हांल ही में मीडिया से लेकर बालीवुड तक सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के मामले को हर किसी ने अपने अपने तरीके से रखा। हालांकि सुशांत सिंह की हत्या हुई या उसने आत्महत्या की यह भी जांच का विषय है लेकिन एक पैरानॉर्मल एक्सपर्ट कहे जाने वाले स्टीव हफ के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं।

स्टीव हफ का दावा है कि सुशांत के चाहने वालों के आग्रह पर उन्होंने इस ऐक्टर की आत्मा से बात करने की कोशिश की है। यूट्यूब में उनके कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।

वीडियो में हफ सवाल करते सुनाई देते हैं कि आर यू इन द लाइट? जिसके जवाब में सुशांत की आत्मा कहती है “स्टीव आई एम गेटिंग लाइट”। स्टीव हफ पूछते हैं “आप कहां हैं? सुशांत सिंह की आत्मा कहती है “मैं अपनी मां के साथ हूं” फिर हफ पूछते हैं “तुमने कहा तुम्हें पंख लग गए? सुशांत कहता है “हां मुझे पंख लग गए हैं।” हफ कहता है यह तो कमाल है।

दर्शक शांति होकर बड़े ध्यान से पूरी वीडियो देखते रहते हैं कि कब सुशांत अपने हत्यारों के नाम बताए। कब सुशांत बताए कि क्यों वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर हुआ। वो क्यों दुखी हुआ या उस रात कौन-कौन उसके साथ थे। लेकिन हफ और सुशांत रिश्तेदारों की तरह बात करते रहते। यानी एक तरीके से लिखी गई पूरी स्क्रिप्ट का अंत हो जाता है और ये नहीं पता चल पाता आखिर सुशांत के साथ क्या हुआ था! हालांकि इस वीडियो को अभी तक लाखों लोग देख चुके हैं। स्टीव ने दावा किया कि सुशांत ने कहा कि वो जहां हैं बहुत अच्छे हैं।

यानी हफ सेलेब्रिटी की ही आत्मा से बात करते हैं। वर्ना यूरोप और अमेरिका में ऐसे न जाने कितने केस हुए जो आज तक नहीं खुले शायद हफ को उनकी आत्मा का कांटेक्ट नंबर नहीं मिला होगा! वर्ना लादेन से भी पूछा जाना चाहिए कि आपको पंख मिले या पुछ? वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला करने कितनी हूरें मिलीं, मिली भी या नहीं? न हफ ने राजकुमारी डायना की आत्मा से बात नहीं करी कि आखिर उनकी मौत का भी तो राज दफन है। लेकिन वो जानते हैं अगर ऐसा कहने की भी हिम्मत करता तो ब्रिटेन पुलिस क्या करती सब जानते हैं।

हफ को सुशांत से यह भी पूछना चाहिए था जब पंख मिल गए तो अपना हिसाब किताब फाइनल कब करेंगे? बालीवुड के भाई भतीजावाद के खिलाफ कब उतरेंगे? ऐसे कई सवाल थे लेकिन हफ को तो बाईबल लॉन्च करनी थी, इसाईयत की कथा ताकत पहुँचानी थी, लोगों को जीसस के चमत्कार दिखाने थे। इसी वजह से अपने स्टूडियो में जीसस की फोटो और क्रॉस टांग दिया ताकि पूरा स्टूडियो चर्च बन जाये। हालांकि कई डॉक्टर्स का कहना है कि हफ का सुशांत की आत्मा से बात करने वाला दावा चौकाने वाला है। इस वैज्ञान‍िक युग में इन्हें अंधविश्वास कल्पनाएं कहना चाहिए।

असल में धरती का 75 प्रतिशत अंधविश्वास अगर देखा जाये तो इनकी कथा धार्मिक पृष्ठक से प्रोषा जाता है। जितने झूठ पाखंड है उनकी जननी यही पृष्ठक है, जो अब भारत के लोगों को बांटी जा रही है। यही वो पृष्ठक है जो हजारों साल ये कहती रही कि औरत के अंदर आत्मा नहीं होती तो अब कोई इनसे पूछे कि जब औरत के अंदर आत्मा नहीं होती तो ये सुशांत की माता जी की आत्मा कहां से आ गई?

हालांकि ये सब फिल्मी दुनिया नाग नागिन, अलिफ लैला तक तो ठीक लगता है लेकिन असल जीवन में देखें तो हम इसे आसानी से पाखंड कह सकते हैं। क्योंकि इंसान के रूप में जो दिमाग हमें मिला है वह सोचने के लिए है न की केवल किसी जादू टोने पर विश्वास करने के लिए।

 

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