कोरोना आखिर दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में कà¥à¤¯à¤¾ बदलाव होंगे
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Rajeev ChoudharyDate
15-Apr-2020Category
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कहाठजा रहा है लॉक डाउन खà¥à¤² जाये या इसे आगे और बà¥à¤¾ दिया जाये दोनों ही सूरतेहाल में यह तय है कि अगले कà¥à¤› दिनों में दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे.. वो बदलाव कà¥à¤¯à¤¾ होंगे, कैसे होंगे, विशà¥à¤µ à¤à¤° के समाज शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€, और मनोचिकितà¥à¤¸à¤• कà¥à¤› अनूठे और दिलचसà¥à¤ª अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगा रहे है..
पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• बदलाव तो अà¤à¥€ से साफ नजर आ गये जालंधर से 200 किलोमीटर दूर हिमाचल पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के धौलाधार पहाड़ दिखने लगे हैं. इसके अलावा à¤à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤° से à¤à¤¸à¥€ तसà¥à¤µà¥€à¤°à¥‡à¤‚ आ रही हैं जिसमें आसमान साफ, नदियां साफ, सड़कें खाली दिख रही हैं. दिलà¥à¤²à¥€ में नाले जैसी लगने वाली यमà¥à¤¨à¤¾ नदी का पानी à¤à¥€ नीला नजर आ रहा है इसी तरह लॉक डाउन का à¤à¤²à¤¾à¤¨ होने के बाद से गंगा नदी à¤à¥€ पहले के मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ 40 से 50 फीसदी साफ नजर आ रही है,
अब अगर सामाजिक आरà¥à¤¥à¤¿à¤• और धारà¥à¤®à¤¿à¤• बदलाव के अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ की दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की ओर बढे तो ये खबर अब आम हो चà¥à¤•à¥€ है कि लोग इस महामारी से अब तक हजारों लोग अपनी जान गà¤à¤µà¤¾ चà¥à¤•à¥‡ है.. जिस तरह मौत के आंकड़े बॠरहे है अगर हाल जस का तस रहा तो शायद आगे यूरोपीय देशों से मरने वालों के आंकड़ों के बजाय खबर ये आये कि किस देश ने अपने कितने नागरिकों को इस वायरस बचाया..विशà¥à¤µ à¤à¤° में जिस रफà¥à¤¤à¤¾à¤° से कोरोना मीटर आगे बॠरहा है हो सकता है जलà¥à¤¦ ही यह संखà¥à¤¯à¤¾ करोड़ो में पहà¥à¤à¤š जाये..
हालाà¤à¤•à¤¿ इन मौतों में मरने वालों का सही डेटा किसी देश के पास नहीं है, सिरà¥à¤« उन मौतों की गिनती की जा रही है जो सरकारी देख रेख में उपलबà¥à¤§ है, वरना अमेरिका से लेकर इटली, फà¥à¤°à¤¾à¤‚स और सà¥à¤ªà¥‡à¤¨ के ओलà¥à¤¡ होम से लेकर घरों तक में à¤à¥€ लाशें मिल रही है.
à¤à¤¸à¤¾ ही कà¥à¤› हाल à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¥€ नजर आता है, मधà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ के इंदौर में जितने लोगों की मौत हà¥à¤ˆ है, उससे कहीं अधिक संखà¥à¤¯à¤¾ में नई कबà¥à¤° और जनाजे कबà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ में दिखाई दे रहे है यह सिलसिला कई दिन से जारी था बस फरà¥à¤• इतना आया कि यह बात उजागर होने के बाद अब रात को जनाजे कबà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ लाठजाने लगे. ठेले आदि में रखकर लाशों को चà¥à¤ªà¤šà¤¾à¤ª दफनाया जा रहा है..
