Arya Veerangana Yoga and Life Building Camp

11 Jun 2018
India
गरकल करकषेतर

कुरुक्षेत्र 11 जून 2018 : गुरुकुल कुरुक्षेत्र में महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत जी की प्रेरणा से लगाये गये आर्य वीरांगना योग एवं जीवन निर्माण शिविर का आज भव्य समापन हुआ। समापन समारोह में आयूष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे जबकि समारोह की अध्यक्षता आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के मंत्री उम्मेद शर्मा द्वारा की गई। आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के प्रधान मा. रामपाल आर्य एवं वैदिक विद्वान डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार, गुरुकुल के प्रधान कुलवन्त सिंह सैनी, सह प्राचार्य शमशेर सिंह समारोह में मुख्य रूप से उपस्थित रहे। समारोह को सम्बोधित करते हुए डॉ. बलदेव ने कहा कि अच्छे संस्कारों से ही अच्छे समाज का निर्माण होता है और जब समाज अच्छा होगा तो निश्चय ही हमारा राष्ट्र एक उन्नत राष्ट्र बनेगा। इस कार्य में महिलाओं की भूमिका बहुत अहम है क्योंकि महिलाएं ही अपने बच्चों व परिवार को अच्छे संस्कार देकर उन्हें सभ्य नागरिक बनाती हैं। शिविर में आयीं 1250 युवतियों को सम्बोधित करते हुए डॉ. बलदेव ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है, अतः जब तक हमारा शरीर स्वस्थ और बलिष्ठ नहीं होगा, उसमें अच्छे विचार कैसे आएंगे? उन्होंने सभी युवतियों को शिविर में मिले प्रशिक्षण और बौद्धिक ज्ञान का विस्तार करने का आह्वान किया और अन्य लोगों को भी इसका लाभ देने की प्रेरणा दी। डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार ने आर्य वीरांगनाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि दुनिया में विचार से बड़ा कोई खजाना नहीं होता। जिनके विचार अच्छे और श्रेष्ठ है, उनके लिए जीवन में कुछ भी असम्भव नहीं होता, सफलता उनके कदम चूमती है। उन्होंने युवतियों से कहा कि यह आपका सौभाग्य है कि इस शिविर में आकर आपको ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज के उन्नत विचारों का स्मरण करने का अवसर मिला है, अब आपका दायित्व है कि इन विचारों का अधिक से अधिक विस्तार कर समाज का कल्याण करो। समारोह को आर्य प्रतिनिधि सभा हरियाणा के प्रधान मा. रामपाल आर्य व मंत्री उम्मेद शर्मा ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र द्वारा वेद प्रचार के क्षेत्र में जितना कार्य किया जा रहा है, पूरे देश में अन्य किसी संस्था द्वारा नहीं किया जा सकता। गुरुकुल कुरुक्षेत्र ने समाज को नई दिशा व दशा देने के लिए एक आदर्श स्थापित किया है। अन्त में गुरुकुल के प्रधान कुलवन्त सिंह सैनी, सह प्राचार्य शमशेर सिंह व डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार ने आए हुए मुख्य अतिथि डॉ. बलदेव एवं उम्मेद शर्मा को शॉल व स्मृति-चिह्न देकर सम्मानित किया। मंच संचालन शिविर अध्यक्ष नन्दकिशोर आर्य द्वारा किया गया। 
 

Manav Kalyan Mahayagya & Ved Katha

Swami Dhikshanand Saraswati Janm Sthabadi Samaroh