हम सबको अपना जीवन बनाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करना है
Author
Manmohan Kumar AryaDate
22-Mar-2016Category
à¤à¤¾à¤·à¤£Language
HindiTotal Views
1173Total Comments
0Uploader
UmeshUpload Date
23-Mar-2016Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- गायतरी मनतर व उसका परामाणिक
- आदरश मानव का निरमाण हो
- ‘महरषि दयाननद का वेद परचार
- महरषि दयाननद सममत शासन परणाली’
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
Top Articles by this Author
- ईशवर
- बौदध-जैनमत, सवामी शंकराचारय और महरषि दयाननद के कारय
- अजञान मिशरित धारमिक मानयता
- यदि आरय समाज सथापित न होता तो कया होता ?
- ईशवर व ऋषियों के परतिनिधि व योगयतम उततराधिकारी महरषि दयाननद सरसवती
वैदिक साधन आशà¥à¤°à¤® तपोवन, देहरादून में 21 मारà¥à¤š, 2016 को 21 दिवसीय चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ पारायण यजà¥à¤ž सोतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤ यह यजà¥à¤ž वैदिक जगत के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤µà¤¾à¤¨ याजà¥à¤žà¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चितà¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾, सहयोग व मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ में आयोजित हà¥à¤† जिसके बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ आरà¥à¤¯à¤œà¤—त के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ आचारà¥à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥‡à¤µ जी थे। पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 9.00 बजे यजà¥à¤ž की पूरà¥à¤£à¤¾à¤¹à¥à¤¤à¤¿ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤ˆà¥¤
महातà¥à¤®à¤¾ आननà¥à¤¦ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी की पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ और बावा गà¥à¤°à¤®à¥à¤– सिह जी के दान से सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ यह वैदिक साधन आशà¥à¤°à¤® तपोवन देहरादून नगर से 6 किमी. की दूरी पर सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। यह सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ चारों ओर आबादी के बीच हैं जहां बाहर कोलाहल व वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ जीवन रहता है। इससे 2 किमी. की दूरी पर परà¥à¤µà¤¤à¥‹à¤‚ में वनों के बीच शानà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¥‚रà¥à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर à¤à¤• गोशाला सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ है। इससे और आगे नीचे के मà¥à¤–à¥à¤¯ आशà¥à¤°à¤® से लगà¤à¤— 3.5 किमी. की दूरी पर तपोवन नामक वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• तपोà¤à¥‚मि है जहां यह चतà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ पारायण यजà¥à¤ž समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤† है। कई à¤à¤•à¤¡à¤¼ के विशाल सà¥à¤°à¤®à¥à¤¯ व शानà¥à¤¤ à¤à¥‚खणà¥à¤¡ में सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ यह तपोà¤à¥‚मि देदà¥à¤µà¤¾à¤° के के ऊंचे ऊंचे वृकà¥à¤·à¥‹à¤‚ से आचà¥à¤›à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ है और पूरà¥à¤£à¤¤à¤¯à¤¾ शानà¥à¤¤ है जहां गà¥à¤°à¥€à¤·à¥à¤® ऋतॠमें à¤à¥€ शीतल वायॠका सà¥à¤ªà¤°à¥à¤¶ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। इस तपोà¤à¥‚मि के आसपास न किसी के निवास हैं, न वाहनों की आवाजाही और न हि किसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° का कोलाहल। इस परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ तपोà¤à¥‚मि पर विगत दिनों à¤à¤• à¤à¤µà¥à¤¯ विशाल हाल का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया जा चà¥à¤•à¤¾ है। यहां कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ कà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ à¤à¥€ बनी हà¥à¤ˆ हैं जिसमें सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ योगाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€, महातà¥à¤®à¤¾ आननà¥à¤¦ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी, महातà¥à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤à¥ आशà¥à¤°à¤¿à¤¤ जी, महातà¥à¤®à¤¾ दयाननà¥à¤¦ जी आदि अनेक योगियों ने समय-समय पर योग साधनायें की हैं। यहां सà¥à¤¥à¤¾à¤ˆ यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ न होने के कारण सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चितà¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी व याजà¥à¤žà¤¿à¤• साधकों ने à¤à¤• यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ अनà¥à¤à¤µ की व इसे शीघà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ कराने का निरà¥à¤£à¤¯ किया। तपोवन आशà¥à¤°à¤® के सचिव इं. शà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤® पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ शरà¥à¤®à¤¾ ने यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के लिठअपनी ओर से 1 लाख रूपये का दान देने की घोषणा की। इसका अनà¥à¤¸à¤°à¤£ करते हà¥à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चितà¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ सहित डा. वेदपà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾, शà¥à¤°à¥€ गोयल, शà¥à¤°à¥€à¤®à¤¤à¤¿ रचना आहूजा जी दिलà¥à¤²à¥€ आदि ने à¤à¥€ à¤à¤•-à¤à¤• लाख रूपये यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के लिये दान देने की घोषणायें कीं। कईयों ने 51 हजार व अनेकों ने 21 व 11 हजार रूपये दान देने के संकलà¥à¤ª किये। आशा है कि शेष धन की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¥€ हो जायेगी और परà¥à¤µà¤¤à¥€à¤¯ तपोà¤à¥‚मि में शीघà¥à¤° ही à¤à¤• à¤à¤µà¥à¤¯ यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ बन कर तैयार हो जायेगी। यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ के निरà¥à¤®à¤¾à¤£ व दान समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤°à¤£ के बाद à¤à¤œà¤¨, कविता पाठ, गीत व पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® हà¥à¤†à¥¤ डा. वेद पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ जी, शà¥à¤°à¥€ के.के à¤à¤¾à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾, शà¥à¤°à¥€ आननà¥à¤¦ मà¥à¤¨à¤¿, बहिन राज सरदाना जी, शà¥à¤°à¥€ जय à¤à¤—वान शरà¥à¤®à¤¾ और सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤²à¥€à¤¨ जी की कवितायें à¤à¤µà¤‚ गीत आदि हà¥à¤à¥¤ à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤µ से गाये सà¤à¥€ गीत, कविताओं व à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ को शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं ने पसनà¥à¤¦ किया व सराहना की।
मà¥à¤–à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ यजà¥à¤ž के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ आचारà¥à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥‡à¤µ जी का हà¥à¤†à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जब-जब सरà¥à¤µà¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ परमातà¥à¤®à¤¾ की कृपा होती है तब-तब à¤à¤¸à¥‡ यजà¥à¤žà¤¾à¤¦à¤¿ शà¥à¤ कारà¥à¤¯ करने का अवसर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होता है। संसार की नशà¥à¤µà¤°à¤¤à¤¾ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ आप लोगों को यहा जो कà¥à¤› सीखने को मिला है, उसे आपको बढ़ाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करना चाहिये। आचारà¥à¤¯à¤œà¥€ ने शà¥à¤®à¤¶à¤¾à¤¨ वैरागà¥à¤¯ की चरà¥à¤šà¤¾ की और कहा कि यह शीघà¥à¤° ही समापà¥à¤¤ हो जाता है। याजà¥à¤žà¤¿à¤• बनà¥à¤§à¥à¤“ं को यहां 21 दिवसीय यजà¥à¤ž में जो मिला है उसे वह और अधिक बढ़ायें और उन गà¥à¤£à¥‹à¤‚ को धारण कर सदाचारी व समरà¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बनने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करें। आचारà¥à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥‡à¤µ ने महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ के à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग की चरà¥à¤šà¤¾ कर यकà¥à¤· व यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ व उतà¥à¤¤à¤° को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। यकà¥à¤· ने यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर से पूछा था कि संसार का कà¥à¤¯à¤¾ हाल व समाचार है। आचारà¥à¤¯ जी ने कहा कि यह संसार à¤à¤• मोह रूपी कढ़ाहा है और उस कढ़ाहे में हम सब मनà¥à¤·à¥à¤¯ पकने के लिठपड़े हैं। इस कढ़ाहे को सूरà¥à¤¯ की अगà¥à¤¨à¤¿ तपा रही है। रातà¥à¤°à¤¿ व दिन ईधन हैं तथा ऊपर नीचे करने के लिठकरछी के रूप में महीने व ऋतà¥à¤à¤‚ हैं। इस कढ़ाहे में हम पक रहे हैं। आचारà¥à¤¯à¤œà¥€ ने कहा कि इस तरह का हमारा जीवन है। यह है हमारे संसार का समाचार जो यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर जी ने यकà¥à¤· को उसके पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ के उतà¥à¤¤à¤° के रूप में दिया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आगे कहा कि जनà¥à¤® व मृतà¥à¤¯à¥ नियम हैं। हमें इस संसार से जाना है। मेरा जीवन है ही कà¥à¤¯à¤¾? कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं। पता नही हम कब चलें जायें।
आचारà¥à¤¯à¤œà¥€ ने सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चितà¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं à¤à¤µà¤‚ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की à¤à¥‚रि à¤à¥‚रि पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि मैंने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ रोगी होते हà¥à¤ à¤à¥€ यजà¥à¤ž में पहà¥à¤‚चते देखा है। वह सबको सचेत करते हैं। पीछे हटते नहीं और सबको आगे बढ़ाते हैं। आचारà¥à¤¯ जी ने कहा कि इस तपोà¤à¥‚मि में अनेकानेक पवितà¥à¤° आतà¥à¤®à¤¾à¤“ं ने तप किया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि योग साधक यहां योग के रहसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को जानने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ करते हैं। जीवन को बनाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ हम सबको करना चाहिये। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ आचारà¥à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¥‡à¤µ जी ने कहा कि सनॠ1875 से सनॠ1910 तक आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ का सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® काल रहा है। इस अवधि में आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ ने अनेक सराहनीय कारà¥à¤¯ किये। हमारे इस अवधि के पूरà¥à¤µà¤œ जो बोलते थे वह उनके जीवन में पाया जाता था। दूसरे लोग उनके समà¥à¤ªà¤°à¥à¤• में आकर उनके गà¥à¤£à¥‹à¤‚ व आचरण से बदल जाते थे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चितà¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी का जीवन व वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ ही आकारà¥à¤·à¤• जीवन है जो दूसरों के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• à¤à¤µà¤‚ आदरà¥à¤¶ है। यह संसार नशà¥à¤µà¤° है। शरीर कब तक रहेगा? हम नहीं जानते। हमें अनेक आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤• तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की जानकारी है। शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° हम इस समय मर à¤à¥€ रहे हैं व जनà¥à¤® à¤à¥€ ले रहे हैं। à¤à¤• समय à¤à¤¸à¤¾ आता है जब पूरà¥à¤£ मृतà¥à¤¯à¥ हो जाती है। हम शरीर छोड़ कर चले जाते हैं। वेदों में शरीर व आतà¥à¤®à¤¾ के संवाद का वरà¥à¤£à¤¨ है। आतà¥à¤®à¤¾ शरीर अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ देह से कहती है कि मà¥à¤à¥‡ पता है कि तू जनà¥à¤® व मृतà¥à¤¯à¥ के सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ वाला है। कहा नहीं जा सकता कि तू कब मà¥à¤ आतà¥à¤®à¤¾ का साथ छोड़ दे। à¤à¤• उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ की पूरà¥à¤¤à¤¿ के लिठमनà¥à¤·à¥à¤¯ को यह शरीर मिला है। वह उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ है मोकà¥à¤· वा मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿à¥¤ मेरा यह आतà¥à¤®à¤¾ बिना तà¥à¤ शरीर की सहायता के मोकà¥à¤· को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं कर सकता। तू मà¥à¤à¥‡ मोकà¥à¤· तक पहà¥à¤‚चा सकता है। आतà¥à¤®à¤¾ की वेदना यह है कि यह शरीर पता नहीं कब मेरा साथ छोड़ देगा। मनà¥à¤·à¥à¤¯ का जीवन साधरण जीवन नही हीरा जीवन है। हमें जीवन का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ मोकà¥à¤· इसी समय पूरा करना चाहिये। कल की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ नहीं करनी चाहिये वरना समय हाथ से निकल जायेगा। à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ का कà¥à¤› à¤à¥€ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ नहीं है। वेद मनà¥à¤¤à¥à¤° हमें सावधान करता हैं। वेद कहता है कि जीवन के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ मोकà¥à¤· की पूरà¥à¤¤à¤¿ इसी जीवन में शीघà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤¿à¤¶à¥€à¤˜à¥à¤° करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करो। जीवन में आपने जो सीखा है, उसे बढ़ाओ। यदि खà¥à¤¦ सीखोगे नहीं और सीखे हà¥à¤ का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° नहीं करोगे तो आपको कà¥à¤› लाठन होगा। सीखना à¤à¥€ है और उसका पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° à¤à¥€ करना है। यहां आपने जो साधना की है उसे आपको सफल बनाना है। जीवन के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ का मारà¥à¤— छà¥à¤°à¥‡ की तेज धार पर चलने समान है। मोकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ के कारà¥à¤¯ में हमारे कई जीवन लग सकते हैं। इसलिठआप शिथिलता न बरते। हम सबको अपने शरीर अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ देना ही होगा। शरीर आतà¥à¤®à¤¾ का साधन है। इस शरीर रूपी साधन को ठीक रखना ही होगा नहीं तो लकà¥à¤·à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं होगा। आप जीवन के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ को à¤à¥‚ल न जाना। ईशà¥à¤µà¤° की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ की साधना में लगे रहिये। à¤à¤¸à¤¾ करेंगे तो आप अपने जीवन के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ वा लकà¥à¤·à¥à¤¯ मोकà¥à¤· को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकेंगे। संसार में अननà¥à¤¤ जीवातà¥à¤®à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ हैं और इन सबका कई बार मोकà¥à¤· हà¥à¤† है। इसलिये हमें पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ करना है। मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ होने पर मनà¥à¤·à¥à¤¯ à¤à¤• परानà¥à¤¤ काल जो कि इस सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के जनà¥à¤® व पà¥à¤°à¤²à¤¯ की अवधि 8 अरब 64 करोड़ वरà¥à¤· का 36,000 गà¥à¤£à¤¾ होता है, इतनी लमà¥à¤¬à¥€ अवधि के लिठदà¥à¤ƒà¤–ों अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ जनà¥à¤® मरण के चकà¥à¤° से छूट जाते हैं। आचारà¥à¤¯ जी ने अपने पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ को समापत करते हà¥à¤ कहा कि जीवातà¥à¤®à¤¾ अलà¥à¤ªà¤œà¥à¤ž है। यह कà¤à¥€ ऊपर चढ़ जाती है और कà¤à¥€ गिर à¤à¥€ जाती है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चितà¥à¤¤à¥‡à¤¶à¥à¤µà¤°à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ जी के गà¥à¤£à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा कï
ALL COMMENTS (0)