अà¤à¥€ संकà¥à¤°à¤®à¤£ सिरà¥à¤« आम लोगों में फैल रहा है लेकिन जिस तरह विशà¥à¤µ à¤à¤° में धीरे-धीरे डॉकà¥à¤Ÿà¤°, नरà¥à¤¸ और मेडिकल टीम वायरस के चपेट में आ रही..इससे अगला खतरा और à¤à¥€ बेहद खतरनाक है..कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अà¤à¥€ तक इस लड़ाई को मेडिकल सà¥à¤Ÿà¤¾à¤« की सहायता से लड़ा जा रहा है..अगर मेडिकल सà¥à¤Ÿà¤¾à¤« जरा à¤à¥€ पीछे हट गया तो लोगों के पास विकलà¥à¤ª नहीं रहेंगे...
à¤à¤¸à¥‡ हालात में अगर मौत बड़े पैमाने पर होती है तो मेडिकल जगत से लोगों का विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ टूट सकता है यानि कà¥à¤› ओà¤à¤¾, पादरी बाबा मोलवियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° में नये अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ का जनà¥à¤® देने की समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से à¤à¥€ इंकार नहीं किया जा सकता.. अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जताया जा रहा है कि 18 वीं 19 वीं सदी की तरह छà¥à¤†à¤›à¥‚त à¤à¤• बार फिर लोगों के दिमाग में हावी होगी ..अगर à¤à¤¸à¤¾ हà¥à¤† तो बाहर खाना खाने से संकà¥à¤°à¤®à¤£ के डर के कारण विशà¥à¤µ à¤à¤° में कारोबार कर रहे लाखों रेसà¥à¤Ÿà¥‹à¤°à¥‡à¤‚टà¥à¤¸ ढाबे, रेहड़ी पटरी वालों का कà¥à¤¯à¤¾ होगा?
इसके अलावा विवाह शादी पारà¥à¤Ÿà¥€ आदि में सहà¤à¥‹à¤œ करने वाले साथ मिलकर जहाठसैकड़ों लोग हंसी खà¥à¤¸à¥€ खाना खाते थे इस परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ पर à¤à¥€ चोट हो सकती है, सामाजिक दूरी बà¥à¥‡à¤—ी तो रिशà¥à¤¤à¥‡ नाते कमजोर होंगे बीमार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के कंधे पर दिलासा जैसी मानवीय संवेदना दरà¥à¤¶à¤¾à¤¨à¥‡ का तरीका à¤à¥€ बदल सकता है.
कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि फिलहाल के हालातों पर गौर करें तो कोरोना के कारण कà¥à¤› बदलाव हम सबके सामने आ चà¥à¤•à¥‡ है लोगों ने मिलने-जà¥à¤²à¤¨à¥‡ का तरीका तक बदल लिया है.. ताकि संकà¥à¤°à¤®à¤£ से बचा रहा जा सके.. बड़ी तादाद में कामकाजी लोग दफà¥à¤¤à¤° जाने के बजाय घर से ही काम वरà¥à¤• फà¥à¤°à¥‰à¤® होम करने को तरजीह दे रहे हैं.
अà¤à¥€ तक जिस दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² विलेज और गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² गली कहा जा रहा था आगे इसमें बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे. सà¤à¥€ देश अपनी सीमाओं में सिमटकर रह जाà¤à¤‚गे, विदेशों में जाने के लिठमेडिकल जाà¤à¤š जरà¥à¤°à¥€ हो जाà¤à¤—ी. यही नहीं खानपान, काम करने के तरीकों, बिजनेस यातà¥à¤°à¤¾ के तौर तरीकों, अà¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¤¨ समेत पूरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° चीजों सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ तौर पर बदल कर रख देगा.
अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है कि इससे लोगों के सरकार के साथ संबंधों पर असर पड़ेगा. बाहरी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ और आपस के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में समय के साथ बड़ा फरà¥à¤• आà¤à¤—ा. पॉलिटिको मैगà¥à¤œà¥€à¤¨ की ओर से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के कई विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ से बातचीत के आधार पर किठगठसरà¥à¤µà¥‡ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ को उमà¥à¤®à¥€à¤¦ है कि कà¥à¤› बदलाव तो कà¥à¤› महीनों के à¤à¥€à¤¤à¤° ही नजर आने लगेंगे. वहीं, कà¥à¤› बड़े बदलावों में थोड़ा वकà¥à¤¤ लगेगा. लोग देश की सीमाओं को बंद करने और अनà¥à¤¯ देशों से सीधे संपरà¥à¤• के बारे में हर पहलू से सोचने को मजबूर होंगे.
सà¥à¤µà¥€à¤®à¤¿à¤‚ग पूल में साथ नहाने से लेकर लोगों के à¤à¤‚जà¥à¤µà¤¾à¤¯ करने के तरीकों में तेजी से बदलाव होगा. लोग जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° चीजों के लिठतकनीक पर निरà¥à¤à¤° होंगे. अगर à¤à¤¸à¤¾ हà¥à¤† तो बेरोजगारी बà¥à¥‡à¤—ी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¥€à¥œ कम करने के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤µà¥‡à¤Ÿ कमà¥à¤ªà¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ सà¥à¤Ÿà¤¾à¤« में कमी लाà¤à¤—ी, दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ पर काम करने वाले लोगों की संखà¥à¤¯à¤¾ में कमी आà¤à¤—ी जहाठपहले अधिसंखà¥à¤¯ कपडे मेडिकल सà¥à¤Ÿà¥‹à¤° किराना आदि दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में 5 से 7 आदमी काम करते थे वहां यह संखà¥à¤¯à¤¾ कम हो सकती है.
उदहारण के तौर पर यदि पहले के बदलावों पर गौर करें तो 1896 और 1920 में पà¥à¤²à¥‡à¤— की महामारी जब फैली तो बीमार लोगों के घरों पर ताले लगा दिठगये थे à¤à¥‹à¤ªà¤¡à¥€ और छोटे बिन दरवाजे के मकानों में लाशें सडती रही शवों को उठाने वाले नहीं मिलते थे. लोग अपने सगे समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को बीमार हालत में छोड़कर नई जगह पलायन कर गये थे जहाठये लोग बसे आज वह जगह गाà¤à¤µ कसà¥à¤¬à¥‡ बन गये...
आज à¤à¤¸à¥€ कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ तो नहीं की जा सकती है लेकिन जो कयास लगाये जा रहे है उनसे हम इंकार à¤à¥€ नहीं कर सकते है..अगर सोशल डिसà¥à¤Ÿà¥‡à¤‚स बढता रहा तो कई तरह के और à¤à¥€ बदलाव देखने को मिलेंगे.. चीजों को छूना, समूहों में लोगों के साथ रहना और संकà¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ हवा में सांस लेना à¤à¥€ हमारे जीवन के लिठखतरनाक साबित हो सकता है. à¤à¤¸à¥€ यादें हमारे मन में हमेशा के लिठघर कर जाà¤à¤—ी.. à¤à¤• दूसरे के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ संदेह बà¥à¥‡à¤—ा..लोग इस डर से घरों में à¤à¥€ दà¥à¤°à¥€ बरतेंगे à¤à¤• दूसरे को संदेह की नजर से देखेंगे लोगों से हाथ मिलाने से कतराना, बार-बार हाथ धोना और समाज से कटकर रहना आने वाले समय में लोगों में डिसऑरà¥à¤¡à¤° की तरह सामने आ सकता है. लोग किसी की मौजूदगी के बजाय अकेले रहने में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सà¥à¤•à¥‚न महसूस करने लगेंगे.
ऑनलाइन कारोबार बढेगा, दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° का नकद लेन देन केश लेश की तरफ जायेगा ऑनलाइन कमà¥à¤¯à¥à¤¨à¤¿à¤•à¥‡à¤¶à¤¨ बहà¥à¤¤ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बॠजाà¤à¤—ा. इससे लोगों के बीच दूरियां बà¥à¤¤à¥€ चली जाà¤à¤‚गी. हालांकि, हम à¤à¤•à¤¦à¥‚सरे का हालचाल जानने के लिठअब के मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बातचीत करने लगेंगे.
