कà¥à¤¯à¤¾ है मूलनिवासी षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° का असली राज
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Vinay AryaDate
02-Dec-2020Category
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RajeevUpload Date
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आखिर जब जेà¤à¤¨à¤¯à¥ विवाद फीस को लेकर था तो इस विवाद को मूलनिवासी से कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ जोड़ दिया गया। फीस में मनà¥à¤µà¤¾à¤¦ कहाठसे आया और फीस में राम मंदिर कहाठसे आया? शायद ये चीजें आई नहीं बलà¥à¤•à¤¿ लाई गयी कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आजकल आपने à¤à¤• शबà¥à¤¦ सà¥à¤¨à¤¾ होगा मूलनिवासी। इस शबà¥à¤¦ के साथ à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दलित व आदिवासी समाज को जोड़ा जा रहा है। साथ ही महिषासà¥à¤° और रावण की पूजा जैसे मिथक जोड़े जा रहे है, कà¤à¥€ शमà¥à¤à¥à¤• वध से लोगों को दà¥à¤°à¤µà¤¿à¤¤ किया जा है तो कà¤à¥€ बहà¥à¤œà¤¨ वाद के नाम पर।
इसमें कोई आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को बाहरी आकà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¾ बताता है तो कहीं मनॠसà¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ के नाम पर अनेकों à¤à¥‚ठऔर मनगà¥à¤‚त इतिहास सोशल मीडिया पर पढने को मिल रहा है। मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ और बामसेफ वालों को मूलनिवासी बताकर आधà¥à¤¨à¤¿à¤• इतिहास लिखने की कोशिश जारी है। फीस विवाद के समय आखिर जेà¤à¤¨à¤¯à¥ में ये मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ कहाठसे आया? कà¥à¤¯à¤¾ ये कोई मजाक है या कोई षडà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤à¥à¤° है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इस रूहानी इतिहास को लगà¤à¤— यूटà¥à¤¯à¥‚ब के 105 बड़े चेनलों से परोसा जा रहा है?
अगर इसकी असल गहराई में जाये तो ये à¤à¤• पूरा संगठित गिरोह है जिसमें वामपंथी मीडिया, कथित सामाजिक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ बामसेफ के वामन मेशà¥à¤°à¤¾à¤® जैसे कà¥à¤‚ठा में गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ लोग है। जो मूलनिवासी शबà¥à¤¦ के नाम पर à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° को नठरूप, नठकलेवर और नठआवरण में बांधकर à¤à¤• देश में à¤à¤• नये सामाजिक राजनितिक धारà¥à¤®à¤¿à¤• वातावरण खड़ा करनें का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहे है और जो किसी à¤à¥€ मौके पर इसे à¤à¥à¤¨à¤¾à¤¨à¥‡ का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करते है?
आप पेरियार पर बोलिठवामपंथी खड़े हो जाते हैं, आप इसà¥à¤²à¤¾à¤® पर बोलिठबामसेफ वाले खड़े हो जाते है, आप वामपंथियों पर नवबौदà¥à¤§ खड़े मिलेंगे और आप आतंक पर बोलिठकथित सामाजिक कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ सरà¥à¤ª की तरह फन उठाकर खड़े हो जायेंगे। आखिर ये पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ किया जा रहा है कौन ये पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहा है और इसका लाठकिसे मिलने वाला है इसे समà¤à¤¨à¥‡ के लिठजड़ में चलते है। और इसकी जड बाबा साहब आंबेडकर जी के धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ के समय दो धरà¥à¤®à¥‹à¤‚ इसà¥à¤²à¤¾à¤® à¤à¤µà¤‚ इसाईयत में उपजी निराशा में है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ईसाइयत व इसà¥à¤²à¤¾à¤® धरà¥à¤® नहीं अपनानें को लेकर बाबा साहब ने सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ रूप से मना कर दिया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बार बार कई मौकों पर कहा कि उनकें अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ हर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से इसà¥à¤²à¤¾à¤® व ईसाइयत से दूर रहें।
यानि बाबा साहब जिस बीमारी से अपने समाज को बचाना चाह रहे थे किंतॠआज मूलनिवासी वाद के नाम पर à¤à¤¾à¤°à¤¤ का दलित व जनजातीय समाज à¤à¤• बड़े पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° का शिकार हो रहा है। आमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° जी के इस बयान के बाद à¤à¤• बड़े और à¤à¤•à¤®à¥à¤¶à¥à¤¤ धरà¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ की आस में बैठे ईसाई और मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• बहà¥à¤¤ ही निराश व हताश हो गठथे। किनà¥à¤¤à¥ ईसाई मिशनरीज में उपजी तबकी यह निराशा बाद में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸à¤°à¤¤ रही व अपने धन, संसाधनों, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, कौशल के आधार पर सतत षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤°à¥‹à¤‚ को बà¥à¤¨à¤¨à¥‡à¤‚ में लगी रही। पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ इसाई धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ के इसी षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° का अगला हिसà¥à¤¸à¤¾ है मूलनिवासी वाद का जनà¥à¤®!
