
DAV students perform Yagna at school

24 Feb 2020
Punjab, India
वेद पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° मणà¥à¤¡à¤² लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾
वेद पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° मणà¥à¤¡à¤² लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ के सौजनà¥à¤¯ से पà¥à¤²à¤¿à¤¸ डीà¤à¤µà¥€ पबà¥à¤²à¤¿à¤• सà¥à¤•ूल सिविल लाइंस लà¥à¤§à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¾ में यजà¥à¤ž का आयोजन किया गया. इसमें कई लोगों ने आहà¥à¤¤à¤¿ दी. जिसे मणà¥à¤¡à¤² के पà¥à¤°à¤¾à¤‚तीय महासचिव शà¥à¤°à¥€ रोशन लाल आरà¥à¤¯ ने समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कराया। यजà¥à¤ž की अगà¥à¤¨à¤¿ डॉ. अनॠवरà¥à¤®à¤¾, पà¥à¤°à¤¿à¤‚सिपल ने पà¥à¤°à¤œà¥à¤œà¥à¤µà¤²à¤¿à¤¤ की। शà¥à¤°à¥€ रोशन लाल आरà¥à¤¯ ने इस अवसर पर कहा कि हमें इस संसार में तà¥à¤¯à¤¾à¤—पूरà¥à¤µà¤• रहना है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि हमारे पास जो कà¥à¤› à¤à¥€ है उसका सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ परमातà¥à¤®à¤¾ है। हमें जो परमातà¥à¤®à¤¾ ने दिया है वह केवल अपने जीवन को चलाने के लिठमिला है और तà¥à¤¯à¤¾à¤—पूरà¥à¤µà¤• उपà¤à¥‹à¤— करने की मनोवृतà¥à¤¤à¤¿ यजà¥à¤ž से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। यजà¥à¤ž के माधà¥à¤¯à¤® से हमें पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• आहà¥à¤¤à¤¿ से यह अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ कराया जाता है कि 'इदम न मम' अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ यह मेरा नहीं है। विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ का सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त है कि कोई à¤à¥€ पदारà¥à¤¥ नषà¥à¤Ÿ नहीं होता है। घी और सामगà¥à¤°à¥€ की जो आहà¥à¤¤à¤¿ अगà¥à¤¨à¤¿ को अरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ करते हैं, अगà¥à¤¨à¤¿ उसकी शकà¥à¤¤à¤¿ को कई गà¥à¤£à¤¾ बà¥à¤¾ देती है।
शà¥à¤°à¥€ आरà¥à¤¯ ने लाल मिरà¥à¤š का उदाहरण देते हà¥à¤ बताया कि जब लाल मिरà¥à¤š को अगà¥à¤¨à¤¿ में डालते हैं तो वातावरण में धांस पैदा हो जाती है। इसी पà¥à¤°à¤•ार जब घी आग में पड़ता है तो उसकी शकà¥à¤¤à¤¿ सहसà¥à¤° गà¥à¤£à¤¾ हो जाती है, नषà¥à¤Ÿ नहीं होती है। वह मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚, सूरà¥à¤¯, मेघ, वायà¥, पृथवी, आकाश के पास पंहà¥à¤šà¤¾à¤¤à¤¾ है। जब इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¥‹à¤œà¤¨ मिलता है तो यह ओर बलवान हो कर कारà¥à¤¯ करते हैं। जो शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ से यजà¥à¤ž करते हैं उनसे वैर करने वाला कोई नहीं रहता। इसलिठहमें पà¥à¤°à¤¾à¤¤à¤ƒ साà¤à¤¯ यजà¥à¤ž करना चाहिà¤à¥¤
शà¥à¤°à¥€ आरà¥à¤¯ ने कहा कि कहा यजà¥à¤ž से वातवरण शà¥à¤¦à¥à¤§ और पवितà¥à¤° होता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤¨à¥‡ आहà¥à¤µà¤¾à¤¨ किया कि शारीरिक, मानसिक, आतà¥à¤®à¤¿à¤• उनà¥à¤¨à¤¤à¤¿ के लिठपरिशà¥à¤°à¤® करना चाहिà¤à¥¤ शà¥à¤°à¥€ आरà¥à¤¯ ने अचà¥à¤›à¥‡ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के लिठबताया कि हम उनà¥à¤¹à¥€ ख़ादà¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को खाà¤à¤‚ जिससे हम सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहें। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को सदैव अपने लकà¥à¤·à¥à¤¯ पर धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखना चाहिà¤à¥¤ लकà¥à¤·à¥à¤¯ को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने के लिठपूरà¥à¤£ रूप से परिशà¥à¤°à¤® करें।यजà¥à¤ž में सà¥à¤Ÿà¤¾à¤« के सदसà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ने शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ पूरà¥à¤µà¤• यजà¥à¤ž में आहà¥à¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥‡à¤‚ट की।
पà¥à¤°à¤¿à¤‚. डॉ अनॠवरà¥à¤®à¤¾ ने कहा कि हमें परमातà¥à¤®à¤¾ के यनà¥à¤¤à¥à¤° बनना चाहिठअरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ हम ईशà¥à¤µà¤° की आजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥à¤¸à¤¾à¤° कारà¥à¤¯ करें। यजà¥à¤ž के माधà¥à¤¯à¤® से हम परमातà¥à¤®à¤¾ से जà¥à¥œà¤¤à¥‡ हैं। हमें सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहने के लिठयोग को अपने जीवन में अपनाना चाहिà¤à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ को संसà¥à¤•ारित करने के लिठहम सà¥à¤•ूल में अधिक से अधिक इस पà¥à¤°à¤•ार के आयोजन करते रहेंगे।