बà¥à¤°à¥‡ मारà¥à¤— व कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर अपना यह जीवन संवार लो
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Manmohan Kumar AryaDate
16-Mar-2016Category
विविधLanguage
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UmeshUpload Date
23-Mar-2016Download PDF
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महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ की जनà¥à¤®à¤à¥‚मि सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ नà¥à¤¯à¤¾à¤¸ के परिसर में 6 से 8 मारà¥à¤š, 2016 तक मनाये गये ऋषि बोधोतà¥à¤¸à¤µ के आयोजन में 6 मारà¥à¤š, 2016 को यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ महेश विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार का पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ हà¥à¤†à¥¤ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने अपने वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ अनेक महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ व उपयोगी विचारों को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया जिसे पाठकों के लाà¤à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहे हैं।
आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ डा. महेश विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार ने अपने पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ में कहा कि हमें à¤à¤¸à¥‡ विचार व उपदेश चाहियें जो जो हमारे जीवन को संवार दे, हमें सà¥à¤– की ओर ले जायें व इसके साथ हि हमें पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से परमातà¥à¤®à¤¾ की ओर ले जाकर परमातà¥à¤®à¤¾ की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ करायें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ की सबसे बड़ी समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ विचार शकà¥à¤¤à¤¿ है। मनà¥à¤·à¥à¤¯ विचारों से देवता बनता है। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ ने हमें जीवन की सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š समà¥à¤ªà¤¦à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व विचार दिये हैं। वेद जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को कहते हैं जिसके चार अरà¥à¤¥ हैं सतà¥à¤¤à¤¾, जà¥à¤žà¤¾à¤¨, लाठऔर विचार। वेदों के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ व आचरण से यह चारों समà¥à¤ªà¤¤à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती हैं। संसार के अनà¥à¤¯ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥à¥‹à¤‚ का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने से यह चार लाठपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं होते। वेदों का चिनà¥à¤¤à¤¨ सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤®à¤¿à¤• चिनà¥à¤¤à¤¨ है। चार वेद परमातà¥à¤®à¤¾ का आदेश, उपदेश और सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ हैं। यह संसार के सब मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ व पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के लिठहैं। वैदिक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ महेश विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार जी ने कहा कि परमातà¥à¤®à¤¾ की सà¤à¥€ वसà¥à¤¤à¥à¤“ं पर सब मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ व पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का समान अधिकार है। वेद का चिनà¥à¤¤à¤¨ आज के समय में सचà¥à¤šà¤¾ मारà¥à¤— दिखाता है। वेद विशà¥à¤µ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ की चेतना देने के साथ कलà¥à¤¯à¤¾à¤£à¤ªà¥à¤°à¤¦ उपदेश देता है। ‘‘वसà¥à¤§à¥ˆà¤µ कà¥à¤Ÿà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¤®” का चिनà¥à¤¤à¤¨ à¤à¥€ हमें वेद से ही मिलता है। संसार के किसी साहितà¥à¤¯ वा गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ में वेद जैसी शिकà¥à¤·à¤¾ नहीं मिलेगी। शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं को उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आप इस महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ की जनà¥à¤®à¤à¥‚मि टंकारा से वेदों के जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को साथ लेकर जायें। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जैसा संकलà¥à¤ª लेता है वह वैसा ही बन जाता है। सà¤à¥€ शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾ व शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥ वेद में निषà¥à¤ ा व सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ का वà¥à¤°à¤¤ लें।
