Rishi Bodhotsav Celebration

16 Feb 2020
India
आर्य समाज गुवाहाटी

आर्य समाज गुवाहाटी ने 16 फरवरी को आर्यसमाज के प्रांगण में ऋषि बोधोत्सव कार्यक्रम मनाया. पंडित अजित गोस्वामी जी के ब्रह्ममत्व में देव यज्ञ के पश्चात ध्वजारोहण असम आर्यप्रतिनिधि सभा के प्रधान श्री आर के सिंघल जी द्वारा हुआ। उपस्थित सभी आर्यजनों ने देश प्रेम के लिये प्रिय तिरंगे के समक्ष राष्ट्रगान गाया ।  कार्यक्रम का आरंभ हुआ डी ए वी स्कूल के बच्चो के गाये स्वागत गान से जो प्रकृति एव पर्यावरण पर आधारित था। 
 
श्रीमति मनीषा गोस्वामी ने बहुत ही सुंदर ढंग से पर्व परिचय दिया और मुख्य अतिथि  डॉo अरुणा वेदालंकार का आर्यसमाज की उपप्रधान  सुश्री कल्पना धर ने  शॉल उढ़ा कर  स्वागत किया।  अनुरोध करने पर  डॉ० अरुणा जी ने एक बहुत ही सारगर्भित प्रवचन किया । स्वामी दयानंद सरस्वती जी को उन्होंने कालदर्शी बताया और कहा कि वेद एव स्वामी जी के महान ग्रंथ "सत्यार्थ प्रकाश" में अनेक मंत्र व  आदेश हैं जिनसे "मनुर्भव" की प्रेरणा मिलती है। उनके अनुसार स्वामी जी को एक मंत्र बहुत प्रिय था :  वह मंत्र है- "#ओम #विश्वानि #देव #सवितर्दुरितानि #परा #सुव। #यद #भद्रम #तन्न #आ #सुव" जिसमे परमात्मा से प्रार्थना की गई है कि वह हमारे सम्पूर्ण दुर्गुणों व दुखो को दूर करे और  कल्याणकारी गुण, कर्म, स्वभाव हमे प्रदान करे जिससे हम सच  मायनो में  "आर्य" बनकर स्वामी के संकल्प "कृण्वन्तो विश्वमार्यम" पर खरे उतरें। उपस्थित आर्यजनो ने अरुणा जी के प्रवचन को बहुत ही सराहा। आपको बता दें डाo अरुणा जी शिंलोग आर्यसमाज के पुरोहित श्री गंगा कश्यप जी की छोटी कन्या है।
 
कार्यक्रम को संगीतमय बनाने के लिए नगर के प्रसिद्ध अतिथि कलाकार सर्वश्री विवेक चक्रवर्ती, सुब्रत चक्रवर्ती एवं श्री मति रंजीता पुरकायस्थ ने अपनी मधुर प्रस्तुति में अनेक भजन सुनाए। 
 
आर्य समाज के प्रधान श्री प्रदीप आर्य, सचिव श्री महेंद्र राजपूत, कोषाध्यक्ष श्री प्रवाकर शर्मा के अतिरिक्त समाज के वरिष्ठ सदस्य सर्वश्री आर के सूद, जे पी गुप्ता,देवजीत शर्मा,अशोक गुप्ता, सत्याबात्रा, पूनम तनेजा,मंजू साहू, व पूर्व अध्यक्ष श्री मति सूदर्षन सूद, पूर्व उप प्रधान श्री भूपेश शर्मा  एवं विश्वहिंदू परिषद के गणमान्य सदस्य व नगर के  अन्य गणमान्य असामी आर्यजन भी उपस्थित थे।
 
कार्यक्रम का संचालन श्री मति कविता मूंधड़ा जी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन समाज के सचिव श्री महेंद्र राजपूत द्वारा किया गया। शांति पाठ के पश्चात सभी ने प्रशाद के रूप में स्वादिष्ट भोजन किया।

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