à¤¾ का हम विरोध करते हैं। जबकि मनामà¥à¤®à¤ˆ के बारे में कहा जाता है कि पेरियार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गोद ली गयी बेटी पर बाद में इसे से शादी रचा ली।
असल में पेरियार, वामपंथी, वामन मेशà¥à¤°à¤¾à¤® की बामसेफ समेत आज ये कई गिरोह इस हिनà¥à¤¦à¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ में à¤à¤¸à¥‡ पैदा हो गये जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी सोचने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ इतनी खो दी कि अब इनके लिठकिराये के लोग सोच रहे है कि ये लोग कà¥à¤¯à¤¾ बोले। à¤à¤• दिन कहते है धरà¥à¤® अफीम है अगले दिन कहते है दलितों तà¥à¤® बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® अपना लो। इनके बयान सà¥à¤¨à¤•à¤° लगता है जैसे यह लोग खà¥à¤¦ गांजे का सेवन करते हो। इनके चेलों की करामात देखिये à¤à¤• ओर ये लोग कहते है की बाबा साहब आंबेडकर और पेरियार बहà¥à¤¤ अचà¥à¤›à¥‡ मितà¥à¤° थे। दोनों का लकà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤• था। लेकिन जहाठआंबेडकर जी ने संविधान बनाकर इस देश को दिया। दूसरी ओर पेरियार और उनके चेलों ने 1957 में संविधान की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ ये कहते हà¥à¤ जलाई थी कि यह आज à¤à¥€ जातिवाद को जिंदा रखे हà¥à¤ है। हालांकि यही संविधान सबको समान अधिकार देता है इसी संविधान के तहत दलितों को आरकà¥à¤·à¤£ à¤à¥€ मिला और मताधिकार à¤à¥€ जिसे वे अपने नेताओं को अपनी आवाज बनाकर संसद à¤à¥‡à¤œ सकें, जिससे आगे उनका ही फायदा हà¥à¤† लेकिन पेरियार ने संविधान जलाकर आंबेडकर जी का à¤à¥€ अपमान किया और देश विरोधी काम à¤à¥€ किया था।
1924 में पेरियार ने कहा था कि रामायण और à¤à¤¾à¤—वत गीता दोनों जातिवाद को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देती है, जबकि यह सच नहीं है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि, रामायण में राम à¤à¤• शूदà¥à¤° औरत सबरी के साथ बैठकर बेर खाकर उसे समà¥à¤®à¤¾à¤¨ देते हैं और गीता में वरà¥à¤£à¤µà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¥à¤¾ की सही सोच दरà¥à¤¶à¤¾à¤ˆ गयी है जिसमें साफ लिखा है कि इंसान का वरà¥à¤£ उसकी काबिलियत से तय होगा। इसी से इनकी सोच समà¤à¥€ जा सकती है कि वैदिक धरà¥à¤® और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की समठइन लोगों कि नà¥à¤¯à¥‚न थी इसी कारण इन लोगों ने अपने जैसे लोग पकड़े और विरोध को अपनी आजीविका बना डाला। कà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹ का विरोध करो धरà¥à¤® का विरोध गलत है और देश में फैली हà¥à¤ˆ बà¥à¤°à¤¾à¤ˆ का विरोध करो देश का विरोध गलत है। हो सकता है पेरियार ने à¤à¤• आध कोई अचà¥à¤›à¤¾ कारà¥à¤¯ किया हो लेकिन उनकी लिखी किताब सचà¥à¤šà¥€ रामायण और उनके आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ से लगता है कि à¤à¤• सतà¥à¤¤à¤¾ का लालची सनकी ही à¤à¤¸à¤¾ लिख सकता है।
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