Gurukul Ashram Amsena
(Arsh Gurukul)
पà¥?राचीन वैदिक साहितà¥?य कौन-सा है। आरà¥?ष शिकà¥?षा पदà¥?धति कà¥?या है। उसका à¤à¥€ उड़ीसा में किसी को जà¥?ञान नहीं था। इस कमी को पूरà¥?ण करने के लिà¤? तथा उड़ीसा के इस वनवासी कà¥?षेतà¥?र में वैदिक धरà¥?म के पà¥?रचार à¤?वं आरà¥?ष गà¥?रनà¥?थों की शिकà¥?षा दà¥?वारा महरà¥?षि दयाननà¥?द के सà¥?वपà¥?न को साकार करने के लिये गà¥?रà¥?कà¥?ल आशà¥?रम आमसेना की सà¥?थापना 7 मारà¥?च 1968 को à¤?क छोटे से समारोह के साथ हà¥?ई। इसके संचालन का à¤à¤¾à¤° गà¥?रà¥?कà¥?ल à¤?जà¥?जर के सà¥?योगà¥?य सà¥?नातक शà¥?री सà¥?वामी धरà¥?माननà¥?द जी सरसà¥?वती (शà¥?री धरà¥?मवेद सà¥?नातक) ने समà¥?à¤à¤¾à¤²à¤¾à¥¤ उनके अनथक परिशà¥?रम से इस संसà¥?था ने आज बृहतà¥? रूप धारण कर लिया है। उड़ीसा में तो यह अपने ढंग की à¤?क संसà¥?था है ही, सारे देश में आरà¥?य समाज के कà¥?षेतà¥?र में à¤à¥€ इसका विशेष सà¥?थान है। विदà¥?यालय गà¥?रूकà¥?ल विदà¥?यालय की पà¥?रथमा से लेकर आचारà¥?य तक की ककà¥?षाओं में लगà¤à¤— 500 छातà¥?र है। जो नियमित दिनचरà¥?या में रहकर विदà¥?याधà¥?ययन कर रहे हैं। दिनचरà¥?या पà¥?रात: 4 बजे से शà¥?रू होता हैं पà¥?रात: जागरण, ईश पà¥?रारà¥?थना, शौच, दनà¥?तधावन, वà¥?यायाम, सà¥?नान, सनà¥?धà¥?या, यजà¥?ञ पà¥?रात:राश के पीछे 8 बजे से 12 बजे तक विदà¥?यालय में पाठचलता है 12 से 1 बजे तक à¤à¥‹à¤œà¤¨ à¤?वं विशà¥?राम पà¥?न: 4.30 बजे तक विदà¥?यालय ततà¥?पशà¥?चातà¥? शौच, 1 घणà¥?टा शारीरिक शà¥?रम, कृषि, गौ सेवा, सफाई आदि पà¥?न: वà¥?यायाम, सà¥?नान, यजà¥?ञ, सनà¥?धà¥?या, à¤à¥‹à¤œà¤¨ à¤à¥?रमण के पीछे छोटे बà¥?रहà¥?मचारी 8 बजे तथा बड़े बà¥?रहà¥?मचारी 9 बजे शयन करते हैं। सà¤à¥€ बà¥?रहà¥?मचारियों को छातà¥?रावास में रहना अनिवारà¥?य हैं। पà¥?रतà¥?येक कारà¥?य योगà¥?य अधà¥?यापको की देखरेख में होता हैं सà¤à¥€ à¤?क परिवार तथा à¤à¤¾à¤ˆ-à¤à¤¾à¤ˆ की तरह रहते है। यह दिलà¥?ली-विशाखापटनम रेलवे लाइन पर रायपà¥?र से 110 कि.मी. दूर उड़ीसा का पहला सà¥?टेशन खरियार रोड है। यह सà¥?थान उड़ीसा, छतà¥?तीसगà¥? की सीमा पर उड़ीसा के अनà¥?दर है। इसी सà¥?टेशन से गà¥?रà¥?कà¥?ल आशà¥?रम आमसेना 3 कि.मी. दूर à¤?क लघà¥? गà¥?राम आमसेना के पास सà¥?