सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ में à¤à¤—वाकरण का फैलाया à¤à¥à¤°à¤®


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Prakash AryaDate
17-Apr-2017Category
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HindiTotal Views
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RajeevUpload Date
17-Apr-2017Download PDF
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- International Arya Maha Sammelan 2017 Mandalay, Myanmar.
- सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ में à¤à¤—वाकरण का फैलाया à¤à¥à¤°à¤®
सनातन à¤à¤• समय (काल) बोध कराने वाला शबà¥à¤¦ है। जिसका अरà¥à¤¥ है जो सदा रहे, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जिसका न आदि है और न अनà¥à¤¤ हï
पिछले 2 दषकों से à¤à¤—वाकरण à¤à¤—वाकरण का पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कर à¤à¤• इसे सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• शबà¥à¤¦ बनाया जा रहा हैं। यह अनैतिक और अपà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤—िंक टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ निज सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ में सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• या राजनैतिक लाठकी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से अधिक पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ की जा रही हैं। à¤à¤—वा धà¥à¤µà¤œ à¤à¤—वावसà¥à¤¤à¥à¤° को सामà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• चिनà¥à¤¹ मानकर जन मानस के मनों मे इसके पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कटà¥à¤¤à¤¾, वैमनसà¥à¤¯à¤¤à¤¾ फैलायी जा रही है। जबकि वासà¥à¤¤à¤µ में यदि समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯, मजहब, पनà¥à¤¤à¥‹, से उपर कोई विचार धारा है तो वह इसी à¤à¤—वाधà¥à¤µà¤œ की विचारधारा में ही है।
à¤à¤—वा रंग हम अब कहने लगे वासà¥à¤¤à¤µ में यह अरूण रंग कहलाता था। जिस पà¥à¤°à¤•ार सूरà¥à¤¯ की लालिमा उदय और असà¥à¤¤ होते समय होती है यह वही रंग था। सनातन धरà¥à¤® मे इसी रंग को शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ मान कर धà¥à¤µà¤œ के रूप में इसे समà¥à¤®à¤¾à¤¨ दिया। कोई à¤à¥€ रंग या धà¥à¤µà¤œ किसी संगठन जाति, देष का पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤• होता है। जिस पà¥à¤°à¤•ार का धà¥à¤µà¤œ होगा उसके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° ही उस संगठन के आदरà¥à¤· मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ और जीवन शैली का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाया जा सकता हैं। यह सनातन संसà¥à¤•ृति का पवितà¥à¤° मानà¥à¤¯ रंग है। यदि उस धà¥à¤µà¤œ के पीछे छिपे दरà¥à¤·à¤¨ को नहीं समठपाये तो फिर इसके विपरीत à¤à¥€ तरह-तरह के अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ लगाये जाना सà¤à¤‚व होता हैं।
à¤à¤—वा धà¥à¤µà¤œ या à¤à¤—वे रंग के सबनà¥à¤§ à¤à¥€ कà¥à¤› असतà¥à¤¯ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤¿à¤²à¤¿à¤¤ कर दी गई हैं जिससे समाज मे गलत संदेष जा रहा हैं। à¤à¤—वारंग तà¥à¤¯à¤¾à¤— का सà¥à¤¨à¥‡à¤¹, पà¥à¤°à¥‡à¤® का पवितà¥à¤°à¤¤à¤¾ का संदेष देता हैं। ये रंग अगà¥à¤¨à¤¿ का रंग है अगà¥à¤¨à¤¿ अपने सपरà¥à¤• मे किसी वसà¥à¤¤à¥ के आने पर उसे निरà¥à¤®à¤² करके कई गà¥à¤¨à¤¾ बà¥à¤¾ कर लौटाती हैं।
इससे कोई à¤à¥€ सीधा अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ यह लगा सकता है कि इस अरूण (à¤à¤—वा) रंग के धà¥à¤µà¤œ का अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ सनातन धरà¥à¤®à¥€ हैं। ये सनातन शबà¥à¤¦ कà¥à¤¯à¤¾ हैं- दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से सनातन शबà¥à¤¦ को à¤à¥€ जाति, समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯, देष à¤à¤¾à¤·à¤¾ के साथ जोड़ कर देखा जा रहा हैं। जैसे हिनà¥à¤¦à¥‚ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ ईसाई आदि आदि समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ माने जा रहे है वैसे ही सनातन शबà¥à¤¦ को à¤à¥€ इसी शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ मे माना जा रहा है। यह बिलकà¥à¤² असतà¥à¤¯ व अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ के कारण ये मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हो गई हैं।
सनातन à¤à¤• समय (काल) बोध कराने वाला शबà¥à¤¦ है। जिसका अरà¥à¤¥ है जो सदा रहे, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ जिसका न आदि है और न अनà¥à¤¤ है जो सदा खड़ा रहे वह सनातन हैं। तीन बातों को सनातन कहा गया ईषà¥à¤µà¤°, पà¥à¤°à¤•ृति और जीवातà¥à¤®à¤¾ ये तीनों सतà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¥‡ सनातन है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ कि ये कà¤à¥€ नषà¥à¤Ÿ नहीं होती, अपितॠसदा रहती हैं इनके असà¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ में बने रहने का समय सनातन हैं।
इस वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ सृषà¥à¤Ÿà¤¿ को बने लगà¤à¤— 2 अरब वरà¥à¤· हो चà¥à¤•े हैं। पहले यह जानकरी महरà¥à¤·à¤¿ दयानंद ने अपनी पà¥à¤°à¤®à¥à¤– पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• ऋगà¥à¤µà¥‡à¤¦à¤¾à¤¦à¤¿ à¤à¤¾à¤·à¥à¤¯ à¤à¥‚मिका à¤à¤µà¤‚ सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥ पà¥à¤°à¤•ाष में दी थी। किनà¥à¤¤à¥ अब तो कई वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•ों ने अनà¥à¤¸à¤‚धान के आधार पर इसे सिदà¥à¤§ किया है। इतनी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ मानव जाति है - इतना ही पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ धरà¥à¤® हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤•ि बिना धरà¥à¤® के तो मनà¥à¤·à¥à¤¯ मनà¥à¤·à¥à¤¯ ही नहीं रह सकता यह धरà¥à¤® ही समसà¥à¤¤ मानव समाज का à¤à¤• संविधान हैं। बिना संविधान के कोई छोटी सी संसà¥à¤¥à¤¾ या राजà¥à¤¯ अथवा देश नहीं चल सकता। फिर परमातà¥à¤®à¤¾ के इस समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जगत का संचालन बिना संविधान के कैसे हो सकता है।
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