जिस मनà¥à¤·à¥à¤¯ में मानवता जग जाती है वह महापà¥à¤°à¥à¤· बन जाता है
Author
Manmohan Kumar AryaDate
30-Apr-2016Category
विविधLanguage
HindiTotal Views
1354Total Comments
0Uploader
UmeshUpload Date
02-May-2016Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- आरयावरतत
- मेरी पाकिसतान यातरा
- मनषय जनम
- सवामी दयाननद और महातमा जयोतिबा फूले
- महरषि दयाननद के सतयारथ परकाश आदि गरनथ आधयातमिक व सामाजिक
Top Articles by this Author
- ईशवर
- बौदध-जैनमत, सवामी शंकराचारय और महरषि दयाननद के कारय
- अजञान मिशरित धारमिक मानयता
- यदि आरय समाज सथापित न होता तो कया होता ?
- ईशवर व ऋषियों के परतिनिधि व योगयतम उततराधिकारी महरषि दयाननद सरसवती
आज 30 अपà¥à¤°à¥ˆà¤², 2016 को हमें आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ, नतà¥à¤¥à¤¨à¤ªà¥à¤°, देहरादून के 37 सवें वारà¥à¤·à¤¿à¤•à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होने का अवसर मिला। हमारे वहां पहà¥à¤‚चने पर हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के आरà¥à¤¯ à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• शà¥à¤°à¥€ धरà¥à¤®à¤¸à¤¿à¤‚ह सहमल के à¤à¤œà¤¨ हो रहे थे। उनके à¤à¤œà¤¨ के कà¥à¤› शबà¥à¤¦ थे कि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को समà¤à¥‹ अपनी आखों के तारे, नफरत से इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ बचाना आदि आदि। इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के अनेक पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• विचार à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ में सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ को मिले। à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• को ढोलक पर संगति देने वाले कलाकार का नाम था शà¥à¤°à¥€ चमनलाल जो बड़ी तनà¥à¤®à¤¯à¤¤à¤¾ से अपना संगीत दे रहे थे। à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ के बाद देहरादून के ही आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ व पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€ आचारà¥à¤¯ पीयूष का पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ हà¥à¤†à¥¤ आपने कहा कि यदि आम न हो तो आम और बबूल का अनà¥à¤¤à¤° पता नहीं चल सकता। मनà¥à¤·à¥à¤¯ में यदि मानवता है तो वह मनà¥à¤·à¥à¤¯ है अनà¥à¤¯à¤¥à¤¾ वह कà¥à¤› à¤à¥€ नहीं है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि यदि कोई मनà¥à¤·à¥à¤¯ करोड़पति या इससे à¤à¥€ अधिक धनवान है, उसका मनà¥à¤·à¥à¤¯ कहलाना तà¤à¥€ सारà¥à¤¥à¤• हो सकता है यदि उसमें मानवता हो। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मानवता रहित धनवान मनà¥à¤·à¥à¤¯ मनà¥à¤·à¥à¤¯ नहीं होता। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि यदि किसी ने शासà¥à¤¤à¥à¤° पढ़ लिये और उसे अपने आचरण में नहीं उतारा, तो उसका शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ को पढ़ने का कोई अरà¥à¤¥ नहीं है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जिसका वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° अचà¥à¤›à¤¾ है, à¤à¤¸à¤¾ अनपढ़ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ उन पढ़े लिखों से कहीं अधिक अचà¥à¤›à¤¾ है जिनका वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° अचà¥à¤›à¤¾ नहीं है। पढ़ाई-लिखाई का अरà¥à¤¥ है कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ का समà¤à¤¦à¤¾à¤° वा विवेकशील होना और पढ़े हà¥à¤ विचारों को अपने जीवन व वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° में उतारना। आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ आचारà¥à¤¯ पीयूष ने आरà¥à¤¯à¤²à¥‡à¤–क डा. शà¥à¤°à¥€ सतà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤² सिंह की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ‘इंसान की तलाश’ से मानवता का à¤à¤• उदाहरण पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤• माता-पिता की सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨ शहर में पढ़ती थी। माता-पिता ने उसे उसके पास जाने का अपना कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® सूचित किया। पà¥à¤¤à¥à¤° अपनी दो पहियों वाली मोटर गाड़ी से माता-पिता को लेने रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ जा रहा था। मारà¥à¤— में दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ हो गई और वह घायल हो गया। लोग उसे असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले जाने के लिठआने जाने वाली गाडि़यों को रोक रहे थे परनà¥à¤¤à¥ कोई रूक नहीं रहा था। दूसरी ओर माता-पिता ने रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ पहà¥à¤‚च कर बेटे की पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤•à¥à¤·à¤¾ की। न आने पर चिनà¥à¤¤à¤¿à¤¤ हो वह टैकà¥à¤¸à¥€ लेकर पà¥à¤¤à¥à¤° के घर की ओर चल पड़े। मारà¥à¤— में दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ के सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर लोगों ने गाड़ी रोकी परनà¥à¤¤à¥ माता-पिता ने दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ में घायल वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले जाने के लिठबहाना बनाकर मना कर दिया। बाद में किसी अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से यà¥à¤µà¤• को पास के असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले जाया गया। माता-पिता अपने पà¥à¤¤à¥à¤° के घर पहà¥à¤‚चे। पà¥à¤¤à¥à¤° के वहां न होने पर पड़ोसियों से पूछा, पता चला कि वह उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लेने ही सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ गया था। माता-पिता को पà¥à¤¤à¥à¤° की चिनà¥à¤¤à¤¾ सताने लगी। वह टैकà¥à¤¸à¥€ से उस दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾ वाले सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर पहà¥à¤šà¥‡à¤‚। वहां उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ कà¥à¤› लोग उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² ले गये। घायल वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की मृतà¥à¤¯à¥ हो चà¥à¤•à¥€ थी। माता-पिता ने डाकà¥à¤Ÿà¤° से मिलकर पूछताछ की। डाकà¥à¤Ÿà¤° के यह कहने पर कि यदि इस यà¥à¤µà¤• को आधा धणà¥à¤Ÿà¥‡ पहले असà¥à¤ªà¤¤à¤¾à¤² लाया गया होता तो इसकी जान बचाई जा सकती थी। यह सà¥à¤¨à¤•à¤° माता पिता को अपनी मूरà¥à¤–ता पर दà¥à¤ƒà¤– व पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¤¾à¤ª हà¥à¤†à¥¤ उनमें मानवता न होने के कारण ही उनका पà¥à¤¤à¥à¤° आज उनसे दूर हो गया था। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ आचारà¥à¤¯ पीयूष ने कहा कि यदि माता-पिता में मानवता होती तो वह यà¥à¤µà¤• बच सकता था। जिस मनà¥à¤·à¥à¤¯ में मानवता और सदà¥à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° नहीं, वह मनà¥à¤·à¥à¤¯ पशॠसे à¤à¥€ बदतर होता है। जिस मनà¥à¤·à¥à¤¯ में मानवता जग जाती है तो वह महान पà¥à¤°à¥à¤· बन जाता है।
शà¥à¤°à¥€ आननà¥à¤¦ सिंह पंवार ने अपने उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨ में कहा कि आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के सैतींसवें वारà¥à¤·à¤¿à¤•à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤µ में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ होकर मà¥à¤à¥‡ पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ हो रही है। शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं में माताओं की अधिक उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने माताओं का शाबà¥à¤¦à¤¿à¤• अà¤à¤¿à¤¨à¤¨à¥à¤¦à¤¨ किया। उनसे पूरà¥à¤µ à¤à¤• बालक दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ गायतà¥à¤°à¥€ मनà¥à¤¤à¥à¤° का पाठकिये जाने का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की और कहा कि हमें à¤à¤¸à¥‡ बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को अचà¥à¤›à¥‡ संसà¥à¤•à¤¾à¤° देकर अपना उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•à¤¾à¤°à¥€ बनाना चाहिये। आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ नतà¥à¤¥à¤¨à¤ªà¥à¤° के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ व वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं की उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सराहना की। उनके बाद समाज के ही à¤à¤• वयोवृदà¥à¤§ वानपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¥à¥€ महातà¥à¤®à¤¾ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤¿à¤•à¥à¤·à¥ ने कहा कि समाज के सà¤à¥€ सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को परिवार सहित आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के सतà¥à¤¸à¤‚ग में जाना चाहिये। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि वह हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° के अरà¥à¤§à¤•à¥à¤®à¥à¤ में आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के शिविर में लगà¤à¤— à¤à¤• महीने तक रहे। पौराणिक अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ की चरà¥à¤šà¤¾ करते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वहां के अनेक उदाहरण पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये। à¤à¤• उदाहरण में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि à¤à¤• दमà¥à¤ªà¤¤à¥€ ने à¤à¤• पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ को कà¥à¤› करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤£à¥à¤¡ के बारे में पूछा तो उसने 20 हजार रूाये का वà¥à¤¯à¤¯ बताया। उसके पास धन कम था। उसने अपने पà¥à¤¤à¥à¤° को फोन किया। पà¥à¤¤à¥à¤° ने पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤à¤œà¥€ के बैंक खाते में आनलाइन धन जमा करा दिया। पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ ने कà¥à¤› मनà¥à¤¤à¥à¤° वा शà¥à¤²à¥‹à¤• आदि पढ़कर कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करा दिया। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ ने हमें इन मिथà¥à¤¯à¤¾ करà¥à¤®à¤•à¤¾à¤£à¥à¤¡à¥‹à¤‚ से ही नहीं बचाया अपितॠइन पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤à¥‹à¤‚ की लूट से à¤à¥€ बचाया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं को कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ जी की बात मानिठऔर वेदों की ओर लौटिये। हरिदà¥à¤µà¤¾à¤° में आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के शिविर में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ जी का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर आपने कहा कि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने वहां उपदेश में कहा था कि कोई पारौणिक ईशà¥à¤µà¤° का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° कà¤à¥€ नहीं कर सकता। ईशà¥à¤µà¤° का साकà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤•à¤¾à¤° वेदों के मारà¥à¤— पर चलने से ही हो सकता है।
आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ नतà¥à¤¥à¤¨à¤ªà¥à¤° के पà¥à¤°à¤¾à¤£ आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€ उमà¥à¤®à¥‡à¤¦ सिंह विशारद ने कहा कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ का जीवन संघरà¥à¤· का जीवन है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हमारे लोगों का जीवन तो धन कमाने और आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ की वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ à¤à¤•à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¤ करने में ही वà¥à¤¯à¤¤à¥€à¤¤ हो जाता है। अनेक मत-मतानà¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ की चरà¥à¤šà¤¾ कर शà¥à¤°à¥€ विशारद ने कहा कि जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हम बाजार से उतà¥à¤¤à¤® पदारà¥à¤¥ व वसà¥à¤¤à¥à¤à¤‚ ही खरीदते हैं, उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से हमें धरà¥à¤® वा मत का चयन करते समय à¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤® अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ वैदिक मत वा धरà¥à¤® वा आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ का ही चयन करना चाहिये। à¤à¤¸à¤¾ करना ही विवेकपूरà¥à¤£ निरà¥à¤£à¤¯ कहा जा सकता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मनà¥à¤·à¥à¤¯ वह होता है जो देश, धरà¥à¤® व जाति के लिठतà¥à¤¯à¤¾à¤— करता है। हमें जीवन में मोकà¥à¤· की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ को अपना लकà¥à¤·à¥à¤¯ बनाना चाहिये। आपने गà¥à¤°à¥ गोविनà¥à¤¦ सिंह जी के जाति रकà¥à¤·à¤¾ के कारà¥à¤¯à¥‹ के उदाहरण देकर उनकी पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा की। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने लोगों को आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ से जà¥à¤¡à¤¨à¥‡ का आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤¾à¤µ विà¤à¥‹à¤° होकर à¤à¤• à¤à¤œà¤¨ à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया जिसके बोल थे ‘जीवन à¤à¤• संगà¥à¤°à¤¾à¤® है लड़ना इसे पड़ेगा। जो लड़ नहीं सकेगा वह आगे नहीं बढ़ेगा।। इतिहास कह रहा है संगà¥à¤°à¤¾à¤® की कहानी, राणा शिवा à¤à¤—तसिंह और à¤à¤¾à¤‚सी की रानी, कोई जो विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ होगा वो इतिहास को पढ़ेगा।।’ शà¥à¤°à¥€ उमà¥à¤®à¥‡à¤¦ सिंह जी के à¤à¤œà¤¨ के बाद à¤à¤• बालिका देवकी ने आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ का पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ à¤à¤œà¤¨ ‘à¤à¤°à¥‹à¤¸à¤¾ कर तू ईशà¥à¤µà¤° पर तà¥à¤à¥‡ धोखा नहीं होगा। यह जीवन बीत जायेगा तà¥à¤à¥‡ रोना नहीं होगा।। कà¤à¥€ सà¥à¤– है कà¤à¥€ दà¥à¤ƒà¤– है यह जीवन धूप छाया है।। हंसी में ही बीता डालों बितानी जिनà¥à¤¦à¤—ानी है।।’ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया जिसे शà¥à¤°à¥‹à¤¤à¤¾à¤“ं ने उनकी आवाज में मिलाकर गीत को गाया जिससे सà¥à¤–दायी à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤°à¤¸ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हो गया।
