तमिल लड़की के बाइबल पर सवाल..?


Author
Rajeev ChoudharyDate
27-Jul-2020Category
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RajeevUpload Date
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एक तमिल लड़की नाम एस्टर धनराज उम्र कोई 35 वर्ष, एक तेलुगु हिन्दू ब्राह्मण के घर में जन्म लिया, जब थोड़ी बड़ी हुई तो इसाई मिशनरीज के प्रभाव में आई, उसने जीसस के चमत्कारों के किस्से सुने, जिनमें अंधे देखनें लगते थे, बहरे सुनने लगते थे, अगर मृत इंसान को आवाज़ दे दे तो वे जिन्दा हो जाया करते थे। ऐसी अनेकौं कपोल कल्पित कहानियां एस्टर ने सुनीं तो उसका मन उसे खींचकर चर्च में ले गया। और एस्टर धनराज ने इसाई मत को स्वीकार कर लिया।
एस्टर धनराज, जिन्होंने अपनी छोटी सी उम्र में दो बदलावों का सामना किया। पहला तो हिन्दू धर्म से इसाई मत में और दूसरा इसाई मत से हिन्दू धर्म में, और इसके बाद एस्टर ने जो धज्जियां मिशनरीज की उड़ाईं वो वाकई काबिले तारीफ है। कहानी तमिलनाडु से शुरू होती है अमेरिका पहुँचती है और अमेरिका से वापस भारत आती है। एस्टर धनराज की उम्र उस समय करीब 17 वर्ष रही होगी जब वो मिशनरीज के बहकावे में आई थीं। यानी सत्रह वर्ष की धनराज ने इसाई बनने के कुछ वर्षों बाद शादी की फिर यूएसए चली गईं। अमेरिका पहुँचने के बाद धनराज ने एक प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालय में ओपचारिक रूप से इसाई मत और बाइबल का अध्ययन शुरू किया। उस दौरान उसने पाया कि अमेरिकी पादरी भारतीय इसाईयों से दूर रहते हैं, बिलकुल ऐसे जैसे अब के मुसलमान भारतीय मुसलमानों को ओछा मानते हैं।
इनफिनिटी फाउंडेशन को अपना इंटरव्यू देते हुए एस्टर ने इसाई मत पर अनेकौं सवाल खड़े किये, पहला यही कि बाइबल पढ़कर लगता है जैसे सब कुछ काल्पनिक और जादुई है। ऐसा लगता है जैसे पृथ्वी का निर्माण जीसस से बस कुछ साल पहले हुआ हो वो भी चुटकियों में। कभी मिट्टी उठाकर इंसान बना दिये, कभी धरती कभी चांद कभी सूरज वह पृथ्वी के निर्माणवाद पर भी सवाल खड़ी करती है। कि बाइबल झूठी और आधिकारिक पुस्तक है वह मात्र कुछ पूर्वाग्रही से शिकार साम्राज्यवादी लोगों की कल्पना है।
एस्टर ने आरोप लगाया कि बाइबल में उसकी जाति नहीं पाई गई है, पूरी बाइबल में कहीं भी भारत का उल्लेख नहीं है, उसमें सिर्फ रोम इटली के आसपास का सिमटा हुआ इतिहास है। वह कैसी धार्मिक पुस्तक है जिसमें स्त्री को चुडैल जैसे...
While efforts [books, meditation, seva etc.] to be obedient to God are temporal, God continues to exist [God is free from materialistic bondages of cause-effect/always existed and shall so forever]- is what is understood
Holiness is defined as Justice and Love, and thus, evils are described to distinguish between correct and incorrect. There is reference in Arya Samaj teachings also on Justice wherein evils are to be avoided.
The various illuminations in Hindu science portions [as AntarAatma being Indestructible, eternal ] are respectable, and those who despise it are unethical/uneducated. The Bible , as per my knowledge [amplified, kjv, niv , bible hub versions], is illustrative of secular and spiritual strengths and weaknesses of individuals, and the Holiness of God /Aum/I AM /Formless Eternal. The Messiah in it is Eastern as Bharat is, and various depict in it are symbolic [earth around sun or vica versa could be about oneness of love, spiritually, and thus references either way does not matter].