आसà¥à¤¥à¤¾ का à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ


Author
Rajeev ChoudharyDate
25-May-2016Category
विविधLanguage
HindiTotal Views
2437Total Comments
0Uploader
SaurabhUpload Date
25-May-2016Download PDF
-0 MBTop Articles in this Category
- आरयावरतत
- मेरी पाकिसतान यातरा
- मनषय जनम
- महरषि दयाननद के सतयारथ परकाश आदि गरनथ आधयातमिक व सामाजिक
- सवामी दयाननद और महातमा जयोतिबा फूले
Top Articles by this Author
- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- साईं बाबा से जीशान बाबा तक कà¥à¤¯à¤¾ है पूरा माजरा?
- तिबà¥à¤¬à¤¤ अब विशà¥à¤µ का मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनना चाहिà¤
- कà¥à¤¯à¤¾ आतà¥à¤®à¤¾à¤à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में बोलती है..?
- शरियत कानून आधा-अधूरा लागू कयों
सबसे बड़ी और सबसे दà¥à¤–द बात यह है कि यह घटना देवà¤à¥‚मि कहे जाने वाले उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड में हà¥à¤ˆ जहाठसे सब के लिठबिना à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ किये गंगा यमà¥à¤¨à¤¾ बहती है इन नदियों का उदà¥à¤—म सà¥à¤¥à¤² माना जाता वहां पर इतना à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ! बलà¥à¤•ि वहां से सामजिक समरसता की मिसाल कायम होनी चाहिठथी| देश के अलग-अलग हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ से खबर आती रहती है कि मंदिरों में दलितों को जाने नहीं दिया जा सकता, यह परंपरा यह कानून बनाने वालों ने इतना पवितà¥à¤° मान लिया कि सब कà¥à¤› टूट-फूट सकता है, किसी का सिर फà¥à¤Ÿ सकता है, हाथ पैर टूट सकता है मगर यह कानून नहीं टूट सकता| दलितों को सिलगà¥à¤° मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कराने को लेकर राजà¥à¤¯à¤¸à¤à¤¾ सांसद तरà¥à¤£ विजय और दलित शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤²à¥à¤“ं पर उगà¥à¤° à¤à¥€à¤¡à¤¼ ने हमला कर दिया। à¤à¥€à¤¡à¤¼ ने तरà¥à¤£ विजय, दलित नेता दौलत कà¥à¤‚वर की गाडि़यां à¤à¥€ तोड़फोड़ कर खाई में फेंक दीं। पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के साथ à¤à¥€ à¤à¥€à¤¡à¤¼ ने हाथापाई की। सांसद के सिर पर गंà¤à¥€à¤° चोटें आयी हैं। इससे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लजà¥à¤œà¤¾à¤œà¤¨à¤• कà¥à¤¯à¤¾ होगा कि वरà¥à¤·à¥‹ से जातीय उतà¥à¤ªà¥€à¤¡à¤¨ सह रहे दलितों को जब à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ सांसद तरà¥à¤£ विजय ने मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ की मà¥à¤¹à¥€à¤® छेड़ी तो जातीय उनà¥à¤®à¤¾à¤¦ में अंधे लोगों ने उनपर ही हमला कर दिया| दरअसल पोखरी में हà¥à¤ˆ हिंसा कà¥à¤·à¤£à¤¿à¤• आवेश में बौखलाठकà¥à¤› लोगों की कारसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ नहीं थी बलà¥à¤•ि उतà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤–ंड के इस इलाके में फैले जातिवाद का à¤à¤• वीà¤à¤¤à¥à¤¸ रूप था |