डा. महेश विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार ने कहा कि यजà¥à¤ž à¤à¤¾à¤°à¤¤ की मूल चेतना है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ यजà¥à¤žà¥€à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हम अपने शरीर में लेते तो शà¥à¤¦à¥à¤§ वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ हैं परनà¥à¤¤à¥ इससे निकालते अशà¥à¤¦à¥à¤§ वसà¥à¤¤à¥à¤ हैं। हम शà¥à¤¦à¥à¤§ जल वा वायॠका सेवन करते हैं परनà¥à¤¤à¥ हम अपने शरीर से इन वसà¥à¤¤à¥à¤“ं को अशà¥à¤¦à¥à¤§ करके निकालते हैं। आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ ने कहा कि गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² वारà¥à¤®à¤¿à¤‚ग तथा आतंकवाद संसार की सबसे बड़ी समसà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ हैं। वेद में इन सà¤à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का समाधान है। यदि वैदिक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ लागू हो जाये तो इन दोनों समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का निदान हो जायेगा। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ ने यजà¥à¤žà¥‹à¤‚ का वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª बताया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यजà¥à¤ž मिलाता है, मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को परसà¥à¤ªà¤° जोड़ता है तथा सबको सदॠपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ करता है। यजà¥à¤ž में डाली गई घृत व औषधीय पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ की आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ सूकà¥à¤·à¥à¤® होकर हमें लाठपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करती हैं। अगà¥à¤¨à¤¿ में जलने से यजà¥à¤žà¥€à¤¯ पदारà¥à¤¥ नषà¥à¤Ÿ न होकर अपितॠअति सूकà¥à¤·à¥à¤® होकर पूरà¥à¤µ अवसà¥à¤¥à¤¾ से कहीं अधिक पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ बनकर मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ व सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को लाठपहà¥à¤‚चाते हैं। यजà¥à¤ž में डाले गये पदारà¥à¤¥ अति सूकà¥à¤·à¥à¤® अवसà¥à¤¥à¤¾ में वायॠवा आकाश में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ रहते हैं और हमें नाना पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से लाठपहà¥à¤‚चाते हैं। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥€ महेश विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार जी ने कहा कि à¤à¤²à¤¾à¤ˆ, सेवा और परोपकार के सà¤à¥€ कारà¥à¤¯ यजà¥à¤ž कहलाते हैं।
वेदाधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से यह जà¥à¤žà¤¾à¤¤ होता है कि मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ का सबसे बड़ा सà¥à¤– यह है कि वह दूसरों के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठअपना जीवन वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ करे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ ने अपनी यà¥à¤µà¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में बरेली में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ का पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ सà¥à¤¨à¤¾ तो उसके परिणाम से उनका जीवन बदल गया। तà¥à¤²à¤¸à¥€à¤¦à¤¾à¤¸ जी और à¤à¥‡à¤²à¤®-पंजाब के अमीचनà¥à¤¦ जी की चरà¥à¤šà¤¾ कर उनके जीवन में हà¥à¤ परिवरà¥à¤¤à¤¨ की à¤à¥€ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने चरà¥à¤šà¤¾ की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यजà¥à¤ž करने से परिवार में परसà¥à¤ªà¤° पà¥à¤°à¥‡à¤®, à¤à¤•à¤¤à¤¾ और सहयोग आदि की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ विकसित होती है। हम à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ हैं कि हमें यà¥à¤—पà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¤• महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ जी की जनà¥à¤® à¤à¥‚मि में आने का अवसर मिला है। वैदिक विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ महेश जी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जिस दिन महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ का जनà¥à¤® हà¥à¤† था उस दिन संसार के सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ का उदय हà¥à¤† था। महातà¥à¤®à¤¾ पà¥à¤°à¤à¥ आशà¥à¤°à¤¿à¤¤ जी का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यदि हो सके तो बà¥à¤°à¥‡ मारà¥à¤— व कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का तà¥à¤¯à¤¾à¤— कर अपना यह जीवन संवार लो। हमें यह जो मानव जीवन मिला है वह अनेक योनियों में जनà¥à¤® लेने के बाद मिला à¤à¤• सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® अवसर है। हम सà¤à¥€ लोग मृतà¥à¤¯à¥ की पंकà¥à¤¤à¤¿ में खड़े हैं। हमारा जो शेष जीवन बचा है उसे हमें समà¥à¤à¤¾à¤²à¤¨à¤¾ है। हमें अपने बचे जीवन को परमातà¥à¤®à¤¾ तथा आधà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के साथ जोड़ना चाहिये। हमें दिन के 24 घंटों में कम से कम 1 घंटा ईशà¥à¤µà¤° के धà¥à¤¯à¤¾à¤¨, चिनà¥à¤¤à¤¨ व सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ आदि शà¥à¤ कारà¥à¤¯ में लगाकर शेष 23 घंटे अपने जीवन के अनà¥à¤¯ आवशà¥à¤¯à¤• कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में लगाने