आज के मà¥à¤–à¥à¤¯ वकà¥à¤¤à¤¾ आरà¥à¤¯ संनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥€ सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ वेदाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ थे। आपने कहा कि वह सà¤à¤¾ सà¤à¤¾ नहीं होती जिसमें कि वृदà¥à¤§ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ नहीं होते। वह वृदà¥à¤§ नहीं होता जो धरà¥à¤® की बातें नहीं करता। वà¥à¤¯à¤¾à¤¸ जी का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ ने आगे कहा कि वह धरà¥à¤® नहीं होता जिसमें सतà¥à¤¯ नहीं होता। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ रूप से कहा कि सतà¥à¤¯ के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° को ही धरà¥à¤® कहते हैं। यजà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦ में आये वेद मनà¥à¤¤à¥à¤° ‘कोऽसि कतमोऽसि कसà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¿ को नामासि’ का उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया और इसके अरà¥à¤¥ तू कौन है, कà¥à¤¯à¤¾ है, किसका है और तेरा नाम कà¥à¤¯à¤¾ है, पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला और इसकी विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ की। आपने जà¥à¤žà¤¾à¤¨, संजà¥à¤žà¤¾à¤¨, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ व पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾à¤¨ का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर सूरà¥à¤¯, चनà¥à¤¦à¥à¤° व पृथिवी की गति सहित वरà¥à¤·à¤¾ व आंधंी तूफान के वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• नियमों व इनके कारणों को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ किया। इस बीच उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ पदारà¥à¤¥ विषयक सूकà¥à¤·à¥à¤® तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ व अदृशà¥à¤¯ सतà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से परिचित कराता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह à¤à¥€ बताया की शरीर के सà¤à¥€ अंग परसà¥à¤ªà¤° जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ हà¥à¤ हैं व à¤à¤• दूसरे पर आशà¥à¤°à¤¿à¤¤ हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि मà¥à¤®à¥à¤¬à¤ˆ का समà¥à¤¦à¥à¤° अरब सागर है जिससे à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वरà¥à¤·à¤¾ होती है। कलकतà¥à¤¤à¤¾ का समà¥à¤¦à¥à¤° हिनà¥à¤¦ महासागर है और इससे कà¤à¥€ देश में वरà¥à¤·à¤¾ नहीं होती। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने यह à¤à¥€ कहा कि चेनà¥à¤¨à¤ˆ का समà¥à¤¦à¥à¤° चकà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¤ लाता है। विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि पृथिवी पशà¥à¤šà¤¿à¤® से पूरà¥à¤µ की ओर घूमती है और à¤à¤• दिन अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ 24 घणà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ में अपनी घूरी पर घूमते हà¥à¤ à¤à¤• चकà¥à¤° पूरा करती है जो कि लगà¤à¤— 24 हजार मील का होता है। इसके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° पृथिवी की अपनी घूरी पर घूमने की गति लगà¤à¤— à¤à¤• हजार मील पà¥à¤°à¤¤à¤¿ घंटा होती है। अपने वकà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ को विराम देते हà¥à¤ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि हमें अपने सà¥à¤µà¤°à¥‚प को जानना है। आतà¥à¤®à¤¾ को जानने से ही हमारा कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ होगा।
आयोजन में दà¥à¤°à¥‹à¤£à¤¸à¥à¤¥à¤²à¥€ कनà¥à¤¯à¤¾ गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² और मानव कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ केनà¥à¤¦à¥à¤° के संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• डा. वेद पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ गà¥à¤ªà¥à¤¤à¤¾ और वैदिक साधन आशà¥à¤°à¤® तपोवन के यशसà¥à¤µà¥€ मनà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ इं. पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ शरà¥à¤®à¤¾ à¤à¤µà¤‚ अनà¥à¤¯ गणमानà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ थे। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ वेदाननà¥à¤¦ जी के पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ के बाद शानà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¤¾à¤ हà¥à¤† और उसके अननà¥à¤¤à¤° ऋषि लंगर हà¥à¤† जिसमे सà¤à¥€ ने परसà¥à¤ªà¤° पंकà¥à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§ बैठकर à¤à¥‹à¤œà¤¨ किया। आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के उतà¥à¤¸à¤µ का कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® कल दिनांक 1 मई, 2016 को समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होगा।
ALL COMMENTS (0)