‘हिनà¥à¤¦à¥€ नहीं रहेगी तो देश टूट जायेगा:
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Manmohan Kumar AryaDate
21-Sep-2016Category
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Sandeep AryaUpload Date
21-Sep-2016Download PDF
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‘हिनà¥à¤¦à¥€ नहीं रहेगी तो देश टूट जायेगा: पà¥à¤°à¤¾. अनूप सिंह’
हिनà¥à¤¦à¥€ दिवस के अवसर पर
-आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ, देहरादून में 11 सितमà¥à¤¬à¤°, 1994 को दिया गया पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨-
‘हिनà¥à¤¦à¥€ नहीं रहेगी तो देश टूट जायेगा: पà¥à¤°à¤¾. अनूप सिंह’
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯, देहरादून।
14 सितमà¥à¤¬à¤°, 2016 को हिनà¥à¤¦à¥€ दिवस है। इस अवसर पर हम आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾. अनूप सिंह जी (1944-2001) का हिनà¥à¤¦à¥€ के महतà¥à¤µ और आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के हिनà¥à¤¦à¥€ के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° में योगदान पर à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर रहे हैं। पà¥à¤°à¤¾. अनूप सिंह आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ में हमारे पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ में हमारे à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¸à¥à¤°à¥‹à¤¤ थे व जीवनà¤à¤° हमारे गà¥à¤°à¥, मितà¥à¤°, पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• व सहयोगी रहे। शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह जी के इस वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ को हमने ही नोट कर पतà¥à¤°-पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं में पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया था। शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह जी का वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ है।
आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ, धामावाला, देहरादून में 11 सितमà¥à¤¬à¤°, 1994 को आयोजित हिनà¥à¤¦à¥€ दिवस के अवसर पर मà¥à¤–à¥à¤¯ पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨ करते हà¥à¤ देहरादून के पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¾. अनूप सिंह ने कहा कि यदि देश में हिनà¥à¤¦à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ नहीं रहेगी तो देश टूट जायेगा। कà¥à¤®à¥à¤ का मेला उजड़ जायेगा, उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ अवरà¥à¤¦à¥à¤§ हो जायेगी और सरà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¶ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होगी। à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚मि का महतà¥à¤µ बताते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤• बार सà¥à¤µà¤°à¥à¤— के देवताओं से पूछा गया कि उनकी यदि कोई इचà¥à¤›à¤¾ हो तो बतायें। उन सà¤à¥€ देवताओं ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚मि में जनà¥à¤® लेने की इचà¥à¤›à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की। शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह जी ने कहा कि यह बात यà¥à¤—ों पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ है जब à¤à¤¾à¤°à¤¤ में वैदिक राजà¥à¤¯ था और बड़ी संखà¥à¤¯à¤¾ में ऋषि-मà¥à¤¨à¤¿ व आरà¥à¤¯ राजा देश के अधिपति होते थे। देश वेदों की शिकà¥à¤·à¤¾à¤“ं के आधार पर चलता था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आज के à¤à¤¾à¤°à¤¤ में कोई देवता जनà¥à¤® लेना नहीं चाहेगा। उनके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जिस समय देवताओं ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ में जनà¥à¤® लेने की इचà¥à¤›à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की थी तब का à¤à¤¾à¤°à¤¤ अनà¥à¤§à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ से पूरी तरह मà¥à¤•à¥à¤¤ था और à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤• मातà¥à¤° à¤à¤¾à¤·à¤¾ ‘‘संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤” थी जिसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— बोलचाल सहित साहितà¥à¤¯ लेखन आदि में à¤à¥€ होता था। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ से इतर अनà¥à¤¯ किसी à¤à¤¾à¤·à¤¾ का उन दिनों à¤à¤¾à¤°à¤¤ में पà¥à¤°à¤šà¤²à¤¨ नहीं था।
विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ अनूप सिंह जी ने मनà¥à¤¸à¥à¤®à¥ƒà¤¤à¤¿ के शà¥à¤²à¥‹à¤• ‘‘à¤à¤¤à¤¦à¥à¤¦à¥‡à¤¶à¤ªà¥à¤°à¤¸à¥‚तसà¥à¤¯ सकाशादगà¥à¤°à¤œà¤¨à¥à¤®à¥¤ सà¥à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤‚ चरितà¥à¤°à¤‚ शिकà¥à¤·à¥‡à¤°à¤¨à¥ पृथिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ सरà¥à¤µà¤®à¤¾à¤¨à¤µà¤¾à¤ƒà¥¤à¥¤“ को पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया और कहा कि तब विशà¥à¤µ के सà¤à¥€ विशिषà¥à¤Ÿ लोग हमारे ही देश आरà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¥à¤¤-à¤à¤¾à¤°à¤¤ में शिकà¥à¤·à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने आते थे। तब यह à¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¥‚मि सà¥à¤µà¤°à¥à¤£ à¤à¥‚मि के सदृशà¥à¤¯ थी। संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के पराà¤à¤µ के परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अब हम गूंगे हो गये हैं, हमारी जà¥à¤¬à¤¾à¤¨ काट दी गई है।
विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह जी ने कहा कि 15 अगसà¥à¤¤, 1947 को आजादी के तà¥à¤°à¤¨à¥à¤¤ बाद गांधी जी का बी.बी.सी. से à¤à¤• सनà¥à¤¦à¥‡à¤¶ पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤¿à¤¤ किया गया था जिसमें उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा था कि संसार के लोगों से कह दो कि गांधी अब अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ नहीं जानता। अनूप सिंह जी ने कहा कि इस संदेश के पीछे गांधी जी की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ यह थी कि अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ ने देश का सरà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¶ किया है। आगे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि गांधी जी ने यह सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया है कि सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ आंदोलन ने जनांदोलन का रूप तब पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ किया जब हिनà¥à¤¦à¥€ उसका माधà¥à¤¯à¤® बनी।
आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ और इसके संसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤• महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ की चरà¥à¤šà¤¾ करते हà¥à¤ अनूप सिंह जी ने कहा कि उनकी मातृà¤à¤¾à¤·à¤¾ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤à¥€ थी और वह संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ उदà¥à¤à¤Ÿ वकà¥à¤¤à¤¾ व वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¤à¤¾ थे तथापि उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपने सà¤à¥€ गà¥à¤°à¤¨à¥à¤¥ हिंदी में लिखे। उनका सारा पतà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° à¤à¥€ हिंदी में ही है जो आज à¤à¥€ किसी à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लिखे गये पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• है। सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयानंद पहले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ हैं जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने गूॠधारà¥à¤®à¤¿à¤• सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¥‹à¤‚ को सरà¥à¤µà¤ªà¤µà¥à¤°à¤¥à¤® देवनागरी लिपि में हिंदी में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। उनसे पूरà¥à¤µ हिंदी के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ धारà¥à¤®à¤¿à¤• मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं में सरà¥à¤µà¤¥à¤¾ अपरिचित à¤à¤µà¤‚ अनà¤à¤¿à¤œà¥à¤ž थे। मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की धरà¥à¤® पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• कà¥à¤°à¤¾à¤¨ का सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® हिंदी अनà¥à¤µà¤¾à¤¦ à¤à¥€ महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ ने ही कराया जो परोपकारिणी सà¤à¤¾ अजमेर के संगà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤²à¤¯ में उपलबà¥à¤§ है। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ की संसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤¿ के लिठगठित हणà¥à¤Ÿà¤° कमीशन का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह ने बताया कि हिनà¥à¤¦à¥€ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ की राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाने के लिठमहरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ ने देश à¤à¤° में पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ हसà¥à¤¤à¤¾à¤•à¥à¤·à¤° अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ चलाया था जिसे मेमोरेणà¥à¤¡à¤® के साथ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर आरà¥à¤¯à¤à¤¾à¤·à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥€ को राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाने की मांग की गई थी। पराधीनता के काल में हिनà¥à¤¦à¥€ को राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ बनाये जाने के समरà¥à¤¥à¤¨ में यह पà¥à¤°à¤¥à¤® वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• जनानà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ था। शà¥à¤°à¥€ अनूप सिह जी ने कहा कि आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œà¥€ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ की शिकà¥à¤·à¤£ संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं ने à¤à¥€ हिंदी के पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°-पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° में सरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¤¿ योगदान किया है।
शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह जी ने जलियांवाला बाग काणà¥à¤¡ के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के अमृतसर अधिवेशन की चरà¥à¤šà¤¾ कर बताया कि आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– नेता और अधिवेशन के सà¥à¤µà¤¾à¤—ताधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨à¤¨à¥à¤¦ ने कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के मंच से पहली बार हिंदी में à¤à¤¾à¤·à¤£ कर कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ के लिठइतिहास में नया अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ जोड़ा था।
आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह ने आगे कहा कि संविधान सà¤à¤¾ ने 14 सितमà¥à¤¬à¤° 1949 को सरà¥à¤µà¤¸à¤®à¥à¤®à¤¤à¤¿ से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पारित कर हिंदी को राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया था। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने रोमन अंकों को पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किये जाने संबंधी संविधान सà¤à¤¾ के निरà¥à¤£à¤¯ को कलंक की संजà¥à¤žà¤¾ दी। पà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¦à¥à¤§ आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ ने इस संबंध में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ मानसिकता के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤ षडयंतà¥à¤° का à¤à¥€ उलà¥à¤²à¥‡à¤– किया जिसके अनà¥à¤¸à¤¾à¤° संविधान सà¤à¤¾ में हिंदी राजà¤à¤¾à¤·à¤¾ का à¤à¤• मत से (सरà¥à¤µà¤¸à¤®à¥à¤®à¤¤à¤¿ से नहीं अपितॠकेवल à¤à¤• मत के बहà¥à¤®à¤¤ से) सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° किया जाना है। अनपूप सिंह जी ने कहा कि संविधान सà¤à¤¾ का निरà¥à¤£à¤¯ सरà¥à¤µà¤¸à¤®à¥à¤®à¤¤ था, à¤à¤•à¤®à¤¤ (यूनैनिमस) था à¤à¤•-मत के बहà¥à¤®à¤¤ से नहीं था।
विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ अनूपसिंह ने कहा कि गांधी जी सरà¥à¤µà¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¯ नेता तà¤à¥€ बने जब उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने हिंदी को अपनाया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने आगे कहा कि हिंदू महासà¤à¤¾ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· वीर सावरकर ने बादशाह राम और बेगम सीता वाले रà¥à¤ª का विरोध कर कहा था कि हिंदी का सà¥à¤µà¤°à¥à¤ª सतà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤ªà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ में लिखी हिंदी के अनà¥à¤°à¥à¤ª होना चाहिये।
शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह जी ने आगे कहा कि लारà¥à¤¡ टी.वी. मैकाले ने 7 मारà¥à¤š सनॠ1835 को अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ को अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ का माधà¥à¤¯à¤® बनाया था और अपने पिता को à¤à¤• पतà¥à¤° में लिखा था कि उसका विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ है कि आने वाले 30 वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में सà¤à¥€ पठित à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ रंग-रà¥à¤ª à¤à¤µà¤‚ खून से तो हिंदू होगा लेकिन मानसिकता à¤à¤µà¤‚ विचारों की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से ईसाई और अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€-पà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ होगा। (यह सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ कà¥à¤› सीमा तक सही सिदà¥à¤§ हà¥à¤ˆ है। आज अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ का बोलबाला है। हिनà¥à¤¦à¥€ में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को मिलाकर बोला जाता है।) मधà¥à¤µà¤°à¥à¤·à¥€ वकà¥à¤¤à¤¾ ने कहा कि अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ को शिकà¥à¤·à¤¾ का माधà¥à¤¯à¤® बनाने के पीछे का रहसà¥à¤¯ मैकाले के ही शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ है। वह à¤à¤¾à¤°à¤¤ को गà¥à¤²à¤¾à¤® बनाये रखना और हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं का à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ करना चाहते थे जो धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ व संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के परिवरà¥à¤¤à¤¨ का ही à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से पूरक होता है।
विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° नशीले पदारà¥à¤¥ व डà¥à¤°à¤—à¥à¤¸ आदि का सेवन करने वाले नबà¥à¤¬à¥‡ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ सब लोग अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ से पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ लोग होते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि इस देश की संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ à¤à¤µà¤‚ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ में ढला वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ नशीले पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ के सेवन को बà¥à¤°à¤¾ मानता है। आगे उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤µà¤‚ हिनà¥à¤¦à¥€ पà¥à¥‡ लोग आतà¥à¤®à¤¹à¤¤à¥à¤¯à¤¾ नहीं करते जबकि अधिकांश आतà¥à¤® हतà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ पà¥à¥‡-लिखे लोग करते हैं।