चाहियें। जà¥à¤žà¤¾à¤¨, विचार, वैरागà¥à¤¯, विवेक आदि हमारी समà¥à¤ªà¤¦à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ हैं। हमें इन समà¥à¤ªà¤¦à¤¾à¤“ं की संवृदà¥à¤§à¤¿ और संरकà¥à¤·à¤£ करना है। सà¥à¤µà¤¿à¤šà¤¾à¤° जीवन की महौषधि है, उसे समà¥à¤à¤¾à¤²à¥‹à¥¤ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि हम 24 घंटे में 21,600 शà¥à¤µà¤¾à¤‚स लेते हैं। यदि 1 शà¥à¤µà¤¾à¤‚स पर 1 पैसा टैकà¥à¤¸ परमातà¥à¤®à¤¾ ले तो à¤à¤• दिन के 216 रूपये होते हैं। पूरी उमà¥à¤° की गणना कर देखिये कि यदि ईशà¥à¤µà¤° हमसे केवल शà¥à¤µà¤¾à¤‚स पर ही टैकà¥à¤¸ लेता तो कà¥à¤¯à¤¾ हम टैकà¥à¤¸ दे सकते। (इन पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लेखक की आयॠ64 वरà¥à¤· है। गणना करने पर 1 पैसा पà¥à¤°à¤¤à¤¿ शà¥à¤µà¤¾à¤‚स की धनराशि रूपये 50,45,760.00 होती है।)
डा. महेश विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार जी ने कहा कि ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कृतघà¥à¤¨ मत बनो। महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ जी ने ईशà¥à¤µà¤° का सचà¥à¤šà¤¾ सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª बताया और उससे मिलने का रासà¥à¤¤à¤¾ à¤à¥€ बताया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ योनि के अतिरिकà¥à¤¤ अनà¥à¤¯ सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ जेल में हैं। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जेल में न होकर पेरोल पर है। यदि कोई पेरोल की अवधि में अपराध करता है तो उसे सजा मिलती है। हम अपनी मरà¥à¤œà¥€ से जीवन जीते हैं जिसमें परमातà¥à¤®à¤¾ बाधक नहीं होता। सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को परमातà¥à¤®à¤¾ ने à¤à¤• डà¥à¤°à¥ˆà¤¸ दी है। दूसरे पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के शरीरों से तà¥à¤²à¤¨à¤¾ करके अपने ऊपर ईशà¥à¤µà¤° के उपकारों पर विचार करो। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जब तक सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहता है उसे अपने ऊपर ईशà¥à¤µà¤° की कृपा का पता नही चलता। रोगी होकर आईसीयू में जाने पर ईशà¥à¤µà¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के महतà¥à¤µ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨ होता है। आईसीयू के रोगियों की मनोदशा को जानकर अपने ऊपर ईशà¥à¤µà¤° की कृपा और दया का अनà¥à¤à¤µ करो। अपनेी आंखों, पैरों, हाथों व अनà¥à¤¯ अंगों की कीमत उन लोगों से पूछों जिनके पास यह अंग नहीं हैं। à¤à¤• मनà¥à¤·à¥à¤¯ के पास पैर में पहनने के लिठजूते नहीं और à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥€ मनà¥à¤·à¥à¤¯ हैं कि जिनके पैर ही नहीं है। इस सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जूते न होने वाला मनà¥à¤·à¥à¤¯ पैर न होने वाले मनà¥à¤·à¥à¤¯ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में कहीं अधिक à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯à¤¶à¤¾à¤²à¥€ है। हमारे जीवन में परिवरà¥à¤¤à¤¨ हमारे अनà¥à¤¦à¤° के विचारों में सà¥à¤§à¤¾à¤° से ही होगा। परमातà¥à¤®à¤¾ ने संसार की कोई चीज मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ के दà¥à¤ƒà¤– के लिठनहीं बनाई। हमें जीवन जीना, à¤à¥‹à¤œà¤¨ करना, रहना व मिलना नहीं आता। इसे हमें दूसरों से सीखना है। जीवन जीने के लिठशिकà¥à¤·à¤¾ व वैदिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की जरà¥à¤°à¤¤ है, डिगà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ वा उपाधियों की नहीं। मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन में ईशà¥à¤µà¤° ने जितने वरदान दिये हैं उतने वरदान अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ नहीं हैं। हम मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने अपने शरीर के लिठआवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ से बहà¥à¤¤ अधिक सामगà¥à¤°à¥€ इकटà¥à¤ ी कर ली है परनà¥à¤¤à¥ आतà¥à¤®à¤¾ के लिठकà¥à¤› इकटà¥à¤ ा नहीं किया है। अपने वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ को विराम देने से पूरà¥à¤µ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ डा. महेश विदà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤‚कार ने कहा कि टंकारा à¤à¤• तीरà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ है। आप सà¤à¥€ धनà¥à¤¯ है जो महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ को अपनी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि देने यहां पधारे हैं। ईशà¥à¤µà¤° आप सबका कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ करें।
हमें लगता है कि यह पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ ईशà¥à¤µà¤° के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¥‡à¤® व शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ बढ़ाने वाला है। इस à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ के साथ हम इस लेख को पाठकों के लाà¤à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहे हैं। इति।
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