जहाठअब से पहले दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ किसी दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ से मिलकर लडती थी, जैसे लोग à¤à¤• ही दà¥à¤¶à¥à¤®à¤¨ होने पर अपने पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ बैर को à¤à¥‚लकर उससे निपटने के लिठà¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ हो जाते हैं. अब यह लड़ाई अकेले-अकेले लड़ाई लड़ी जा रही है. ये पोसà¥à¤Ÿ सोशल मीडिया पर आपने घूमते देखी होगी लेकिन अगर इसका विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ करें तो मनोचिकितà¥à¤¸à¤• अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगा रहे है कि मौजूदा वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं को तगड़े à¤à¤Ÿà¤•à¥‡ लगेंगे. ये जरूरी नहीं है कि इस बार à¤à¤¸à¤¾ होगा ही, लेकिन 1816 से 1992 के बीच किठगठशोध के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤•, 850 अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ विवादों में 75 फीसदी मामले शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ 10 साल के à¤à¥€à¤¤à¤° ही खतà¥à¤® हो गà¤. सामाजिक à¤à¤Ÿà¤•à¥‡ कई सà¥à¤¤à¤° पर बदलाव लाते हैं. इससे चीजें बेहतर के साथ खराब à¤à¥€ होती हैं. कोविड-19 को लेकर तनाव के कारण सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• और राजनीतिक बदलाव होना तय है. कà¥à¤› देशों के सीमाई और आंतरिक दà¥à¤ªà¤•à¥à¤·à¥€à¤¯ मामले à¤à¥€ इस महामारी से सà¥à¤²à¤ सकते है..
अब अगर धारà¥à¤®à¤¿à¤• जगत की बात करें तो कà¥à¤¯à¤¾ पूजा पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ के सà¥à¤µà¤°à¥‚प à¤à¥€ बदल जायेंगे यह सवाल à¤à¥€ करवट लेते दिख रहा है....अगर शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® से करें दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ का सबसे उदारवादी धरà¥à¤® कहा जा सकता है जो समय के साथ परिवरà¥à¤¤à¤¨ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लेता है..लेकिन सवाल उनका है कटà¥à¤Ÿà¤°à¤¤à¤¾ की चादर में लिपटे है जैसे इसà¥à¤²à¤¾à¤® में जà¥à¤®à¥à¤®à¥‡ आदि की सामूहिक नमाज का कà¥à¤¯à¤¾ होगा..? रोजा और इफà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥€ दावत जो सामूहिक रूप से मजमा लगाकर की जाती है उसमें कितना परिवरà¥à¤¤à¤¨ पà¥à¤¾ लिखा मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® जगत ले आà¤à¤—ा..? इसके अलावा ईसाइयों में सामूहिक रूप से ईसà¥à¤Ÿà¤° परà¥à¤µ का रà¥à¥à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥€ ईसाई कितना विरोध कर पाà¤à¤‚गे...सनà¥à¤¡à¥‡ की चरà¥à¤š की सामूहिक पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ से à¤à¥€ लोग बचेंगे.. कà¥à¤¯à¤¾ ये बदलाव समय की मांग होंगे और उदारवादी लोग दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के साथ मिलकर चलेंगे या फिर अपनी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ रà¥à¥à¤¿à¤µà¤¾à¤¦à¥€ सोच के साथ सफ़र करेंगे यह सवाल à¤à¥€ सà¤à¥€ के सामने होगा..
लेकिन इन सब बदलावों की बात तब होगी जब इस महामारी पर काबू पा लिया जायेगा अहतियात बरते, फिलहाल सरकार की गाइड लाइन को फोलो करें तà¤à¥€ हम नये बदलावों की रूप रेखा और सà¥à¤µà¤°à¥‚प देख पाà¤à¤‚गे...
राजीव चौधरी
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