थित है। खरियार रोड से रेल à¤?वं बस की सà¥?विधा दिलà¥?ली, रायà¥?पर, समà¥?बलपà¥?र, टिटिलागà¥? वािलà¥?टयर आदि के लिà¤? à¤à¥€ हैं। सà¥?थापना : 7 मारà¥?च 1968 परिचालना समिति का पंजीयन : 23 नवमà¥?बर 1970 ई. नà¤? विदà¥?यालय à¤à¤µà¤¨ का उदà¥?घाटन : जनवरी 1971 कनà¥?या गà¥?रà¥?कà¥?ल की सà¥?थापना : 1981 पà¥?सà¥?तकालय का उदà¥?घाटन : 30 दिसमà¥?बर 1972, रजत जयंती मनाई गई : 29 से 31 दिसमà¥?बर 1992 धरà¥?मारà¥?थ चिकितà¥?सालय का उदà¥?घाटन : 13 फरवरी 1994, संगà¥?रà¥?रहलय का उदà¥?घाटन : 28 अकà¥?टà¥?बर 1999, फरवरी 1997 छातà¥?र पà¥?रवेश समय : 15 जून से 15 जà¥?लाई पà¥?रवेश योगà¥?यता :-पंचम ककà¥?षा से अषà¥?टम ककà¥?षा उतà¥?तीरà¥?ण परà¥?यनà¥?त (आयà¥? 11 से 14 वरà¥?ष) तक ककà¥?षाà¤?ं - गà¥?रà¥?कà¥?ल में पà¥?रथमा (मिडिल) पूरà¥?व मधà¥?यमा (9+10), उतà¥?तर मधà¥?यमा (11+12), शासà¥?तà¥?री (बी.à¤?.), आचारà¥?य (à¤?म.à¤?.) वà¥?याकरण, दरà¥?शन, वेद à¤?वं साहितà¥?य विषयों से पà¥?ाया जाता है। शासà¥?तà¥?र जà¥?ञान :- आचारà¥?य ककà¥?षा तक पà¥?ने पर अशà¥?टाधà¥?यायी, महाà¤à¤¾à¤·à¥?य, योग, सांखà¥?य आदि दरà¥?शन, छनà¥?द शासà¥?तà¥?र, कावà¥?यालंकार, उपनिशदें, मनà¥?सà¥?मृति, यजà¥?रà¥?वेद का कà¥?छ à¤à¤¾à¤— तथा सामानà¥?य जà¥?ञान में इतिहास, à¤à¥‚गोल, विजà¥?ञान, अंगà¥?रेजी, गणित à¤?वं हिनà¥?दी à¤à¤¾à¤·à¤¾ पर अधिकार हो जाता है। पाठà¥?यकà¥?रम - यहां महरà¥?षि दयाननà¥?द विदà¥?यापीठगà¥?रà¥?कà¥?ल à¤?जà¥?जर के माधà¥?यम से महरà¥?षि दयाननà¥?द विशà¥?वविदà¥?यालय रोहतक, हरियाणा परीकà¥?षाà¤?ं लेता है। विशà¥?वविदà¥?यालय के दà¥?वारा मधà¥?यमा, शासà¥?तà¥?री, आचारà¥?य की उपाधि दी जाती है जो सारे देश में मानà¥?य है। अवकाश - सामानà¥?यतया शिकà¥?षा काल वरà¥?ष à¤à¤° रहता है। अत: छातà¥?र को किसी पà¥?रकार का अवकाश नहीं दिया जाता। लेकिन विशेष अवसà¥?था में वरà¥?ष में à¤?क बार अधिकतम 10 दिन का अवकाश दिया जाता है। इससे अधिक समय होने पर यथायोगà¥?य दणà¥?ड का विधान है। उतà¥?सव - पà¥?रतिवरà¥?ष माघ पूरà¥?णिमा के आसपास पड़ने वाले शनिवार, रविवार के दिन गà¥?रà¥?कà¥?ल का वारà¥?षिक उतà¥?सव मनाया जाता है।
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