आरà¥à¤¯ विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ अनूप सिंह जी ने कहा कि अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ ने देश का सरà¥à¤µà¤¨à¤¾à¤¶ किया है और हमारी चिंतन शैली को कà¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ किया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि लोकमानà¥à¤¯ तिलक ने अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ में आकर लिखा था कि आरà¥à¤¯ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बाहर से आये थे जबकि संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤ à¤à¤¾à¤·à¤¾ के इतिहास के पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ गà¥à¤°à¤‚थों का गहन अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ कर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦ ने आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¤¾à¤°à¤¤ का मूल निवासी सिदà¥à¤§ किया है। अनूप सिंह जी ने कहा कि सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयानंद बà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ से इस लिठबचे रहे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ से दूर थे।
à¤à¤¾à¤°à¤¤ के राजनैतिक नेताओं के ‘‘हिंदी थोपी नहीं जायेगी” विषयक बयानों का उलà¥à¤²à¥‡à¤– कर शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह जी ने कहा कि इन बयानों से ही हिंदी पदà¥à¤šà¥à¤¯à¥à¤¤ हà¥à¤ˆ है। इसà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤² के पà¥à¤°à¤˜à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ मोसे दयान की पतà¥à¤¨à¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिबà¥à¤°à¥‚ à¤à¤¾à¤·à¤¾ पर पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पूछे गये पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ के उतà¥à¤¤à¤° में कहे गये शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को वकà¥à¤¤à¤¾ ने पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ कर कहा कि कोई à¤à¥€ à¤à¤¾à¤·à¤¾ मृत नहीं होती अपितॠउसके पà¥à¤¨à¥‡ और पà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में आनाकानी करने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ मृत हà¥à¤† करते हैं। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ के समरà¥à¤¥à¤¨ में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये जाने वाले तरà¥à¤•à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤¾à¤¦ कर विदà¥à¤µà¤¾à¤¨ वकà¥à¤¤à¤¾ शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह ने कहा कि रà¥à¤¸, जापान, चीन आदि देशों में अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ न होने पर à¤à¥€ यह विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ à¤à¤µà¤‚ तकनीकी सहित सà¤à¥€ कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में उनà¥à¤¨à¤¤ हैं। अपने विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ वकà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ में शà¥à¤°à¥€ अनूप सिंह ने हिनà¥à¤¦à¥€ के अनà¥à¤¯ अनेक पहलà¥à¤“ं पर à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन मनमोहन आरà¥à¤¯ ने किया। ककà¥à¤·à¤¾ 10 की छातà¥à¤°à¤¾ कà¥. पà¥à¤°à¥€à¤¤à¤¿ ने आज के सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• सतà¥à¤¸à¤‚ग में सà¥à¤µà¤²à¤¿à¤–ित तीन कविताओं का पाठपà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया। गाजियाबाद से पधारे आरà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• शà¥à¤°à¥€ इनà¥à¤¦à¥à¤° सेन विशà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¥‡à¤®à¥€ ने à¤à¥€ अपने विचार पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किये। आरà¥à¤¯ à¤à¤œà¤¨à¥‹à¤ªà¤¦à¥‡à¤¶à¤• पं. सà¥à¤—नचनà¥à¤¦ व ढोलक वादक दीपक दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ à¤à¤œà¤¨ व संगीत ने लोगों को à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤°à¤¸ से à¤à¤° दिया। पं. शानà¥à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤µà¤°à¥‚प जी ने सामूहिक पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ कराई। पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤• शà¥à¤°à¥€ राजेनà¥à¤¦à¥à¤° कामà¥à¤¬à¥‹à¤œ के नेतृतà¥à¤µ में पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ 7-30 बजे से सनà¥à¤§à¥à¤¯à¤¾ व यजà¥à¤ž से आज का सतà¥à¤¸à¤‚ग आरमà¥à¤ हà¥à¤† जो सोतà¥à¤¸à¤¾à¤¹ समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤†à¥¤
शà¥à¤°à¥€ राजेनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯ जी ने लेख पर अपनी टिपà¥à¤ªà¤£à¥€ में कहा है कि यह लेख आज à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है। अनà¥à¤¯ लगà¤à¤— 46 वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने à¤à¥€ इस लेख को पसनà¥à¤¦ किया है। हम आशा करते हैं कि हिनà¥à¤¦à¥€ दिवस की पृषà¥à¤ à¤à¥‚मि में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ यह लेख पाठकों को पसनà¥à¤¦ आयेगा।
-मनमोहन कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯
पताः 196 चà¥à¤•à¥à¤–ूवाला-2
देहरादून-248001
फोनः09412985121
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