यदि वैदिक काल के बाद à¤à¤¾à¤°à¤¤ का आसà¥à¤¥à¤¾, उपासना का इतिहास देखे तो सिर शरà¥à¤® से à¤à¥à¤• जाता है | अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸, छà¥à¤†à¤›à¥‚त और जातिवादी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं के कारण हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के हजारों मंदिर अनà¥à¤¯ लà¥à¤Ÿà¥‡à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ तोड़ दिठगये पर यह लोग आज तक अपनी उन परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं को नहीं तोड़ पाठजो इनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡à¤‚ रंग à¤à¥‡à¤¦ अमीर गरीब को देखकर बनाई थी | जब यह सामंतवादी लोग मानते है कि हम सब à¤à¤• ईशà¥à¤µà¤° की संतान है तो फिर यह सोच कहाठसे आई कि उसके मंदिर में फ़लां आ सकता है, फ़लां नहीं. फ़लां पवितà¥à¤° है और फ़लां अपवितà¥à¤°? सामंतवाद कहो या जातिवाद आज की तारीख़ में अपने धारà¥à¤®à¤¿à¤• चोले में अपनी अतारà¥à¤•िकता, अपनी अमानवीयता को बचाकर रख सकता है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उस पर पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ लगाना सबसे कठिन है, संवेदनशील मामला है| यह उंच नीच का à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ रखने वाले लोग दलितों के हर तरह के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² में विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ तो रखते है, किनà¥à¤¤à¥ उसे अधिकार देने में नहीं आखिर à¤à¤¸à¤¾ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚?
शनि शिगणापà¥à¤° का मामला अà¤à¥€ à¤à¥€ ठंडा नहीं हà¥à¤† है जब à¤à¤• महिला सब पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ की आà¤à¤– बचाकर मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर लिया था जिसके बाद इन तथाकथित धरà¥à¤® के ठà¥à¤•ेदारो दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उकà¥à¤¤ मंदिर को अपवितà¥à¤° बता गाय के दूध से धोने का ढोंग रचा गया था| शिगणापà¥à¤° की इस पहल ने मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® महिलाओं को à¤à¥€ क़दम बढ़ाने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ किया था और वो à¤à¥€ मà¥à¤‚बई के आज़ाद मैदान में हाजी अली दरगाह में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ की मांग को लेकर इकटà¥à¤ ा हà¥à¤ˆà¤‚ थी| देश को सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° हà¥à¤ 70 साल बीत गये कितॠधरà¥à¤® धà¥à¤µà¤œ वाहक अà¤à¥€ तक तय नहीं कर पाठकी किसे मंदिर में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ दे किसे नहीं! यदि यह मंदिर इनके अपने है तो लोग इनके अनà¥à¤¦à¤° जाते कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ है और यदि मंदिर à¤à¤—वान के यह तो फिर यह लोग रोकने वाले कौन होते है? यदि यह लोग समाज को सही दिशा नहीं दे सकते, इन खोखली और बेजान परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं के खिलाफ नहीं बोल सकते तो यह देश धरà¥à¤® के लिठकतई शà¥à¤ नहीं है| सच में सांसद तरà¥à¤£ विजय पर हà¥à¤ हमले में कठोर सà¥à¤µà¤° सà¥à¤¨à¤¾à¤ˆ देने चाहिठथे मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ मंतà¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ दोषियों पर कड़ी कारवाही की जानी चाहिठतमाम दलों के नेताओं को अपने जातीय हित छोड़कर इस मानसिक बीमारी के खिलाफ अपनी आवाज़ मà¥à¤–र करनी चाहिठतà¤à¥€ इस देश में कोढ़ की तरह फैले जातिवाद को कम किया जा सकता है जब सबसे पहले तो यहां के बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€, महंत, मंडलेशà¥à¤µà¤° यह सà¥à¤µà¥€à¤•ार करें कि यहां जातिवाद की गहरी पैठहै और फिर वे लोग धीरे-धीरे लोगों में जागरूकता लेकर आà¤à¤‚, ताकि देश इन लजà¥à¤œà¤¾à¤œà¤¨à¤• कारà¥à¤¯à¥‹ से बाहर आ सके |
ALL COMMENTS (0)