à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ दलितों व आदिवासियों को पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ अवधारणा से जोड़नें व à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ समाज में विà¤à¤¾à¤œà¤¨ के नठकेंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ की खोज इस मूलनिवासी वाद के नाम पर पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकर दी गई है।
इस पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° के कà¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ में आकर कà¥à¤› दलित व जनजातीय नेताओं ने अपनें आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨à¥‹à¤‚ में यह कहना पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकर दिया है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ के मूल निवासियों (दलितों) पर बाहर से आकर आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने हमला किया और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अपना गà¥à¤²à¤¾à¤® बनाकर हिनà¥à¤¦à¥‚ वरà¥à¤£ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ को लागू किया।
जबकि जातिवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में मà¥à¤—लों की देन रही है और उसी कालखंड में मà¥à¤—लों के षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤°à¥‹à¤‚ से à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जाति वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ अपनी दà¥à¤°à¥à¤—ति व परसà¥à¤ªà¤° विदà¥à¤µà¥‡à¤· के शिखर पर पहà¥à¤‚ची थी, यह बात विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¥‹à¤‚ में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हो चà¥à¤•à¥€ है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के दलितों व जनजातीय समाज को दà¥à¤°à¤µà¤¿à¥œ कहकर मूलनिवासी बताना व उनपर आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के आकà¥à¤°à¤®à¤£ की षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥€ अवधारणा को सà¥à¤µà¤¯à¤‚ बाबा साहब अमà¥à¤¬à¥‡à¤¡à¤•à¤° सिरे से खारिज करते थे। बाबा साहब ने अपनी à¤à¤• पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में लिखा है “आरà¥à¤¯ आकà¥à¤°à¤®à¤£ की अवधारणा पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ लेखकों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ बनाई गई है जो बिना किसी पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£ के सीधे जमीन पर गिरती है।
इससे साफ है कि आज बाबा साहब के नाम पर जो मूलनिवासी वाद का नया वितंडा खड़ा किया जा रहा है वह वामन मेशà¥à¤°à¤¾à¤® उनकी बामसेफ, जय मीम और ईसाई धरà¥à¤® पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤•à¥‹à¤‚ के दिमाग का षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° à¤à¤° है। इस नठषडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° का सूतà¥à¤°à¤§à¤¾à¤° पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ पूंजीवाद है, जो फंडिंग à¤à¤œà¥‡à¤‚सी के रूप में आकर इस विà¤à¤¾à¤œà¤• रेखा को जनà¥à¤® देकर पाल पोस रहा है। आरà¥à¤¯ कहां से आये व कहां के मूलनिवासी थे यह बात अब तक कोई सिदà¥à¤§ नहीं कर पाया व इसके बिना ही यह राग अवशà¥à¤¯ अलापा जाता रहा है कि आरà¥à¤¯ बाहर से आये थे। दकà¥à¤·à¤¿à¤£-उतà¥à¤¤à¤° की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करने वाला यह विचार, तातà¥à¤•à¤¾à¤²à¤¿à¤• राजनैतिक लाठहेतॠविदेशियों à¤à¤µà¤‚ विधरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ योजनाबदà¥à¤§ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया गया है।
वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¥‹à¤‚, वेदों, शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚, शिलालेखों, जीवाशà¥à¤®à¥‹à¤‚, शà¥à¤°à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, पृथà¥à¤µà¥€ की सरंचनातà¥à¤®à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, जेनेटिक अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨à¥‹à¤‚ आदि के आधार पर जो तथà¥à¤¯ सामनें आते हैं उनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ उपमहादà¥à¤µà¥€à¤ª बहà¥à¤¤ विशाल कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में फैला है। जिसमें अनेकों देश है और सब यहाठके ही निवासी है लेकिन इन सब तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ में à¤à¥€ आà¤à¤– बंद करके आखिर यह मूलनिवासी दिवस मनाने का चलन कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ व कहां से उपजा?
यह सिदà¥à¤§ तथà¥à¤¯ है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जो à¤à¥€ जातिगत विदà¥à¤µà¥‡à¤· व à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ चला वह जाति व जनà¥à¤® आधारित है कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° आधारित नहीं। वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ इस मूलनिवासी फंडे पर आधारित यह नई विà¤à¤¾à¤œà¤¨à¤•à¤¾à¤°à¥€ रेखा à¤à¤• नठषडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° के तहत à¤à¤¾à¤°à¤¤ में लाई जा रही है जिससे à¤à¤¾à¤°à¤¤ को सावधान रहनें की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। यह à¤à¥€ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना चाहिठकि à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सामाजिक नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ का व सामाजिक समरसता का जो नया सदà¥à¤à¤¾à¤µà¥€ वातावरण अपनी शिशॠअवसà¥à¤¥à¤¾ से होकर यà¥à¤µà¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ की ओर बॠरहा है कहीं उसे समापà¥à¤¤ करनें का यह नया पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° तो नहीं है?!
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